दीदी की चिठ्ठी
मेरी भी सुनिए
मेरी भी सुनिए
राहुल गांधी जी के भाषण के बाद शुरु हो गया टोका
टिप्पणी का दौर कि भाषण कैसा था? क्या वो अपना पद सम्भाल पाएगें? तरह तरह के प्रश्न …!!! पक्ष
गुणगान कर रहा है और विपक्ष उनके भावुक भाषण पर व्यंग्य कर रहा था.
मेरी भी सुनिए
अगर मैं अपनी बात करु जोकि किसी पार्टी से नही है बस एक आम नागरिक कि हैसयित से अपनी बात कहना चाह रही हूं कि भाषण
सुनकर कही ना कही यह बात तो यकीनन सामने आई कि राजनीति मे उन्होने अपने
परिवार के बहुत महत्वपूर्ण लोगो को खोया है. हम सभी की सहानूभूति उनके साथ है
और हमेशा रहेगी पर आज हर आम नागरिक महंगाई , भ्रष्टाचार और खासकर हम महिलाए
अपनी सुरक्षा आदि के मामले को लेकर इतनी त्रस्त हो चुकी है बस हम
भावुकता ही भावुकता से सरोबार हैं.
ऐसे मे बस और कुछ नही एक एक्शन ही
चाहिए ताकि एक माहौल ऐसा तैयार हो जाए कि खुली हवा मे चैन की सांस ले सके
जहां दुख और दर्द का नामोनिशान ही ना रहे.
राहुल जी का यह कहना कि “आज से
राहुल गांधी सबके लिए काम करेगा. मैं वादा करता हूं कि मैं आप सबको एक ही
नजर से, एक ही तरीके से देखूंगा. चाहे वह बुजुर्ग हो, महिला हो, अनुभवहीन
हो… मैं उसे सुनूंगा और समझने की कोशिश करूंगा” और उनका यह भी कहना कि
अब वो जज की भूमिका निभाएगे ना कि वकील की. एक उम्मीद सी जागी है… हमारी
शुभकामनाऎं!!!!
मेरी भी सुनिए !!!
Emotions/Rahul Gandhi
मेरी भी सुनिए के बारे में आपके क्या विचार हैं ??
दीदी की चिठ्ठी
दीदी की चिठ्ठी