Monica Gupta

Writer, Author, Cartoonist, Social Worker, Blogger and a renowned YouTuber

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June 5, 2015 By Monica Gupta

Thankless People

Thankless People

आज सुबह मणि का मूड खराब था. उसके एक जानकार को कानूनी सलाह की जरुरत थी.तो  उसने अपने एक मित्र से मुलाकात करवा दी और लिहाज से उसका काम भी  बहुत जल्दी हो गया. पर थैक्स के लिए एक बार भी फोन नही आया.  काम न होने से पहले दिन में दस दस बार उसका फोन आता था पर अब इतना भी नही हुआ कि एक बार फोन करके यह ही कह दे कि काम हो गया है … हुह .. मणि को बहुत गुस्सा आ रह अथा उसने मुझे कहा कि आगे से वो कभी भी किसी की भी मदद नही करेगी.

Thankless People. वैसे ऐसा तो मेरे साथ भी बहुत बार हुआ है. अगर एक उदाहरण दूं तो वो है रक्तदान के लिए … बहुत बार जब किसी को रक्त की जरुरत हुई रात बे रात तुरंत फोन करके बहुत लोगों को तुरंत रक्त उपलब्ध करवाया पर बहुतों ने थैक्स नही किया. बाद में खुद ही पता करती थी कि सब ठीक है न रक्त उपलब्ध हो गया था ना. कोई दिक्कत तो नही आई ना … तब लोग थैक्स बोल देते… तब मेरे मन में भी यही विचार आता कि कितने अकृतज्ञ लोग हैं पर फिर दुबारा जब भी किसी को रक्त की जरुरत होती और फोन आता तो मैं अपनी नाराजगी भूल कर मदद के लिए तैयार हो जाती.

देखा जाए तो समाज में हर तरह के लोग हैं . कुछ बहुत ज्यादा अच्छे होते हैं और कुछ बस मतलब निकल जाने पर तू कौन .. मैं खामखाह …!! !!! .वैसे, हममें जितना सामर्थ्य है उतनी मदद तो निस्वार्थ भाव से करनी ही करनी चाहिए. वैसे पेड भी तो अपनी छांव निस्वार्थ भाव से ही देते हैं ना… Thankless People

वैसे आप सभी ने मेरा लेख पढा इसके लिए मेरी तरफ से बडा सा थैक्स तो बनता ही है 🙂 थैक्स 🙂

thanks  photo

Photo by woodleywonderworks

June 5, 2015 By Monica Gupta

INVESTIGATIVE JOURNALISM

INVESTIGATIVE  JOURNALISM

पुराने समय  में पत्रकारों का अख़बार के नफ़ा-नुक़सान के बारे में सोचना भी अनैतिक था लेकिन जब से नौकरियाँ ठेके पर दी जाने लगीं तो न्यूज़रूम पर बाज़ार का क़ब्ज़ा हो गया. किसी समय  में दिग्गज बुद्धिजीवी, साहित्यकार और अर्थशास्त्री अख़बारों के संपादक होते थे. अब अख़बार के मालिक वफ़ादारों को संपादक बनाकर उन्हें मुनाफ़े की ज़िम्मेदारी देने लगे.

अख़बार के पन्नों में ख़बर से अधिक विज्ञापन को प्राथमिकता मिलने लगी.मुनाफे के चलते और  विज्ञापन की चकाचौंध   के चलते कॉरपोरेट सेक्टर की धांधलेबाज़ी की ख़बरें कम होती गईं…. कम होती गई … और खत्म ही हो गई …

cartoon Rip by monica gupta

 WE MISS YOU INVESTIGATIVE JOURNALISM…. 🙁  WHERE R U ???? COME BACK SOON…

 INVESTIGATIVE JOURNALISM

संपादक की पगार से अधिक मार्केटिंग और सेल्स के मैनेजरों की पगार होने लगी.  हद तो और भी ज्यादा तब बढ गई जब मुनाफे के लिए बडे बडे उद्योगपतियों ने न्यूज  चैनल ही खरीद लिए और अब हर चैनल पर कोई न कोई किसी न किसी पार्टी का मुखिया( अप्रत्यक्ष रुप से ही सही ) पर  विराजामन है ऐसे में खबरें कैसी होगी…  इसका अंदाजा सहज लगाया जा सकता है.

कुल मिला कर अगर ये कहा जाए कि अखबार मुनाफे का धंधा बन गया तो गलत न होगा … खोजने पर भी INVESTIGATIVE JOURNALISM यानि खोजी पत्रकारिता नही मिल रही…

June 4, 2015 By Monica Gupta

Justice fail

   Justice fail   जिस दिन का भी अखबार उठा कर देख लें या न्यूज चैनल  लगा ले … महिला रेप की खबरे  हो  या महिला उत्पीडन की खबरें … भरी पडी है… हो क्या रहा है देश में क्या महिलाओं की कोई सुरक्षा नही … क्या न्याय की देवी की तरह हमें भी आखों पर पट्टी बांध कर चुपचाप इसे स्वीकार कर लेना चाहिए… Justice fail  हो चुका है पूरी तरह से अदालत की कार्यवाही हो या फास्ट ट्रैक कोर्ट सब दिखावा है … Justice fail ही समझा जाएग इसे !!!

cartoon Rape by monica guptaJustice fail

India nurse Aruna Shanbaug dies after rape left her in vegetative state for 42 years – CBS News

MUMBAI, India — A Mumbai nurse who was in a vegetative state for 42 years after being sexually assaulted while working in a hospital has died, authorities said Monday.

Aruna Shanbaug, 67, suffered severe brain damage when she was sodomized and strangled with a metal chain by a hospital worker in 1973. The man, a ward attendant, left her to die in the hospital’s basement, where she was found 11 hours later. She was 25 years old at the time.

After a brutal gang rape in India made news across the world, the country is dealing with a cultural crisis in a clash between traditional values…

Sexual violence is pervasive in India, and several high-profile cases of brutal gang rapes have brought the issue to the forefront of public debate.

A nun in her 70s was gang-raped by a group of men in the eastern state of West Bengal in March, leading to an outcry from the minority Christian community.

The rapes have sparked mass protests in the name of justice and accountability for sexual attackers, and better safety conditions for women in India. Read more…

कभी उबर में तो कभी  तो कभी निर्भया ….कभी ट्रेन मे छेड छाड  तो कभी भरे बाजार में तेजाब फेकना … कुल मिला कर  ग्राफ बढता ही जा रहा है जोकि वाकई चिंता जनक और दुखद है. इसे Justice fail नही कहेंगें तो क्या कहेंगें …

June 3, 2015 By Monica Gupta

मैगी बनाम भ्रामक विज्ञापन

 

cartoon advt by monica guptaमैगी बनाम भ्रामक विज्ञापन

बहुत शोर आ रहा है कि अमिताभ बच्चन , माधुरी दीक्षित और प्रीति जिंटा जिन्होने मैगी के विज्ञापन मे काम किया है उनके  खिलाफ एफ आई आर दर्ज होनी चाहिए. सही बात ये होनी चाहिए कि जो भी भ्रामक विज्ञापन करता या दिखाता है जरुर कार्यवाही होनी चाहिए पर उनसे पहले उन पर होनी चाहिए जो यह विज्ञापन चलाते हैं और बार बार चलाते हैं … बहुत दुख का विषय है कि एक तरफ चैनल पर मैगी मे पाए जाने वाले जहरीले तत्वों को लेकर बहस चल रही है वही चैनल वाले विज्ञापन अभी भी बंद नही कर रहे. अभी भी ये विज्ञापन चल रहे हैं ऐसे एफ आई आर उन सभी पर बनती है जो जनता को  विज्ञापनों के माध्यम से भ्रमित करते हैं.  इसमे चाहे  राजनीति पार्टी ही क्यों न हो . इसके लिए उनकी भी जवाब देही होनी चाहिए मात्र अमिताभ बच्चन, माधुरी और प्रीति जिंटा को ही बलि का बकरा क्यों बनाया जाए … पहले औरों का निबटान होना चाहिए  हयं !!!

 

दो मिनट में तैयार होने वाली मैगी को अब हर मिनट नई परेशानी से जूझना पड़ रहा है। देश भर में मैगी नूडल्स के नमूने जांच के लिए भेजे जा रहे हैं। केरल में सरकारी दुकानों से मैगी हटाने के आदेश दिए गए हैं, वहीं हरियाणा, गुजरात, पश्चिम बंगाल में मैगी के नमूनों को जांच के लिए भेजा गया है।

दिल्ली में भी मैगी के 13 नमूनों की जांच की गई, जिसमें से 10 फेल रहे.

मैगी नूडल्स का विज्ञापन करने की वजह से एफआईआर में अपना नाम आने के बाद मेगास्टार अमिताभ बच्चन ने आज कहा कि वह किसी उत्पाद का विज्ञापन करते समय या किसी कंपनी का प्रचार करने में अतिरिक्त सतर्कता बरतते हैं.

अभिनेत्री माधुरी दीक्षित से पहले मैगी नूडल्स के विज्ञानों में अमिताभ दिखा करते थे. बच्चन ने कहा कि उन्होंने खुद के बचाव के लिए अपने अनुबंध में विशेध प्रावधान जोडवा रखा है. इस विवाद के बारे में पूछे जाने पर 72 वर्षीय बच्चन ने कहा, मैंने नेस्ले से यह पूछा था कि क्या यह सही है और क्या वे इसके बारे में निश्चित हैं. मैंने अनुबंध में एक प्रावधान भी शामिल किया है जिसमें मैंने कहा कि मुझे उम्मीद है, यदि कुछ होता है, तो आप लोग मेरा बचाव करेंगे. मेरा अनुबंध पूरा हो चुका है और अब मैं मैगी के लिए विज्ञापन नहीं कर रहा हूं.

बिग बी ने कहा कि सेलिब्रिटी के रुप में उनका नाम विवादों में घसीटा जाता है जिसकी वजह से वह सावधानी बरतते हैं. उन्होंने सीएनएन-आईबीएन से कहा, जब भी कुछ खाने का सामान होता है, तो मैं उसे देखने का प्रयास करता हूं क्योंकि उनको लेकर हमेशा काफी विवाद रहता है. यदि आप सेलिब्रिटी है, तो आपको विवादों में घसीटा जाता है.

फिलहाल इस ब्रांड का चेहरा माधुरी दीक्षित हैं. मैगी के विज्ञापन में पोषक तत्वों के बारे में दावे को लेकर माधुरी को ही हरिद्वार के खाद्य एवं दवा प्रशासन से नोटिस मिला है. 48 वर्षीय अभिनेत्री ने ट्विट किया है, मैंने बरसों तक मैगी नूडल्स का आनंद लिया है. हालिया रिपोर्टों के बाद मैं काफी चिंतित हूं और नेस्ले की टीम से मिली हूं.

मैगी विवाद पर अमिताभ बच्चन की सफाई

मैगी विवाद पर अमिताभ बच्चन की सफाई, कहा-विज्ञापनों को लेकर अतिरिक्त सतर्कता बरतता हूं See more…

वही जाने माने हीरो ऋषि कपूर ने भी टवीट किया है यदि माधुरी दीक्षित दोषी हैं तो उसी तर्क से टीवी चैनल, रेडियों और होर्डिंग लगाने वाले सभी दोषी हैं.

June 1, 2015 By Monica Gupta

Sportsmanship is important

Sportsmanship is important in reality shows …. रियलटी शो-इंडियन आइडल जूनियर शुरु हो गया है इस तरह के शो वाकई में बहुत अच्छे लगते है. जैसे लोग क्रिकेट मैच देखने के लिए चिप्स और ठंडा पेय अपने पास रख लेते हैं ऐसे ही अक्सर मैं भी करती हूं. पर शो के दौरान एक बच्चे की मासूमियत को देख कर उस पर तरस आया और उसके माता पिता पर  बेहद गुस्सा. हुआ ये कि एक 7 साल का  बच्चा अपना ओडिशन देने पिछले साल भी आया था पर डर या धबराहट में कुछ गा नही सका .पिछले साल का  वो सीन भी दिखलाया था.  क्या गाऊं क्या गाऊं कह कर बच्चा नर्वस हो गया था और बिना कुछ कर गाए वो चला गया  . इस साल वो फिर आया पूरा तैयार होकर और आते ही उसने गाना  सुनाना शुरु कर दिया. अच्छा था पर थोडा लय मे नही था.  तीनों जज उसे इशारा करके रुकने को कहा  पर वो रुका नही उल्टा उन्ही को इशारे मे मना करके गाता रहा.

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एक जज स्टेज पर आ गए और उसे समझाया लेकिन अब उसे एक ही जिद थी कि पास कर दो … उसने पास कर दो कि रट  लगा ली. बाहर खडे बच्चे के चाची बता रही थी  कि पिछ्ली बार जब ये गा नही पाया था तो इसे इसके पापा से बहुत डांट पडी थी और शायद उसी का डर होगा कि स्टेज पर आते ही उसने गाना शुरु कर दिया और रुका नही और दूसरी बात उसका बार बार कहना कि पास कर दो .. जब तक पास नही करोगें मैं जाऊगां  ही नही… मैं यही बैठा हूं.. मन में एक दर्द सा भर गया. इतना प्रैशर बच्चे पर …!!! फिर स्टेज पर उसके चाचा चाची , बुआ और मां को बुलाया गया और उन्हें भी समझाया गया वो भी अडे रहे कि बच्चे ने अच्छा गया वो जागरण मे भी गाता है. उसी के साथ साथ उन्होनें यह भी स्वीकारा  कि बच्चे पर  गाने का दवाब तो डाला ही है.  जज से हो रही बात चीत मे बच्चा घबरा गया और उसे लगा कि उसका सिलेक्श्न नही हो पाएगा और उसने रोना शुरु कर दिया. बच्चे को रोता देख मन उदास हो गया बस यही बात मन में आ रही थी कि बच्चों  को गायकी के साथ Sportsman spirit आनी भी सिखानी चाहिए और उससे भी ज्यादा जरुरी है कि माता पिता को यह भावना पहले सीखनी होगी

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एक बात होती है शौक और टेलेंट और एक होती है थोपना … अगर अपनी खुशी से गाया जाए तो वो गाने में साफ झलकती है .. पर मासूम पर दवाब डाला जाए कि इस बार सेलेक्ट होना ही है नही तो … बच्चे में डर सा बैठ जाता है और गानें मे उसका डर साफ झलकता है.

कोई शक नही हर माता पिता चाह्ते हैं कि उनके बच्चे  टीवी पर आए पर तनाव नही देना चाहिए बहुत ज्यादा उम्मीद नही बना लेनी चाहिए वो कहते हैं ना कि खेल भावना यानि  Sportsman spirit भी सिखानी चाहिए  और खुद भी आनी चाहिए कि चलो इस बार नही तो कोई नही अगली बार सही. पर बच्चे पर दबाव डालना  और जब बच्चे का सिलेक्श्न न हो तो जजों पर ही गलती निकलना ये भी सही नही है.

बच्चे मासूम और कोमल मन के होते हैं. बेशक, माता पिता को बहुत मेहनत करनी पडती है बच्चों के साथ …

क्या बच्चों का खेल है रिएलटी शो ?

भारत में टैलेंट से जुड़े रिएलटी शो की दिवानगी किसी से छुपी नहीं है. लगभग हर टीवी चैनल पर एक ऐसा शो दिखाई पड़ ही जाता है जिसे देखकर माता-पिता को लगे कि उनका बच्चा भी इसमें जा सकता है.
टेलैंट शो में आई हज़ारों की भीड़ में जहां बच्चे का चयनित होना खुशी की बात होती हैं, वहीं ना चुने जाने पर बच्चे के मनोबल पर क्या असर पड़ता है ? तनुजा कहती हैं “रिजेक्शन सहने की शक्ति कई बार बच्चों में नज़र नहीं आती. कई बार तो वो मानने को ही तैयार नहीं होते की उनमें वो टैलेंट नहीं है जिसे ढूंढा जा रहा है.” See more…

 इंडियन आयडल, जूनियर  में  विशाल डडलानी एवं सलीम मर्चेंट और गायिका शालमली खोलगाडे, शो के जज हैं
संगीत निर्देशक विशाल डडलानी ने बताया, ‘‘एक गायक के रूप में, यह देखना वाकई में अद्भुत लगता है कि पैरेंट्स अपने सपनों को पूरा करने के लिए अपने बच्चों को इस छोटी सी उम्र में किस तरह प्रोत्साहित करते हैं और उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने के लिए प्रेरित करते हैं। माता-पिता आजकल अपने बच्चों पर डाॅक्टर, इंजीनियर अथवा वकील बनने का दबाव नहीं डालते, बल्कि उनके रचनात्मक पहलू को निखारते हैं और उनके सर्वश्रेष्ठ पहलू को सामने लाते हैं। मुझे पूरा भरोसा है कि जिन बच्चों का चयन किया गया है, वे सिंगिंग रियलटी शोज में नये मानदंड स्थापित करेंगे और संगीत उद्योग को वास्तव में कुछ बेहतरीन प्रतिभायें देंगे।‘‘
मशहूर गायिका शालमली खोलगाडे ने कहा, ‘‘इस सीजन में कुछ युवा उभरते गायक नजर आयेंगे। इनमें से कुछ निश्चित ही भारतीय संगीत उद्योग में नई लहर लेकर आयेंगे।‘‘
सलीम मर्चेंट ने बताया, ‘‘इंडियन आइडल ने भारत में सबसे बड़े सिंगिंग टैलेंट शो के रूप में अपनी अलग जगह बनाई है। इस साल की प्रतिभायें वाकई में बेहतरीन है। मैं अपने देश की प्रतिभा को देखकर बहुत दंग हूं।‘‘

बेशक इंडियन आइडल रियलटी  शो जैसे अन्य शो  प्रतिभावान  बच्चों के लिए एक शानदार  मंच साबित होते  है पर जरुरत इस बात की है कि  बच्चे को संगीत की शिक्षा के साथ साथ खेल भावना यानि Sportsman spirit भी सिखानी चाहिए और यही भावना पेरेंटस में  खुद भी  होनी चाहिए  ताकि बच्चा अगर पीछे रह जाए तो उस को डांट न लगाई जाए दवाब न बनाया जाए …

 

How to Be a Good Sport: 6 Steps

Sportsmanship is essential when playing a sport of any kind. No one wants to play with a sore loser. Want know how to be a good sport? Read on! Read more…

कुला मिला कर यही बात कहना चाह्ती हूं कि बेशक ऐसे शो बहुत बडा मंच देते हैं और बच्चा रातो रात फेमस हो जाता है पर अगर किसी वजह से बच्चा आगे नही आ पाता तो माता पिता को भी बच्चे के दिल को समझते हुए Sportsmanship  रखनी चाहिए यह खुस समझना और  समझना चाहिए कि मंजिल यही खत्म  नही हो गई है …

May 31, 2015 By Monica Gupta

महंगाई

money

महंगाई

महंगाई, महंगाई  !!!! आम आदमी के लिए जीना मानो दूभर होता जा रहा है … कोई बचत करे तो तब करे जब कुछ बचे … यहां तो सैलरी आते ही…  इसका बिल उसका बिल, दूध, बिजली, पानी, पैट्रोल , फीस, आदि भरते भरते जेब खाली हो जाती है… बेचारे पिगी बैंक का हाल आप देख ही रहे हैं

मध्यम वर्ग की लगभग आधी आबादी ने फलों पर किए जाने वाले खर्च का कम कर दिया है या फलों का उपभोग छोड दिया है। जी हां, ऎसा इसलिए हो रहा है कि क्योंकि बेमौसम बरसात के कारण पैदावार घटने से पर्याप्त आपूर्ति नहीं होने और बिचौलियों की बढती भूमिका के कारण बाजार में इस वर्ष आम, केला, अंगूर और सेब जैसे फलों की कीमतों में पिछले वर्ष के इसी सीजन की तुलना में 45 फीसदी तक की बढोतरी हुई है जिसके कारण मौसमी फल आम जनता की पहुंच से दूर हो गए हैं.

news vegetable and fruit rates high in market must read

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List of products to get costlier from June 1

नई दिल्ली। हर महीने की एक तारीख का लोगों को बेसब्री से इंतजार रहता है। 1 तारीख का आमतौर पर मतलब होता है तनख्वाह आना। लेकिन, 1 जून यानी सोमवार को आपकी जेब भारी नहीं हल्की होगी। ऎसा इसलिए क्योंकि आपको मंहगाई का झटका लगने वाला है। सर्विस टैक्स की बढी दरें एक जून से लागू हो जाएंगी। सोमवार से 14 प्रतिशत सर्विस टैक्स देना होगा। इसमें एजुकेशन सेस भी शामिल होगा। अभी सर्विस टैक्स 12 प्रतिशत है। एजुकेशन सेस मिलाकर यह 12.36 प्रतिशत होता है। लेकिन एक जून से होटल में रूकना-खाना, गाडियां, मूवी टिकट की ऑनलाइन बुकिंग, मैरिज वेन्यू, केबल सर्विस, रेल और हवाई यात्रा समेत कई सेवाएं महंगी हो जाएंगी। निगेटिव लिस्ट में शामिल एग्रीकल्चर, मेडिकल, समेत 16 सेवाओं की कीमत में बदलाव नहीं होगा। इससे सरकार की कमाई में 25 फीसदी तक बढोतरी होगी। इस साल 2.09 लाख करोड रूपये मिलेंगे। पहले 1.68 लाख करोड कमाई का अनुमान था। ये सब भी होंगे महंगे-होटल में रूकना-खाना। -वाहन खरीदना। -मूवी टिकट की ऑनलाइन बुकिंग। – मैरिज वेन्यू। -केबल सर्विस। -कुरियर, एप बेस्ड कैब सर्विस। -ब्यूटी पार्लर-सैलून में मसाज। -प्लास्टिक बैग, बोतलबंद पानी। -म्यूजिक कंसर्ट, थीम पार्क। -इंश्योरेंस प्रीमियम भी होगा महंगा। -रेल और हवाई यात्रा समेत कई सेवाएं होगी महंगी। जानें, कितना पडेगा असर-1000 का टिकट 5 रूपए महंगा होगा। -1000 के खाने पर 49 रू. ज्यादा लगेंगे। -1000 रू. के मोबाइल बिल पर 16 रू. ज्यादा। List of products to get costlier from June 1 Read more…

कुल मिला कर इस महंगाई का कोई न कोई समाधान जरुर निकलना चाहिए अन्यथा …

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