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प्रशंसा करना – अगर कोई हमारी प्रशंसा न करे तो. क्या करें
हम कुछ काम करें और उसकी सराहना मिले वाह !! बहुत खूब , कमाल है , तो यकीनन बहुत अच्छा लगता है और मनोबल भी बढ जाता है … पर कई बार हमें वो प्रोत्साहन नही मिलता यानि हम काम तो करते हैं पर कोई encouragement नही तो … तो हमें वो काम ही नही करना चाहिए … आप क्या सोचते हैं
मैं तो यही सोचती थी … जी … मन उदास हो जाता और यही लगता जब कोई सराहना ही नही कर रहा तो काम करके क्या फायदा … पर एक दिन जब मैने सचिन तेंदुलकर की एक स्पीच को सुना तो मेरी सोच ही बदल गई … तब से मैं तो मोटिवेट हुई ही साथ ही साथ दूसरों को भी यह बात बताने लगी … क्योकि ये कॉमन प्रोबलम है इसलिए …
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हम कुछ काम करें और उसकी सराहना मिले वाह !! बहुत खूब , कमाल है , तो यकीनन बहुत अच्छा लगता है और मनोबल भी बढ जाता है … पर कई बार हमें वो प्रोत्साहन नही मिलता यानि हम काम तो करते हैं पर कोई एनकरेजमैंट नही तो … तो हमें वो काम ही नही करना चाहिए … आप क्या सोचते हैं
मैं तो यही सोचती थी … जी … मन उदास हो जाता और यही लगता जब कोई प्रेज ही नही कर रहा तो काम करके क्या फायदा … पर एक दिन जब मैने सचिन तेंदुलकर को सुना तो मेरी सोच ही बदल गई … तब से मैं तो मोटिवेट हुई ही साथ ही साथ दूसरों को भी यह बात बताने लगी … क्योकि ये कॉमन प्रोबलम है इसलिए आपको भी जरुर बताना चाहूगी …
बात तब की है जब सचिन तेंदुलकर ने नवम्बर 2013 में इंटरनेशनल क्रिकेट से रिटायरमेंट ली और एक स्पीच दी थी .. स्पीच में उन्होने बताया कि उनके कोच श्री रमाकांत आचरेकर जी ने बहुत मेहनत करवाई. स्कूटर पर एक मैदान से दूसरे मैदान ले जाते पर पिछले 29 साल में उन्होंने एक बार भी कभी “वेल प्लेड” नहीं कहा। उन्हें डर था कि मैं ज्यादा ही खुश न हो जाऊं और मेहनत करना न छोड़ दूं।’…
बताईए क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन को कभी appreciation नही मिली … पर उन्होनें खेलना नही छोडा … जब रमाकांत जी से पूछा गया कि उन्होंने सचिन को उसके कैरियर में कभी ‘वेल प्लेड’ क्यों नहीं बोला, उन्होंने कहा ,‘‘ वह काफी सख्त कोच थे और चाहते थे कि सचिन हमेशा अपनी पारी में नाट आउट रहे। वह हमेशा कहते थे कि सचिन जैसा कोई दूसरा नहीं हो सकता लेकिन उसके सामने कभी उसकी तारीफ नहीं करते थे।
सचिन की कोई पारी ऐसी नहीं जो उन्होंने नहीं देखी हो..वैसे भारत रत्न मिलने के तुरंत बाद उन्होंने सचिन तेंदुलकर को फोन पर ‘वेल डन’ जरुर कहा …
अगर आप लोगों को भी किसी खास की शाबाशी नही मिल रही है. जिससे आपको बहुत उम्मीद है तो भी कोई बात नही. यकीन मानिए वो बेशक लफ्जों ना बोलें पर दिल से आपका बहुत भला चाह्ते हैं.!!! पीवी सिंधु से भी सीखा मोबाईल फोन …
तो अपनी पीठ थपथपाईए खुद को शाबाशी दीजिए … खुद को पार्टी दीजिए … क्या दिक्कत है … बस करते जाईए … मेहनत इतनी खामोशी से करो कि सफलता शोर मचा दे … इसी शोर … मेरा मतलब कामयाबी के साथ … फिर मिलूगी … तब तक …
स्वच्छता का महत्व – स्वच्छ भारत अभियान में हमारा योगदान – Monica Gupta
स्वच्छता का महत्व – स्वच्छ भारत अभियान में हमारा योगदान- क्या हो सकता है? मन में यही प्रश्न आता है और उत्तर भी तैयार खडा होता है कि नही … सभी गंदगी फैलाते read more at monicagupta.info
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