रक्तदान है महादान – एक संदेश थैलीसीमिया मरीज का – रक्तदान पर संदेश, अपनी बात को मनवाने के लिए या जोरदार तरीके से रखने के लिए कई बार लोग खून से लिखा पत्र भेजते हैं पर आज जो मैं आपको सुनाने जा रही हूं वो ब्लड से लिखा तो नही लिखा पर ब्लड के लिए लिखा गया है यानि अपील की गई है कि खून डोनेट करें रक्तदान करें और ये मैसेज है संगीता वधवा का संगीता थैलीसीमिया मेजर की मरीज हैं अभी तक लगभग 750 बार खून चढ चुका है .
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रक्तदान है महादान – एक संदेश थैलीसीमिया मरीज का
संगीता ने बताया कि जब वो 5 साल की हुई तब समझ आना शुरु हुआ कि कुछ समझ नही आ रहा कि यह हो क्या रहा है. संगीता की बहन भी थैलीसीमिया मेजर की मरीज थी. उनके मम्मी पापा और भईया कभी एक अस्पताल तो कभी दूसरे अस्पताल खून के लिए भागते रहते. लोग आटा चीनी मांगने एक दूसरे के घर जाते है पर वो खून मांगने लोगो के घर जाते थे.
एक समय ऐसा आया जब रिश्तेदार भी कतराने लगे कि कही खून के साथ साथ पैसा भी न मांग लें क्योकि खर्चा भी बहुत हो जाता था. जब दूसरे बच्चे पिकनिक पर जाते थे तब वो लोग ब्लड ट्रास्फ्यूजन के लिए होस्पीटल जाते. पढने की इच्छा होती तो लोग दबे स्वर मे पेरेंट्स को कहते कि क्या फायदा पढा के मर तो जाना ही है इन्हें … वो अक्सर पापा से पूछ्ती कि वो ही क्यो? तब पापा उसे समझाते कि वो भगवान के स्पेशल बच्चे हैं और भगवान हमारा टेस्ट ले रहा है. बिना धबराए उस टेस्ट मे हमें खरा उतरना है.
5 साल के बाद से और आज तक लगभग 750 बार खूब चढ चुका है.संगीता ने बताया कि अगस्त 2010 में जब बडी बहन की डेथ हुई तब अचानक ऐसा महसूस होना शुरु हुआ कि सही जानकारी न होने के अभाव से उसकी डेथ हुई है. बस तब से एक जुनून एक आग सी दिल में भर गई कि कुछ भी हो जाए जनता को इसके बारे मे जागरुक करना ही करना है. एक संस्था बनाई youth thalamic alliance और उसका मोटो रखा FACE, FIGHT , FINISH . …
आज संगीता 39years हैं MBA कर रही हैं Health Care and Hospital Administration मे और इसी के साथ साथ हशू अडवाणी मैमोरियल फांऊंडेशन हैल्थ एड केयर थैलीसिमिया सेंटर में PRO और Counseller की भूमिका निभा रही हैं..आज वो संगीता जो जीने की इच्छा खो चुकी थी आज उन लोगों की काऊंसलिंग कर रही है जो जीने की इच्छा छोड चुके हैं.
एक संदेश थैलीसीमिया मरीज का हमारे लिए
संगीता का आप सभी के लिए ये संदेश है … दो तरह के लोग होते हैं. पहले तो वो जो रक्त दान नही करते और दूसरे वो जो रक्तदान तो करते हैं पर उनका ब्लड रिजेक्ट हो जाता है. दोनो के लिए यह सोचने की बात है..
दुर्भाग्य की बात है कि आज की तारीख मे जितने लोग रक्तदान करते हैं उनसे चार गुणा हमे ज्यादा चाहिए. मंदिर मे हम दान करके आते हैं तो हमे पता नही चलता कि हमारा रुपया कहां जाता है किसके काम आता है पर रक्तदान…
आपके द्वारा किया गया रक्तदान हमारी जिंदगी बचा सकता है.. रक्तदान महादान है रक्त दान देंगे तो एक साथ चार जिंदगी बचाएगें. इसलिए आप सभी से हाथ जोड अनुरोध है कि थैलीसीमिक बच्चों को जीवन दान देने के लिए रक्तदान के लिए आगे आएं, स्वैच्छिक रक्तदान कीजिए और हमारी जिंदगी बचाईए. प्लीज … तो क्या सोचा … ???
रक्तदान है महादान – ब्लड डोनेशन के फायदे – Monica Gupta
रक्तदान है महादान – ब्लड डोनेशन के फायदे – रक्तदान के बहुत फायदे हैंं इसलिए इसकी महत्ता समझते हुए स्वैच्छिक रक्तदान हर तीन महीने मे करते रहना चाहिए जान बचाई रक्तदान है महादान – ब्लड डोनेशन के फायदे – Monica Gupta
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