Monica Gupta

Writer, Author, Cartoonist, Social Worker, Blogger and a renowned YouTuber

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August 3, 2016 By Monica Gupta Leave a Comment

महिलाएं और आत्मरक्षा – ऑडियो

 

ऑडियो मोनिका गुप्ता

ऑडियो
मोनिका गुप्ता

https://monicagupta.info/wp-content/uploads/2016/08/audio-ladies-by-monica-gupta.wav

क्लिक कीजिए और सुनिए 2 मिनट और 15 सैकिंड की  ऑडियो

महिलाएं और आत्मरक्षा – ऑडियो

पिछ्ले कुछ समय से रेप, बलात्कार , महिला असुरक्षा जैसी बातों से दो चार होना पड रहा है. एक सरकार दूसरी सरकार पर इसका ठीकरा फोड रही है और प्रशासन और पुलिस अपने कर्मचारियों को सस्पैंड करके इति श्री कर लेते हैं और वही चैनल वाले एक एक घंटे तक इस मुद्दे पर बहस करते हैं और फिर विज्ञापन दिखाते हैं फलां राज्य उन्नति के पथ पर है..

ऐसे में दिमाग खराब हो रहा है … सच पूछिए तो महिलाओं की सुरक्षा को लेकर कोई सचेत नही है… रही सही कसर पूरी कर रहा है सोशल मीडिया जहां इतनी नकारात्मकता भरी हुई है कि अगर कुछ अच्छा भी है तो भी अच्छा नही दिखेगा ऐसे में क्या करें … सबसे बडा सवाल … तो आईए सुनिए ये ऑडियो … शायद आपको कुछ सकारात्मक जवाब ही मिल जाए …

मोनिका गुप्ता का नमस्कार. बात लगभग एक महीने पहले की है.  घर के सामने बिजली की तार पर एक पंतग अटकी हुई थी. मैंने इसे देखते हुए सोचा कि एक बार यह फटनी और तार तार होनी शुरु हो जाए फिर अच्छी सी कविता लिखूगी कि हाय पतंग, तेरा क्या जीवन और फिर उस पंतग को महिलाओ से जोडूगी कि महिला का जीवन भी पंतग जैसा निरीह, बेचारा है तार तार है …देखते ही देखते इस बात को 2 दिन बीते फिर दस दिन और फिर बीस दिन  पर आशा मे विपरीत  पंतंग को कुछ भी नही हुआ और आज उसे तार पर  टंगे हुए महीना हो गया है पर पूरे विश्वास के साथ हवा में हवा मे झूल रही है.

तब मन में विचार आया कि अगर हम महिलाएं भी स्वयं को मजबूत रखें और हर situation में अपना आत्म विश्वास बनाए रखें तो हमें कोई चीज हमें तोड नही सकती पर….पर पर  इसके लिए हमें अपने ही नियम कानून बनाए होगें , अपने लिए लक्षमण रेखा खींचनी होगी वो चाहे घर हो या बाहर.

हमें खुद को जागरुक रखना पडेगा हैल्प लाईन नम्बर, पुलिस नम्बर ना सिर्फ हमेशा याद रखने  पडेगे बल्कि सभी नम्बर्स में सबसे पहले सबसे उपर रखना पडेगा, देर रात जब भी कैब आदि में आना जाना हो तो बैठते ही उसका नम्बर नोट करके घर मैसेज करना होगा .

घर से बाहर निकलते समय या ट्रैवल करते समय जूलरी भी कम पहननी होगी.

आज के समय को देखते हुए, दिन हो या रात  सडक पर पूरे आत्म विश्वास के साथ चलना होगा ना कि डरी सहमी और धबराई छुई मुई की तरह ,  बैग में  हमेशा चिली स्प्रे,  या चाकू जैसा कुछ भी नुकीला रखना होगा.

अंजान लोगो से भी बात करने से बचना होगा चाहे वो सोशल साईटस हों या असल जिंदगी में.   बेशक जूडे कराटे भी सीखना चाहिए ताकि कभी मुसीबत पडने पर खुद को बचाया जा सके पर उससे पहले अगर कुछ छोटी छोटी बातों पर ही ध्यान देंगें तो बडी दुर्धटना भी टाली जा सकती है…

इस पंतग ने मेरी सोच को नई दिशा दे डाली… वाकई अब रोने या घबराने से बात नही बनेगी क्योकि जितनी ऐसी नेगेटिव बाते पढेंगें हमारी सोच भी वैसी होती जाएगी और अब समय वैसा नही है खुद को मोटीवेट करते हुए साहस के साथ आगे बढना होगा अब तो आत्मविश्वासी बनना ही होगा.

वैसे अगर इसी कनटेस्ट में आपके पास भी कोई टिप्स हों तो जरुर बताईएगा … मुझे इंतजार रहेगा.. कल फिर मिलूगी एक नए कोंफिडेंस … ओह मेरा मतलब एक नए टोपिक के साथ

तब तक अपना ख्याल रखिए… बी बोल्ड… .बाय बाय

महिलाएं – रेप और सरकार की उदासीनता – Monica Gupta

बुलंदशहर हाइवे गैंगरेप: पिता ने बताई उस खौफनाक रात की कहानी राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 91 पर शुक्रवार रात मां-बेटी के साथ हुए बलात्कार कांड के पीड़ित परिवार गहरे सदमे में है। एक निजी चैनल को दिए गए इंटरव्यू में नाबालिग के पिता ने कहा है कि अगर 3 महीने के अंदर न्याय नहीं मिला, तो उनका पूरा परिवार खुदकुशी कर लेगा। उन्होंने अपने परिवार पर गुजरे दर्द को भी साझा किया। read more at indiatimes.com read more at monicagupta.info

 

 

 

July 23, 2016 By Monica Gupta Leave a Comment

महिला, समाज और सकारात्मक या नकारात्मक मानसिकता

हमारे व्यक्तित्व

महिला, समाज और सकारात्मक या नकारात्मक मानसिकता

    

महिला, समाज और सकारात्मक या नकारात्मक मानसिकता

ऐसा भी होता है ..

कल भरी दोपहर दरवाजे पर घंटी बजी. बाहर गई तो देखा दो महिलाएं हाथ में रजिस्टर और रसीद लिए खडी किसी संस्था के लिए और चंदा मांगने आई थीं. मैनें साफ इंकार कर दिया कि हम ऐसे नही देते . फिर वो बोली कि पानी पिला दो.

मेरे दिमाग में सावधान इंडिया और सीआईडी घूमने लगा कि मोना कुछ तो गडबड है…

पहले सोचा कि पानी के लिए भी मना कर दूं पर कैसे करुं और पानी लेने भीतर चली गई. इतने में एक और महिला आ गई और उसने भी पानी पीने की इच्छा जाहिर की..

मैनॆ मन ही मन सोचा.. आज तो हो गया काम … और मैं शक्की निगाहों से देखती रही. सडक दूर तक सूनसान थी.

तीनों ने पानी पीया मुझे स्माईल दी और आगे बढ गई… कुछ भी नही हुआ…!! जी… कुछ भी नही हुआ..

असल में, हमारे दिमाग में नकारात्मकता इतनी बढ गई है कि हर बार गलत ही गलत नजर आता है… !!

मैनें आगे जाकर कर देखा वो किसी घर की घंटी बजा कर चंदा मांग रही थी… सभी लोग बुरे भी नही होते शायद ..

July 11, 2016 By Monica Gupta Leave a Comment

महिलाओं की भूमिका और संडे स्पेशल

रिश्वतखोरी - आईए रिश्वत देंhttps://monicagupta.info/wp-content/uploads/2016/07/audio-sunday-special-by-monica-gupta.wav

क्लिक करिए और सुनिए 2 मिनट और 9 सैंकिंड की Audio – Sunday Special

ऑडियो

ऑडियो

महिलाओं की भूमिका और संडे स्पेशल

दोहरी तीहरी या चार गुणा भूमिका लिए कभी house wife कभी home maker  तो कभी गृहणी ना जाने कितने नामों से पुकारी जाती है महिला .. और छुट्टी यानि संडे तो बस पूछिए मत …

जहां लोग फेसबुक पर अपना स्टेटस अपलोड करते हैं कि कब आएगा sunday .. क्योकि सनडे यानि आराम ही आराम. या मनडॆ आते ही अपना चेहरा उदास बना लेते हैं… वही home makers जुटी रहती हैं अपनी भूमिका निभाने में ..

संडे की सुबह मैं अपनी एक ऐसी ही सहेली के घर गई तो बच्चों के शोर से पूरा घर गूंज रहा था. बोली आज ओवर टाईम करना है ?? मैने पूछा अरे !! कैसे कही join  किया क्या तो हंस कर बोली नही री … आज संडे है ना इनकी और बच्चों की छुट्टी है ये सब मस्त है पूरा दिन धमा चौकडी मचाने वाले हैं जबकि उसका आज पूरा दिन रसोई मे बीतने वाला है … बारी बारी करके सो कर उठेंगें …अलग अलग नाश्ते की फरमाईश होगी नाश्ता निबटते ही लंच का समय हो जाएगा फिर बाजार भी शापिंग पर ले जाना होगा..

जहां दिन भर कभी  बच्चों के दोस्त खेलने आते रहेंगे वही  इनके भी दो चार दोस्त  गपशप के लिए आ ही जाएगें … और मौसम अच्छा हुआ  तो शाम को  पकौडे शकौडे … फिर कोई रिश्तेदार … मैने कहा … अरे बस बस बस … ओह मैं तो सुनते सुनते ही थक गई.. संडे  यानि सारा दिन काम ही काम ..इस पर वो मुस्कुराते हुए बोली हां..   तो??? ..

एक दिन ही तो मिलता है सभी को मिलकर मस्ती करने का… नही तो बच्चे सुबह से शाम तक school, पढाई, टयूशन, होम वर्क …ना आराम न नींद … !! वही इनका आफिस मीटिंग… ना खाने का ख्याल और न अपनी सेहत का …

मैंं भी मुस्कुरा दी क्योकि ये बात तो एक मां ही सोच सकती है … वैसे मैं कुछ ऐसी महिलाओ को भी जानती हूं जो संडे को कुछ ज्यादा ही टेंशन ले लेती है और दुखी होकर प्रार्थना करती हैं कि जल्दी से मंडॆ आए और सब अपने अपने काम पर जाए …!

मेरे विचार से.. अगर हर काम मिलजुल कर खुशी खुशी किया जाए तो कोई भी छुट्टी हो या संडे का मजा दुगुना होते देर नही लगती  वैसे आप अपना संडे या छुट्टी का दिन कैसे मनाते हैं जरुर बताईएगा..

जाते जाते एक खूबसूरत बात  दुनिया में दो जगह रहने के लिए बहुत बेहतर हैं पहली या तो किसी के दिल में या फिर दुआओ में … कल फिर मिलूगी एक नए विषय के साथ तब तक अपना ख्याल रखिए … बाय 🙂

July 3, 2016 By Monica Gupta Leave a Comment

ऑडियो- कहानी – पसंद नापसंद (Audio)

https://monicagupta.info/wp-content/uploads/2016/04/my-story-pasand-monica-gupta.wav

क्लिक करिए और सुनिए महिला की सोच और उसके विचारों का ताना बाना बुनती खूबसूरत सी छोटी सी कहानी

ऑडियो- कहानी – पसंद नापसंद (Audio)

नेट, Mobile  और सोशल मीडिया का  बहुत धन्यवाद क्योकि आज  इसी की वजह से हम अपने ब्लॉग पर न सिर्फ लिख सकते हैं बल्कि अपनी आवाज के जरिए भी आप सभी तक पहुंच भी सकते हैं…

आपका कहानी पढना  नही बल्कि मेरा आपको कहानी सुनाने का छोटा सा प्रयास है ये ऑडियो

आप इस कहानी को सुनिए और बताईए कैसी लगी…

आज की कहानी है पसंद ना पसंद

 मोनिका गुप्ता - कहानी

मोनिका गुप्ता – कहानी

 

ऑडियो- कहानी – पसंद नापसंद (Audio)

….जरुर बताईएगा कि कैसी लगी कहानी ताकि मैं भविष्य में भी ऐसी कहानियां सुनाती रहूं…

 

 

 

May 5, 2016 By Monica Gupta Leave a Comment

महिला , रेप , न्याय प्रणाली और सन्नाटा

रेप पर बढती धटना और सन्नाटा

रेप पर बढती धटना  और सन्नाटा

महिला , रेप , न्याय प्रणाली और सन्नाटा

आजकल निल बटटा सन्नाटा फिल्म बहुत चर्चा में है वही आजकल रेप मामले में भी हमारी कानून व्यव्स्था की ओर से भी बहुत सन्नाटा है क्योकि कुछ हो ही नही रहा … आखिरी पेज की बस खबर बन कर रह गई है रेप धटनाए… !!! ऐसे में चिंता होना स्वाभाविक है…

 DW.COM | 03.05.2016

दक्षिण भारतीय राज्य केरल की पुलिस 30 वर्षीया महिला के साथ हिंसा, बलात्कार और हत्या के मामले में दोषियों की तलाश कर रही है. 2012 के निर्भया कांड की यादें ताजा करने वाली ये घटना 16 मई के चुनावों पर असर डाल सकती है.

केरल में 30 वर्षीया कानून की छात्रा के साथ हुई बर्बर हिंसा और बलात्कार मामले ने दिल्ली के 2012 निर्भया कांड की याद दिला दी है. 28 अप्रैल को घर में घुसकर इस महिला के साथ कुछ लोगों ने इस वारदात को अंजाम दिया. मृतका की मां ने घर लौटने पर अपनी बेटी का खून से सना शरीर देखा. read more at dw.com

सरकार को महिला सुरक्षा पर गम्भीरता से विचार करना होगा अन्यथा …

 

महिला बनाम पतंग  जरुर पढिए

July 29, 2015 By Monica Gupta

मेरी गुडिया

मेरी गुडिया

cartoon doll by monica gupta

मेरी गुडिया… मेरी गुडिया, प्यारी गुडिया, गुडिया रानी … पहले बच्ची को इसी नाम से सम्बोधित किया जाता था. किसी से नाम भी पूछ्ना होता था तो यही बोलते थे गुडिया तेरा नाम क्या है पर आज विडम्बना  देखिए  गुडिया कोई नही कहलवाना चाहता क्योकि आज गुडिया के मायने बदल गए हैं आज गुडिया पीडिता निर्भया, ज्योति के नाम से जानी जाती है … यही इसमे दिखाने की कोशिश की है कि मासूम बच्ची को अहसास करवाया जाता है और उसे बता दिया जाता है कि (उस रेप  हादसे के बाद से) जो भी उसे पुकारेगा वो वो गुडिया या निर्भया या पीडिता की पुकारेगा…

बेहद दुखद

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