नेता जी
कोई शक नही कि आजकल सभी डेंगू से डरे हुए हैं एक बाईट हालत खराब कर रही है. वही ये देखिए एक प्रतियोगिता हो रही है कि किसकी बाईट ज्यादा तेज… नेता जी की या डेंगू मच्छर की …
किसमें कितना है दम !!!
Writer, Author, Cartoonist, Social Worker, Blogger and a renowned YouTuber
By Monica Gupta
By Monica Gupta
ndmc decided to rename aurangzeb road to apj abdul kalam road: :
Congrats. NDMC jst now decided to rename Aurangzeb Road to APJ Abdul Kalam Road
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इससे पहले दिल्ली से बीजेपी सांसद महेश गिरी ने भी प्रधानमंत्री मोदी से दिल्ली के औरंगजेब रोड का नाम बदल कर पूर्व राष्ट्रपति कलाम के नाम पर रखने का अनुरोध किया था। इस संबंध में उन्होंने प्रधानमंत्री को एक चिट्ठी लिखी थी कि जनता के राष्ट्रपति के रूप में व्यापक रूप से सम्मानित कलाम की स्मृति के लिए यह एक उपयुक्त श्रद्धांजलि होगी।पूर्वी दिल्ली के सांसद ने पत्र में कहा है कि पूरा देश कलाम की मृत्यु से शोक में है। वह एक महान वैज्ञानिक और समाज सुधारक थे, जिन्होंने देश के लाखों लोगों को प्रभावित किया और अपना पूरा जीवन मातृभूमि के लिए समर्पित कर दिया। जनता के राष्ट्रपति को श्रद्धांजलि देने के लिए मैं नई दिल्ली में स्थित औरंगजेब रोड का नाम बदल कर डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम रोड रखने का प्रस्ताव देता हूं।
By Monica Gupta
Toilet – A Necessity कल एक खबर पढी कि दुमका झारखंड की 17 साल की किशोरी ने इसलिए आत्मह्त्या कर ली कि घर मे टायलेट नही था… इधर उधर खेतो में जाने से बहुत परेशान थी … लेकिन शायद परिवार ने इसकी मह्त्ता को कभी नही समझा कि ये भी ज्यादा जरुरी है…. बेहद दुखद … महिलाओं की मान सम्मान आबरु शौचालय ही है … घर मे शौचालय होना बेहद जरुरी है.
घर में शौचालय न होने पर बारात का वापिस चला जाना या महिला का घर छोड देना या शौचालय बनवाने की जिद ठान लेना तो सुना , शौचालय की वजह से महिला का रेप होना भी होना सुना और अब मौत भी इसकी वजह से जुड गई है…
भले ही फिलम अभिनेत्री विद्या बालन समझाए या खिलाडी विजेंद्र … पर जब तक लोगो की सोच नही बदलेगी … तब तक कुछ नही हो सकेगा … !!! ये मेरा गांव गांव जाकर महिलाओं से पूछ्ने का पर्सनल अनुभव भी रहा है जब महिलाए बताती थी कि मुहं अंधेरे या शाम ढलने पर ही खेत जाना पडता है दिन मे कभी कोई दिक्कत आने पर रोक कर ही रखना पडता है और मासिक धर्म के दिनों में तो बहुत मुश्किल से दो चार होना पडता है… बेशक मानसिकता यह भी देखने को मिली कि जो शौचालय के लिए पैसा मिला उसे किसी और चीज मे खर्च कर दिया … क्योकि शौचालय की अहमियत समझ नही आई … बी ए पार्ट वन मे पढने वाली लडकी खुले मे शौच जाना नही सहन कर पाई और आत्महत्या कर ली … बेहद अफसोस हुआ … जागो जनता जागो
| Minor | Committed | Suicide | Dumka | | Hindi Latest News
घर में टॉयलेट न होने पर शादी टूटने और ससुराल छोड़ने के मामले तो आपने सुने होंगे, लेकिन अब ऐसी घटना सामने आई है, जो किसी को बेचैन कर सकती है. झारखंड में 17 साल की एक लड़की ने घर में टॉयलेट न होने पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. बताया जा रहा है कि झारखंड के दुमका जिले में रहने वाली लड़की ने माता-पिता … See more…
By Monica Gupta
By Monica Gupta
Story Time ( बच्चों की कहानी )
By Monica Gupta
मेरी एक सहेली हिल स्टेशन पर रहती है. कल ही उससे बात हो रही थी कि कैसा मौसम है. कैसी भीड है वहां तो वो मायूस सी बोली कि अब तो जल्दी से लोगों की छुट्टियां खत्म हो बस..जाए सब जल्दी से . अरे !!! ऐसा क्यो?? मेरे पूछने पर उसने बताया कि लोग धूमने आते हैं बहुत अच्छा लगता है पर गंदगी भी बहुत फैला जाते हैं खासकर सडक पर घूमते घूमते… कुछ खाएगें तो पीएगें तो… पूरी सडक मानो डस्ट बीन समझते हैं… वो ये सोचते ही नही हैं कि यहां भी लोग रहते हैं ना जाने कब समझ आएगी अब तो सच पूछो तो छुट्टियों के नाम से टेंशन ही हो जाती है.उसकी बात ने बहुत सोचने पर मजबूर कर दिया.
पता नही हम लोग सफाई का स्वच्छता का ख्याल रखते क्यों नही है. घर से बाहर निकलो तो गंदगी पार्क में जाओ तो गंदगी. घर का कूडा बस अपने घर से बाहर निकालना आता है कि बस अपना घर साफ रहे बाकि किसी की चिंता नही.
ऐसे ही बाजारों में दुकानों पर होता है. सुबह सवेरे सभी झाडू लगा कर अपनी अपनी दुकान के आगे का कूडा साईड पर रख देगें और ऐसा हर दुकान दार करता है कुछ एक कूडे को आग भी लग अदेते हैं पर शाम तक वो कूडा वही पडे पडे लोगों के पावों से लगता वापिस दुकानों के सामने आ जाता है और फिर वही गंदगी … खाने पीने की स्टालस के आगे तो और भी बुरा हाल होता हैडस्ट बीन होते हुए भी उसे इस्तेमाल नही किया जाता.
वैसे आप तो ऐसे गंदगी प्रेमी बिल्कुल नही होंगें.. है ना … और अगर हैं तो जरा नही बहुत सोचने की दरकार है.
गंदगी प्रेमी
cleaning Ganga campaign should not be limited to Photography
उत्तराखंड बाढ़ और भूस्खलन त्रासदी के दो साल पूरा होने पर यहां आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि उत्पादन व उपभोग के लिए हुए विकास का प्रकृति बदला ले रही है। उन्होंने कहा, ‘हर जगह बांधों व बिजलीघरों का निर्माण हो रहा है जो प्राकृतिक आपदाओं का कारण बन रही है। हमें इस बारे में सोचने की जरूरत है।’
प्रधानमंत्री द्वारा चलाए जा रहे गंगा सफाई अभियान पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि यह राष्ट्र के धार्मिक व सांस्कृतिक धरोहर को बचाने के लिए है। प्रकृति को दरकिनार करने पर न तो हम अपना जीवन बचा सकेंगे और न ही धर्म की रक्षा कर पाएंगे। See more…
गंदगी प्रेमी
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