Signs You Lack Self Confidence – आत्मविश्वास की कमी – Lack of Self Confidence – Signs you lack Self Confidence – Confidence is the key to Success – Lack of Confidence – आत्मविश्वास की कमी – Low Confidence कछुआ अपनी रफ्तार से नही एकनिष्ठा से जीता था…
Signs You Lack Self Confidence – आत्मविश्वास की कमी – Lack of Self Confidence –
जिंदगी में हमारे सामने दो रास्ते होते हैं पहला भाग लो या भाग लो… यानि हिस्सा लो या भाग जाओ… जो भाग लेते हैं वो उनका कॉफिडेंस है और जो भाग जाते हैं डर जाते हैं उनमें कमी है आत्मविश्वास की… जिंदगी में आगे बढने के लिए आत्मविश्वास होना बहुत जरुरी है… पर कई बार वो हमारे पास नही होता… हमें लगता है कि है हमारे पास पर नही होता कैसे पता लगाए self confidence… बहुत सारे ऐसे signs हैं जिनसे हमें पता लगता है.. और ये बहुत जरुरी भी है.. तभी हम इम्प्रूव कर पाएगें.. हैं जिनसे हम पता लगा सकते हैं कि हम मे आत्मविश्वास है या नही… मैं आपको 10 बातें बता रही हूं ये वो बातें हैं जो हम अपने डेली लाईफ में देखते हैं… तो क्या है signs…
1. हम genuine compliments को हैंडल नही पाते… मान लीजिए मैं किसी को मिलती हूं और बोलती हूं अरे वाह आप की ड्रेस तो बहुत अच्छी लग रही है.. तो वो क्या बोलती है .. ये… अरे नही… ये तो बहुत पुरानी है… मेरा तो मन ही नही था इसे पहनने को… जबरदस्ती पहनी है… यानि वो स्वीकार नही करती… अगर वो बोल देती कि थंक्स या स्माईल देती तो सही था पर नही रिस्पांस दे रही थी.. ठीक से हैंडल नही पाई..
2. Compensate करते हैं यानि बात बात पर किसी कमी को पूरा करने का प्रयास करते हैं.. जैसे मान लीजिए मेरी एक सहेली है मुझे वो परेशान लग रही है और मैं पूछ लेती हूं कि क्या बात सब ठीक.. और वो बोलती है .. हां बिल्कुल ठीक है.. मुझे क्या परेशानी है.. मुझे कोई परेशानी हो ही नही सकती… तुम्हें लगा कैसे कि मुझे कोई परेशानी है.. यानि बात बात पर उस बात को बताना कि मुझे कोई परेशानी नही… मैं ठीक हूं.. मान नही रही.. जबकि हाव भाव दिखा रहे हैं…
3. Body language डरे सहमे से रहना हाथ बांध कर रखना.. दर्शाता है कि आत्मविश्वास की कमी है.. जैसे एक लडकी किसी ग्रुप मे बैठी है.. हाथ भीच रही है… नाखून चबा रही है. बोलते समय हकला रही है… कपडे ठीक कर रही है कोंशियस हो रही है.. ये क्या दर्शाता है.. बताने की भी जरुरत नही … देखते ही पता चल जाता है..
एक व्यक्ति स्टेज पर आता है.. नजरे नीची किए हुए घबराया सहमा… आ .. धीरे धीरे.. पता चल जाता है जो दर्शक हैं वो समझ जाते हैं कि ये नही बोल सकता… वही एक आता है हैलो दोस्तों कैसे हैं आप.. बैठे बैठे ही लोगो में एनर्जी आ जाएगी…
4 बार बार फोन चैक करना… बहुत बार हम देखते हैं किसी पार्टी में या कहीं कोई ग़ेट टू गेदर में… कुछ लोग जहां अपने दोस्तों के साथ बैठे बात कर रहे होते हैं तो कुछ अपने फोन के साथ लगे हुए होते हैं… शो कर रहे हैं कि बिजी हूं… असल में बिजी हैं नही बस दिखा रहे हैं बस किसी से बात नही करना चाहते एवाईड कर रहा है बात करने से डर रहे हैं इसलिए उसका सहारा ले लिया.. कुछ काम नही कर रहे.. यानि जहां आए हैं वहां ना किसी को देख रहे हैं ना बात कर रहे हैं… बस… लगे हुए हैं.. ये भी कहीं न कही दिखाता है कि confidence की कमी है…
5. over- analyse कर लेते हैं.. किसी ने कुछ कह दिया तो बहुत सोचते है… what people say to you जैसे मान लीजिए एक महिला है वो हमेशा हंसती रहती है सबसे बाते करते हैं तो उसे एक दूसरी महिला बोल देती है कि आप तो हंसती बहुत हैं तो बस वो सोचने लग जाएगी कि शायद हंसना अच्छा नही….. उसने ऐसा किसलिए बोलना.. मुझे हंसना ही नही चाहिए.. या अब उसने अपनी बात को किस भी तरह से कहा हो पर वो over analyse कर लेते हैं.. मान लीजिए कोई बीमार हो गया और वो ये सोचने लगा सिर दर्द हो गया और वो सोचने लगा कि कहीं ब्रेन टयूमर ही न हो गया हो.. बहुत सोचते हैं… कि मुझे पता नही क्या हो गया.. कही ठीक भी हो पाऊंगा या नही..
6. बहुत नेगेटिव होते है.. हर बात मे Negativity देख लेते है… मैं नही कर सकता.. मेरे बस का नही.. कोशिश ही नही करते.. शुरु में ही हार मान लेते हैं कि नही हो ही नही पाएगा.. सुबह जल्दी उठना है तो तो मन में है कि मैं तो नही उठ सकती .. वजन कम करना है .. नही कर ही नही सकती… पहले ही नेगेटिव दिख रहे हैं अंदेशा दिख रहा है तो कैसे सफल होंगें…
7. Shame And Need for Perfection दिखाना चाहते हैं.. हर चीज में अपनी परफेक्श्न दिखाना चाह्ते हैं पर जब उसे नही कर पाते तो निराश हो जाता है.. एक आदमी बहुत अच्छा लिखता है पर इस चक्कर में कि परफेक्ट नही है और अच्छा कर लूं फिर पब्लिश करुंगा… उसे कभी तस्ल्ली होती नही… और अच्छे के चक्कर में लिमिट कर लेता है… वो उसे किसी को दिखाता नही लिखता है और लिमिट कर लेता है… लिखने का
8. कुछ नया ट्राई नही करना चाह्ते.. अरे नही मुझसे ये नही होगा… मैं तो कर ही नही सकता… पहले ही हार मान लेते हैं… कम्फर्ट जोन से बाहर निकलना ही नही चाहते.. इसलिए कुछ भी नया करने से डरते हैं… यानि हार मान लेते हैं.. give up कर देते हैं..
- खुद दूसरो से तुलना करते हैं.. दूसरों पर ध्यान ज्यादा देते हैं… वो बहुत अच्छा है उसने ये किया.. और खुद को कम आंकते हैं कि मैं नही कर सकता… जबकि अपने पर भी फोकस करेंगें तो शायद और बेहतर कर देंगें पर नही दूसरो का सोचते सोचते खुद को कम आंकते हैं
You always doubt your judgement – खुद पर कभी विश्वास नही होता इसलिए दूसरे से राय लेते हैं.. मान लीजिए आप घर के लिए कोई समान खरीद रहे हैं मान लीजिए परदे खरीद रहे हैं तो खुद पर विश्वास नही आपको हल्का रंग अच्छा लगता है पर अपको लगता है कि पता नही ये कैसा लगेगा तो दूसरो की राय मान लीजिए किसी दोस्त से पूछना कि बताओ… कौन से रंग का परदा लूं………………………….
एक्टिव फील नही करते… हमेशा थके थके से रहते हैं.. एक दम सुस्त.. कोई मिले हा भई क्या हाल है.. बस ठीक है.. कट रही है .. बस चल ही रहा है.तो ये हैं कुछ बातें जो दर्शाती हैं हम मे आत्मविश्वास की कमी है… इसे कैसे बढाया जा सकता है ये मैं जल्दी ही बताऊंगी.. तो कल फिर मिलूगी पर जाते जाते एक बात जरुर कहना चाहूंगी कि कछुआ अपनी रफ्तार से नही जीता था लक्ष्य के प्रति एकनिष्ठा ही उसकी सफलता का राज था…..…….
ये राहें ले जायेंगी मंज़िल तक, हौंंसला रख ए मुसाफ़िर .. कभी सुना है क्या.. अंधेरे ने सवेरा होने ना दिया .
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