Monica Gupta

Writer, Author, Cartoonist, Social Worker, Blogger and a renowned YouTuber

  • About Me
  • Blog
  • Contact
  • Home
  • Blog
  • Articles
    • Poems
    • Stories
  • Blogging
    • Blogging Tips
  • Cartoons
  • Audios
  • Videos
  • Kids n Teens
  • Contact
You are here: Home / Archives for India

December 1, 2015 By Monica Gupta Leave a Comment

विचलित मन

विचलित मन

ये तस्वीर आपको विचलित कर सकती है.

बेशक, सोशल मीडिया यानि गूगल प्लस, फेसबुक, टवीटर पर लिखने , वीडियों अपलोड करने और अपनी बात रखने के अपने फायदे हैं ये एक खुला मंच है जहां हम अपने दिल की भडास या गुब्बार निकाल सकते हैं या अपने विचार सांझा कर सकते हैं पर एक बात इस पर जो पीडा देती है वो ये कि अपने आपको बहुत smart दिखाने के लिए हम कुछ ऐसी तस्वीरे अपलोड कर देते हैं जो नही करनी चाहिए थी. जिन्हे देख कर मन व्यथित हो उठता है.जैसाकि मैने हाल ही मे एक तस्वीर देखी जो एक सडक दुर्धटना की थी और महिला पुरुष के मृत शरीर पडे थे .अन्य तस्वीर में एक नवयुवती ने फांसी लगा रखी थी और उसका मृत शरीर लटक रहा था.

बेशक , उस पर नजर पडी और मैं तुरंत नेट बंद कर दिया  या दूसरे शब्दों में कहूं तो मन विचलित सा हो गया और धबराहट सी हो गई कि ये क्या देख लिया और नेट बंद करने के बावजूद  भी वही तस्वीर बार बार आखों के सामने आने लगी.

जाने माने समाचार पत्र या टीवी पर भी जब इस तरह की खबर दिखाते हैं तो वो थोडी धुंधली करके दिखाते हैं ताकि पाठक या दर्शक को वो तस्वीर विचलित न कर दे पर सोशल मीडिया पर कुछ लोग ऐसी तस्वीरे दिखा कर ना जाने क्या साबित करना चाह्ते है… ये ठीक नही है 😐  अगर आप भी ऐसा करते हैं तो कृपया न करें !!!

stop photo

विचलित मन के बारे में आपकी राय क्या है ??

December 1, 2015 By Monica Gupta Leave a Comment

भारतीय महिलाए और समाज

indian lady photo

Photo by Picture Institute- Bristol Margate Nida London

 

भारतीय महिलाए और समाज

 महाराष्ट्र के शनि शिंगणापुर मंदिर में एक महिला ने शनि महाराज को तेल चढा दिया. इसके बाद बवाल खडा हो गया क्योकि ट्रस्ट का कहना है कि 400 साल की परंपरा में पहली बार किसी महिला ने मंदिर के चबूतरे पर चढकर शनि महाराज को तेल चढाया, यहां ऎसा नहीं होता है। ट्रस्ट की ओर से रविवार को मंदिर का शुद्धिकरण किया गया. इस खबर को बहुत प्रमुखता से दिखाया गया. खबर देखते देखते मेरा मन बहुत साल पीछे उड चला. मैं उन दिनों मे पहुंच गई जब टीवी, मोबाईल या कम्प्यूटर नही हुआ करते थे.

संयुक्त परिवार होते और और नानी ,दादी के घर बिल्कुल अलग माहौल होता. रेडियों ,पत्र, पत्रिकाओ का बोलबाला हुआ करता था. पत्रिकाओं में एक पत्रिका थी सरिता. सरिता पत्रिका में एक कालम आता था हमारी बेडिया. उसे अगर आज के समय में पढे तो हैरान हो जाएगा कि महिलाओ के साथ किस किस तरह का व्यवहार किया जाता था.  किस तरह के आडम्बर और बेडिया थी समाज में.

बाहर की तो बात अलग है घर पर ही ढेरों बंधनों में रहती जैसाकि महीने के तीन दिन उसके साथ अछूत जैसा व्यवहार किया जाता था ( सम्भव है आज भी कुछ परिवारों में यह परम्परा हो) और अगर कोई विधवा हो गई है तो उसके लिए तो बहुत बंधन थे समाज में. लडकियों को बस रसोई घर तक ही सीमित रखा जाता. पढाई तो बहुत दूर की बात थी और अगर फिर भी पढ लिख लेती तो आठवी, दसवी करते ही रिश्ते की खोज शुरु हो जाती. इतना ही नही घरों में अपने ही लोग महिला का शोषण करते और उसे अपनी आवाज दबाने को मजबूर किया जाता और वो ये सब जुल्म सहती रहती. कुल मिला कर उस दौर को पुरुष प्रधान समाज का नाम दिया जाए तो गलत नही.

अब बात आती है आज के दौर की. जहां माता पिता लडकी को पढाना चाहते हैं. शहरों में ही नही गांवों में भी लडकी को पढाने लिखाने के मामले में मानसिकता बदली है. इतना ही नही जो कोई भ्रूण या लिंग की जांच करवाता है कि अगर लडकी है तो गिरवा दो कि भावना रखता है ऐसे डाक्टर को और अविभावकों को  सलाखों के भीतर कर दिया जाता है. महिलाए नौकरी करके कमा रही हैं और अपने पैरों पर खडी हैं आज समाज में बोलने की आजादी, लिखने की आजादी है और टीवी धारावाहिकों  सोशल नेट वर्क आदि के माध्यम से  जानकारी मिलती है कि क्या सही है क्या गलत ? अनेको एप्प मार्किट में आ गए हैं  जिससे चाहे वो बच्ची हो या महिला सचेत और जागरुक रहती है.

अचानक मेरी तंद्रा भंग हुई और देखा उसी मंदिर के पुजारी बता रहे थे कि परम्परा किसने बनाई और क्यो बनाई ये तो पता नही पर 400 साल से भी ज्यादा से यही चली आ रही है इसलिए मंदिर का शुद्धिकरण करना जरुरी था. उस महिला ने सही किया या गलत इस विषय पर बहस चालू हो चुकी है पर कुल मिला कर उन दिनों की तुलना में आज समाज में महिलाओं को लेकर बहुत परिवर्तन आया है बेशक, उन बेडियों से आजाद तो नही हुए पर राहत जरुर मिली है जोकि एक अच्छा संकेत है.

महिलाओं ने अपनी मिली स्वतंत्रता का कितना दुरुपयोग किया है … ये अलग बहस का विषय है जिसके बारे में अगली बार मुद्दा उठाएगें ..

भारतीय महिलाए और समाज के बारे में आपकी क्या राय है …

November 30, 2015 By Monica Gupta Leave a Comment

शरारत और बचपन के दिन

शरारत और बचपन के दिन

  Shararat  aur Bachpan, मासूम बचपन, प्यारा बचपन ,

बच्चों की दुनिया बहुत प्यारी है इसे प्यारा ही बने रहने दीजिए.

आज  सुबह हमारे शहर में बहुत धुंध थी. मैं बाहर खडी मौसम देख रही थी. कुछ बच्चे धुंध में बच्चे अपनी स्कूल बस की इंतजार कर रहे थे और कुछ बच्चे बाते करते हुए जा रहे थे.तभी पीछे से एक बच्चे की आवाज आई देख मै सिग्रेट पी रहा हूं. मै हैरान कि स्कूल जाने वाले बच्चे ये क्या कर रहे है और मेरे मन में सैकडो बाते आ गई उस बच्चे के भविष्य को लेकर और मैने उसी समय पीछे मुड कर देखा कि .पता है मैने क्या देखा. बच्चा धुंध की वजह से मुहं से जान बूझ कर, हंसता हुआ, धुंआ निकाल कर सिग्रेट् पीने की एक्टिंग कर रहा था. मै उसकी  मासमूयित पर मुस्कुरा दी.

सच, आज के तनाव भरे वातावरण मे हम इतने घुल मिल गए है कि बचपन, मासूमियत और उनकी शरारतो को भूलते ही जा रहे हैं जबकि हमे उन्हे जिंदा रखना है. फिर मै भी उन बच्चो के मिल कर हंसते हंसते जानबूझ कर एक्टिंग करके मुहं से धुंआ निकलने लगी….!!! उनकी मासूम और प्यारी हंसी हमेशा ऐसी ही बनी रहॆ उसके एक लिए हमे ही प्रयास करने होंगें ..

बचपन

childhood photo

Photo by susivinh

November 28, 2015 By Monica Gupta Leave a Comment

गरम दल बनाम नरम दिल

मोदी जी

मोदी जी

गरम दल बनाम नरम दिल

गरम दल के नरम दिल बनने के बेशक बहुत कारण बताए जा रहे हों पर एक कारण बिहार में मिलने वाली हार और गठबंधन सरकार को मिलने वाली जीत माना जा रहा है.

वैसे संसद के शीत सत्र में जीएसटी समेत कई विधेयक पास करवाने हैं शायद इस कारण  सरकार के सुर भी नरम पड़ गए हैं. वही प्रधानमंत्री  मोदी जी ने लोकसभा में भी कहा – “लोकतंत्र में ज्यादा ताकत तब बनती है जब हम सहमति से चलें. सहमति नहीं बनने पर अल्पमत या बहुमत की बात आती है…. लेकिन यह अंतिम विकल्प होना चाहिए। जब सहमति बनाने के हमारे सारे प्रयास विफल हो जाएं।’

इस ओर प्रयास भी आरम्भ हो चुके हैं जिसका सकेंत मनमोहन सिंह जी और सोनिया जी को चाय पर बुलाना भी माना जा रहा है

www.bhaskar.com

भीमराव अांबेडकर की 125वीं जयंती समारोह के उपलक्ष्य में संविधान के प्रति प्रतिबद्धता विषय पर दो दिन चली चर्चा का प्रधानमंत्री ने जवाब दिया। उन्होंने असहिष्णुता बढ़ने और संविधान बदलने के प्रयासों के आरोपों का भी जवाब दिया। उन्होंने कहा कि ‘यह भ्रम फैलाया जा रहा है कि संविधान बदलने के बारे में सोचा जा रहा है। न कभी कोई संविधान बदलने के बारे में सोच सकता है और मैं समझता हूं कि कोई ऐसा सोचेगा तब वह आत्महत्या करेगा।’ शेष|पेज 5 पर असहिष्णुता से जुड़े आरोपों पर उन्होंने दोहराया कि “इस सरकार का एक ही धर्म है- इंडिया फर्स्ट। सरकार का एक ही धर्मग्रंथ है- भारत का संविधान। सर्व पंथ समभाव ही आइडिया ऑफ इंडिया है। देश संविधान के अनुसार चला है। आगे भी चलेगा। संविधान की पवित्रता बनाये रखना हम सबका दायित्व और जिम्मेदारी है, हमें अल्पसंख्यक-अल्पसंख्यक करने के बजाए सर्वसम्मति बनाने पर जोर देना चाहिए।’ अंबेडकर ने जीवनभर यातनाएं सही, लेकिन बदले की भावना नहीं आने दी: मोदी मोदी ने कहा- “डॉ. Read more…

 अब आप ही इस बात  के  कयास  लगाए कि  गरम दल बनाम नरम दिल  माजरा क्या है

 

November 28, 2015 By Monica Gupta Leave a Comment

What an Idea

mobile photo

Photo by pedrosimoes7

What an Idea

बात बहुत पुरानी नही है जब टीवी पर  आ रहा आईडिया का विज्ञापन …. ओ हो ओ हो   Get Idea  … Get Idea..  बेहद पसंद था और उसकी धुन थिरकने और गुनगुनाने पर मजबूर कर देती … पर यह थिरकन  तांडव में तबदील होने लगी और  गुनगुनाहट  की जगह ले ली चिल्लाहट ने.. असल में, कुछ महीनों से मोबाईल फीचर के बेवजह बिल लग कर आने लगे .तब कभी कस्टमर केयर  तो कभी लोकल आईडिया आफिस जा जाकर  बार बार  लगातार शिकायत की पर नतीजा शून्य  कोई सुनवाई नही हुई और बिल यथावत  वही लग कर आते रहे. प्लान बदलवाया सारे फीचर हटवा दिए  पर फिर भी ढाक के तीन पात  …. !!!! कुछ नही हुआ बस आश्वासन पर आश्वासन आश्वासन पर आश्वासन ही मिलते रहे कि हो जाएगा …  पर हुआ कुछ नही… माना कि मोबाईल आज के समय की आवश्यकता है रोटी कपडा और मकान से पहले मोबाईल होना जरुरी है. पर इसका यह मतलब भी नही कि कम्पनी वाले ग्राहक को बेवजह तंग करें और तो और  सुनवाई भी न हो …!!!

आज के समय में जब मोबाईल  कम्पनियों का इतना जबरदस्त काम्पीटिशन है तो ऐसे में ग्राहकों की  सुविधा का ध्यान तो रखना ही चाहिए ताकि वो छोड कर न जाए पर … पर … पर … !!! ये  तो है उनकी  सोच पर मैने भी सोच लिया है कि अब और नही …   Get Idea  ओ हो  ओ हो नही बल्कि   Get Out Idea  ओ हो … ओ हो …   GET OUT IDEA   नही चाहिए !!!ओ हो ओ हो !!! अब मैं थिरक भी सकती हूं और गुनगुना भी सकती हूं … फीलिंग रिलेक्स्ड 🙂

 

मैं तीस हजारी से बोल रही हूं जरुर पढिएगा

What an Idea पर अगर आपका कोई अनुभव या विचार हो तो जरुर सांझा कीजिएगा …

 

 idea mobile photo

November 27, 2015 By Monica Gupta Leave a Comment

बदले बदले से सरकार नजर आते हैं

बदले बदले से सरकार नजर आते हैं

आज बहुत दिनों के बाद कुछ खबरे देख कर बेहद खुशी हुई . जैसाकि दिल्ली में 22.5 करोड की चोरी पुलिस ने तुरंत पकडी. चोर प्रदीप शुक्ला गिरफ्त मे.

दूसरी बिहार मे शराब बंदी लागू की जाएगी और तीसरी आज लोकसभा में संविधान पर चर्चा करते हुए प्रधान मंत्री मोदी जी का सुर मध्यम सप्तक मे था जबकि आजकल हम तार सप्तक ही सुन रहे थे. ये तीन खबरे कुछ राहत लाई पर हैरानी इस बात की है कि हमारे न्यूज मीडिया को यह खबरे हज्म नही हो रही कि अच्छा कैसे हो सकता है इसमे भी वो संशय और हैरानी  व्यक्त कर रहे है और इस में भी कुछ  चटपटा खोज रहे हैं. कुरेद रहें हैं कि शायद मसाला मिल जाए

बदले बदले से सरकार नजर आते हैंsearching  photo

 

  • « Previous Page
  • 1
  • …
  • 17
  • 18
  • 19
  • 20
  • 21
  • …
  • 36
  • Next Page »

Stay Connected

  • Facebook
  • Instagram
  • Pinterest
  • Twitter
  • YouTube

Categories

छोटे बच्चों की सारी जिद मान लेना सही नही

Blogging Tips in Hindi

Blogging Tips in Hindi Blogging यानि आज के समय में अपनी feeling अपने experience, अपने thoughts को शेयर करने के साथ साथ Source of Income का सबसे सशक्त माध्यम है  जिसे आज लोग अपना करियर बनाने में गर्व का अनुभव करने लगे हैं कि मैं हूं ब्लागर. बहुत लोग ऐसे हैं जो लम्बें समय से […]

GST बोले तो

GST बोले तो

GST बोले तो –  चाहे मीडिया हो या समाचार पत्र जीएसटी की खबरे ही खबरें सुनाई देती हैं पर हर कोई कंफ्यूज है कि आखिर होगा क्या  ?  क्या ये सही कदम है या  देशवासी दुखी ही रहें …  GST बोले तो Goods and Service Tax.  The full form of GST is Goods and Services Tax. […]

डर के आगे ही जीत है - डर दूर करने के तरीका ये भी

सोशल नेटवर्किंग साइट्स और ब्लॉग लेखन

सोशल नेटवर्किंग साइट्स और ब्लॉग लेखन – Social Networking Sites aur Blog Writing –  Blog kya hai .कहां लिखें और अपना लिखा publish कैसे करे ? आप जानना चाहते हैं कि लिखने का शौक है लिखतें हैं पर पता नही उसे कहां पब्लिश करें … तो जहां तक पब्लिश करने की बात है तो सोशल मीडिया जिंदाबाद […]

  • Home
  • Blog
  • Articles
  • Cartoons
  • Audios
  • Videos
  • Poems
  • Stories
  • Kids n Teens
  • Contact
  • Privacy Policy
  • Terms of Use
  • Disclaimer
  • Anti Spam Policy
  • Copyright Act Notice

© Copyright 2024-25 · Monica gupta · All Rights Reserved