Monica Gupta

Writer, Author, Cartoonist, Social Worker, Blogger and a renowned YouTuber

  • About Me
  • Blog
  • Contact
  • Home
  • Blog
  • Articles
    • Poems
    • Stories
  • Blogging
    • Blogging Tips
  • Cartoons
  • Audios
  • Videos
  • Kids n Teens
  • Contact
You are here: Home / Archives for ब्लाग

June 1, 2015 By Monica Gupta

गर्मी और मेकअप

हम महिलाओ को सहने सवरने का बेहद शौक होता है पर जब बात गर्मी की हो तो त्राहि माम त्राहि माम अब आप खुद ही देखिए कैसे महिलाए चेहरा ढक कर बाहर निकलती है ऐसे में लिपस्टिक , पाऊडर और लाली चेहरे पर कैसे लगाएगी.

आज इस दुकानदार का सबसे बडा दुख यही है कि कोई महिला आ ही नही रही मेकअप का सामान खरीदने

दोपहर की चिलचिलाती धूप से बचने के लिए लोग घर से बाहर नहीं निकल रहे हैं। महिलाए और छात्राएं हिजाब पहन कर घर से निकल रही हैं। इस बीच शीतल पेय की बिक्री बढ़ गई है। सॉफ्ट ड्रिंक के अलावा गन्ने और बेल के शरबत की बिक्री सबसे ज्यादा हो रही है। बेल का शरबत सबसे लोकप्रिय पेय बन गया है।

make upवो सब भी ठीक है पर जल्द  से जल्द गर्मी कम हो ताकि महिलाए मेकअप की खरीददारी करने आ सकें

May 31, 2015 By Monica Gupta

असफलता एक चुनौती

‘मंजिल मिले ना मिले, ये तो मुकदर की बात है हम कोशिश भी ना करे ये तो गलत बात है.. 🙂 ”

असफलता एक चुनौती है. सहजता और  मजबूत इरादों से हमें इस चुनौती का  डट कर मुकाबला  करना चाहिए . पहले परीक्षा और अब नतीजों का महीना आया. बहुत छात्र पास हुए बहुत अच्छे अंक से पास हुए तो वही बहुत छात्र फेल भी हुए. सफलता और असफलता एक  ही सिक्के के दो पहलू हैं जहां सफलता हमें बहुत कुछ सीखा जाती हैं वही असफलता भी हमे उससे भी कही ज्यादा सीखा कर जाती है बशर्ते हम दिल छोटा न करे और अपनी सोच नकारात्मक न रखें. एकाग्रता बढाए और सबसे ज्यादा जरुरी समय के मह्त्व को समझना है. कार्य करते रहें और जी जान से करते रहें.

हाल ही मैं मैने अपनी बात आप तक रखने के लिए नेट पर बहुत सर्च किया और ऐसी ऐसी बाते पता चली जो आपका मनोबल बढाएगी आप खुद भी मान जाएगें कि फिर हम क्यो नही … कम भी किसी से कम नही

 

Akhand Jyoti

इतिहास ऐसे न जाने कितने कर्मवीरों की गौरव-गाथा से भरा पड़ा है, जो जीवन-संग्राम में अनेक बार हार के भी नहीं हारे, और ऐसे उदाहरणों की भी कमी नहीं कि विजयी होने पर भी जिनका नाम पराजितों की श्रेणी में ही लिखा गया। राणा प्रताप, पोरस तथा पृथ्वी चौहान ऐसे ही कर्मवीरों में से हैं जो स्थूल रूप से हार कर भी नैतिक रूप से पराजित नहीं हुए। शृंखलाओं के संकटों के बीच भी उन्होंने अपने को पराजित स्वीकार नहीं किया। जीवन का अन्तिम अणु-कण संघर्ष के क्षेत्र पर लगा देने के बाद भी विजय न पा सकने वाले वीर आज भी विजयी व्यक्तियों के साथ ही गिने जा सकते हैं। उनकी परिस्थितियां अवश्य हारी किन्तु उनके प्रयत्न पराजित न हुए। यही उनकी विजय है जिसे यशस्वी कर्मवीरों के अतिरिक्त साधन सम्पन्नता के बल पर संयोगिक विजय पाने वाले कर्महीन कायर कभी नहीं पा सकते।

अकबर, अशोक और उलाउद्दीन खिलजी जैसे विजयी उन व्यक्तियों में से हैं जिनकी जीत भी आज तक हार के साथ ही लिखी जाती है। कलिंग का श्मशान बन जाना एक विजय थी और अशोक का नगर पर अधिकार कर लेना एक पराजय। पद्मिनी का जल जाना, भीमसिंह और गोरा बादल का जौहर कर डालना एक विजय थी और चित्तौड़ पर खिलजी का अधिकार एक पराजय थी। वन-वन फिर कर घास की रोटी खाने वाले प्रताप की आपत्ति एक विजय और मेवाड़ पर अकबर का झंडा फहराना एक पराजय। ऐसी पराजय थी जिसे अकबर ने स्वयं स्वीकार किया था। जय-पराजय की इन गाथाओं में हार-जीत का मानदण्ड आदर्श पुरुषार्थ, पराक्रम, साहस, धैर्य एवं प्रयत्न ही रहा है। राज्य अथवा नगरों पर अधिकार नहीं। See more…

cartoon-monica gupta - up

लोग अकसर कहते हैं कि असफलता इंसान को तोड़ देती है लेकिन यह कथन गलत है। असफलता इंसान को नहीं तोड़ती बल्कि इंसान स्वयं ही हार मान लेता है। रिचर्ड हूकर कहते हैं कि ‘इंसान तब टूटता है, जब वो खुद से हार जाता है। अगर दुनिया की बात करें, तो वो तुम्हें तब तक नहीं हरा सकती, जब तक कि तुम खुद से न हार जाओ। इसलिए हमेशा अपनी हिम्मत बनाए रखो।’
मनोवैज्ञानिक कहते हैं कि, ‘जो व्यक्ति अपनी असफलताओं को स्वीकार कर जीवन में आगे बढ़ते हैं, उनका जीवन पहले से अधिक सुंदर हो जाता है। उनमें आत्मविश्वास और सद्गुणों का विकास होता है।’

महान व्यक्तित्व नेल्सन मंडेला ने 27 साल जेल में बिताने के बाद विश्वस्तर पर सफलता प्राप्त की। ऐसा वह इसलिए कर पाए क्योंकि वह असफलता से नहीं घबराए। यदि वह असफल नहीं होते तो कभी भी प्रेरक व्यक्तित्व के रूप में सफल होकर हमारे प्रेरणास्रोत न बनते। महात्मा गांधी, प्रसिद्ध नेत्रहीन लेखिका हेलेन केलर, अपंग छात्रा से सफल धाविका बनने वाली विल्मा गोल्डीन रूडाल्फ, अब्राहम लिंकन, थॉमस एडीसन असफलता की सीढिय़ां चढ़कर ही सफलता के शीर्ष पर पहुंचे।
डिज्नीलैंड  को कौन नही जानता. बच्चों का प्रिय कार्टून कोना है। इसके संस्थापक वाल्ट डिज़्नी को बार-बार असफलता का सामना करना पड़ा। उन्हें बचपन से ही कार्टून बनाने का शौक था। उन्होंने अनेक समाचार-पत्रों को साक्षात्कार दिया लेकिन सभी ने उन्हें लौटा दिया। पर उन्होंने हार नहीं मानी। आखिर एक दिन उनकी मेहनत व लगन ने उन्हें एक विश्वविख्यात कार्टूनिस्ट बनाकर पूरे विश्व के सामने प्रस्तुत कर दिया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने “मन की बात” में छात्रों को कहा …

10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षा में सफल छात्रों को बधाई देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि जिंदगी में सफलता-विफलता स्वाभाविक है और जो विफलता को एक अवसर मानते हैं, वे सफलता का शिलान्यास भी करते हैं तथा इससे भी बहुत कुछ सीख सकते हैं।
मोदी ने कहा, ‘कुछ छात्र अच्छे अंक से पास हुए होंगे, कुछ के कम अंक आए होंगे। कुछ विफल भी हुए होंगे। जो फेल हुए हैं उनके लिए मेरा सुझाव है कि आप उस मोड़ पर हैं जहां से अब आपको तय करना है, आगे का रास्ता कौन सा होगा।’उन्होंने कहा, ‘जो विफल हुए हैं, उनसे मैं यही कहूंगा कि जिंदगी में सफलता-विफलता स्वाभाविक है। जो विफलता को एक अवसर मानता है, वह सफलता का शिलान्यास भी करता है। हम विफलता से भी बहुत कुछ सीख सकते हैं।’उन्होंने कहा कि आमतौर पर ज्यादातर स्टूडेंट्स को पता भी नहीं होता है, क्या पाना है, क्यों पाना है, लक्ष्य क्या है। विषयों और अवसरों की सीमाएं नहीं हैं। आप अपनी रूचि, प्रकृति, प्रवृत्ति के हिसाब से रास्ता चुनिए।प्रधानमंत्री ने कहा कि देश को उत्तम शिक्षकों, उत्तम सैनिकों, उत्तम वैज्ञानिकों, कलाकार और संगीतकारों की आवश्यकता है। खेल-कूद कितना बड़ा क्षेत्र है, खेल-कूद जगत के लिए कितने उत्तम मानव संसाधन की आवश्यकता होती है।यानि इतने सारे क्षेत्र हैं। विश्व में जितने म्यूजियम बनते हैं, उसकी तुलना में भारत में म्यूजियम बहुत कम बनते हैं। कभी-कभी इस म्यूजियम के लिए योग्य व्यक्तियों को ढूंढना बड़ा मुश्किल हो जाता है।

पूर्व राष्ट्रपति ए.पी.जे. अब्दुल कलाम की किताब ‘माई जर्नी ट्रांसफॉर्मिंग ड्रीम्स इनटु ऐक्शन’ के एक प्रसंग का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि इसमें उन्होंने कहा है कि उन्हें पायलट बनने की इच्छा थी। लेकिन जब वह पायलट बनने गए तो विफल हो गए।उन्होंने कहा कि उनका पास नहीं होना भी कितना बड़ा अवसर बन गया। वे देश के महान वैज्ञानिक बन गए। राष्ट्रपति बने। देश की परमाणु शक्ति के लिए उनका बहुत बड़ा योगदान रहा और इसलिए विफलता भी एक अवसर होती है।

 

हाल ही का एक उदाहरण यदि मैं आपको बताऊ अरुणिमा सिन्हा. आपकी हमारी तरह ही एक पतली दुबली सी लडकी थी. एक ट्रेन एक्सीडेंट में उसे  अपना  पैर गवाना पडा. वो नेशनल वालीवाल की खिलाडी थी. उसका कैरियर पूरी  तरह से चौपट हो गया. वो भी हार मान सकती थी. जिंदगी भर रोना रो सकती थी पर नही… उसने हार नही मानी और  पता है उसने क्या … आप हैरान हो जाएगें ये पढ कर कि उसने माऊंट एवेरेस्ट को फतह किया.  जी हां विशाल पर्वत … विकलांग होते हुए भी इतना बडा जोखिम उठाया.  हाल ही मे उसे पदमश्री से सम्मानित किया गया. किया \.

बच्चों को बचपन से ही यह बताया जाए कि जीवन में केवल सफलता प्राप्त करना ही बड़ी बात नहीं है बल्कि असफल होकर उससे शिक्षा प्राप्त करके आगे बढऩा भी बहुत हिम्मत का काम है तो असफलता व्यक्ति को निराश नहीं करेगी बल्कि उससे भी  बड़ी कामयाबी और सफलता की एक सीढ़ी बनेगी। तो पास या फेल हमें इससे धबराना नही है बल्कि खुद को मजबूत करके और पक्के इरादें से  जिंदगी के मैदान में उतरना है

cartoon -mahila diwasतो अब हैं तैयार आप …असफलता को चुनौती के रुप में लेने के लिए… मत भूलिए कि हमें  अपना रास्ता खुद ही बना है और हम बनाएगें जरुर बनाएगें … है ना !!!

May 31, 2015 By Monica Gupta

महंगाई

money

महंगाई

महंगाई, महंगाई  !!!! आम आदमी के लिए जीना मानो दूभर होता जा रहा है … कोई बचत करे तो तब करे जब कुछ बचे … यहां तो सैलरी आते ही…  इसका बिल उसका बिल, दूध, बिजली, पानी, पैट्रोल , फीस, आदि भरते भरते जेब खाली हो जाती है… बेचारे पिगी बैंक का हाल आप देख ही रहे हैं

मध्यम वर्ग की लगभग आधी आबादी ने फलों पर किए जाने वाले खर्च का कम कर दिया है या फलों का उपभोग छोड दिया है। जी हां, ऎसा इसलिए हो रहा है कि क्योंकि बेमौसम बरसात के कारण पैदावार घटने से पर्याप्त आपूर्ति नहीं होने और बिचौलियों की बढती भूमिका के कारण बाजार में इस वर्ष आम, केला, अंगूर और सेब जैसे फलों की कीमतों में पिछले वर्ष के इसी सीजन की तुलना में 45 फीसदी तक की बढोतरी हुई है जिसके कारण मौसमी फल आम जनता की पहुंच से दूर हो गए हैं.

news vegetable and fruit rates high in market must read

Read more…

List of products to get costlier from June 1

नई दिल्ली। हर महीने की एक तारीख का लोगों को बेसब्री से इंतजार रहता है। 1 तारीख का आमतौर पर मतलब होता है तनख्वाह आना। लेकिन, 1 जून यानी सोमवार को आपकी जेब भारी नहीं हल्की होगी। ऎसा इसलिए क्योंकि आपको मंहगाई का झटका लगने वाला है। सर्विस टैक्स की बढी दरें एक जून से लागू हो जाएंगी। सोमवार से 14 प्रतिशत सर्विस टैक्स देना होगा। इसमें एजुकेशन सेस भी शामिल होगा। अभी सर्विस टैक्स 12 प्रतिशत है। एजुकेशन सेस मिलाकर यह 12.36 प्रतिशत होता है। लेकिन एक जून से होटल में रूकना-खाना, गाडियां, मूवी टिकट की ऑनलाइन बुकिंग, मैरिज वेन्यू, केबल सर्विस, रेल और हवाई यात्रा समेत कई सेवाएं महंगी हो जाएंगी। निगेटिव लिस्ट में शामिल एग्रीकल्चर, मेडिकल, समेत 16 सेवाओं की कीमत में बदलाव नहीं होगा। इससे सरकार की कमाई में 25 फीसदी तक बढोतरी होगी। इस साल 2.09 लाख करोड रूपये मिलेंगे। पहले 1.68 लाख करोड कमाई का अनुमान था। ये सब भी होंगे महंगे-होटल में रूकना-खाना। -वाहन खरीदना। -मूवी टिकट की ऑनलाइन बुकिंग। – मैरिज वेन्यू। -केबल सर्विस। -कुरियर, एप बेस्ड कैब सर्विस। -ब्यूटी पार्लर-सैलून में मसाज। -प्लास्टिक बैग, बोतलबंद पानी। -म्यूजिक कंसर्ट, थीम पार्क। -इंश्योरेंस प्रीमियम भी होगा महंगा। -रेल और हवाई यात्रा समेत कई सेवाएं होगी महंगी। जानें, कितना पडेगा असर-1000 का टिकट 5 रूपए महंगा होगा। -1000 के खाने पर 49 रू. ज्यादा लगेंगे। -1000 रू. के मोबाइल बिल पर 16 रू. ज्यादा। List of products to get costlier from June 1 Read more…

कुल मिला कर इस महंगाई का कोई न कोई समाधान जरुर निकलना चाहिए अन्यथा …

May 31, 2015 By Monica Gupta

पर्यावरण हमारा मित्र

पर्यावरण हमारा मित्र

बरसात की बूंदें धरा पर पडते ही सौंधी सौंधी मिट्टी की महक शायद महंगें से महंगे इत्र  को मात देती है.

हाई वे पर जाते हुए बहुत वाहनों का आवगमन हो रहा था. एक वाहन गुजरा जिसमे फल( केला,किन्नू) भरे हुए थे. एक वाहन सामने से आता दिखा जिसमे बोरिया भरी हुई थी शायद उसमे चावल भरे हुए थे. वही छोटे छोटे ट्राली आ रहे थे जिसमे सब्जियां भरी हुई थी. देख कर मन मे अजीब सी खुशी हो रही थी कि धान्य से कितना समृध है हमारा भारत!!! पर तभी अचानक दनदनाते हुए पाचं ट्रक एक साथ ओवर टेक करते हुए निकल गए और उन्हे देखते ही मन मे भरी खुशी काफूर हो गई. असल में,  उन ट्रक, ट्राली मे लकडी काट कर ले जा रहे थे. ऐसा महसूस हुआ मानो कोई हमारी आक्सीजन ही छीन कर ले जा रहा हो !!! हे भगवान!!!  इतना ही नही जिस तरह से हाई वे चौडे होते जा रहे हैं  और सडक किनारे लगे पॆड कटते जा रहे हैं निसंदेह  दुखद है.

531746_10201000184506150_2119865401_n

चिंता का विषय है. इसे सहेज कर रखना हमारा परम कर्तव्य होना चाहिए पर अफसोस हम जागरुक नही हैं   … मुझे अच्छी तरह याद है हमसे स्कूल मे पौधे लगवाए गए. कोई बडा अधिकारी आ रहा था. हम सभी विधार्थियों ने मिल कर मैदान की सफाई की.  धूमधाम  से मुख्य अतिथि  का स्वागत किया गया और पौधे  लगवाए गए पर तीन दिन के बाद एक अन्य कल्चरल प्रोग्राम होना था तो वहां दरिया बिछा दी गई और पौधे वौधे सब … !!!!!

ऊंची इमारते बनवाए चले जा रहे हैं पर जब  बात पेड कटवाने या उखाडने की आती है तो हम नम्बर वन है. पर्यावरण शब्द का अर्थ है हमारे चारों ओर का आवरण। पर्यावरण संरक्षण का तात्पर्य है कि हम अपने चारों ओर के आवरण को संरक्षित करें तथा उसे अनुकूल बनाएं। पर्यावरण और प्राणी एक-दूसरे पर आश्रित हैं  कृष्ण की गोवर्धन पर्वत की पूजा की शुरुआत का लौकिक पक्ष यही है कि जन सामान्य मिट्टी , पर्वत , वृक्ष एवं वनस्पति का आदर करना सीखें। श्रीकृष्ण ने स्वयं को ऋतुस्वरूप , वृक्ष स्वरूप , नदीस्वरूप एवं पर्वतस्वरूप कहकर इनके महत्व को रेखांकित किया है।

  paryavaran sanrakshan

बालू तुम्हारे उदरस्थ अर्धजीर्ण भोजन है , नदियां तुम्हारी नाडि़यां हैं , पर्वत-पहाड़ तुम्हारे हृदयखंड हैं , समग्र वनस्पतियां , वृक्ष एवं औषधियां तुम्हारे रोम सदृश हैं। ये सभी हमारे लिए शिव बनें। हम नदी , वृक्षादि को तुम्हारे अंग स्वरूप समझकर इनका सम्मान और संरक्षण करते हैं। भारतीय परम्परा में धार्मिक कृत्यों में वृक्ष पूजा का महत्व है। पीपल को पूज्य मानकर उसे अटल सुहाग से सम्बद्ध किया गया है , भोजन में तुलसी का भोग पवित्र माना गया है , जो कई रोगों की रामबाण औषधि है। विल्व वृक्ष को भगवान शंकर से जोड़ा गया और ढाक , पलाश , दूर्वा एवं कुश जैसी वनस्पतियों को नवग्रह पूजा आदि धार्मिक कृत्यों से जोड़ा गया। पूजा के कलश में सप्तनदियों का जल एवं सप्तभृत्तिका का पूजन करना व्यक्ति में नदी व भूमि को पवित्र बनाए रखने की भावना का संचार करता था। सिंधु सभ्यता की मोहरों पर पशुओं एवं वृक्षों का अंकन , सम्राटों द्वारा अपने राजचिन्ह के रूप में वृक्षों एवं पशुओं को स्थान देना , गुप्त सम्राटों द्वारा बाज को पूज्य मानना , मार्गों में वृक्ष लगवाना , कुएं खुदवाना , दूसरे प्रदेशों से वृक्ष मंगवाना आदि तात्कालिक प्रयास पर्यावरण प्रेम को ही प्रदर्शित करते हैं। वैदिक ऋषि प्रार्थना करता है- पृथ्वी , जल , औषधि एवं वनस्पतियां हमारे लिए शांतिप्रद हों। ये शांतिप्रद तभी हो सकते हैं जब हम इनका सभी स्तरों पर संरक्षण करें। तभी भारतीय संस्कृति में पर्यावरण संरक्षण की इस विराट अवधारणा की सार्थकता है , जिसकी प्रासंगिकता आज इतनी बढ़ गई है। शेयर करें रेट करें Loading… See more…

540206_10201757186030715_610977126_n 1005799_10204615199639269_668862616111639655_n  1920071_10204082805849757_7387054218904778541_n

खूबसूरत लहलहाती प्रकृति अपनी ओर अनायास ही आकर्षित कर लेती है और हम है कि इसे समाप्त करने मे जुटे हुए है.

अगर हम कुछ उपाय करना ही चाह्ते हैं तो ज्यादा से ज्यादा पौधे लगाए ….. जन्मदिन पर पौधे उपहार स्वरुप दें और सबसे जरुरी प्लास्टिक को न कहें … say no to plastic और यही बात अपने बच्चों को भी सिखानी है ताकि वो भी पर्यावरण की मह्त्ता को समझे और अपना अमूल्य योगदान दे. पेड पौधे लगा कर न सिर्फ फोटो करवाए बल्कि उसे सहेज कर भी रखें.  पेड पौधे होगें तो तितली और पक्षी आएगें उनका कलरव . उनका चहकना हमारे दिलों में नई स्फूर्ति भर  देगा.

1471248_10206967437563747_3005690549378520457_n पर्यावरण  हमारा मित्र ही नही हमारा बेस्ट फ्रेंड होना चाहिए.  लीजिए मैने तो एक तुलसी का पौधा  लगा कर पर्यावरण दिन को मना लिया है और आपने ???

May 30, 2015 By Monica Gupta

Touch Therapy

Touch Therapy  बहुत काम की चीज है कई बार टच करते ही दर्द उडन छू हो जाता है यह बात तो आपने भी महसूस की होगी जब मम्मी हमारे सिर पर हाथ रखती है तो दर्द किस तरह उडन छू हो जाता है और सारी थकावट भाग जाती है.  बच्चों को जब  देर रात तक तनाव के चलते नींद नही आती तो मम्मी पापा प्यार से हाथ रखते हैं सिर सहलाते है और नींद आ जाती है यही होता है Touch Therapy  का जादू …

The Cuddle Sutra & the Benefits of Touch Therapy.

“Do you find yourself depressed at times? Do you ever feel lonely and wish that you could just talk to someone that would genuinely listen? Do you find yourself suffering from stress, anxiety, or sleep loss? If you answered yes to any of these questions, then you are not alone. Many people lack the companionship they want in their everyday life. Read more…

कुल मिला  यही कह सकते हैं कि The sense of touch is an important part of being a healthy, happy human being. But when someone is ill, touch can make the world of a difference. This hepls us in many ways like … Relieving tension and helping with relaxation, Helping to manage stress, Alleviating aloneness and creating a sense of connectedness, helping to relieve pain or to alter the perception of pain.
People believe touch therapy help to speed the healing process or strengthen the immune system in some patients.

और इस बात मे कोई शक नही कि Touch Therapy मे वाकई जादू है …

Image via elephantjournal.com

May 29, 2015 By Monica Gupta

रक्तदान

रक्तदान महादान है

बात सन 1973 की है तब मैं हरियाणा के जींद मे रहती थी. हमारे घर के पीछे रेस्ट हाऊस  था वही हम सभी कालोनी के बच्चे खेलने जाया करते थे. उस पार्क में एक छोटा सा तालाब था जो हमेशा पानी से भरा रहता था. एक शाम खेलते हुए मुझे आवाज आई कि बचाओ वो पानी मे गिर गई  है . सभी भागे उसके पास और देखने लगे पता नही मुझे क्या  सूझी कि मैने वहां लेट कर हाथ लंबा किया और उसे खीचं लिया. बहुत पतली दुबली सी लडकी को मैने बाहर निकाल लिया और  फिर उसे उल्टा करके मुंह से पानी भी निकाला. ये समझ मुझे कैसे आई कैसे नही इसका तो याद नही पर जब हम उसे घर छोडने जा रहे थे सारे बच्चे मेरे नाम की जय जय कर रहे थे और कह रहे थे कि मोनिका ने चोची तिवारी को डूबने से बचा लिया .

आज इस बात को ना जाने कितने साल हो गए पर वो धटना मेरे मन मे  जस की तस तब तक रही जब तक में कुछ ऐसे लोगो के सम्पर्क मे नही आई जो रक्तदान के लिए प्रेरित करते हैं. असल में, बचपन मे मैने एक लडकी की जान बचाई थी लेकिन जब से रक्तदान से जुडी. भले ही रक्तदान न कर पाई हूं पर लोगो को प्रेरित किया और रक्तदाताओ का नेट वर्क तैयार किया कि जिसे भी रक्त की जरुरत हो वो सम्पर्क करे और इस तरह से  अनगिनत लोगो की जान बच रही है  तो अब वो बचपन वाली बात अक्सर भूल जाती हूं

बात रक्तदान की हो तो महिलाए का  जिक्र तो आता ही आता है. एनीमिया की कमी से , महिलाए रक्त दान नही कर पाती. महिलाए मासिक धर्म के दौरान या स्तन पान करवाने की वजह से भी रक्तदान नही कर पाती इसलिए सबसे ज्यादा जरुरी यह है कि महिलाए अपना खान पान सुधार ले. अपनी डाईट सही कर ले तो कम से कम उसे तो रक्त चढवाने की जरुरत न पडे  और इसे के साथ साथ जो महिलाए टोका टाकी करती हैं यानि जो महिलाए अपने बच्चों या पति को रक्तदान के लिए मना करती हैं वो जागरुक हो और रक्तदान की महत्ता समझे जिसे वो लोग बिना डर के रक्तदान कर सके और जीवन बचा सके.

एनीमिया- कुछ रोचक जानकारियां-

एनीमिया- कुछ रोचक जानकारियां-  डाॅ0 एक0के0 त्रिपाठी की  किताब है. डाॅ0 ए0के0 त्रिपाठी जानकारी देते हैं कि एनीमिया एक रोग का नाम नहीं, वरन् अनेक रोगों या विकारों का लक्षण है। ऐसे में उपचार के लिये इसके कारणों को जानना आवश्यक है। खासतौर पर ससामाजिक सरोकार के तहत विशेषज्ञ लेकखक ने इन्हीं कारणों की जानकारी लोगों तक पहुंचाने का प्रयास इस पुस्तक के माध्यम से किया है। सामान्य पाठक भी इसे रुचि के साथ पढ़ सकता है। जबकि बीमारी की बातें गम्भीर विषय वस्तु के अन्तर्गत मानी जाती है।
एनीमिया हमारे देश की बड़ी समस्या है। दो से तीन चैथाई लोग एनीमिया से पीड़ित हैं। इसमें हर वर्ग तथा उम्र के लोग शामिल हैं। लेकिन साधारण जानकारियों से इससे बचा जा सकता है। एनीमिया अर्थात् रक्त अल्पता किसी बीमारी का नाम नहीं वरन् लक्षण मात्र है। जिसमें हीमोग्लोबिन की मात्रा में कमी होने की वजह से शरीर में तरह-तरह की परेशानियां उत्पन्न होती हैं। स्वस्थ पुरुषों में सामान्यतः 13-16 ग्राम प्रतिशत तथा स्त्रियों में 12-14 ग्राम प्रतिशत हीमोग्लोबिन होता है। यदि हीमोग्लोबिन इससे कम हो जाए तो उसे एनीमिया कहते हैं, इससे कमजोरी आ जाती है। भूख कम हो जाती है, खाना अच्छा नहीं लगता, याददाश्त व एकाग्रता में कम आ जाती है। हीमोग्लाकबीन जितना कम होगा, शारीरिक परेशानी उतनी अधिक होगी जांच के द्वारा इसका पता लगाया जा सकता है। लाल रक्त कोशिकाओं में बढ़ोत्तरी आयरन, विटामिन बी12, फोलिक एसिड, पायरीडाक्सिन बी-6, प्रोटीन आदि से हो सकती है।
पुस्तक में बताया गया है कि एनीमिया का प्रमुख कारण आयरन अर्थात् लौह तत्व की कमी है। लेखक ने इसे रोचक कहानी के माध्यम से समझाया है। लौहतत्व शरीर के लिये बहुत आवश्यक है, यह हीमोग्लोबीन के अलावा कई प्रकार के एनजाइम्स के लिये भी जरूरी है। भोजन में आयरन की पर्याप्त मात्रा होनी चाहिए। जैसे गुड़ में चीनी की अपेक्षा आयरन बहुत अधिक होता है। खजूर, धनिया-बीज, मेथी-बीज आयरन के अच्छे स्रोत है।
आयरन द्वारा एनीमिया का समुचित उपचार किया जा सकता है। इसकी कमी आयरन की गोली से भी हो सकती है। इसकी पूरी खुराक लेनी चाहिए। पूरा कोर्स करना चाहिएं खाली पेट दवा नहीं लेनी चाहिए। आयरन की गोली खाने के एक घंटे बाद लेना चाहिए। विटामिन सी युक्त पदार्थ के साथ आयरन नहीं होना चाहिए। एक अलग अध्याय में बताया गया कि विटामिन बी-12 की कमी से एनीमिया वस्तुतः आधुनिक जीवन शैली की देन है। इसे भी कहानी के माध्यम से बताया गया। पान मसाला, तम्बाकू, शराब आदि नुकसानदेह होते हैं। इससे आमाशय एवं आंतों की अन्दरूनी सतह खराब हो जाती है, जिससे व्यक्ति बी-12 की कमी का शिकार हो जाता है। दवाओं के कुप्रभाव से भी एनीमियां होता है। दवाओं के कुप्रभाव से भी एनीमिया होता हैं अनेक दवाएं ऐसी होती है, जिनका प्रयोग करने से दुष्परिणाम रूप में एनीमिया होता है। दर्द निवारक दवा भी विशेष की सलाह के बाद लेनी चाहिए। एप्लास्टिक एनीमिया का प्रकोप भी बढ़ा है। वातावरण एवं भोज्य पदार्थों में बढ़ रहे रासायनिक प्रदूषण या दवाओं के कुप्रभाव से ऐसा हो रहा है। वृद्धावस्था या दवाओं के कुप्रभाव से ऐसा हो रहा है। वृद्धावस्था में एनीमिया से बचाव हेतु विशेष सावधानी बरतनी होती है। इसी प्रकार गर्भावस्था  के दौरान भी विशेष ध्यान देना चाहिए। पर्याप्त व पूर्ण पोषण आवश्यक होता है। संक्रमण, गंदगी, हुक वर्म से भी बचाव करना चाहिए। यह बीमारी अनुवांशिक भी हो सकती है

 

Article- Blood Donation – Monica Gupta

See more…

http://navbharattimes.indiatimes.com/articleshow/8846287.cms

Blood donation facts and advantages –

रक्त दान से जुड़े तथ्य एवं इसके लाभ स्वास्थ्य की देखभाल  रक्त दान से जुड़े तथ्य एक वयस्क पुरुष/स्त्री में 5-6 लीटर तक रक्त होता है| कोई भी व्यक्ति हर तीन माह में रक्त दान कर सकता है| रक्त में प्लाज्मा नामक प्रवाही होता है| 450 मि.ली. See more…

अंत में  मैं यही कहना चाहूगी …  रक्तदान करके देखिए अच्छा लगता है

जय रक्तदाता …

  • « Previous Page
  • 1
  • …
  • 41
  • 42
  • 43
  • 44
  • 45
  • …
  • 59
  • Next Page »

Stay Connected

  • Facebook
  • Instagram
  • Pinterest
  • Twitter
  • YouTube

Categories

छोटे बच्चों की सारी जिद मान लेना सही नही

Blogging Tips in Hindi

Blogging Tips in Hindi Blogging यानि आज के समय में अपनी feeling अपने experience, अपने thoughts को शेयर करने के साथ साथ Source of Income का सबसे सशक्त माध्यम है  जिसे आज लोग अपना करियर बनाने में गर्व का अनुभव करने लगे हैं कि मैं हूं ब्लागर. बहुत लोग ऐसे हैं जो लम्बें समय से […]

GST बोले तो

GST बोले तो

GST बोले तो –  चाहे मीडिया हो या समाचार पत्र जीएसटी की खबरे ही खबरें सुनाई देती हैं पर हर कोई कंफ्यूज है कि आखिर होगा क्या  ?  क्या ये सही कदम है या  देशवासी दुखी ही रहें …  GST बोले तो Goods and Service Tax.  The full form of GST is Goods and Services Tax. […]

डर के आगे ही जीत है - डर दूर करने के तरीका ये भी

सोशल नेटवर्किंग साइट्स और ब्लॉग लेखन

सोशल नेटवर्किंग साइट्स और ब्लॉग लेखन – Social Networking Sites aur Blog Writing –  Blog kya hai .कहां लिखें और अपना लिखा publish कैसे करे ? आप जानना चाहते हैं कि लिखने का शौक है लिखतें हैं पर पता नही उसे कहां पब्लिश करें … तो जहां तक पब्लिश करने की बात है तो सोशल मीडिया जिंदाबाद […]

  • Home
  • Blog
  • Articles
  • Cartoons
  • Audios
  • Videos
  • Poems
  • Stories
  • Kids n Teens
  • Contact
  • Privacy Policy
  • Terms of Use
  • Disclaimer
  • Anti Spam Policy
  • Copyright Act Notice

© Copyright 2024-25 · Monica gupta · All Rights Reserved