Monica Gupta

Writer, Author, Cartoonist, Social Worker, Blogger and a renowned YouTuber

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September 22, 2015 By Monica Gupta

नेता जी

कार्टून नेता (मोनिका ग़ुप्ता)

कार्टून नेता (मोनिका ग़ुप्ता)

नेता जी

कोई शक नही कि आजकल सभी डेंगू से डरे हुए हैं एक बाईट हालत खराब कर रही है. वही ये देखिए एक प्रतियोगिता हो रही है कि किसकी बाईट ज्यादा तेज…  नेता जी की या डेंगू मच्छर की …

किसमें कितना है दम !!!

नेता जी

August 29, 2015 By Monica Gupta

कलाम को सलाम

cartoon kalam road by monica gupta

कलाम को सलाम

कलाम साहब का दिखाया मार्ग हो या उनकी याद में बनाया मार्ग … दोनों मार्गों पर चलना बेहद सुखद है !!!!जब सुना कि एपीजे अब्दुल कलाम साहब के एनडीएमसी एरिया के अंतर्गत आने वाली औरंगजेब रोड की पहचान अब पूर्व राष्ट्रपति स्व. डॉ. अब्दुल कलाम के नाम पर रखा दिया गया।

कलाम  साहब के निधन के बाद से ही दिल्ली की एक प्रमुख सड़क का नाम उनके नाम पर रखने की मांग उठती रही है।

एनडीएमसी ने ये फैसला कर लिया। औरंगजेब रोड का नाम बदल कर डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम रोड रखे जाने पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने खुशी जताई है। केजरीवाल ने ट्वीट कर एनडीएमसी को बधाई दी है। यह प्रस्ताव बीजेपी सांसद मीनाक्षी लेखी, महेश गिरि और आम आदमी पार्टी के ट्रेड विंग नेता विपन रोहिला की तरफ से लाया गया है। इस बारे में सांसद महेश गिरि पहले भी चिट्ठी लिख चुके हैं।

ndmc decided to rename aurangzeb road to apj abdul kalam road: :

Congrats. NDMC jst now decided to rename Aurangzeb Road to APJ Abdul Kalam Road

ndmc decided to rename aurangzeb road to apj abdul kalam road Keyword : Mahesh Giri, letter, PM, rename, Aurangzeb Road, APJ Abdul kalam Read more…

http://www.patrika.com/news/miscellenous-india/ndmc-decided-to-rename-aurangzeb-road-to-apj-abdul-kalam-road-1091671/

इससे पहले दिल्ली से बीजेपी सांसद महेश गिरी ने भी प्रधानमंत्री मोदी से दिल्ली के औरंगजेब रोड का नाम बदल कर पूर्व राष्ट्रपति कलाम के नाम पर रखने का अनुरोध किया था। इस संबंध में उन्होंने प्रधानमंत्री को एक चिट्ठी लिखी थी कि जनता के राष्ट्रपति के रूप में व्यापक रूप से सम्मानित कलाम की स्मृति के लिए यह एक उपयुक्त श्रद्धांजलि होगी।पूर्वी दिल्ली के सांसद ने पत्र में कहा है कि पूरा देश कलाम की मृत्यु से शोक में है। वह एक महान वैज्ञानिक और समाज सुधारक थे, जिन्होंने देश के लाखों लोगों को प्रभावित किया और अपना पूरा जीवन मातृभूमि के लिए समर्पित कर दिया। जनता के राष्ट्रपति को श्रद्धांजलि देने के लिए मैं नई दिल्ली में स्थित औरंगजेब रोड का नाम बदल कर डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम रोड रखने का प्रस्ताव देता हूं।

कलाम को सलाम

July 5, 2015 By Monica Gupta

Toilet – A Necessity

Toilet – A Necessity   कल एक खबर पढी कि दुमका झारखंड की 17 साल की किशोरी ने इसलिए आत्मह्त्या कर ली कि घर मे टायलेट नही था… इधर उधर खेतो में जाने से बहुत परेशान थी … लेकिन शायद परिवार ने इसकी मह्त्ता को कभी नही समझा कि ये भी  ज्यादा जरुरी है…. बेहद दुखद … महिलाओं की मान सम्मान आबरु शौचालय ही है … घर मे शौचालय होना बेहद जरुरी है. 

घर में शौचालय न होने पर बारात का  वापिस चला जाना  या महिला का घर छोड देना या शौचालय बनवाने की जिद ठान लेना तो सुना , शौचालय की वजह से महिला का रेप होना भी होना सुना और अब मौत भी इसकी वजह से जुड गई है…

भले ही  फिलम अभिनेत्री विद्या बालन समझाए या खिलाडी विजेंद्र … पर जब तक लोगो की सोच नही बदलेगी … तब तक कुछ नही हो सकेगा … !!! ये मेरा गांव गांव जाकर महिलाओं से पूछ्ने का पर्सनल अनुभव भी रहा है जब महिलाए बताती थी कि मुहं अंधेरे या शाम ढलने पर ही खेत जाना पडता है दिन मे कभी कोई दिक्कत आने पर रोक कर ही रखना पडता है और मासिक धर्म के दिनों में तो बहुत मुश्किल से दो चार होना पडता है… बेशक मानसिकता यह भी देखने को मिली कि जो शौचालय के लिए पैसा मिला उसे किसी और चीज मे खर्च कर दिया … क्योकि शौचालय की अहमियत समझ नही आई …  बी ए पार्ट वन मे पढने  वाली  लडकी खुले मे शौच जाना नही सहन कर पाई और आत्महत्या कर ली  … बेहद अफसोस हुआ … जागो जनता जागो

  cartoon toilet by monica gupta

 Toilet – A Necessity

| Minor | Committed | Suicide | Dumka | | Hindi Latest News

घर में टॉयलेट न होने पर शादी टूटने और ससुराल छोड़ने के मामले तो आपने सुने होंगे, लेकिन अब ऐसी घटना सामने आई है, जो किसी को बेचैन कर सकती है. झारखंड में 17 साल की एक लड़की ने घर में टॉयलेट न होने पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. बताया जा रहा है कि झारखंड के दुमका जिले में रहने वाली लड़की ने माता-पिता … See more…

June 27, 2015 By Monica Gupta

Education System


class room photo
Photo by jinkazamah

Education System

आज भोपाल के स्कूल की खबर दिखा रहे थे कि चैनल वाले स्कूल जाकर अंग्रेजी की कुछ स्पैलिंग पूछ रहे थे टीचर्स से और वो उसका जवाब नही दे पा रहे थे वो स्पैलिंग थी grammar की और वो ज्यादातर grammer यानि er लगा कर बोल रहे थे. यहां तक की स्कूल के मुख्य अध्यापक ने भी गलत बताया.

ऐसी ही एक खबर पिछ्ले दिनों भी दिखाई थी जब  यूपी बोर्ड के पेपर चैक हो रहे थे और जो चैक कर रहे थे उन्हे स्पैलिंग का ही ज्ञान नही था ऐसे में क्या तो वो पेपर चैक करेंगें और क्या वो बच्चो को मार्क्स देंगें. मेहनत करने के बाबवूद भी बच्चे गर्त में चले जाते हैं और  कई बच्चे तो डिप्रेशन में  भी चले जाते हैं

इस बात से मुझे अपनी उस सहेली की याद आ गई जो स्कूल और कालिज में बहुत नालायक हुआ करती थी और रो पीट कर  म्यूजिक प्रैक्टिकल में सिफारिश से पूरे अंक ले लिए   और आज वो सिफारिश के बल पर  ही टीचर बनी घूम रही है … ऐसे मे क्या तो वो पढाएगी और क्या बच्चों का भविष्य होगा.

पहले तो मुझे लगा कि शायद अब उसमे सुधार आ गया होगा और अच्छी टीचर बन कर बच्चों को पढा रही होगी पर उसी स्कूल के कुछ बच्चों से जब बात करके पता चला तो बेहद दुख हुआ कि इसमें बच्चों का क्या कसूर कसूरवार हमारा सिस्टम है और ऐसे सिस्टम का लाभ उठाते हैं कुछ सिफारिशी लोग… ये तो एक उदाहरण है ऐसे न जाने कितने उदाहरण होंगें जो  education System को खराब कर रहे हैं ऐसी न जाने कितनी कहानियां होगी जोकि   गति अवरोधक का काम कर रहीं हैं. बहुत जरुरी है इसे सुधारना अन्यथा … 🙁

June 24, 2015 By Monica Gupta

Story Time

Story Time ( बच्चों की कहानी )

W की मिठा E
(अंग्रेजी वर्णमाला से बनी कहानी )

W बहुत ही छोटा पर शरारती बच्चा था। मम्मी k कहने पर उस k  डैD  ने  उसे A टू Z Vधालय में भर्ती करवा दिया। उनका Vधालय   jल  K पास होने कारण वहाँ अक्सर c पाही घूमते रहते थे। बच्चों को उन्हें देखना अच्छा लगता था। सड़क K  दूसरी  Oर Bकानेरी नमकीन और Kक की दुकानें थी। बच्चों की पाठशाला में उन्हें पढ़ार्इ के साथ-साथ अच्छी-अच्छी बातें भी C खाते थे।

Aक बार उनकी कक्षा में नोटिस आया कि जो बच्चा सबसे अच्छी Cख अथवा Vचार देगा उसे प्राध्यापिका E नाम में मिठाE देंगी W तो नया-नया ही Vधालय गया था, पर मिठाE का नाम सुनते ही उसके मुँह में पानी आ गया।

उनकी नैंC   Tचर कक्षा में आर्इ और एक-एक बच्चें को अपने पास बुलाकर उनK Vचार और  Cख सुनने लगी।

सबसे पहले  Aकता ने बताया कि kला खाकर छिलका कूड़ेदान में ही फैंकना चाहिए।

Tटू बोला दूध Pकर ताकतवर बनना चाहिए।

मUर बोला जब दो लोग बातें कर रहें हों तो Bच में नहीं बोलना चाहिए।

कPश ने बताया कि सभी से Sसी वैसी बातें ना करके Cधे मुँह बात करनी चाहिए। कभी भी Pठ  Pच्छे नहीं बोलना चाहिए।

Bना ने कहा के Eश्वर में Vश्वास रखना चाहिए। उनकी पूजा करके Rती उतारनी चाहिए।

Dम्पी चुप बैठा था। Tचर के पूछने पर उसने बताया कि वो Bमार है। अब बारी आर्इ की। खाने के शौकीन ने बताया कि ज्यादा  Kक और Iस्क्रीम नही खानी चाहिए Qकि कर्इ बार चटपT चीजों से भी पेट दर्द हो जाता है, इसीलिए हल्का खाना ही खाना चाहिए। यह सुनकर सभी बच्चे हँस पड़े।

Gतेन्द्र आज कक्षा में नही आया था क्योंकि वो Cकर (राजस्थान) गया था।

सिY   Oमी,  Uवी, Eना और Eशा के इलावा सभी ने अपने Aचार  Vर को बताए। उधर Tना चुपचाप बैठी रही Qकि वो घर से लड़कर I थी।

T चर सभी बच्चों के Vचार लेकर प्राध्यापिका के पास गर्इ।

उन्हें सभी बच्चों के Vचार इतने पसन्द आए कि खुश होकर उन्होने सभी बच्चों को मिठाE  Eनाम में दी। बच्चों ने Aक साथ मिलकर मिठाE  खार्इ और इतने में छुटटी की घंT भी बज गर्इ।

Publised in 98 in  Rajisthan Patrika Jaipur  articel in rajasthan patrika

कहानी कैसी लगी … जरुर बताईएगा 🙂

 

 

June 23, 2015 By Monica Gupta

गंदगी प्रेमी

गंदगी प्रेमी

गंदगी प्रेमी

मेरी एक सहेली हिल स्टेशन पर रहती है. कल ही उससे बात हो रही थी कि कैसा मौसम है. कैसी भीड है वहां तो वो मायूस सी बोली कि अब तो जल्दी से लोगों की छुट्टियां खत्म हो बस..जाए सब जल्दी से . अरे !!! ऐसा क्यो?? मेरे पूछने पर उसने बताया कि लोग धूमने आते हैं बहुत अच्छा लगता है पर गंदगी भी बहुत फैला जाते हैं खासकर सडक पर घूमते घूमते… कुछ खाएगें तो पीएगें तो… पूरी सडक मानो डस्ट बीन समझते हैं… वो ये सोचते ही नही हैं कि यहां भी लोग रहते हैं ना जाने कब समझ आएगी अब तो सच पूछो तो छुट्टियों के नाम से टेंशन ही हो जाती है.उसकी बात ने बहुत सोचने पर मजबूर कर दिया.

पता नही हम लोग सफाई का  स्वच्छता का ख्याल रखते क्यों नही है. घर से बाहर निकलो तो गंदगी पार्क में जाओ तो गंदगी. घर का कूडा बस अपने घर से बाहर  निकालना आता है कि बस अपना घर साफ रहे बाकि किसी की चिंता नही.

ऐसे ही बाजारों में दुकानों पर होता है. सुबह सवेरे सभी झाडू लगा कर अपनी  अपनी दुकान के आगे का कूडा साईड पर रख देगें और ऐसा हर दुकान दार करता है कुछ एक कूडे को आग भी लग अदेते हैं पर शाम तक वो कूडा वही पडे पडे लोगों के पावों से लगता वापिस दुकानों के सामने आ जाता है और फिर वही गंदगी … खाने पीने की स्टालस के आगे तो और भी बुरा हाल होता हैडस्ट बीन होते हुए भी उसे इस्तेमाल नही किया जाता.

वैसे आप तो ऐसे गंदगी प्रेमी  बिल्कुल नही होंगें.. है ना … और अगर हैं तो जरा नही बहुत सोचने की दरकार है.

 

 hill station scenery photo

गंदगी प्रेमी

cleaning Ganga campaign should not be limited to Photography

उत्तराखंड बाढ़ और भूस्खलन त्रासदी के दो साल पूरा होने पर यहां आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि उत्पादन व उपभोग के लिए हुए विकास का प्रकृति बदला ले रही है। उन्होंने कहा, ‘हर जगह बांधों व बिजलीघरों का निर्माण हो रहा है जो प्राकृतिक आपदाओं का कारण बन रही है। हमें इस बारे में सोचने की जरूरत है।’

प्रधानमंत्री द्वारा चलाए जा रहे गंगा सफाई अभियान पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि यह राष्ट्र के धार्मिक व सांस्कृतिक धरोहर को बचाने के लिए है। प्रकृति को दरकिनार करने पर न तो हम अपना जीवन बचा सकेंगे और न ही धर्म की रक्षा कर पाएंगे। See more…

गंदगी प्रेमी

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