डेंगू
डेंगू
जिस तरह से अस्पतालों का हाल बेहाल है और डेगू से मौते हो रही है कारण जगह का न होना है इस लिए अस्पताल में भर्ती होने से पहले अपना पलंग खुद लेकर जाए तो भर्ती हो जाएगी और ईलाज सम्भव हो जाएगा !!!
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रोगी होने के बाद इलाज कराना मजबूरी हो जाता है, लेकिन रोगी न हो इसके लिए सावधानी जरूरी है। बीमारी को पैर पसारने न दिए जाएं साथ ही सुरक्षा के जितने हो सकें उपाय करें। संक्रामक बीमारियों के रोगाणु संपर्क में आने पर हमला करते हैं। रोग प्रतिरोधक प्रणाली को इतना मजबूत कर लें कि रोगाणुओं का हमला भी बेकार चला जाए। स्वाइन फ्लू, डेंगू और मलेरिया ऐसी ही बीमारियां हैं, जो संक्रमण से फैलती हैं। स्वाइन फ्लू किसी भी संक्रमित मरीज की खांसी के साथ निकली बूंदों के संपर्क में आने से फैलता है।
डेंगू मादा एडीस इजीप्ट मच्छर के काटने से फैलता है। इसी तरह मलेरिया भी मच्छर के काटने से फैलता है। इस मौसम में मलेरिया होने की आशंका अधिक रहती है। ND डेंगू के लक्षण अचानक तेज बुखार, शरीर के रेशेस, बदन दर्द, सिर दर्द, मांसपेशियों व जोड़ों में जबरदस्त दर्द प्रारंभिक लक्षण हैं। एक अन्य प्रकार के डेंगू, जिसको हेमरेजीक डेंगू कहा गया है, में रक्तस्राव के लक्षण व बेहोशी के लक्षण प्रतीत होते हैं। श्वास में रुकावट भी उत्पन्न होती है।
ऐसे मरीज को तुरंत किसी अच्छे अस्पताल में, जहां आईसीयू सुविधा हो, ले जाना चाहिए, क्योंकि उसमें प्लेटीलेट कोशिकाओं (रक्त में एक प्रकार की कोशिकाएं, जो खून के शरीर में बहाव को रोकती है) की कमी हो जाती है। इन वायरसजनित बीमारियों का जलवायु परिवर्तन से गहन रिश्ता है अतः मौसम अनुसार खुद-ब-खुद भी बीमारी का फैलना रुक जाता है। यह बीमारी ब्राजील जैसे देश में सर्वाधिक होती है, जहां तापमान पर्यावरण में अधिक रहता है।
भारत में प्राकृतिक रूप से कई प्रकार के वायरस फैल नहीं पाते हैं। बचाव के तरीके रोगग्रसित मरीज का तुरंत उपचार शुरू करें व तेज बुखार की स्थिति में पेरासिटामाल की गोली दें। एस्प्रिन या डायक्लोफेनिक जैसी अन्य दर्द निवारक दवाई न लें। खुली हवा में मरीज को रहने दें व पर्याप्त मात्रा में भोजन-पानी दें जिससे मरीज को कमजोरी न लगे। फ्लू एक तरह से हवा में फैलता है अतः मरीज से 10 फुट की दूरी बनाए रखें तो फैलने का खतरा कम रहता है। जहां बीमारी अधिक मात्रा में हो, वहां फेस मॉस्क पहनना चाहिए। घर के आसपास मच्छरनाशक दवाइयां छिड़काएं। ND एडिस मच्छर दिन में काटते हैं, अतः शरीर को पूर्ण रूप से ढंकें। पानी के फव्वारों को हफ्ते में एक दिन सुखा दें। घर के आसपास छत पर पानी एकत्रित न होने दें। घर का कचरा सुनिश्चित जगह पर डालें, जो कि ढंका हो। कचरा आंगन के बाहर न फेंककर नष्ट करें। पानी की टंकियों को कवर करके रखें व नियमित सफाई करें। इस तरह थोड़ी-सी सावधानी से स्वस्थ रहा जा सकता है। webdunia.com
टीआरपी
टीआरपी
टीआरपी
गौर से देखिए ये तस्वीर … ये तस्वीर है बहस मे भाग लेने वाले आमंत्रित मेहमानों की जो अति उत्साह में पहली जुबानी जंग और फिर हाथापाई पर उतर आए .. क्या वाकई में ये टीआरपी का चक्कर है या भावनाओ के बह कर इन्होने ये कदम उठाया.
वैसे इससे पहले भी कई बार चैनलों पर बहस के दौरान मेहमान बहुत गुस्से मे आ जाते है लगता था कि अब लडे या अब भिडे पर ऐसा हुआ नही और आज … आपस में भिड ही गए.
कुल मिला कर यह अच्छा सकेंत नही है … बेवजह के फिजूल के मुद्दे पर लडना निरर्थक है !!
कर्म ही पूजा
कर्म ही पूजा
अक्सर हम यही कहते सुनते हैं कि कर्म ही पूजा है पर कुछ दिनों पहले कुछ अलग ही अनुभव हुआ … हुआ ये कि सुबह किसी काम से बाजार जाना हुआ. दुकान में दो ग्राहक पहले से खडे थे. मेरे समान की लिस्ट भी बहुत लम्बी थी. दुकानदार पूजा कर रहा था. उन्होनें इशारा किया कि बस दो मिनट लगेगें.
हमने सहमति की गर्दन हिला दी. फिर दस मिनट बीते फिर और दुबारा दस मिनट बीते. मेरे से पहले जो इंतजार कर रहे थे वो किसी दूसरी दुकान पर चले गए. 5 मिनट इंतजार करने के बाद मैनें भी दूसरी दुकान मे जाने मे भलाई समझी. जाते जाते जब मैने दुकान दार को देखा तो वो पुन: दो मिनट का इशारा कर रहे थे. बाहर बोर्ड लगा था ” काम ही पूजा है” !!! क्या काम की पूजा है या पूजा ही काम है !!!
अब आप ही बताईए कमे ही पूजा है या पूजा कर्म … 
हिंदी दिवस
हिंदी दिवस की बधाई तो बनती है … बेशक , अगर तुलना करें तो हम भारतीय अंग्रेजी बोलने में अपनी शान समझते हैं और पलडा भी अंग्रेजी का ही भारी है बस आज हिंदी दिवस रुपी गुब्बारे मे हवा भरी जा रही है ताकि आज तो ये उंचाईयों पर रहे और कल से तो फिर वही !!!
वैसे आप चाहे कुछ भी समझे आज अगर हम नेट पर हिंदी लिख पा रहे हैं तो वो सिर्फ और सिर्फ गूगल की वजह से गूगल ने हमें हिंदी में अपनी बात कहने लिखने का मौका दिया इसलिए सबसे बडा धन्यवाद गूगल को है…
मुझे हिंदी पर गर्व है और हमेशा रहेगा … !!!
सकारात्मकता
सकारात्मकता
सकारात्मकता
क्या ??? आप किसी ऐसे व्यक्ति को खोज रहे हैं जिसकी सोच सकारात्मक हो और आत्मविश्वास से भरी हो … जिससे आप जिंदादिली सीख सकें तो यकीन मानिए आप बहुत सही जगह आए हैं … क्योकि मैं जानती हूं ऐसे व्यक्ति को और आप कहे तो पता भी बता सकती हूं … !!! बला का आत्मविश्वास और बला का उत्साह है उनमें !!!सोच तो ऐसी की बस पूछिए ही मत !! आप भी मान जाएगें कि मैं सही कह रही हूं !!
और वो हैं … हमारे … आपके … नेता … नेता … नेता … !!! ये नेता लोग कितने आत्मविश्वास से भरपूर होते हैं … चुनाव के समय से नतीजा आने तक … भरपूर सकारात्मकता … अगर खुदा ना खास्ता चुनाव हार गए तो भी आत्मविश्वासी … अगले पाचं साल तक विपक्ष में शानदार भूमिका निभाते हैं और तो और भले ही पता हो कि चुनाव हार जाएगें फिर भी गजब का मनोबल बनाए रखते हैं … चेहरे पर ओजपूर्ण स्माईल बिखरी होती है और कभी भी ना उम्मीदी की बात नही करते … !!!
बताना मेरा फर्ज था … आगे आप खुद समझदार हैं !! 🙂
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