Monica Gupta

Writer, Author, Cartoonist, Social Worker, Blogger and a renowned YouTuber

  • About Me
  • Blog
  • Contact
  • Home
  • Blog
  • Articles
    • Poems
    • Stories
  • Blogging
    • Blogging Tips
  • Cartoons
  • Audios
  • Videos
  • Kids n Teens
  • Contact
You are here: Home / Archives for बाल साहित्यकार

July 10, 2015 By Monica Gupta

Cartoon in Daink Bhasker

Db cartoon monica gupta

cartoon monica gupta in DB9indore city-pg13-0

Cartoon in Daink Bhasker    दैनिक भास्कर इंदौर से प्रकाशित व्यापम मुद्दे पर मेरा बनाया  कार्टून ….आज देश में सबसे ज्यादा सुर्खियों में है व्यापम मुद्दा जिसे अब तक का सबसे बडा खूनी घोटाला माना जा रहा है

cartoon vyapam by monica gupta

 

 

 

July 7, 2015 By Monica Gupta

हिंसक होते बच्चे

हिंसक होते बच्चे

कई बार लगता है कि बच्चो की गुस्सैल और हिंसक होती प्रवृति के जिम्मेदार और कोई नही हम खुद ही है. कारण भी एकदम ठोस है. असल में, बदलते समय के साथ साथ हमारी करनी और कथनी मे फर्क आता गया जो हम महसूस ही नही कर पाए और बच्चे इस बदलाव को सह नही पाए.

 

kids fighting photo

Photo by Tony Fischer Photography

यकीनन हम बच्चो को किताबी पाठ पढाते रहे कि सदा सच बोलो . ईमानदारी का जीवन अपनाओ. बडो का आदर करो. नकल करने से जीवन मे कभी सफल नही होगे.पर हकीकत मे हम उनके आगे कुछ और ही परोसते रहे.

मसलन, अकसर झूठ बोलने पर हम ही उन्हे उकसाते हैं.पाठ ईमानदारी का पढाते हैं और आफिस से रिश्वत या तो ले कर आते हैं या उनके सुखद भविष्य के लिए दे कर आते हैं और तो और परीक्षा हाल मे बच्चो को नकल मारने के लिए सदा उत्साहित करते हैं ताकि कही अच्छी जगह दाखिला होने मे कोई दिक्कत ना आए.

जुगाड संस्कृति से हमेशा बच्चो को जोडे रखना चाहते हैं ताकि कोई दूसरा बच्चा उसको काट करके आगे ना निकल जाए. बडो का आदर करने का पाठ तो पढा देते हैं पर हम घर पर अपने ही बडे बुजुर्गो से ऊची आवाज मे बात करते हैं.

ऐसे मे अगर हम अपनी गलती मान लें तो कोई छोटे नही बन जाएगे.बच्चो का सही मार्गदर्शन हमारा पहला और आखिरी कर्तव्य होना चाहिए….

कैसा लगा आपको ये लेख हिंसक होते बच्चे …. जरुर बताईएगा 🙂

July 6, 2015 By Monica Gupta

माँ को भी याद आती है

 

 indian lady thinking photo

Photo by RamyaB

माँ को भी याद आती है

अक्सर

माँ को भी याद आती है

अपनी माँ की हर बात

उसका वो

नर्म हाथो से रोटी का निवाला खिलाना

होस्टल छोडने जाते हुए वो डबडबाई आखों से निहारना

उसका पल्लू पकड़कर आगे पीछे घूमना

उसके प्यार की आचँ से तपता बुखार उतर जाना

कम अंक लाने पर उसका रुठना पर जल्दी ही मान जाना

अक्सर

माँ को भी याद आती है

अपनी माँ की हर बात

पर माँ तो माँ है

इसलिए बस चंद पल खुद ही सिसक लेती है

और फिर भुला देती है खुद को

पाकर अपने बच्चों को प्यार भरी

छावँ मे,दुलार मे ,मनुहार में

पर अक्सर

माँ को भी याद आती है

अपनी माँ की हर बात

असल मॆं, हम हरदम अपनी मां की बात करते हैं उन्हें याद करते हैं पर हमारी मां को भी अपनी मां की याद आती है … है ना … बस यही सोच कर कविता बन गई …

कैसी लगी आपको जरुर बताईगा !!!

July 4, 2015 By Monica Gupta

Audio Poem- Female Foeticide by Monica Gupta

जब कोई बात बिगड़ जाये तो रहें बी पॉजिटिव
girl child photo

Photo by U.S. Fotografie

Audio Poem- Female Foeticide by Monica Gupta

सुनिए मेरी लिखी कविता मेरी आवाज में …

हद हो गर्इ

मोनिका गुप्ता

 

https://monicagupta.info/wp-content/uploads/2015/07/poem-monica-gupta.wav

( भ्रूण हत्या पर लिखी कविता )

हमारे देश मॆं जिस तरह से भूण हत्याएं हो रही हैं  अकसर मन विचलित हो जाता है और उसी विचलित मन से बन जाती हैं ऐसी कविता कि हद हो गई … बस बहुत हो गया …

अब बहुत हो गया

बस
अब बहुत हो गया
हद हो गर्इ
टी.वी. हो या समाचार पत्र
कविता प्रतियोगिता हो या राज्यस्तरीय विवाद
पर लगा नहीं पा रहे
भ्रूण हत्या पर लगाम
कह कह कर थक गए हम
पर हम अडि़ग हैं कि
कन्या नही…… कन्या नही
बस चाहिए पुत्र रत्न ही
कोर्इ बात नही

ज्यादा दूर नही है, देख लेंगेें
आज से बीस साल बाद
जब…..
लड़की नही मिलेगी कोर्इ
आपके कुल दीपक से ब्याहने को
आपका वंश चलाने को
ना होगी तब नवरात्रि में कंजको की पूजा
ना होगी पति की लम्बी उम्र के लिए उपवास पूजा
ना छम छम पायल से किसी का घर आँगन चहकेगा
नाना-नानी बनने का शौक अधूरा ही रह जाऐगा
ना रहेगा प्रेम, ना होगी करूणा
क्योंकि यह तो है नारी का गहना
बेबस मन कन्यादान से वंचित रह जाऐगा
हरा भरा घर मकान बन कर ही रह जाऐगा
मनु, इंदिरा, कल्पना का नाम पन्नों में ही रह जाऐगा
बस……….
कुछ ही सालों की है बात
हैरान, परेशान हताश खुद ही कह उठेंगें आप
कन्या थी अनमोल रत्न
पर तब तक शायद बहुत देर हो चुकी होगी
हमें इन्तज़ार करना होगा
शायद फिर से बीस सालों का
पर तब तक सब कुछ बदल चुका होगा
खामोशी, उदासी, मायूसी का फैल चुका होगा आतंक
तो फिर………..
क्यों हो रही हैं ये भ्रूण हत्याएँ
ठान लो
बस बहुत हो गया
जानते हो
हम भारतवासी……… एक जुट हो क्या है कर सकते
मुसीबत पडने पर दे सकतें हैं जान
चीर सकतें हैं धरती की छाती
उधेड़ सकतें हैं पहाड़ों का सीना
जब ला सकतें हैं हरियाली बंजर धरा पर
फिर क्यों है रोक कलियों के प्रस्फुटन पर
चलिए लें संकल्प
आज, अभी, यहीं
भ्रूण हत्या पर लगाए
कस कर लगाम सभी
मत ड़गमगाने दें भारत का आधार
नर और नारी से ही है हमारा घर संसार
उठो, जागो, चलो
बनाए संसार में भारत की अलग पहचान
ताकि फिर से ना पड़े कहना कि…….
मोनिका, अब बहुत हो गया
हद हो गर्इ

Audio Poem- Female Foeticide by Monica Gupta

 

July 2, 2015 By Monica Gupta

बाल कहानी-मणि

story by monica gupta

बाल कहानी-मणि

मणि छ्ठी क्लास में पढने वाली बेहद चुलबुली और शरारती लडकी है. वो भी बडे होकर कुछ बनना चाह्ती है. कभी सोचती है पत्रकार बन जाऊ कभी सोच में आता है कि टीचर बन जाऊ तो कभी पुलिस अधिकारी पर आखिर में क्या होता है और क्या बनने की सोचती है …

इसी का ताना बाना है बाल कहानी-मणि में …

कहानी का अंत और भी ज्यादा रोचक है कि मणि का फैसला क्या रहता है …

बाल कहानी-मणि

 

ये कहानी नेशनल बुक ट्रस्ट की पत्रिका पाठक मंच बुलेटिन में प्रकाशित हुई थी …

July 2, 2015 By Monica Gupta

कहानी का जन्म

story by monica gupta (2) story monica gupta

कहानी का जन्म

बात सन 92 की यूपी गाजियाबाद की  है . अचाक एक विचार दिमाग में कौंधा और कहानी डाली और  उसे  सांध्य टाईम्स  के दफ्तर जाकर   दे आई . वैसे तो लिखने का बचपन से ही शौक रहा और अपने हिसाब से कहानी भेजती भी रहती थी . पर शायद जानकारी का अभाव था शायद  कभी मौका नही मिला और रचना प्रकाशित नही हुई पर अच्छी बात ये भी रही कि उत्साह कभी कम नही हुआ.

ये बात 92 की है .उन दिनों नेट नही हुआ करता था और लेखकों का पूरा फोकस सांध्य दैनिक और राष्ट्रीय समाचार पत्र पत्रिकाओं पर ही होता था क्योकि भारी तादात में उसे ही पढा जाता था. हां , तो मैं बता रही थी कि कहानी लिखी और सांध्य टाईम्स के दफ्तर में दे आई.  उसी शाम वो कहानी प्रकाशित भी हो गई. इससे लेखनी को बेहद बल मिला और लेखनी लगातार चलती रही.

बहुत लोग चाह्ते हैं कि आज कुछ लिखा और वो राष्ट्रीय पत्र पत्रिका में छप जाए. बेशल सोशल मीडिया बहुत बलवान हो गया है और लेखन को दिखाने का बहुत अच्छा माध्यम भी है पर मेरा मानना है कि  अगर शुरुआत लोकल स्तर पर हो और धीरे धीरे अपनी कमियों को देख कर उपर उठते जाए तो बहुत अच्छा होगा …

और अब तो जबसे नेट की सुविधा हुई है कोई भी अपना ब्लाग बना कर लेखन आरम्भ कर सकता है.

 

  • « Previous Page
  • 1
  • …
  • 5
  • 6
  • 7
  • 8
  • 9
  • …
  • 11
  • Next Page »

Stay Connected

  • Facebook
  • Instagram
  • Pinterest
  • Twitter
  • YouTube

Categories

छोटे बच्चों की सारी जिद मान लेना सही नही

Blogging Tips in Hindi

Blogging Tips in Hindi Blogging यानि आज के समय में अपनी feeling अपने experience, अपने thoughts को शेयर करने के साथ साथ Source of Income का सबसे सशक्त माध्यम है  जिसे आज लोग अपना करियर बनाने में गर्व का अनुभव करने लगे हैं कि मैं हूं ब्लागर. बहुत लोग ऐसे हैं जो लम्बें समय से […]

GST बोले तो

GST बोले तो

GST बोले तो –  चाहे मीडिया हो या समाचार पत्र जीएसटी की खबरे ही खबरें सुनाई देती हैं पर हर कोई कंफ्यूज है कि आखिर होगा क्या  ?  क्या ये सही कदम है या  देशवासी दुखी ही रहें …  GST बोले तो Goods and Service Tax.  The full form of GST is Goods and Services Tax. […]

डर के आगे ही जीत है - डर दूर करने के तरीका ये भी

सोशल नेटवर्किंग साइट्स और ब्लॉग लेखन

सोशल नेटवर्किंग साइट्स और ब्लॉग लेखन – Social Networking Sites aur Blog Writing –  Blog kya hai .कहां लिखें और अपना लिखा publish कैसे करे ? आप जानना चाहते हैं कि लिखने का शौक है लिखतें हैं पर पता नही उसे कहां पब्लिश करें … तो जहां तक पब्लिश करने की बात है तो सोशल मीडिया जिंदाबाद […]

  • Home
  • Blog
  • Articles
  • Cartoons
  • Audios
  • Videos
  • Poems
  • Stories
  • Kids n Teens
  • Contact
  • Privacy Policy
  • Terms of Use
  • Disclaimer
  • Anti Spam Policy
  • Copyright Act Notice

© Copyright 2024-25 · Monica gupta · All Rights Reserved