खबरदार खबरें – ब्रेकिंग न्यूज
खबरें भूकम्प की हो या न हो पर खबरों में भूकम्प earth quake जरुर ले आते हैं हमारे मीडिया वाले !!
ब्रेकिंग न्यूज / breaking news .. सावधान !! बामुलाहिज़ा, होशियार, खबरदार आप खबरें सुन रहे हैं….
वो भी एक दौर था ये भी एक दौर है … जब 24 घंटे में एक बार खबर दिखाई जाती थी और आज एक खबर को 24 धंटे दिखाया जाता है … दिखाया जाता है दिखाया जाता है तब तक जब तक दूसरी खबर का जन्म न हो जाए … दूसरी खबर के जन्मते ही पहली खबर पर तू कौन मैं खामखाह… !!
खबर को मरना होगा … दूसरी खबर को जन्म लेने के लिए पहली खबर को मरना होगा … कल रवीश जी के प्राईम टाईम मे जब आदिवासी मांझी का मुद्दा उठा तो साथ बैठे मीडिया आलोचक ने साफ साफ कहा कि इस खबर को रात 12 बजे तक मरना होगा क्योकि सारा मीडिया अपनी अपनी ओबी वैन के साथ मंदिरो के बाहर खडा है कृष्ण जन्म के लिए इस खबर को मरना होगा वैसे अब जनता को भी पता है और सरकार को भी पता है कि खबरे कुछ पल की होती है नई आई नही कि पहली खत्म इसलिए कोई खबरों को गम्भीरता से नही लेता और बस लीपापोती करके नई खबर आने का इंतजार करते हैं …
बहुत सही है short term memory loss ही तो है … खबरों में ऐस भूकम्प लाते हैं कि बस पूछिए ही मत !! दो दिन बाद हम ही पूछेगें कौन आदिवासी मांझी .
Photo by ** RCB **
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