Monica Gupta

Writer, Author, Cartoonist, Social Worker, Blogger and a renowned YouTuber

  • About Me
  • Blog
  • Contact
  • Home
  • Blog
  • Articles
    • Poems
    • Stories
  • Blogging
    • Blogging Tips
  • Cartoons
  • Audios
  • Videos
  • Kids n Teens
  • Contact
You are here: Home / Archives for रक्तदान

August 8, 2015 By Monica Gupta

लाल खून काला कारोबार

blood-donate
blood donate photo

Photo by jonklinger

लाल खून काला कारोबार

रक्तदान महादान है और हम सभी को रक्तदान करना चाहिए.. रक्तदान करना और रक्तदान के लिए प्रेरित करना अच्छा लगता है . ये एक सामाजिक कार्य है जिसमे युवा वर्ग की भागीदारी आवश्यक है…

क्योकि मैं खुद भी रक्तदान से जुडी हुई हूं इसलिए रक्तदान से जुडी हर खबर हमेशा मुझे आकर्षित करती है पर आज  जब इसी संदर्भ में खबर पढी और यकीन मानिए  खबर जरा भी अच्छी नही लगी … आप भी सोच रहे होंगें कि ऐसा क्या हुआ … खबर अच्छी ना लगने का सबसे बडा कारण था कि रक्तदाता  नाबालिग थे यानि 18 साल से कम उम्र के थे… जी सही पढा … नाबालिग …  और रक्तदान करते  थे या करवाया जाता था जिसके उन्हे पैसे मिलते … यानि रक्त बेचते थे … 500 रुपये उन्हें मिलते और 500 दलाल को … खबर ने सन्न कर करके रख दिया ना  आपको भी … मैं भी ऐसे ही सन्न हो गई जब टीवी पर खबर देखी और फिर नेट पर  पढी .

खबर लखनऊ की है … चौक का कोहली ब्लड बैंक, नाबालिग बच्चों को पैसे का लालच देकर उनसे खून लेने और रिकॉर्ड से छेड़छाड़ के आरोप में शुक्रवार को सील कर दिया गया.  बच्चों की गरीबी का फायदा दलालों ने उठाया.  43 नाबालिग बच्चों को प्रोफेशनल डोनर बना दिया गया. इतना ही नही इनमें महिलाए यानि लडकियां  भी शामिल है …  पकडे जाने पर  इन लड़कों ने पुलिस को बताया कि चार दलाल उनसे खून देने का काम कराते थे.  इतना ही नही  ये दलाल  गरीब परिवारों के 43 युवकों का हर माह कई बार खून निकलवाते थे.

सुनकर दिल धक से रह गया मानो खून ही जम गया हो … मैं बहुत लोगों को जानती हूं जो रक्तदान के क्षेत्र मे अभूतपूर्व काम कर रहे हैं और जनता को रक्तदान के प्रति प्रेरित भी कर रहे हैं .. ऐसी खबरों से अभियान को कितना बडा धक्का लगता है क्योकि  लोगों को प्रेरित करना वैसे भी बहुत मुश्किल होता है और तो और रक्तदान के प्रति लोगों में भ्रांतिया भी बहुत तरह की होती है ऐसे में ऐसी खबर का आना बेहद सन्न करने वाला है …

 

43 boys in the business of blood removed – Navbharat Times

लखनऊ पुराने शहर में 43 लड़कों को चंद रुपये का लालच देकर खून के कारोबार में उतार दिया गया। बड़ी बात यह है कि इनमें ज्यादातर नाबालिग हैं। कोहली ब्लड बैंक में खून देने वाले तीन नाबालिगों ने पुलिस पूछताछ में यह बात कबूली है। इन लड़कों ने पुलिस को बताया कि चार दलाल उनसे खून देने का काम कराते थे। ये दलाल गरीब परिवारों के 43 युवकों का हर माह कई बार खून निकलवाते थे। चौक इंस्पेक्टर आईपी सिंह ने बताया कि कोहली ब्लड बैंक में खून देने वाले किशोरों ने कबूला है कि उनको गजनी, राहुल, अमर और एक अन्य शख्स पैसों का लालच देकर ब्लड बैंक ले जाता था। इन चारों आरोपितों ने 43 लड़कों को प्रोफेशनल डोनर बना दिया। पुलिस को तीनों किशोरों ने सभी 43 लड़को के नाम भी बताए हैं। इनमें ज्यादातर किशोर हैं, जिनको खून के धंधे में शामिल किया गया है। पुलिस ने चारों आरोपितों के खिलाफ मामला दर्ज कर उनकी तलाश शुरू कर दी है। महिलाएं भी प्रफेशनल डोनर कोहली में खून बेचने वाले किशोरों ने कई महिलाओं के नाम भी बताए हैं, जो प्रफेशनल डोनर हैं। इनको 700 रुपये प्रति यूनिट पर दिया जाता था। ये महिलाएं वजीरगंज की बताई जा रही हैं। पुलिस इन महिलाओं से भी पूछताछ कर पूरे रैकेट तक पहुंचने की तैयारी में है। आप यहां दें सूचना Read more…

Taking blood from children, Kohli Blood Bank seal – Navbharat Times

लखनऊ चौक का कोहली ब्लड बैंक, नाबालिग बच्चों को पैसे का लालच देकर उनसे खून लेने और रिकॉर्ड से छेड़छाड़ के आरोप में शुक्रवार को सील कर दिया गया। कुछ स्थानीय युवकों से मिली जानकारी के आधार पर सीएमओ की टीम ने छापेमारी के बाद यह कार्रवाई की। ब्लड बैंक की कारस्तानी का खुलासा होते ही स्थानीय लोग भड़क गए और ब्लड बैंक में तोड़-फोड़ शुरू कर दी। तनाव बढ़ने पर पुलिस के अलावा पैरा मिलिट्री फोर्स को भी मौके पर बुलाना पड़ा। दलाल दिलवाते थे पैसा चौक में मोबाइल शॉप में काम करने वाले अनंत अग्रवाल और शिवा साहू ने बताया कि उनकी दुकान पर उनके मोहल्ले के कुछ नाबालिग बच्चे शुक्रवार को ब्लड देने के बदले रुपये लेने की बात कर रहे थे। उन्होंने बच्चों से पूछताछ की तो पता चला कि कोहली ब्लड बैंक में खून देने के एवज में 500 रुपये दिए जाते हैं। शिवा के अनुसार, बच्चों ने दर्जी पार्क में रहने वाले पांच लोगों के नाम बताए जो उन्हें ब्लड बैंक ले जाते हैं।

 नियमत: 18 साल से कम उम्र का शख्स रक्तदान नहीं कर सकता। तीन अरेस्ट पुलिस ने मौके से कोहली ब्लड बैंक के कार्यप्रभारी वीके भटनागर, लैब टेक्नीशियन विजय प्रकाश और कर्मचारी संतराम यादव को अरेस्ट किया है। इन पर धोखाधड़ी, फर्जी दस्तावेज रखने, कागजों से छेड़छाड़ करने और ड्रग एंड कास्मेटिक एक्ट की धाराओं में केस दर्ज किया गया है।  Read more…

ऐसे दलाल और ऐसे ब्लड बैंक समाज मे काल धब्बा है जिन्हे कडी से कडी सजा दी जानी चाहिए…

लाल खून काला कारोबार

May 29, 2015 By Monica Gupta

रक्तदान

रक्तदान महादान है

बात सन 1973 की है तब मैं हरियाणा के जींद मे रहती थी. हमारे घर के पीछे रेस्ट हाऊस  था वही हम सभी कालोनी के बच्चे खेलने जाया करते थे. उस पार्क में एक छोटा सा तालाब था जो हमेशा पानी से भरा रहता था. एक शाम खेलते हुए मुझे आवाज आई कि बचाओ वो पानी मे गिर गई  है . सभी भागे उसके पास और देखने लगे पता नही मुझे क्या  सूझी कि मैने वहां लेट कर हाथ लंबा किया और उसे खीचं लिया. बहुत पतली दुबली सी लडकी को मैने बाहर निकाल लिया और  फिर उसे उल्टा करके मुंह से पानी भी निकाला. ये समझ मुझे कैसे आई कैसे नही इसका तो याद नही पर जब हम उसे घर छोडने जा रहे थे सारे बच्चे मेरे नाम की जय जय कर रहे थे और कह रहे थे कि मोनिका ने चोची तिवारी को डूबने से बचा लिया .

आज इस बात को ना जाने कितने साल हो गए पर वो धटना मेरे मन मे  जस की तस तब तक रही जब तक में कुछ ऐसे लोगो के सम्पर्क मे नही आई जो रक्तदान के लिए प्रेरित करते हैं. असल में, बचपन मे मैने एक लडकी की जान बचाई थी लेकिन जब से रक्तदान से जुडी. भले ही रक्तदान न कर पाई हूं पर लोगो को प्रेरित किया और रक्तदाताओ का नेट वर्क तैयार किया कि जिसे भी रक्त की जरुरत हो वो सम्पर्क करे और इस तरह से  अनगिनत लोगो की जान बच रही है  तो अब वो बचपन वाली बात अक्सर भूल जाती हूं

बात रक्तदान की हो तो महिलाए का  जिक्र तो आता ही आता है. एनीमिया की कमी से , महिलाए रक्त दान नही कर पाती. महिलाए मासिक धर्म के दौरान या स्तन पान करवाने की वजह से भी रक्तदान नही कर पाती इसलिए सबसे ज्यादा जरुरी यह है कि महिलाए अपना खान पान सुधार ले. अपनी डाईट सही कर ले तो कम से कम उसे तो रक्त चढवाने की जरुरत न पडे  और इसे के साथ साथ जो महिलाए टोका टाकी करती हैं यानि जो महिलाए अपने बच्चों या पति को रक्तदान के लिए मना करती हैं वो जागरुक हो और रक्तदान की महत्ता समझे जिसे वो लोग बिना डर के रक्तदान कर सके और जीवन बचा सके.

एनीमिया- कुछ रोचक जानकारियां-

एनीमिया- कुछ रोचक जानकारियां-  डाॅ0 एक0के0 त्रिपाठी की  किताब है. डाॅ0 ए0के0 त्रिपाठी जानकारी देते हैं कि एनीमिया एक रोग का नाम नहीं, वरन् अनेक रोगों या विकारों का लक्षण है। ऐसे में उपचार के लिये इसके कारणों को जानना आवश्यक है। खासतौर पर ससामाजिक सरोकार के तहत विशेषज्ञ लेकखक ने इन्हीं कारणों की जानकारी लोगों तक पहुंचाने का प्रयास इस पुस्तक के माध्यम से किया है। सामान्य पाठक भी इसे रुचि के साथ पढ़ सकता है। जबकि बीमारी की बातें गम्भीर विषय वस्तु के अन्तर्गत मानी जाती है।
एनीमिया हमारे देश की बड़ी समस्या है। दो से तीन चैथाई लोग एनीमिया से पीड़ित हैं। इसमें हर वर्ग तथा उम्र के लोग शामिल हैं। लेकिन साधारण जानकारियों से इससे बचा जा सकता है। एनीमिया अर्थात् रक्त अल्पता किसी बीमारी का नाम नहीं वरन् लक्षण मात्र है। जिसमें हीमोग्लोबिन की मात्रा में कमी होने की वजह से शरीर में तरह-तरह की परेशानियां उत्पन्न होती हैं। स्वस्थ पुरुषों में सामान्यतः 13-16 ग्राम प्रतिशत तथा स्त्रियों में 12-14 ग्राम प्रतिशत हीमोग्लोबिन होता है। यदि हीमोग्लोबिन इससे कम हो जाए तो उसे एनीमिया कहते हैं, इससे कमजोरी आ जाती है। भूख कम हो जाती है, खाना अच्छा नहीं लगता, याददाश्त व एकाग्रता में कम आ जाती है। हीमोग्लाकबीन जितना कम होगा, शारीरिक परेशानी उतनी अधिक होगी जांच के द्वारा इसका पता लगाया जा सकता है। लाल रक्त कोशिकाओं में बढ़ोत्तरी आयरन, विटामिन बी12, फोलिक एसिड, पायरीडाक्सिन बी-6, प्रोटीन आदि से हो सकती है।
पुस्तक में बताया गया है कि एनीमिया का प्रमुख कारण आयरन अर्थात् लौह तत्व की कमी है। लेखक ने इसे रोचक कहानी के माध्यम से समझाया है। लौहतत्व शरीर के लिये बहुत आवश्यक है, यह हीमोग्लोबीन के अलावा कई प्रकार के एनजाइम्स के लिये भी जरूरी है। भोजन में आयरन की पर्याप्त मात्रा होनी चाहिए। जैसे गुड़ में चीनी की अपेक्षा आयरन बहुत अधिक होता है। खजूर, धनिया-बीज, मेथी-बीज आयरन के अच्छे स्रोत है।
आयरन द्वारा एनीमिया का समुचित उपचार किया जा सकता है। इसकी कमी आयरन की गोली से भी हो सकती है। इसकी पूरी खुराक लेनी चाहिए। पूरा कोर्स करना चाहिएं खाली पेट दवा नहीं लेनी चाहिए। आयरन की गोली खाने के एक घंटे बाद लेना चाहिए। विटामिन सी युक्त पदार्थ के साथ आयरन नहीं होना चाहिए। एक अलग अध्याय में बताया गया कि विटामिन बी-12 की कमी से एनीमिया वस्तुतः आधुनिक जीवन शैली की देन है। इसे भी कहानी के माध्यम से बताया गया। पान मसाला, तम्बाकू, शराब आदि नुकसानदेह होते हैं। इससे आमाशय एवं आंतों की अन्दरूनी सतह खराब हो जाती है, जिससे व्यक्ति बी-12 की कमी का शिकार हो जाता है। दवाओं के कुप्रभाव से भी एनीमियां होता है। दवाओं के कुप्रभाव से भी एनीमिया होता हैं अनेक दवाएं ऐसी होती है, जिनका प्रयोग करने से दुष्परिणाम रूप में एनीमिया होता है। दर्द निवारक दवा भी विशेष की सलाह के बाद लेनी चाहिए। एप्लास्टिक एनीमिया का प्रकोप भी बढ़ा है। वातावरण एवं भोज्य पदार्थों में बढ़ रहे रासायनिक प्रदूषण या दवाओं के कुप्रभाव से ऐसा हो रहा है। वृद्धावस्था या दवाओं के कुप्रभाव से ऐसा हो रहा है। वृद्धावस्था में एनीमिया से बचाव हेतु विशेष सावधानी बरतनी होती है। इसी प्रकार गर्भावस्था  के दौरान भी विशेष ध्यान देना चाहिए। पर्याप्त व पूर्ण पोषण आवश्यक होता है। संक्रमण, गंदगी, हुक वर्म से भी बचाव करना चाहिए। यह बीमारी अनुवांशिक भी हो सकती है

 

Article- Blood Donation – Monica Gupta

See more…

http://navbharattimes.indiatimes.com/articleshow/8846287.cms

Blood donation facts and advantages –

रक्त दान से जुड़े तथ्य एवं इसके लाभ स्वास्थ्य की देखभाल  रक्त दान से जुड़े तथ्य एक वयस्क पुरुष/स्त्री में 5-6 लीटर तक रक्त होता है| कोई भी व्यक्ति हर तीन माह में रक्त दान कर सकता है| रक्त में प्लाज्मा नामक प्रवाही होता है| 450 मि.ली. See more…

अंत में  मैं यही कहना चाहूगी …  रक्तदान करके देखिए अच्छा लगता है

जय रक्तदाता …

June 13, 2014 By Monica Gupta Leave a Comment

जय रक्तदाता – रक्तदान का महत्व

Blood Donors -blood donors list

जय रक्तदाता – रक्तदान का महत्व समझते हुए हमें न सिर्फ रक्तदान blood donate करना चाहिए बल्कि स्वैच्छिक रक्तदान जैसे रक्तदान महादान होता है  के लिए लोगो को प्रेरित भी करते रहना चाहिए..

जय रक्तदाता – रक्तदान का महत्व

बात 1974 की हैं तब मैं  नौ साल की थी. हम हरियाणा के जींद मे रहते थे. वहां शाम को अक्सर रेस्ट हाउस मे खेलने जाते. वहाँ  एक पानी से भरा pond था. खेलते खेलते अचानक एक लडकी उसमें  गिर गई बच्चे तो बहुत खेल रहे थे पर मैंने आगे बढ कर  उसे डूबने से  बचाया.

उस दिन सभी बच्चे मेरी जयजयकार करते हुए उस लडकी को घर ले गए. उस दिन के बाद से  और लगभग आज से 6 साल पहले तक मैं यह बात हर किसी को बताती कि मैनें एक बच्ची को डूबने से बचाया.( वैसे वो लडकी आज चंडीगढ मे सफल वकील है) 

…. पर तीन साल पहले जब मुझे  रक्तदान और रक्तदाता के बारे मे जानकारी हुई और  मैने इस क्षेत्र मे काम करना शुरु किया तो उस बचपन की धटना को मै बिल्कुल भूलती चली गई. तीन साल पहले एक मित्र का फोन आया कि 2 साल की बच्ची के दिल आप्रेशन होना है खून चाहिए तब अपने पति संजय जी की मदद से दो चार डाक्टरो को फोन किया और  अनायास ही उस बच्ची की मदद  हो गई यानि खून का इंतजाम करवा दिया और दस दिन बाद बच्ची  सकुशल घर लौट गई.

यकीन मानिए उस दिन जो खुशी म्रे दिल ने महसूस की उसका में शब्दों में वर्णन ही नही कर सकती.

इसके बाद और भी फोन आने लगे और  मैने अपना देश भर में नेट वर्क बनाना शुरु किया और तब से अब तक कितने  लोगो की मदद कर चुकी हूं अब गिनती भी नही है इसके लिए मेरा अकेली का  योगदान नही था. इसके लिए मेरे मित्र  बहुत सहायक सिद्द हुए हालांकि बहुत को तो मैं जानती भी नही हूं मात्र फोन पर ही बात हुई  पर यह जरुर पता था कि यह लोग रक्तदान के प्रति बेहद बेहद जागरुक है और वाकई में,  इस क्षेत्र मे कुछ करना चाहते हैं

जय रक्तदाता - रक्तदान का महत्व

जय रक्तदाता – रक्तदान का महत्व

14 जून वर्ड ब्लड डोनर्स डे के उपलक्ष मे मैं अपने कुछ रक्तदाता  दोस्तों को धन्यवाद देना चाह्ती हूं…  डाक्टर संगीता पाठक (दिल्ली) डाक्टर रवनीत कौर(चंडीगढ), श्री राकेश सांगर (पंचकुला) , दिल्ली की ब्लड कनेक्ट की पूरी कर्मठ, जोशीली और मेहनती  टीम,  श्री राजेंद्र महेश्वरी(भीलवाडा), श्री दीपक शुक्ला(जलगांव) , डाक्टर सोनू सिह (दिल्ली),रोटरी ब्लड बैंक  दिल्ली से आशा बजाज ,  मंजुल पालीवाल  रोहतक हरियाणा से, जगदीश कुमार (जम्मू) से संगीता वधवा(मुम्बई) से अजय चावला ( फरीदाबाद , हरियाणा से) जोकि नेगेटिव ब्लड arrange करवाते हैं. 

इसके इलावा भोपाल( म.प्रदेश) ,  सूरत (गुजरात) , जोधपुर या  हैदराबाद  से भी किसी को जरुरत हो तो भी ऐसे लोग जुडे हुए हैं कि कोई दिक्कत नही आने देंगें…

बात ये नही है कि ये कहाँ  कहां रहते हैं  आज ऑन लाईन के जमाने मे सब तुरंत हो जाता है. इन  का नेट वर्क इतना मजबूत है कि कोशिश करके ये कही न कही से रक्तदाता खोज ही लेते हैं आज की तारीख मे मेरे पास ऐसे 30 से ज्यादा नाम हैं जो इस क्षेत्र मे अभूतपूर्व कार्य कर रहे हैं और मेरा प्रयास यही रहता है कि आज की तारीख मे किसी भी जरुरत मंद का फोन आए तो मै कैसे भी करके मदद कर सकूं.

इन सभी ने मुझे विश्वास जताया है कि जब भी रक्त की जरुरत हो आप फोन करिए इंतजाम हो जाएगा. मुझे लगता है कि दुख और परेशानी की घडी मे अगर ये शब्द सुनने को मिल जाए तो तकलीफ आधी हो जाती है. 

बेशक, रक्तदान के क्षॆत्र मे अभी बहुत बदलाव आना बाकि है लोगो मे जागरुकता लानी बहुत जरुरी है पर जब ऐसे कर्मठ और मेहनती लोग होंगें तो जल्द ही वो दिन भी आएगा कि जब देश मे शत प्रतिशत स्वैच्छिक रक्तदान होगा. 

यकीन मानिए बहुत खुशी का अहसास होता है जब वो स्वस्थ होकर घर चला जाते  है. जरुरतमंंद को जब कहती हूं कि आप चिंता मत कीजिए इंतजाम हो जाएगा तो उसकी फोन पर भराई आवाज मे जो एक खुशी झलकती है वो बयान नही की जा सकती. यकीन मानिए उस दिन खुशी के मारे  भूख प्यास भी उड जाती है.

रक्तदान की जानकारी मिली मुझे डाक्टर  युद्दबीर सिह ख्यालिया जी से .  ISBTI ( इंडियन सोसाईटी आफ ब्लड ट्रासफ्यूजन एंड ईम्योनोहैमोटोलोजी) के माध्यम से रक्तदान की महत्ता से रुबरु करवाया और मैं इस काम को करने में प्रेरित हुई और आज बहुत अच्छा नेटवर्क तैयार हो रहा है… 

 

जय रक्तदाता – रक्तदान का महत्व के बारे में आपके विचारों का स्वागत है …

June 24, 2013 By Monica Gupta Leave a Comment

Blood donation slogan

 

monica gupta

 Blood donation slogan

रक्तदान मे ट्रैंनिग के सिलसिले मे कलकता से हमारे आए आदरणीय ट्रैनर्स  से बंगाली भाषा मे रक्तदान के बारे मे यह सीखा …

 रोक्तो दीते तीन बार लागे ,

देबार आगे भोय लागे,

 देबार शोमोय शूचपुटानूर बयथा लागे,

 देबार पौर भालो लागे ….

यानि रक्त देते समय तीन बार लगता है देने से पहले भय लगता है, देते समय सूई का दर्द होता है देने के बाद भालो यानि अच्छा लगता है

Blood donation slogan

June 24, 2013 By Monica Gupta Leave a Comment

Blood Donation Training

 Training of Trainers –Blood Donation

blood- donation isbti

banner isbti

Blood Donation Training

 

हरियाणा स्टेट एडस कंट्रौल सोसाईटी के सौजन्य से पंचकुला के अमरावती एंकलेव मे ISPER मे Traning of Trainers के अंतर्गत Red ribbon club/NSS / incharges of College,Universties के लिए रक्तदान कांफ्रेंस का आयोजन किया गया. 16 तथा 17 जून 2013 दो दिन ट्रैनिंग देने के लिए कलकत्ता से रक्तदान के क्षेत्र मे अभूतपूर्व कार्य कर रहे डाक़्टर देवाव्रत राय के साथ डाक्टर सुब्रतो राय, प्रोफेसर सुजीत दत्ता और डाक्टर सुचित्रा घोष को खास तौर पर आमंत्रित किया गया. दो दिन चलने वाली इस कांफ्रेस मे बहुत नई नई जानकारी मिली. डाक्टर देवव्रत राय ने अपने बहुत से अनुभव सांझे किए और रक्तदान के बारे मे ऐसे ऐसे ऐसे आकंडे प्रस्तुत किए कि आमंत्रित मेहमान भी हैरान रह गए. वही दूसरी ओर  डाक्टर सुब्रतों राय, प्रोफेसर सुज्जीत दत्ता तथा डाक्टर सुचित्रा धोष ने भी रक्तदान से सम्बंधित अलग अलग विषयों मे जानकारी दी. उनके द्वारा लाए गए ढेरों बैनर, पोस्टर व किताबे आकर्षण का केंद्र बनी.

डाक्टर सुब्रतों राय ने सन 1960 मे पढाई के दौरान पहला रक्तदान कैम्प लगाया था. जिसमे 300 लोगो ने रक्तदान किया था.सन 1980 मे उन्होने Association of Voluntary Blood Donors, West Bengal  की स्थापना की जोकि आज की तारीख में  अन्य उभरती रक्तदान संस्थाओं के लिए मील का पत्थर बनी हुई है. स्वयं डाक्टर देवव्रत राय इस क्षेत्र में सभी के प्रेरक साबित हो रहे हैं.

इस अवसर पर HSACS के प्रमुख डाक्टर युद्द्बीर सिह ख्यालिया ने भी रक्तदान के बारे मे उर्जा भरे भाषण से सभी मे नए जोश का संचार किया.

डाक्टर युद्दबीर सिह ख्यालिया,  डायरेक्टर, हरियाणा स्टेट एडस कंट्रौल सोसाईटी, ने भी स्वैच्छिक रक्तदान  से जुडी बहुत बातों की जानकारी इस अंदाज से दी कि आमंत्रित  मेहमान स्वैच्छिक रक्तदान की जरुरत पर सोचने पर मजबूर हो गए. यह कार्यक्रम ISBTI  के मुख्य कार्यालय, पंचकुला के प्रांगण में आयोजित किया गया.

Blood Donation Training

April 13, 2013 By Monica Gupta Leave a Comment

ISBTI Blood Donation Camp

ISBTI

ISBTI

ISBTI Blood Donation Camp

आज चंडीगढ के सैक्टर 31 ए मे CII (Confederation of Indian Industry)और ISBTI (Indian Society Of Blood Transfusion & Immunohaematology) के सौजन्य से एक रक्तदान कैम्प का आयोजन किया गया.

श्री राजवेंद्र सिह ने बताया कि हैल्थ और महिला सशक्तिकरण को लेकर लगातार सेमिनार आदि का आयोजन होता रहता है. रक्तदान के प्रति भी लोगो मे जागरुकता बढती जा रही है.

स्नेह ने पहली बार  रक्तदान किया. उनकी सबसे अच्छी बात यह लगी कि वो कम वजन होने के कारण रक्तदान नही कर पा रही थी पर आज उनकी मेहनत रंग लाई और वो  बहुत खुश होकर रक्तदान कर रही थी.

वही सतपाल सिह जी से मुलाकात हुई. उनका बचपन मे एक हाथ कट गया था. पर रक्तदान के प्रति उनका लगातार रुझान रहा और जब भी जरुरत पडी उन्होने रक्तदान जरुर किया.सुरेंद्र पाल कभी भी नियमित नही है पर अब वो नियमित रुप से स्वैच्छिक रक्तदान किया करेंगॆ. इस अवसर पर Sh. Jayant Darar चैयरमैन CII Northen Region भी मौजूद थे.

 ISBTI Blood donation camp

  

 

  • « Previous Page
  • 1
  • 2
  • 3
  • 4
  • 5
  • Next Page »

Stay Connected

  • Facebook
  • Instagram
  • Pinterest
  • Twitter
  • YouTube

Categories

छोटे बच्चों की सारी जिद मान लेना सही नही

Blogging Tips in Hindi

Blogging Tips in Hindi Blogging यानि आज के समय में अपनी feeling अपने experience, अपने thoughts को शेयर करने के साथ साथ Source of Income का सबसे सशक्त माध्यम है  जिसे आज लोग अपना करियर बनाने में गर्व का अनुभव करने लगे हैं कि मैं हूं ब्लागर. बहुत लोग ऐसे हैं जो लम्बें समय से […]

GST बोले तो

GST बोले तो

GST बोले तो –  चाहे मीडिया हो या समाचार पत्र जीएसटी की खबरे ही खबरें सुनाई देती हैं पर हर कोई कंफ्यूज है कि आखिर होगा क्या  ?  क्या ये सही कदम है या  देशवासी दुखी ही रहें …  GST बोले तो Goods and Service Tax.  The full form of GST is Goods and Services Tax. […]

डर के आगे ही जीत है - डर दूर करने के तरीका ये भी

सोशल नेटवर्किंग साइट्स और ब्लॉग लेखन

सोशल नेटवर्किंग साइट्स और ब्लॉग लेखन – Social Networking Sites aur Blog Writing –  Blog kya hai .कहां लिखें और अपना लिखा publish कैसे करे ? आप जानना चाहते हैं कि लिखने का शौक है लिखतें हैं पर पता नही उसे कहां पब्लिश करें … तो जहां तक पब्लिश करने की बात है तो सोशल मीडिया जिंदाबाद […]

  • Home
  • Blog
  • Articles
  • Cartoons
  • Audios
  • Videos
  • Poems
  • Stories
  • Kids n Teens
  • Contact
  • Privacy Policy
  • Terms of Use
  • Disclaimer
  • Anti Spam Policy
  • Copyright Act Notice

© Copyright 2024-25 · Monica gupta · All Rights Reserved