Monica Gupta

Writer, Author, Cartoonist, Social Worker, Blogger and a renowned YouTuber

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March 19, 2015 By Monica Gupta Leave a Comment

Sukhwant Kalsi … Ek Mulakat

kalsi                                                                              Sukhwant Kalsi … Ek Mulakat

सुखवंत कलसी कार्टून की दुनिया के सम्राट

Journey from commerce to comics !!!
बच्चों और बचपन का नाम लेते ही मन मे बहुत सारी बातें उभर कर आती हैं जैसाकि पढाई, मासूमियत, शरारतें, मस्ती और कार्टून. जी हां, बच्चों और कार्टून का गहरा नाता है. चाहे वो टीवी पर देखें या बच्चों की पत्रिका मे पढें. खुद को तनाव रहित और रिलेक्स करने के लिए यह कार्टून वाकई मे बहुत ताजगी दे जाते हैं. ये तो बात हुई बच्चो की जो कार्टून पढते हैं.
आईए, आज आपकी मुलाकात ऐसी शखसियत से करवाते हैं जो अपने बचपने से ही ऐसे मनोरंजक, ज्ञानवर्धक कार्टून बनाने लगे.जी हां, खुद बनाने लगे और उन्होने सौ नही, हजार नही बल्कि आप बच्चों के लिए दस हजार से भी ज्यादा कार्टून बनाए हैं.
चलिए आप को मैं हिंट देती हूं और आप ही बताईए कि उन आसाधारण प्रतिभा का नाम है क्या !!! मूर्खिस्तान, जूनियर जेम्स बांड…. !!! अरे क्या !!! आप पहचान गए !!! अरे वाह !! आप तो बहुत जल्दी पहचान गए. बिल्कुल सही पहचाना!!! वो महान कलाकार हैं श्री सुखवंत कलसी जी.
श्री सुखवंत कलसी जी ना सिर्फ़ नन्हो की दुनिया के कार्टून सम्राट हैं बल्कि टेलिविजन की दुनिया मे भी उन्होने एक से एक बढ कर लेखन कार्य किया है और उन धारावाहिको को शीर्ष तक ले कर गए हैं.
सुखवंत जी से मिलने से पहले कई बार मन मे यह बात आई कि इतने महान और व्यस्त कलाकार हैं पता नही बात करेगे या नही, समय देंगे या नही पर मेरी हैरानी और खुशी की सीमा नही रही जब सुखवंत जी ने ना सिर्फ समय दिया बल्कि अपने बचपन के बारे मे बहुत सी बाते बताने का भी वायदा किया. उनसे मिलने के बाद शुरु हुआ बातों का सिलसिला.
अपनी चिर परिचित और सहज मुस्कान से साथ सुखवंत कलसी जी ने बताया कि उनका जन्म 14 जुलाई को कानपुर मे हुआ. पापा इंजीनियर थे और मम्मी घर का काम सम्भालती थी.चार भाई बहन यानि उनके एक बडे भाई और दो बहने है. वो सबसे छोटे थे और छोटे होने के नाते बेहद शरारती और लाडले थे.फिर मैने बात की पढाई की तो मुस्कुराते हुए बताने लगे कि वो पढाई मे ठीक ठीक ही थे पर स्कूल मे पढते पढते उन्होने दूसरी गतिविधियो मे भी बहुत बढ चढ कर हिस्सा लिया और उसमे मुख्य थी चित्रकारी.
उन्होनें अपने बचपन को याद करते हुए बताया कि स्कूल में जब उनके हाउस की डयूटी लगती थी तो वो अपने नोटिस बोर्ड पर कार्टून बनाकर डालते थे और उस समय पूरा स्कूल उमड पडता था यह देखने को कि आज इन्होने क्या बनाया है. स्कूल के टीचर भी बहुत खुश होते और बहुत उत्साहित करते.
मैने बीच मे ही पूछा कि इतनी छोटी उम्र मे कार्टून बनाने शुरु किए. अखबारों या बच्चो की पत्रिकाओं मे देने के बारे मे कुछ बताईए. उन्होने हसंते हुए बताया कि उन दिनो घर मे मम्मी “सरिता” मैगजीन पढा करती थी. इसके इलावा “मनोरमा” व अन्य पत्रिका घर पर आया करती थी.बस तब यह विचार आया कि उनमे भेजकर देखते हैं. एक बार सरिता मे कार्टून भेजने पर जवाब आया. जिसमे सम्पादक महोदय ने लिखा था कि कि रेखाचित्र कमजोर है.प्रयास जारी रखिए सफलता अवश्य मिलेगी. उस पत्र मे बहुत प्रोत्साहित किया और वो कार्टून और वो पत्र अभी तक उन्होने सम्भाल कर रखा हुआ है.पर उसमे बाद भी प्रयास जारी रखा और ईश्वर की कृपा रही और कार्टून छ्पने शुरु हो गए. इसके इलावा एक और भी मजेदार बात हुई एक बार कार्टून बना कर जब वो स्वयं सम्पादक से मिलने गए तो उनकी दीदी और दीदी के रिश्तेदार साथ मे थे. सम्पादक महोदय कार्टून के बारे मे जो भी बात कर रहे थे वो दीदी के रिश्तेदार से सुखवंत कलसी समझ कर ही कर रहे थे बात खत्म होने के बाद दीदी ने जब उन्हे यह बताया कि सुखवंत तो ये है तब वो इतने हैरान हुए कि ये सुखवंत है.इतना छोटा बच्चा और इतने अच्छे कार्टून बना रहा है. उन्हे विश्वास ही नही हुआ.
बातों बातों में ही एक किस्सा याद करते हुए उन्होने बताया कि एक बार सम्पादक महोदय ने उनसे कहा कि आजकल बहुत बचकाना कार्टून बना रहे हो इस पर उन्होने हँस कर कहा तो आप “चंपक” मे स्थान दे दीजिए. इस पर सम्पादक महोदय भी हंसे बिना नही रह सके. सुखवंत जी ने बताया कि ये बात वो इसलिए बताना जरुरी समझते हैं कि ज्यादातर बच्चे हौंसला अफजाई ना मिलने से हिम्मत हार जाते है पर वो हिम्मत नही हारे बल्कि और हर बात को बहुत सकारात्मक रुप से स्वीकार कर के और अपने काम मे दिन रात जुटे रहे.
उन्होने बताया कि पहले उनके पास साईंस विषय था बाद मे उन्होने कामर्स ले ली और फिर कामर्स से कामिक्स तक का लंबा सफर शुरु हो गया.
सन 1972 से “सरिता”, “मनोरमा”, “कारवा”,”वोमेंस ईरा”,”धर्मयुग” आदि कोई किताब ऐसी नही रही जिसमे उन्होने अपना कार्टून ना दिया हो और बच्चो की पत्रिका “दीवाना”( बात बेबात की),”मेला”(भोलू)आदि और फिर 1980 मे डायमंड कामिक्स( हीरा मोती, राजन इकबाल),मनोज कामिक्स, चित्रा भारती आदि ढेर सारी कामिक्स पर काम किया. सफर ऐसे ही आगे बढता रहा.
बाल पत्रिका “नन्हे सम्राट” का भी सम्पादन कर रहे हैं या दूसरे शब्दो मे यह कह सकते है कि “नन्हे सम्राट” के वो ही जन्मदाता है. “नन्हे सम्राट” इस उद्देश्य को लेकर चले कि उसमे सिर्फ और सिर्फ बच्चो का जबरदस्त मनोरंजन हो. ताकि जब बच्चे उसे पढे तो बस हंसी खुशी की दुनिया मे ही खो जाए. उन्होने जो सोचा वो कर के भी दिखाया क्योकि यह उनकी व उनकी टीम के अथक मेहनत और प्रयास का ही नतीजा है कि “नन्हे सम्राट” अपनी अपार सफलता के 25 साल पूरे होने जा रहा हैं और बहुत ही जल्द 300वां अंक प्रकाशित होगा. यह बात बताते हुए उनके चेहरे से खुशी मानो टपक रही थी.मुस्कुराते हुए उन्होने बताया कि बच्चो के इस प्यार से उन्हे यकीनन बहुत उर्जा मिली और नए नए आईडिया आते ही जा रहे हैं.

अपने टीवी के सफर के बारे में Sukhwant Kalsi जी ने बताया कि 98-99 मे वो मुम्बई शिफ़्ट हो गए और फिर शुरु हुआ टीवी पर लेखन का दौर. “मूवर्स एंड शेखर्स” मे लगभग 250 स्क्रिप्ट उन्होने लिखी और लालू यादव के स्टाईल से शेखर सुमन छाने लगे. इसमे वो खुद भी कभी कवि तो कभी वैज्ञानिक की भूमिका मे नजर आए. बताते बताते वो मुस्कुराने लगे.इसी सिलसिले मे वो लालू जी से भी मिले और लालू जी भी उनसे मिलकर खुश हुए बल्कि उनके काम की बेहद तारीफ भी की. इसके साथ साथ दूरदर्शन तथा अन्य ढेर सारे चैनलो के लिए इन्होने हास्य लेखन किया जैसे “नीलाम घर”,”कामेडी सर्कस भाग 1”,”द ग्रेट इंडियन लाफदर चैलेंज”, “गोलमाल”,”हम आपके है वो” आदि ढेर सारे ऐसे धारावाहिक है जिनका लेखन उन्होने किया.सुप्रसिद्द हास्य कलाकार “राजू श्रीवास्तव” के लिए भी यह लगातार लिख रहे है और सांसद “नवज्योत सिह सिद्दू” के लिए बहुत पंच लाईने लिखी हैं.
बच्चो को संदेश देते हुए उन्होने कहा कि जिंदगी मे सबसे जरुरी पढाई है. हां, अपनी पढाई के साथ साथ अपने पसंद के काम को भी चुन सकते हो पर पढाई सबसे ज्यादा जरुरी है और अपने मम्मी पापा का कहना मानना भी बहुत जरुरी होता है. वो जो भी कहते है हमारे ही भले के लिए होता है और अभिभावको को भी यह संदेश दिया है कि बच्चो की रुचि देख कर उन्हे उत्साहित करने की कोशिश करनी चाहिए.पर दूसरे बच्चे से तुलना भी नही करनी चाहिए. हर बच्चे मे अपनी अपनी खूबी अपनी प्रतिभा होती है.बजाय उसे दबाने के उस खूबी को उभारना चाहिए.
सच, सुखंवत कलसी जी से मिलकर बहुत खुशी हुई.वाकई में, मैनें उनका बहुत सारा समय लिया !!!! पर उनके कार्टून जैसा नही !!!  Sukhwant Kalsi … Ek Mulakat बहुत यादगार रही !!!

March 12, 2015 By Monica Gupta Leave a Comment

AAP News

cartoon leave AAP

AAP News

 आप छोडो- झाडू

आम आदमी पार्टी में बवंडर की स्थिति है लेकिन पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल दिल्ली से 2,140.9 किलोमीटर दूर बेंगलुरु में प्राकृतिक इलाज करवा रहे हैं। केजरीवाल पार्टी में मचे घमासान से बेफिक्र हैं।

बेंगलुरु में केजरीवाल ने खुद को खबरों और राजनीति की दुनिया से दूर रखा है। यह अलग बात है कि वह खबरों और राजनीति के केंद्र में हैं। केजरीवाल पर एक स्टिंग ऑडियो टेप जारी हुआ है। 6 कांग्रेसी विधायकों को अपने पाले में लाने वाला स्टिंग ऑडियो टेप उन्हीं की पार्टी के पूर्व विधायक पर जारी करने का आरोप है। इस टेप में केजरीवाल अपने पूर्व विधायक राजेश गर्ग से कांग्रेस विधायकों को साथ लाने की बात कह रहे हैं

March 11, 2015 By Monica Gupta 1 Comment

INDIA’s DAUGHTER

 INDIA’s DAUGHTER

कुछ दिनों पहले INDIA’s DAUGHTER देखी थी..पूरी तो नही देख पाई पर जितनी देखी उसमे निर्भया का दोस्त जोकि उसके साथ बस मे सवार था उसके बारे मे कुछ नही देखा.

मन में विचार आया कि शायद डोक्यूमैंटरी के आखिरी मे उसका बाईट होगा.पर कल नेट पर सर्च करते हुए उसी Avanindra Pandey जोकि बस मे मौजूद थे उन की एक खबर पढी उन्होने बीबीसी की इस डोक्यूमैंटरी को fake बताया किसमे कितनी सच्चाई है या नही ये तो पता नही पर अगर जेल जाकर रेप करने वालो का पक्ष लिया जा सकता है तो Avanindra Pandey से ज्यादा स्टीक तो कोई बता नही सकता था.

खैर !!अब तो यही प्रार्थना है कि कानून इतने कडे बना दिए जाए कि अंजाम देने वाला अपराधी इस कु कृत्य को करते हुए सौ बार सोचे !!!

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March 10, 2015 By Monica Gupta Leave a Comment

Article … Fashion World

Article … Fashion World

उफ ये फैशन …

मेरी सहेली मणि अभी मिलने आई.

जबरदस्त जुकाम था. अरे!! अभी पिछ्ले सप्ताह ही बुखार ठीक हुआ था. अब फिर से ??? माना कि मौसम बदला है दुबारा सर्दी आ गई है पर मणि अपना ख्याल बहुत अच्छी तरह रखती है.

स्वेटर या शाल जरुर लेती है फिर ये दुबारा ??? इस पर उसने बताया कि एक दो शादियों मे जाना था. वहां वो शाल ले कर गई पर उसकी जानकार सहेलियो ने कार मे शाल रखे रहने दी. बोली कि तुम इसे लोगी तो हमे भी लेनी पडेगी जोकि हम नही चाह्ते शाल मे ज्वैलरी कैसे दिखेगी … स्टाईल कैसे दिखाएगें…

ये बहन जी टाईप लुक कार मे रखो और खींच कर उसे ले गए. बस देर रात तक कार्यक्रम चला और नतीजा … जुकाम, खांसी … छी .. हे भगवान !!! क्या है ये !!! दिखावा करके क्या हासिल होगा समझ से बाहर है

Article … Fashion World

February 27, 2015 By Monica Gupta Leave a Comment

सकारात्मक विचार

सकारात्मक विचार

गूगल सर्च में पढे कुछ सकारात्मक विचार

शब्दकोश में असंख्य शब्द होते हुए भी मौन होना सब से बेहतर
दुनिया में हजारों रंग होते हुए भी सफेद रंग सब से बेहतर
खाने के लिए दुनिया भर की चीजें होते हुए भी उपवास शरीर के लिए सबसे बेहतर
देखने के लिए इतना कुछ होते हुए भी बंद आँखों से भीतर देखना सबसे बेहतर
सलाह देने वाले लोगों के होते हुए भी अपनी आत्मा की आवाज सुनना सबसे बेहतर
जीवन में हजारों प्रलोभन होते हुए भी सिद्धांतों पर जीना सबसे बेहतर.

 

खामोशी से भी नेक काम होते हैं…
मैंने देखा है पेङों को, छाँव देते हुए..

हाथ का मज़हब नहीं देखते परिंदे

जो भी दाना दे ,ख़ुशी से खा लेते हैं.

मुस्कुराहट …. हमारी खूबसूरती में सुधार लाने का सबसे सस्ता तरीका है

सकारात्मक विचार

positive thoughts photo

Photo by mkismkismk

 

February 27, 2015 By Monica Gupta Leave a Comment

तुलसी

तुलसी ( मोनिका गुप्ता)

तुलसी ( मोनिका गुप्ता)

तुलसी

समय बदल रहा है. ठंडे और धुंध भरे दिन चले गए और धूप खिलने लगी. राहत मिली. ध्यान पौधों की तरफ गया तो तुलसी पूरी तरह से सूख चुकी थी.एक दो दिन देखभाल के बाद सोचा कि अब पौधा उखाड कर नया लगाना ही पडेगा पर अभी थोडी देर पहले देखा तो खुशी का ठिकाना नही रहा

तुलसी मे एक पत्ता दिखाई दिया . यानि उसमे अभी जान बाकी है… अब फिर वो बहुत जल्द पत्तों से लद जाएगी . बदलते वातावरण मे खुद को ढालते अक्सर समय लग जाता है कई बार हम खत्म या टूट जाते हैं तो कई बार नए विश्वास से उठ खडे होते है … कुछ भी हो जाए पर  प्रयास जारी रखना चाहिए.

तुलसी

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