Monica Gupta

Writer, Author, Cartoonist, Social Worker, Blogger and a renowned YouTuber

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May 3, 2016 By Monica Gupta Leave a Comment

करियर विकल्प , बच्चे और अपेक्षा के बोझ तले युवा

करियर विकल्प , बच्चे और अपेक्षा के बोझ तले युवा

करियर विकल्प , बच्चे और अपेक्षा के बोझ तले युवा

कुछ देर पहले सडक पर एक पिता शायद अपने छोटे से बच्चे को स्कूल छोडने जा रहे थे.बच्चा स्कूल नही जाना चाह रहा रहा था इसलिए रो रहा था और उसके पिता भी उसे गुस्से मे बोल रहे थे कि स्कूल नही जाएगा तो जमादार बन जाएगा सडक पर झाडूं लगाएगा कहते कहते और जोरदार चांटे जड दिए. अब सोचने की बात यह है कि बच्चा रो किसलिए रहा है यह वजह पता लगाने की कोशिश करके हल निकालना चाहिए. ये मारपीट कोई हल नही है.

 

आज अचानक एक खबर ने चौक दिया जिसमें एक लडकी ने छ्त से कूद कर आत्महत्या इसलिए कर ली कि IIT-JEE pass करने के बाद भी वो इंजीनियर नही बनना चाह्ती थी. उसने अपने सोसाईड नोट मे लिखा कि उसकी मम्मी ने उसे साईंस दिलवा दी थी .. जबकि उसका कोई interest नही था उसमे… !!

17 year old Girl commit suicide after cracking JEE, didn’t want to be an engineer – Navbharat Times

17 year old Girl commit suicide after cracking JEE, didn’t want to be an engineer – Navbharat Times

 

कोटा जहां ज्यादातर बच्चे शिक्षा के लिए जाते हैं एक खबर के अनुसार वहां ये पाचंवी खुदकुशी है…

कई पेरेंटस तो कालिज मे आने के बाद वो विषय दिलवाते हैं जिसकी बच्चे मे कोई रुचि नही होती. फिर वजह बनती है बच्चो मे टेंशन की और बच्चा पढाई मे पिछडता चला जाता है या फिर कोई गलत रास्ता( नशा या खुदकुशी आदि) रास्ता चुन लेता है.

 

इसी बीच एक अन्य खबर राहत लेकर आई जिसमे कोटा के डीसी ने माता पिता को चिठ्ठी लिख कर मार्मिक अपील की है कि वो बच्चे पर अपनी इच्छाओं का बोझ न डालें .डीसी कोटा श्री रवि कुमार ने पांच पेज का पत्र लिखा है

Kota DC writes To Parents, Do not burden your children – Navbharat Times

कुमार ने लिखा है, ‘कोटा शहर के DC होने के नाते मैं यहां पढ़ने आए आपके बच्चों का स्वागत करता हूं। यह मेरा सौभाग्य है कि मैं देश के युवा हुजूम का स्वागत करता हूं। यहां पढ़ने आए बच्चे भविष्य में सफल होकर आधुनिक भारत के निर्माण में अपनी भूमिका निभाते हैं।’ सुरपुर ने पत्र में अभिभावकों से परिपक्व व्यवहार करने की अपील की। पत्र में सुरपुर ने युवा छात्रों की खुदकुशी की घटनाओं का हवाला देते हुए लिखा कि खुदकुशी करने वाले बच्चों के माता पिता की उनसे बड़ी उम्मीदें थीं। अपेक्षाओं के बोझ तले बनावटी दुविधा में जीने के बजाय उन्होंने मौत को गले लगाना आसान समझा। यह बहुत तकलीफदेह है। उन्होंने लिखा, ‘बच्चों को बेहतर प्रदर्शन के लिए डराने धमकाने या फिर अपेक्षाओं का बोझ लादने की जगह आपके सांत्वना के बोल जरूरी हैं। नतीजों को भूलकर बेहतर करने के लिए प्रेरित करना, मासूम कीमती जानें बचा सकता है।’ DC ने पूछा, ‘क्या माता पिता को बच्चों की तरह अपरिपक्वता दिखानी चाहिए? Kota DC writes To Parents, Do not burden your children – Navbharat Times

 

कुल मिलाकर आज के बच्चो के मन को देखते हुए माता पिता की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है. उन्हें बच्चो को बहुत प्यार से हैंडल करने की जरुरत है अन्यथा .

करियर विकल्प , बच्चे और अपेक्षा के बोझ तले युवा के बारे में आपकी क्या राय और सोच है जरुर बताईएगा …

 

 

youth reading photo

Photo by Enokson

May 1, 2016 By Monica Gupta Leave a Comment

योग, मोदी सरकार और मन की बात

मन की बात कार्टून

 योग, मोदी सरकार और मन की बात

 

मन की बात कार्टून

Happiness is …

योग, मोदी सरकार और जनता के मन की बात

मन की बात नाम आते ही हमारे जहन में रेडियों पर मोदी जी के मन की बात का ख्याल आ जाता है …. अक्सर देखा गया है कि हम अपने मन की बात नही सुनते जबकि असली मजा अपने मन की बात सुनने में है ना कि दूसरों के मन की बात … !!!

मोदी सरकार के दो साल और मेरे मन की बात   जरुर देखिएगा

 

Two years of Modi government: Survey says nearly half feel ‘no change’ – Hindi Oneindia

नई दिल्ली। पीएम मोदी वाली एनडीए सरकार के दो साल पूरे हो गये हैं, उनकी सरकार का क्या असर लोगों पर रहा इस बात को जानने के लिए सेंटर फॉर मीडिया स्टडीज (सीएमएस) ने एक सर्वे कराया जिसमें 50 प्रतिशत लोगों ने सरकार के काम पर नाखुशी जतायी है तो वहीं 15 प्रतिशत लोगों ने कहा कि बीजेपी के आने से देश की स्थिति अच्छी नहीं रही है।

सीएमएस के सर्वे में 43 प्रतिशत लोगों ने कहा कि मोदी सरकार की योजनाओं का फायदा देश की गरीब जनता को नहीं मिल रहा है तो वहीं 62 प्रतिशत लोगों को पीएम मोदी पर अभी भी काफी भरोसा है और वो बतौर पीएम उन्हें काफी पसंद करते हैं। इस सर्वे के 70 प्रतिशत लोगों का कहना है कि पीएम मोदी को पांच साल के बाद फिर से देश का पीएम बनना चाहिए क्योंकि उनकी बातों का असर केवल भारत पर ही नहीं बल्कि विदेशों पर भी है। read more at oneindia.com

 

योग और मन की बात की बात के बारे में अगर आपके कोई विचार हों तो जरुर बताईएगा …

April 29, 2016 By Monica Gupta Leave a Comment

गर्मी का मौसम – पुण्य का काम- पक्षियों को दाना पानी

गर्मी का मौसम - पुण्य का काम- पक्षियों को दाना पानी

गर्मी का मौसम – पुण्य का काम- पक्षियों को दाना पानी

 

गर्मी का मौसम शुरु हो चुका है और  बहुत राज्यों में सूखा पडा  होने की लगातार खबरे आ रही हैं . वही दूसरी ओर जहां सूखा नही है वहां भी पानी कम इस्तेमाल करने पर बल दिया जा रहा है.

ऐसे में चारो तरफ त्राहि त्राहि का माहौल है क्योकि बिन पानी सब सून …

 

गर्मी का मौसम - पुण्य का काम- पक्षियों को दाना पानी

ऐसे में सबसे बडी आपदा पक्षियों पर ही आती है क्योकि तालाब, बावडी सब सूख गए हैं पक्षी बेचारे जाए तो जाए कहा … ऐसे में अगर कोई इस बेचारे मासूमों के लिए पानी रखता है तो हुआ ना पुण्य का काम

गर्मी का मौसम – पुण्य का काम- पक्षियों को दाना पानी

सबसे अच्छी बात तो ये भी है कि इसे करने से चेहरे पर मुस्कान आ जाती है और चेहरा खूबसूरत हो जाता है … अगर यकीन न हो तो आजमा लीजिए …

April 26, 2016 By Monica Gupta Leave a Comment

भयंकर गर्मी, सूखा और पानी का महत्व

गर्मी और पानी का महत्व

भयंकर गर्मी, सूखा और पानी  – महा भयंकर गर्मी में बिजली,  पानी किसी वरदान से कम नही होते .. इसलिए ऐसी गर्मी में असली खुशी  तभी मिलती है जब नल में पानी आ रहा हो …

भयंकर गर्मी, सूखा और पानी का महत्व

पारा 45 डिग्री के पार – छ्क्के छुडाए गर्मी ने …Happiness is …

 

गर्मी और पानी का महत्व

पानी पीने के फायदे  जरुर पढे

ऐसी नौबत ही न आए इसलिए पानी बचा कर रखे सहेज कर रखे …

 

 

April 25, 2016 By Monica Gupta Leave a Comment

Courts and Justice – कटघरा और न्याय की देवी

courts and justice

courts and justice

Courts and Justice – कटघरा और न्याय की देवी

कटघरे में न्याय की देवी … न्याय की गुहार…  क्या वाकई कानून के हाथ लम्बे हैं  या  बस तारीख पर तारीख ही नियति रह गई है.

आमतौर पर रेप पीडिता से कानून पूछता है कि कितने आदमी थे पर आज न्याय की देवी खुद कटघरे में खडी है और वकील जज को यह बता रही है कि माई लार्ड बात ये नही है कि कितने आदमी थे पर बात ये है कि आदमी ही नही थे इसलिए न्याय ही नही मिल रहा यानि जज की नही है तो न्याय मिलेगा तो कैसे

तारीख पर तारीख … तारीख पर तारीख

justice delayed is justice denied…

हमारी कानून व्यव्स्था, कानूनी कार्यावाही इतनी सुस्त रफ्तार से है कि कई बार लगता है कि ये हो क्या रहा है… जब सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने कम जजो का मुद्दा उठाया तब पता लगा कि आखिर कमी हैं कहां ..

 

CJI Thakur makes impassioned plea to Modi govt: Need you to act, dont just criticise | The Indian Express

WITH the Prime Minister watching, an anguished Chief Justice of India T S Thakur made an impassioned plea on Sunday to the government to help upgrade judicial infrastructure and start addressing the glaring problem of shortage of judges. read more at indianexpress.com

सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश – मन की बात   जरुर पढिएगा

अगर जज ही नही होंगें तो यकीनन न्याय होगा कैसे ?? एक ज्वलंत प्रश्न है और इसका समाधान जल्द से जल्द होना चाहिए …

April 24, 2016 By Monica Gupta Leave a Comment

सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश – मन की बात

सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश - मन की बात

सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश – मन की बात

हमारी न्यायप्रणाली और भावुक हुए जस्टिस ठाकुर के मन की बात

बहुत नाइंसाफी है ये माई लार्ड …

सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश - मन की बात

आज लाईट गई हुई थी. बहुत बार फोन किया पहले तो मिला ही नही जब मिला तो बिजली विभाग वाले बोले कि आने में थोडा समय लगेगा… और पता है ये थोडा समय चार घंटे था. जब मैने पूछा तो बिजली वाले ने बताया कि क्या करें विभाग में आदमी ही नही है ..  शिकायतों की भरमार रहती है और आदमी है नही …  कहां कहां जाए बिजली ठीक करने … !!कहते कहते वो भावुक सा हो गया.

खैर, उनके  आने के बाद तो फटाफट बिजली ठीक हो गई. उन के  जाने के बाद मैं न्यूज  देखने लगी. खबरों में सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायधीश श्री टी एस ठाकुर जजों और मुख्यमंत्रियों के सम्मेलन में न्यायपालिका पर बढते बोझ को लेकर भावुक हो गए और रो दिए. उन्होने बताया कि जजों की संख्या पर मामूली बढोतरी हुई है जबकि केस लगातार बढते ही जा रहे हैं .

भारत में 10 लाख लोगों पर एक ही जज है. समय पर न्याय नही मिलता और दस लाख से ज्यादा मामले लम्बित हैं. उन्होने सरकार से अपील की कि जजों की नियुक्ति और खाली पद जल्द भरे जाने चाहिए.उन्होने एक गणित का उदाहरण भी दिया कि एक सडक 5 आदमी 10 दिन में बनाते हैं तो वही सडक एक दिन में बनानी हो तो कितने आदमी चाहिए . उत्तर होता है 50 –50 आदमी. अब 38 लाख 88 हजार केस निबटाने के लिए कितने आदमी चाहिए ये भी सोचने की बात है …

 

 

Speaking about the massive burden on Indian judiciary, CJI becomes emotional – Navbharat Times

Chief Justice of India TS Thakur breaks down during his speech at Jt conference of CMs and CJ of HCs in Delhi read more at indiatimes.com

 

वाकई बहुत सोचने की बात है.

क्षेत्र कोई भी हो man power में कमी नही होनी चाहिए क्योकि अगर सभी काम समय पर होते रहेंगें तो आम आदमी को दिक्कतों का सामना नही करना पडेगा और वो खुश रहेगा और अगर समाज में आदमी खुश तो समाज खुद ब खुद तरक्की करेगा … !!

चलो अच्छी बात यह हुई कि मोदी जी के सामने ये बात कही गई है  अब देखते हैं इसका असर  कब तक होगा . सोचते सोचते मैने मणि से बात करने के लिए landline मिलाया पर फोन  dead था … हे भगवान !! यहां भी शिकायत करनी पडेगी और manpower यहां भी कम …. !!!

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