Monica Gupta

Writer, Author, Cartoonist, Social Worker, Blogger and a renowned YouTuber

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September 7, 2015 By Monica Gupta

रसोईघर की सफाई

रसोईघर की सफाई

घर का सबसे महत्वपूर्ण कमरा है रसोईघर यानि किचेन .. जहां सुबह से लेकर देर रात तक चहल पहल रहती है खाने बनाने के साथ साथ कभी चाय, कभी खाना तो कभी मीठा कुछ न कुछ बनता ही रहता है.कुल मिलाकर व्यंजनों की महक से महकता रहता है रसोईघर..!! लेकिन रात को रसोई सोई सोई सी हो जाती है. एक दम शांत.मानो पूरा आराम लेकर  अगले दिन के लिए खुद को तैयार कर रही हो..

बात उस रात की है जब पानी पीने के लिए रसोई में जाना पडा. रात का दो बज रहा था. हर जगह सन्नाटा ही सन्नाटा था. सडक पर बहुत दूर से एक आध कुत्ते के भौकने की आवाज आ रही थी. कुल मिला कर माहौल पुरा डरावना था.फिर भी मैं लाईट जला कर रसोई की ओर बढ गई.

कुछ ही पल बाद मै रसोई के बाहर थी और भीतर जाने से पहले मैणे रसोई की लाईट भी जलाई. अचानक कुछ ऐसा देखा की मेरी सांस उपर की उपर और नीचे की नीचे अटक गई. इतने भयावह सीन की तो मैनें सपने मे भी कल्पना नही की थी. मैं तो जहां खडी थी वही ठिठक कर खडी रह गई.

आगे  कुछ बताने से पहले मैं आपको बता दूंकि  आमतौर पर महिलाए रात को गैस चूल्हा और स्लैब साफ करके सोती हैं ताकि सुबह सुबह रसोई साफ न करनी पडी और बच्चों के लिए नाश्ता व अन्य चीजें समय पर बन जाए.

मैं भी ऐसा ही करती हूं और कई बार साफ सुथरी रसोई मे दाल इत्यादि भी भिगो कर रखी या बादाम भिगो कर रखे तो उन्हे ढकने की जरुरत नही समझती कि सारी रसोई साफ है कोई क़ीट, मकौडा तक नही है तो क्या जरुरत और कई बार तो साफ स्लैब पर सुबह बिना कपडा लगाए स्कूल के टिफिन के लिए चपाती भी बना लेती.

पर आज कुछ ऐसा देखा कि …. !!! असल में जब लाईट जलाई तो देखा कि स्लैब पर तीन चार कोकरोच आराम से घूम रहे थे और छिपकली भी अपने परिवार के साथ टहल रही थी. अचानक लाईट पडते थे उनका चौंकना भी स्वाभाविक था. सब इधर उधर दौडने लगे. कभी स्लैब पर रखे तवे पर तो कभी भिगाई हुई दाल पर और धो कर रखे बर्तनों पर ऐसे भाग रहे थे ऐसे भाग रहे थे कि बस पूछिए ही मत…एक तो भाग दौड के चक्कर में मेरे पैरों पर ही आ गिरी. एक तरफ वो मुझे देख  कर भाग रही थी तो दूसरी तरफ मैं उससे  डर कर भाग रही थी

हे भगवान !! वो रसोई जिसे मैं रात को चमका कर जाती थी छिपकली और काकरोचों का अड्डा बना हुआ था.

खैर, तीन चार मिनट के अंदर अंदर सब नार्मल हो गया पर मुझे बडी सीख दे गया सबसे पहली तो जो भी रसोई मे रखो सब ढक कर रखना चाहिए. प्लेट कटोरी आदि सोने से पहले भीतर या स्टेट्ड पर लगा देने चाहिए. और रात को रसोई कितनी भी साफ करके क्यो न सोए सुबह एक बार स्लैब पर कपडा जरुर लगाना चाहिए.

उस रात मैं फिर  सोई नही और गूगल सर्च करने की छिपकली या काकरोचों आदि को कैसे भगाना चाहिए.

 

lizard photo

Photo by incidencematrix

Natural Alternatives To Pest Control |

मच्‍छर पर रोक- मच्‍छरों को भगाने के लिये आप नीम, तुलसी और गंजनी की पत्‍तियों को अपने घर के आस-पास लगाएं। इस बात का ध्‍यान रहे कि इनको प्रभावित करने वाली चीजें घर पर ना रखें। गहरे रंग के कपड़े, परफ्यूम और हेयर स्‍प्रे से यह काफी आकर्षित होते हैं।

कपूर का प्रभाव- कपूर में सल्‍फर पाया जाता है जो कि कीट को दूर रखने के लिये बहुत ही कार्यगर है। इसके अंदर एंटी बैक्‍टीरियल और एंटी फंगल तत्‍व पाए जाते हैं। अपने घर पर कपूर की दो-तीन गोलियां जलाएं जिससे आपको छोटे-मोटे कीटों से छुटकारा मिल सके।

चींटी उपचार- क्‍या आपके किचन में चिटियों का प्रकोप है, जो आपके चाय के कपों और अलमारी में रखी चॉकलेट को खा जाती हैं। अगर ऐसा है तो अपने किचन को हमेशा साफ-सुथरा बनाएं रखनें में ही भलाई है। इसके साथ ही हफ्ते में एक बार कैरोसीन से पोछा लगाने पर भी वह गायब हो जाती हैं। Read more…

Ajab Gjab

जानिए छिपकली से जुड़े शकुन और अपशकुनों के बारे में। 1 – नए घर में प्रवेश करते समय यदि गृहस्वामी को छिपकली मरी हुई व मिट्टी लगी हुई दिखाई दे तो उसमें निवास करने वाले लोग रोगी हो सकते हैं, ऐसा शकुन शास्त्र में लिखा है। इस अपशकुन से बचने के लिए पूरे विधि-विधान से पूजन करने के बाद ही नए घर में प्रवेश करना चाहिए। 2 – अगर छिपकली समागम करती मिले तो किसी पुराने मित्र से मिलना हो सकता है। लड़ती दिखे तो किसी दूसरे से झगड़ा संभव है और अलग होती दिखे तो किसी प्रियजन से बिछुडऩे का दु:ख सहन करना पड़ सकता है। 3 – शकुन शास्त्र के अनुसार दिन में भोजन करते समय यदि छिपकली का बोलना सुनाई दे शीघ्र ही कोई शुभ समाचार मिल सकता है या फिर कोई शुभ फल प्राप्त हो सकता है। हालांकि ये घटना बहुत कम होती है क्योंकि छिपकली अधिकांश रात के समय बोलती है। 4 – छिपकली अगर माथे पर गिरती है तो संपत्ति मिलने की संभावना बढ़ जाती है। 5 – यदि छिपकली आपके बालों पर गिरती है, इसका मतलब मृत्यु सामने खड़ी है। Read more…

वैसे पढा ये भी है कि मोर पंख रखने से छिपकली नही आती अब उसी की तालाश मे हूं … शायद काम बन जाए … फिलहाल तो बस बहुत सर्तक हो गई हूं …

रसोईघर की सफाई के बारे में आपके पास भी कोई टिप्स हो तो जरुर बताईएगा …

September 5, 2015 By Monica Gupta

इंद्राणी

इंद्राणी और रक्तदान

इंद्राणी की जितनी तारीफ करुं कम है बहुत ही भली हैं वो. उन जैसी बहुत कम देखने को मिलती हैं वैसे, मेरी उनसे, बहुत साल पहले, बस एक बार ही, फोन पर ही बात हुई थी. नकारात्मक होते हुए भी बहुत सकारात्मक सोच है उनकी. हां भई इंद्राणी की ही बात कर रही हूं अरे !! आप इतना हैरान परेशान किसलिए दिखाई दे रहे हैं… माथे पर बल भी हैं… ओ एक मिनट एक मिनट… कही आप इंद्राणी मुखर्जी का तो नही सोच रहे. हे भगवान !! क्या दुनिया में एक ही इंद्राणी रह गई क्या.

असल में, आज सुबह मेरी सहेली मणि का फोन आया कि किसी नेगेटिव व्यक्ति को जानती हूं मैने कहा अरे भई, सुबह सुबह अच्छा बोलो अच्छा सकारात्मक सोचो ये नेगेटिव किसलिए. तब वो बोली अरे नेगेटिव ब्लड ग्रुप के ब्लड की जरुरत है … ओह … तो ऐसा बोलो ना !! मैनें तुरंत फोन धुमाया एक दो से बात की और फिर इंद्राणी जैन से बात की. उसका नेगेटिव ब्लड ग्रुप है .. वो तुरंत ब्लड दे आई और मरीज की जान बच गई. देखा.. है ना इंद्राणी अच्छी .. !! और आप है कि … बाहर निकलिए जनाब शीना इंद्राणी चक्रव्यूह से… 

murder case by monica gupta

 

September 5, 2015 By Monica Gupta

अच्छे दिन बचाओ अभियान

अच्छे दिन बचाओ अभियान

cartoon happy day by monica gupta

अच्छे दिन बचाओ अभियान

हे कृष्णा.. !! टोकरी बहुत भारी है और किनारा दिखाई नही पड रहा … कैसे उठाए और कब तक चलू ….. अच्छे दिन आने वाले है ???

September 4, 2015 By Monica Gupta

शिक्षक दिवस और मोदी जी के मन की बात

 

 

modi ji by monica gupta

शिक्षक दिवस और मोदी जी के मन की बात

Prime Ministers Modi ji & mann–ki–baat on Teachers Day 

शिक्षक दिवस और मोदी जी के मन की बात …
5 सितंबर को शिक्षक दिवस है और इस उपलक्ष्य पर एक दिन पहले दिल्ली के मानेकशॉ सेंटर में पीएम मोदी ने बच्चों के बीच अपनी बात रखी.बच्चों के साथ मोदी जी की बात चीत बहुत अच्छी लगी. जिन बच्चों ने आज मोदी जी से प्रश्न पूछे निसंदेह उनका आत्मविश्वास तो आज चरम पर होगा और जो बच्चे कुछ कर दिखाना चाह्ते हैं वो भी इस प्रयास मे जुट जाएगें कि अगली बार वो भी मोदी जी से रुबरु हो.

अब मेरे  मन की बात

मैं टीवी देख रही थी और सोचे जा रही थी कि निसंदेह प्रयास बहुत अच्छा है पर इसी के साथ साथ अगर राज्यों के गावों में शिक्षा का स्तर, अध्यापकों का स्तर, स्कूलों मे बैंच, कुर्सी, और सबसे ज्यादा जरुरी पढने के लिए किताबें भी आ जाए,मिड डे मील सुधर जाए, स्वच्छ पानी और स्वच्छ शौचालयों की भी व्यवस्था हो जाए तो सोने पर सुहागा हो जाएगा.

कुछ ये भी कहा मोदी जी ने

शायद ही दुनिया में कोई ऐसा व्यक्ति हो, जो अपने जीवन में मां और शिक्षक के योगदान को नकार सकता हो। मां जन्म देती है, गुरु जीवन देता हैकल यानि 5 सितंबर को कृष्ण और राधाकृष्ण, दोनों का जन्मदिन है…

शिक्षक कभी उम्र से बंधा नहीं रहता है, कभी रिटायर नहीं होता

विद्यार्थी अपने जीवन का एक बड़ा समय शिक्षक के साथ बताता है। डॉ. राधाकृष्‍णन ने अपने भीतर के शिक्षक को अमर बनाए रखा।
एपीजे अब्दुल कलाम हमारे लिए प्रेरणास्रोत हैं, उनसे जब पूछा गया कि आपको लोग कैसे याद रखें, तो उन्‍होंने कहा था कि लोग मुझे टीचर के तौर पर याद रखें।
विद्यार्थी और शिक्षक के जीवन में अपनत्‍व का भाव हमें जीवन जीने की कला भी सिखाती है।
जब मैं छोटा था तब हमारे गांव में टीचर सबसे अहम होता था।
लेखक मित्रों से अनुरोध है, अपने-अपने शिक्षकों के बारे में लिखें
शिक्षक कुम्हार की तरह हमारे जीवन की मिट्टी को संवारकर सही रूप देता है
शिक्षक की सिखाई बातें उम्र भर याद रहती हैं, हर सफल व्यक्ति के पीछे उसके शिक्षक का हाथ ज़रूर होता है।

शिक्षक दिवस की हार्दिक बधाई !!!

September 3, 2015 By Monica Gupta

लडाई झगडे

whatsapp photo

Photo by downloadsource.fr

लडाई झगडे

दो दिन पहले भावना मिली. भावना हमेशा के लिए दिल्ली रहने चली जाएगी. असल मॆ, उसका अपने पति से लडाई झगडा चल रहा है. कारण इतना  है कि  वो नौकरी करना चाह्ती है जबकि पति चाह्ते हैं कि बेटा अभी छोटा है इसलिए अभी बच्चे पर पूरा ध्यान दे और घर सम्भाले.  

घर पर रह कर जो भी काम करना चाहे कर सकती हैं नेट और वाई फाई की भी सारी सुविधाए घर पर थी. चाहे तो घर पर ही छोटा सा आफिस भी बना सकती है. कभी कोई रोक टोक नही थी. ये बात तो भावना भी मानती है पर ना जाने किसलिए अपने सातंवी क्लास में पढने वाले बेटे को छोड कर हमेशा के लिए जाना चाह रही है. इसी सिलसिले में मेरे पास भी आई थी. मैने भी उसे बहुत समझाया. जाने के बाद बच्चे पर क्या बीतेगी कौन करेगा उसकी देखभाल. इस बात का भी हवाला दिया. पर शायद वो मन बना चुकी थी. आज, अभी थोडी देर पहले वो घर पर आई और रोने लगी.

मेरे पूछ्ने पर उसने बताया कि आज उसने एक गाजियाबाद मे रहने वाले बच्चे की खबर पढी. बच्चे की मम्मी दुबई नौकरी करने चली गई थी. पति बीमार रहता और बच्चे अपनी नानी के घर रहते. वो बच्चा कक्षा नौं में पढता था. माता पिता के बिखराव से लडाई झगडे से बहुत दुखी था और अपने जन्मदिन से एक दिन पहले 13 साल के शानू ने  वट्स अप पर अपना प्रोफाईल फोटो डाला और खुद को श्रधांजलि दी और फांसी लगा ली. बच्चा अपने माता पिता के अलगांव से बेहद दुखी था. उसे उस फांसी में अपना बच्चा नजर आया. वो ऐसा कभी नही होने देगी इसलिए उसने मन बना लिया है कि घर पर ही रह कर कोई काम शुरु करेगी पर बेटे की परवरिश पर पूरा ध्यान देगीं. इतने में भावना के पति भी आ गए.

मै चाय बनाने के बहाने वहां से बाहर चली गई. दोनों की बातचीत हुई और शायद दोनों ने एक दूसरे से माफी भी मांगी. हमने बिल्कुल चुपचाप चाय पी और जाते जाते एक बार फिर वो भावुक हो गई. मैने उसके गाल पर प्यार से चपत लगाई और बोली बस … वरना अब मैं भी रो दूंगी… दोनो अपने घर चले गए एक आशा के एक उम्मीद के साथ .. मुझे खुशी इस बात की हुई कि बेशक दर्दनाक खबर ही सही पर उसे पढ कर भावना का मन पसीज गया और एक और बच्चा मरने से बच गया.

वैसे आपसी लडाई झगडे में कई बार अहम इतना आगे आ जाता है कि हमारी आखों में पट्टी सी बंध जाती है और हमें कुछ नजर नही आता. जबकि ये फैसले बहुत सोच समझ कर लेने होते हैं.. इसलिए अगर आपके मन में या आपके किसी जानकार के मन में भी कुछ ऐसा चल रहा है तो उन्हें एक बार समझना और समझाना आपका फर्ज बनता है कोई भी कदम उठाने से पहले एक बार अपने मासूम बच्चे की ओर एक बार जरुर देख लेना कि आपके इस लडाई झगडे में मासूम क्या कसूर …थोडी सी समझदारी से काम लेने से बिखरता घर बच सकता है.

और फिर मैं भी उस खबर को गूगल सर्च करने लगी जिसमें बच्चे ने खुदकुशी की थी…!!

 

Student gives tribute himself on WhatsApp before committing suicide – Navbharat Times

पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, सोमवार देर रात जीटीबी हॉस्पिटल से पुलिस को सूचना मिली थी कि एक लड़के को मृत हालत में हॉस्पिटल लाया गया था, उसने फांसी लगाकर जान दी है। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंच गई और शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भिजवाया। पूछताछ में खुलासा हुआ कि मृतक लड़के का नाम शानू है। वह अपने बड़े भाई शिखर के साथ वैशाली, गाजियाबाद में रहने वाले अपने नाना-नानी के पास रहता था। वह वहीं के एक पब्लिक स्कूल में नौंवी क्लास मेंपढ़ता था, जबकि उसका भाई दसवीं क्लास में पढ़ता है। स्कूल में खेलते समय उसके पैर में फ्रैक्चर आ गया था। इस कारण वह 19 अगस्त को अपने बड़े भाई के साथ कबीर नगर गली नंबर-4 में रहने वाली अपनी मौसी के घर आया हुआ था।

पुलिस को यह भी पता चला कि शानू के पैरंट्स अलग-अलग रहते हैं। वह इस बात को लेकर भी परेशान रहता था। उसने इसका जिक्र वॉट्सऐप पर भी किया था। बताया जाता है कि उसकी मां पैसे कमाने के लिए दुबई चली गई। पिता अक्सर बीमार रहने लगे। लिहाजा वे दोनों भाई अपने नाना-नानी के पास रहने लगे। परिवार वालों ने पुलिस को बताया कि शानू पढ़ाई में बहुत तेज था। Student gives tribute himself on WhatsApp before committing suicide – Navbharat Times

लडाई झगडे पर अगर आप भी अपना कोई अनुभव सांझा करना चाहे तो बताईएगा हो सकता है आपकी आप  बीती सुनकर किसी की जिंदगी बदल जाए…

September 3, 2015 By Monica Gupta

कट्टी बट्टी नेताओ की

 

 

 

नेताओ की कट्टी बट्टी

                                 नेताओ की कट्टी बट्टी

कट्टी बट्टी नेताओ की

चुनाव आते नही कि दल बदल, रुठना मनाना और कट्टी बट्टी का दौर शुरु हो जाता है .. ऐसा ही  कुछ देखने को मिल रहा है बिहार चुनाव में … शायद यही राजनीति है और यही होती रहेगी …

 

कट्टी बट्टी नेताओ की

Samajwadi Party can be free from Janta Pariwar in Bihar poll – Navbharat Times

बिहार विधानसभा के चुनाव में सिर्फ पांच सीटें दिए जाने से नाराज समाजवादी पार्टी बड़ा फैसला ले सकती है। समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव ने गुरुवार को पार्टी मुख्यालय में बैठक बुलाई है, जिसमें बिहार चुनाव को लेकर चर्चा होनी है। कहा जा रहा है कि संसदीय बोर्ड जनता परिवार पर सीटों को बढ़ाने का दबाव डालेगा। अगर सीटें बढ़ाने पर बात नहीं बनी तो पार्टी खुद को बिहार चुनाव से अलग कर सकती है।

मिलीं ठुकराई हुई सीटें

बिहार विधानसभा चुनाव के लिए 243 सीटों पर चुनाव हो रहे हैं। इनमें जनता दल परिवार के अंग आरजेडी और जेडीयू ने खुद 100-100 सीटें ले ली थीं। 40 सीटें कांग्रेस को दी गई थीं। इनके अलावा बची हुई तीन सीटों के लिए जनता परिवार ने एनसीपी को चुनाव लड़ने के लिए आमंत्रित किया था, पर एनसीपी ने इन तीनों सीटों पर चुनाव लड़ने से मना कर दिया। यही ठुकराई हुई सीटों में लालू ने अपने हिस्से की दो सीटेें जोड़कर समाजवादी पार्टी को दे दीं। समाजवादी पार्टी इतनी कम सीटें मिलने से नाराज है।

मुलायम ने जताई थी नाराजगी

बिहार समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष राम चंद्र यादव और प्रभारी किरनमय नंदा के अलावा समाजवादी पार्टी प्रमुख मुलायम सिंह यादव भी अपनी नाराजगी जता चुके हैं। पिछले सप्ताह हुई महारैली में मुलायम को जाना था, पर उन्होंने जाने से इनकार कर दिया। महारैली में सपा ने प्रतिनिधि के तौर पर मंत्री शिवपाल यादव को भेजकर खानापूर्ति कर खुद को अलग कर लिया। इसके बाद से लगातार किरनमय नंदा, पार्टी के महासचिव प्रो.रामगोपाल यादव के नाराजगी भरे बयान आ रहे हैं। इसके बाद ही संसदीय बोर्ड की बैठक बुला ली गई। Read more…

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