Stop Feeling Worthless – खुद को बेकार ना समझें – How to Stop Feeling Worthless – Monica Gupta – खुद को बेकार समझना बंद करिए… अक्सर हमारे मन में ये feeling आ जाती है कि हम तो बेकार हैं बिल्कुल useless है worthless हैं.. क्या ये सही है ?? नहीं ना तो फिर किसलिए ऐसा सोचना… अब आप ये सोच रहे होंगे तो क्या करे ? आ ही जाते हैं ऐसे विचार मन में… किस तरह से इसे दूर करें?? कैसे करे कि ऐसी सोच न बनें… तो आज इसी बारें में आपको कुछ बातें बता रही हूं कि कैसे खुद को बेकार useless worthless समझना बंद करें…??
1. जो आप हैं वहीं रहें… होता क्या है कि ये फीलिंग हम में कब आती है…जब हम एक दूसरे से तुलना करने लगते हैं वो देखो कैसा कितना अच्छा और मैं एकदम यूजलेस.. और इस चक्कर में हम दिखावा करने लगते हैं रियल नहीं रह जाते.. बस यही बंद करना है.. यह सोच रखिए कि हर कोई परफेक्ट नहीं होता.. कोई न कोई कमी हर किसी में होती है एक हीरोईन बेशक मूवी में बहुत खूबसूरत लग रही है पर ये वजह उसकी मेकअप भी हो सकती है…
हमे कोशिश ये करनी हैं कि हम genuine रहें कोई दिखावा न हो… क्योंकि उस चक्कर में हम अपना confidence loose कर जाएगें… तो जरुरी है कि अपने भीतर के प्लस पोंईट खोजिए और आगे लाई.. अपने माईंस पोईंट खोजना जिंदगी का सबसे बड़ा प्लस पोईंट है..
2. कई बार हम अपनी ही पहचान खोना शुरु कर देते हैं जैसा कि एक लेडी है वो बेटी भी है पत्नी भी है और मां भी है वो क्या सोच रही है कि मैं बिल्कुल बेकार हूं किसलिए कि मैं बच्चों की सही से देखभाल नहीं कर पा रही.. बच्चे हाथ से निकल गए.. मैं फेल हो गई… अब इससे बाहर निकलने के लिए उसे क्या सोचना चाहिए कि मैं एक बेटी के रुप में बहुत अच्छी हूं एक पत्नी के रुप में बहुत केयरिंग हूं घर के सभी लोग खुश भी रहते हैं पर अच्छी मां नहीं हूं इसकी वजह कुछ और भी तो हो सकती है…जरुरी तो नहीं कि मेरी परवरिश खराब थी इसलिए बच्चे बिगड गए… कारण कुछ और भी हो सकते हैं जब और वजह से अच्छी हूं तो इसलिए सोचना बंद कर देना चाहिए..
3. जो लोग बात बात पर criticize करते हैं उनसे दूर रहें… कई बार हमारा सर्कल ऐसा होता है कि वो हर बात पर criticize ही करते हैं तो उनसे दूरी बना लेनी चाहिए अच्छा कई बार परिवार में ही कुछ ऐसे difficult लोग होते हैं उनसे कैसे डील करें इस बारे में एक वीडियो बनाई हुई है उससे आपको आईडिया मिल जाएगा पर जरुरत इस बात की है कि ये सोचिए कि गलती तो हर किसी से हो सकती है और कभी भी हो सकती है… जो लोग criticize करते हैं या उनसे कभी कोई गलती हुई ही नहीं… तो किसी ने हमें criticize किया और हम भी सिर पकड कर बैठ गए.. ये नहीं करना
4.अपनी हैल्थ का ख्याल रखें… अक्सर ये विचार मन में तब भी आते हैं जब कोई हैल्थ इशू हो जाए कोई बॉडी की प्रोब्लम हो गई.. या फिर किसी का एक्सीडेंट हो गया बेड रेस्त बता दिया है कि तो मैं तो किसी काम का नहीं रहा… तो ऐसे में खुद को बिजी रखिए मान लीजिए आप बेड पर ही है तो बैठे बैठे कुछ क्रिएटिव काम किया जा सकता है… बजाय ये सोचने की मैं कुछ नहीं कर सकता ये सोच होनी चाहिए कि मैं क्या नहीं कर सकता… बजाय ये सोच सोच के डिप्रेशन में जाने के ये सोचिए कि मैं ऐसा क्या करु जो दूसरे के चेहरे पर स्माईल आए… निराशा से बाहर निकलने का बेस्ट तरीका ही यही है कि दूसरे की हैल्प करनी शुरु कर दीजिए… मैटली स्पोर्ट बन जाईए किसी की.. या as a violetear या social issues पर काम करना शुरु कर दीजिए देखिए कितना अच्छा लगेगा..
5. अपना माईड सेट चेंज कर लीजिए.. ये बातें कि मैं बेकार हूं किसी काम का नहीं.. कब आती है जब मन में बहुत ज्यादा नेगेटिविटी भर जाती है… और हम दिन रात नेगेटिव ही सोचने लगते हैं… जिंदगी को बेहतर बनाने की कोशिश की नहीं करते तो ऐसे में क्या सोचना चाहिए कि जिंदगी में उतार चढाव आते रहते हैं जिंदगी रोलर कोस्टर की तरह है जैसे वो उपर जाता है फिर नीचे जाता है तो ये हमारे हाथ में है कि हमें चीखना चिल्लाना है या उसे एंज्वाय करना है अगर हम चिल्लाते ही रह जाएगें और जब जिंदगी में पॉजिटिव हुआ तो उसे भी हम एंज्वाय नहीं कर पाएगें…
हम बेशकीमती है, वेल्यूबल हैं ईश्वर ने हमें भेजा है कुछ सोच कर ही भेजा है और हमें बेकार useless, worthless कह कर उनकी संचना का क्रिएशन का अपमान नहीं करना… मजबूत बनिए, खुद पर विश्वास रखिए.. आप कुछ भी कर सकते हैं अपनी वेल्यू बनाईएपर उसके लिए क्या जरुरी है
हर नजर में मुमकिन नहीं बेगुनाह रहना. चलो.. कोशिश करते हैं कि खुद की नज़रों में बेदाग रहें… अपनी वर्थ जानिए…
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