Monica Gupta

Writer, Author, Cartoonist, Social Worker, Blogger and a renowned YouTuber

  • About Me
  • Blog
  • Contact
  • Home
  • Blog
  • Articles
    • Poems
    • Stories
  • Blogging
    • Blogging Tips
  • Cartoons
  • Audios
  • Videos
  • Kids n Teens
  • Contact
You are here: Home / Archives for लेखिका

May 11, 2015 By Monica Gupta

Bitter Truth

 

Bitter Truth

Bitter Truth यानि कडवी सच्चाई कुछ समय पहले महिलाओं का पर्व करवा चौथ मनाया गया और लोगों ने बढ चढ कर मैसेज या फेसबुक पर महिलाओ पर एक से एक बढ कर मजाक या व्यंग्य चित्र पोस्ट किया. मजाक मजाक में कई बाते इतनी कडवी भी कही गई कि … !! पर उन बातों को बहुत हल्के मे लिया गया और बात आई गई हो गई. यकीन मानिए बात आई गई नही हुई.

यही छोटी छोटी बाते या आदते एक दिन बहुत गलत बातें बन जाती है. उस बात को आज सिर्फ इसलिए कहना पड रहा है कि जब सीबीआई के डायरेक़्टर ने महिलाओ के सम्बंध में कुछ ऐसी बात कही कि बवाल पैदा हो गया कि ऐसी बात कहने की हिम्मत कैसे हुई. हिम्मत उन्ही लोगों मे आती है जिन्हें नियमित रुप से महिलाओं पर मजाक बनाने का बहुत शौक होता है. और जब आदत बन जाती है तो मुंह से ऐसी हलकी बात निकल ही जाती है कि एक भारी और बडी बहस को जन्म दे देती है. हालाकि उन्होनें तो बाद में माफी भी मांग ली थी. पर माफी मांगना ही इसका अंत नही है. इस बात को गम्भीरता से विचार करना होगा. आय दिन ऐसे बहुत उदाहरण हमारे सामने आते हैं कुछ को मीडिया दिखा देता है और कुछ दब जाते हैं और कुछ दबा दिए जाते हैं.

Bitter Truth
किसी भी हल्के फुल्के मजाक के पक्ष में तो मैं स्वय़ं भी हूं पर जहां सीमा लांधी जाए वहां इस बात का विरोध करना भी बनता है और क्षमा कीजिएगा जो लोगो ऐसी सीमा लांधती बातों को इंजाय करते है उन्हे बुरा भी नही मानना चाहिए और ऐसे अपशब्दों के लिए भी तैयार रहना चाहिए. बाकि आप स्वयं समझदार है.
क्षमा कीजिएगा अगर आपको Bitter Truth बुरा लगा तो यकीनन मुझे अच्छा लगा और अगर आप खुद को सुधारेगें तो मुझे बेहद खुशी होगी !!

Bitter Truth photo

Photo by Leda Carter

 

May 11, 2015 By Monica Gupta

My Mother My God

My Mother My God

जिंदगी के सफर मे,हमारी अखिरी सासं तक, बहुत तरह के रिश्ते बनते है.कुछ कम समय के लिए तो कुछ लम्बे समय तक निभाए जाते हैं पर किसी भी सूरत मे “माँ के साथ हमारा रिश्ता 9 महीने ज्यादा का होता है”. … है ना

Photo by vinodbahal

Photo by vinodbahal

अपने अहसास को कुछ इस तरह से बया करती है मां/

आसुँओ को खुशी के मोतियो मे पिरो लेती है मां/

यू तो बेवजह, बात बात पर भावुक होने का हुनर कोई उससे सीखे/
पर , खुदा कसम/
रोने वाले लम्हों में मुस्कुरा कर रह जाती है मां
खुद को खुदा नही समझती पर मेरी नजर मे खुदा से कम नही मेरी मां…. 

My Mother My God

 

May 11, 2015 By Monica Gupta

Swachh Bharat Mission-Gramin

Swachh Bharat Mission-Gramin

हर सरकारी अधिकारी ऐसा क्यू नही …

 आज के समय मे जहाँ चारो तरफ मनमानी हो रही है. भ्रष्टाचार का बोल-बाला है, सरकारी तंत्र किसी की सुन नही रहा, वहीं कुछ ऐसा देखने को मिला जिसने सभी को हैरानी में डाल दिया.

बात 2010 की है … हुआ यूं कि हरियाणा के सिरसा जिले में खबर आयी कि भारत सरकार के केंद्रीय ग्रामीण विकास सचिव श्री बीके सिन्हा अपने अन्य अधिकारियों के साथ सिरसा निरीक्षण के लिए पहुँच रहे हैं. उनके साथ पी राघवेंद्र राव, जोकि प्रदेश के ग्रामीण विकास विभाग के वितायुक्त एवं प्रधान हैं, भी पहुचे. फिर जैसा अकसर होता है. सारा प्रशासन आवभगत मे जुट गया, क्योकि इतने ऊँचे रैंक के अफसर की छोटे से शहर में पहला दौरा.

हैरानी तो तब हुई जब आते ही अपने काम पर रवाना हो गए. आला अधिकारी ने कहा कि वे रात वहीं सरकारी स्कूल के परिसर मे ही बिताएगें. एक बार तो लगा कि यह तो हो नही सकता पर यह हुआ और उन्होंने गांव के लोगो से मिल कर गांव में हो रहे मनरेगा यानि महात्मा गाधीँ राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना में गावों के विकास के कामों का जायजा लिया. बिना बिजली, कूलर और ऐसी के भरी गर्मी में दिन रात घूमना किसी हैरानी से कम नही था. गांव के लोग भी उन्हें बडा अधिकारी ना समझ कर उनसे खुल कर अपनी परेशानिया बता रहे थे. उन्हे इस बात से कोई सरोकार नही था कि वो कितने बड़े अफसर हैं, बलिक इस बात से मतलब था कि वे इतने मन से उन्हीं के बीच बैठकर, उनके दुख और सुख के बारे मे बात कर रहे थे. इन अधिकारियो ने सरकारी स्कूल के बच्चों के साथ वक्त बिताया और उनके विचार सुने. वही मैने”  स्वच्छता एक अहसास” पर जो किताब लिखी थी उन्हें दी …

16mona giving book
इसके साथ साथ वो अन्य गांव गोविंदपुरा और ओटू भी गए और मनरेगा व अन्य योजनाओ के बारे मे जानकारी ली. सर्वे करने के बाद जब उनसे बात की और जाना कि उन्हे कैसा लगा तो उन्होने बताया कि सही बात जानने के लिए लोगो के बीच मे जाकर उनके विचार जानने बहुत जरुरी होते है.गावँ के लोगो से मिलकर वो सभी अफसर बहुत खुश नजर आए. कुल मिलाकर इन अधिकारियों ने अन्‍य के लिए मिसाल कायम की है। कम से कम उन सरकारी अधिकारियों को इनसे प्रेरण व सबक लेना चाहिए जो सिर्फ दिन भर आराम कर कुर्सी तोड़ना चाहते हैं।

Swachh Bharat Mission-Gramin

May 4, 2015 By Monica Gupta

मां – प्यार का दूसरा नाम

मां – प्यार का दूसरा नाम ……  कुछ देर पहले नेट पर कुछ सर्च कर  रही थी कि तभी एक लेख  पढने को मिला कि मां के हाथ के खाने जैसा दुनिया में और कुछ नही हो सकता… उसमे बहुत सारी बाते बताई हुई थी कि मां के हाथ मे ये है  मां के हाथ में वो है… कुछ बातें बहुत अच्छी भी लगी पर जब भी मां के हाथों से बने खाने की बात होती है तो मुझे बस एक ही बात याद आती है और वो है ..पेट भरने के बाद, मना करने के बावजूद , एक फुल्का और लो ना बस ये बिल्कुल छोटा सा है … यानि मना करने के बाद भी आखिरी फुल्का तो खिलाना ही होता है… जिसे दूसरी भाषा में कहते हैं Over eating ya torture…. पेट के साथ … पर क्या करें खाना इतना लजीज जो होता है … हां तो मैं बता रही थी….

बात उन दिनों की है जब मैं कुरुक्षेत्र से एम ए (संगीत) कर रही थी. होस्टल मे खाना खा रही थी. उस दिन मेरे पसंदीदा राजमा चावल बने थे. पेट भर गया था पर नियत नही भरी थी. मैस वाला भाई प्लेट में फुल्का डाल गया और मैने कहा कि और नही चाहिए. फिर मैं बहुत देर तक इंतजार करती रही कि वो फुल्का ले कर आएगा… असल में, वो क्या है ना कि जब मम्मी को मना करती तो बाद मे एक चपाती तो आनी ही आनी होती थी . होता वही साईज था पर कहने  को पतली सी छोटी सी होती. वही आदत पडी हुई थी और याद भी नही रहा कि मैं घर नही होस्टल मे हूं और ये मैस वाला भईया है मेरी मम्मी नही. मैने जब उसे बुला कर पूछा कि चपाती क्यो नही दी इतनी देर से इंतजार कर रही हूं  तो वो बोला कि आपने ही तो मना किया था.

cartoon -mother love

उस रात मैं अपने कमरे मे जाकर  मम्मी को याद करके बहुत रोई… फिर धीरे धीरे आदत पड गई.

ये जो प्यार है न कि बस एक आखिरी , छोटी सी और ….

ये हमेशा बहुत याद आता है मां का  ऐसा प्यार , दुलार और कही भी नही देखने को मिल सकता. वाकई में,   मां – प्यार का दूसरा नाम ही तो है … है ना !!!!

 

April 30, 2015 By Monica Gupta

Tremor Terror

Tremor Terror

कुछ देर पहले मार्किट में एक सहेली अपनी छोटी बेटी के साथ मिली. वो जल्दी जल्दी बहुत सारी शापिंग कर रही थी. बातो बातों मे उसने मुझे बताया कि ये बिल्डिंग तीसरी मंजिल पर है अगर भूकम्प आ गया तो … इस लिए बस जल्दी जल्दी खरीद कर बाहर निकलना चाह्ती हूं . वही बेटी भी मुझे कहने लगी आंटी अब हम सब भी मर जाएगें.मैने अपनी खरीददारी बीच मे ही छोडी और उनके साथ बाहर आ गई.

????????????????????????????

सबसे पहले बेटी को समझाया कि कुछ नही होगा. Tremor Terror को न बनाए और न ही दिल से लगाएं. उसको साथ वाली दुकान से आईसक्रीम लाने भेजा और फिर सहेली को डांटा कि क्या कर रही हो… मासूम के दिल मे क्यों Tremor Terror का डर बैठा रखा है. स्कूल भी नही भेज रही खुद भी आफिस नही जा रही आखिर कब तक. ऐसे में ध्यान बटाने की बजाय तुम डर पैदा कर रही हो.रही बात भविष्यवाणी की किसी को नही पता कि भूकम्प आज अभी आएगा या 50 साल बाद .. ऐसे मे डर डर के कब तक जीओगी उसने बताया कि सारा दिन चैनल पर भी तस्वीरे… मैने कहा कि फिर बदल दो चैनल, फिल्म देखो, सीरियल देखो, बाहर घूमों , फोन करो दस काम है कि नही कि बस सारा समय खबरे ही देखनी हैं. मेरा शायद बोलने का लहजा ज्यादा तल्ख हो गया था.

उसकी Tremor Terror वाली बात सुनकर असल में, मुझे गुस्सा आया गया  कि अपने साथ साथ बच्चे के दिल मे भी डर बैठा दिया है उसने… फिर मैं उन्हें अपने घर ले आई. बहुत सारी बातें की और बेटी से poems भी सुनी और उसने कागज पर पेड और फूल भी बना कर दिखाया फिर मैनें भी उसको अपने कार्टून दिखाए. जाते जाते उसके चेहरे पर स्माईल और सहेली के होठों पर थैक्स था… ऐसी बात नही है कि मुझे डर नही नही है पर मैने खुद को समझा दिया है और फिर ही औरों को समझा रही हूं कि डर के बैठने से कुछ नही होगा … इससे बचाव के तरीके पढो, समझो और दूसरो तक पहुंचाओ … होगा वही जो ईश्वर को मंजूर होगा…. !!!

उम्मीद है ये लेख पढने के बाद आपका भी Tremor Terror से ध्यान हटा होगा … अगर नही हटा तो दुबारा लेख को पढिए 🙂

April 29, 2015 By Monica Gupta

काकी कहे कहानी

monica gupta-NBT- book

काकी कहे कहानी

3 dec. 2012 …. प्रगति मैदान मे विश्व पुस्तक मेले के दौरान नेशनल बुक ट्र्स्ट मे मेरी किताब “काकी कहे कहानी” होर्डिंग पर .एक लेखक के लिए इससे ज्यादा खुशी का मौका और क्या हो सकता है 🙂 🙂

  • « Previous Page
  • 1
  • …
  • 36
  • 37
  • 38
  • 39
  • 40
  • …
  • 48
  • Next Page »

Stay Connected

  • Facebook
  • Instagram
  • Pinterest
  • Twitter
  • YouTube

Categories

छोटे बच्चों की सारी जिद मान लेना सही नही

Blogging Tips in Hindi

Blogging Tips in Hindi Blogging यानि आज के समय में अपनी feeling अपने experience, अपने thoughts को शेयर करने के साथ साथ Source of Income का सबसे सशक्त माध्यम है  जिसे आज लोग अपना करियर बनाने में गर्व का अनुभव करने लगे हैं कि मैं हूं ब्लागर. बहुत लोग ऐसे हैं जो लम्बें समय से […]

GST बोले तो

GST बोले तो

GST बोले तो –  चाहे मीडिया हो या समाचार पत्र जीएसटी की खबरे ही खबरें सुनाई देती हैं पर हर कोई कंफ्यूज है कि आखिर होगा क्या  ?  क्या ये सही कदम है या  देशवासी दुखी ही रहें …  GST बोले तो Goods and Service Tax.  The full form of GST is Goods and Services Tax. […]

डर के आगे ही जीत है - डर दूर करने के तरीका ये भी

सोशल नेटवर्किंग साइट्स और ब्लॉग लेखन

सोशल नेटवर्किंग साइट्स और ब्लॉग लेखन – Social Networking Sites aur Blog Writing –  Blog kya hai .कहां लिखें और अपना लिखा publish कैसे करे ? आप जानना चाहते हैं कि लिखने का शौक है लिखतें हैं पर पता नही उसे कहां पब्लिश करें … तो जहां तक पब्लिश करने की बात है तो सोशल मीडिया जिंदाबाद […]

  • Home
  • Blog
  • Articles
  • Cartoons
  • Audios
  • Videos
  • Poems
  • Stories
  • Kids n Teens
  • Contact
  • Privacy Policy
  • Terms of Use
  • Disclaimer
  • Anti Spam Policy
  • Copyright Act Notice

© Copyright 2024-25 · Monica gupta · All Rights Reserved