(तस्वीर गूगल से साभार)
मुस्लिम औरतें और बॉम्बे हाईकोर्ट का फैसला
खुदा क्या वाकई लानत भेजता है मुस्लमान महिलाओ को दरगाह पर जाने से ???
कुछ दिनो पहले खबर पढी थी कि लखनऊ के ऐशबाग में ईदगाह में पहली बार महिलाओं ने पढ़ी नमाज!! ऐशबाग ईदगाह में पुरुषों के साथ तकरीबन पांच हजार महिलाएं शामिल हुईं थीं. जब महिलाएं नमाज अदा करने ईदगाह जाने लगी है तो दरगाह में जाने में क्या वाकई खुदा लानत भेजेगा ??..
असल में, हाजी अली दरगाह के भीतरी भाग तक महिलाओं को जाने की इजाज़त मिल गई है. बॉम्बे हाइकोर्ट ने 2012 से महिलाओं के जाने पर लगी पाबंदी को असंवैधानिक बताते हुए हटा लिया है. शरिया कानून के मुताबिक, महिलाओं का कब्रों पर जाना गैर-इस्लामी है.
लखनऊ: ऐशबाग ईदगाह में पहली बार महिलाओं ने पढ़ी नमाज
ऐशबाग ईदगाह में महिला नमाजियों के लिए खास इंतजाम किए गए थे. उनके लिए अलग से पर्दे की चहरदीवारी की व्यवस्था की गयी. महिला नमाजियों की इमामत भी मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली ने की.
लखनऊ के ऐशबाग इलाके में स्थित ईदगाह में पहली बार महिलाओं ने नमाज पढ़कर इतिहास रचा है. Read more…
what do muslim women think about sharia law
– 88.3 फीसदी औरतें चाहती हैं कि तलाक-ए-अहसान तलाक का कानूनन तरीका हो, जो 90 दिनों की प्रक्रिया हो और जिसके दौरान बातचीत हो और मनमर्जी पर नियंत्रण हो.
मुस्लिम पारिवारिक कानून पर क्या सोचती हैं मुस्लिम महिलाएं…इस विषय पर एक गैरसरकारी संस्था भारतीय मुस्लिम महिला आंदोलन ने देश में 4710 मुस्लिम महिलाओं की राय जानी. read more at aajtak.intoday.in
बदलते समय के साथ बदलना चाहिए …मानसिकता बदलनी जरुरी है…!!!
वैसे आपकी क्या राय है इस बारे में … जरुर बताईएगा !!!
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