Monica Gupta

Writer, Author, Cartoonist, Social Worker, Blogger and a renowned YouTuber

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April 7, 2016 By Monica Gupta Leave a Comment

प्रशांत किशोर बनाम पीके और बिहार के शराब बंदी

शराब बंदी पर कार्टून

शराब बंदी पर कार्टून

प्रशांत किशोर बनाम पीके और बिहार के शराब बंदी

जब से बिहार मे शराब बंदी का नियम लागू हुआ है विरोधी खेमा{ भारतीय जनता पार्टी } कुछ ज्यादा ही बैचेन हो गया है … दुखी है … और कोई न कोई तरकीब निकाल रहा है कि किसी से यह जतलाया जाए कि शराब बंद करवा कर कोई ज्यादा तीर नही मारा है बात तो तब बनेगी जब पी के यानि प्रशांत भूषण को हटाओगे… गौरतलब है कि पहले प्रशांत मोदी जी के साथ थे फिर सुनने मे आया कि अमित शाह से अनबन के बाद उन्होने नीतीश कुमार का साथ दिया और उन्हे भारी मतों से जितवाया

…

UP assembly election: Prashant Kishor finally found space for his team in congress war room – Navbharat Times

बताया वॉर रूम के लिए खूब की मशक्कत बताया जाता है कि कांग्रेस हाइकमान पीके की लंबी चौड़ी टीम को वॉर रूम में जगह देने के पक्ष में नही था। पीके से कहा भी गया था कि वह अपनी टीम के लिए कोई प्राइवेट जगह देखें, जबकि पीके हर हाल में वॉर रूप में अपनी पैठ चाहते थे। इसके लिए पीके ने राहुल गांधी के सामने तमाम जबर्दस्त दलीलें रखीं। प्रशांत की दलील थी कि चुनाव के दौरान वह राहुल गांधी के लगातार संपर्क में रहेंगे, तमाम चीजों को लेकर उनके फीडबैक की जरूरत पड़ेगी। ऐसे में प्राइवेट जगह पर सुरक्षा कारणों से राहुल के साथ लगातार संपर्क संभव नहीं होगा। मोदी-नीतीश जैसी ही रणनीति सूत्रों के मुताबिक, प्रशांत की योजना फोटो स्टूडियो सेटअप करने की है, जहां फोटो शूट से लेकर वीडियो शूट एवं कैंपेन वगैरह हो सकें।  इस स्टूडियो में एडिटिंग की सुविधा के साथ-साथ उनके प्रजेंटेशन की सुविधा भी रहेगी। चेक से पेमेंट पार्टी के लिए सिरदर्द? Via indiatimes.com

सच पूछो तो तीर लगा तो है और किसी को धायल भी कर गया है …

प्रशांत किशोर बनाम पीके और बिहार के शराब बंदी  के बारे में आपके क्या विचार हैं …

 

 

April 6, 2016 By Monica Gupta Leave a Comment

समाज में मीडिया की भूमिका और आत्महत्या का बढता ग्राफ

समाज में मीडिया की भूमिका और आत्महत्या का बढता ग्राफ

समाज में मीडिया की भूमिका और आत्महत्या का बढता ग्राफ

अचानक एक खबर ने हैरत में डाल दिया कि एक मशहूर टीवी अदाकारा प्रत्यूषा बनर्जी में आत्महत्या कर ली … बेशक दुखद खबर थी क्योकि टीवी धारावाहिक में सजीव अभिनय करने वाली अभिनेत्री का अचानक , बेसमय जाना अनेक प्रश्न छोड गया.

वैसे आत्महत्या की खबरें कुछ समय से सुर्खियों में चल रही हैं कभी किसान तो कभी यूनिवर्सिटी में पढने वाला छात्र तो कभी फिल्मी परदे पर अभिनय कर रही नायिकाएं या अभिनेत्रियां….

दिव्या भारती, परवीन बॉबी, जिया खान , सिल्क स्मिता आदि कुछ ऐसे नाम हैं  जिन्हें आजतक कोई नही भूला. इतना ही नही सिल्क स्मिता की असल कहानी पर तो डर्टी पिक्चर नामक फिल्म भी बनी थी जिसे विधा बालन ने  निभाया था.

इसके इलावा खबरों की दुनिया सन्न कर देने वाली खबरों से भरी पडी है…भारत माता की जय का नारा बोलना हो या गुलाम अली साहब के दिल्ली में होने वाले कार्यक्रम का  विरोध… जिसके चलते रद्द करना पडा.

भारत में हुए पठानकोट ह्मले को  पाकिस्तान ने भारत का ड्रामा करार दे दिया और बोला कि यह हमला पाकिस्तान को बदनाम करने के लिए है

वही हमारे नेताओ की जुबान काबू में नही है बड बोले बोल … कुछ भी अंट शंट बोलते ही रहते हैं जोकि समाज के लिए अच्छा संकेत नही है…

वही इन सब के बीच कुछ ऐसा सुनने को मिला जिससे हैरानी नही हुई बल्कि  मीडिया पर गुस्सा आया.

राखी सांवत की खबर को चैनल वालो ने महत्ता दी जिस ने तो सकते में ही डाल दिया… राखी ने अपनी बात मोदी जी तक पहुंचाने का प्रयास किया है उसकी मांग है कि सबसे ज्यादा आत्महत्या का कारण पंखा बनता है इसे हटाया जाए … !!!

suicide photo

जिन बेचारो के घर पंखा ही नही होता वो क्या करेंगें… गरीब किसान जो इतना बेहाल जी रहा है … जिसके पास पंखा भी नही है पर आत्महत्या कर रहा है … !! ओह हा पेड कटवा देने चाहिए क्योकि पेड से लटक कर भी तो आत्म हत्या होती है …!!

 

अगर न्यूज चैनल,  मीडिया खुद को समाज का अभिन्न अंग समझता है और चाह्ता है कि समाज में सुधार हो तो क्षमा कीजिएगा मीडिया  जी आपको बदलना होगा … खबरें ऐसी दिखानी होगी जिससे समाज को नई सोच मिले एक बदलाव आए … ऐसी अजीबो गरीब बैसिर पैर की खबरें नही चाहिए … अगर आप नही सुधरे तो  वो दिन नही जब   लोग आपको और खबरों के गिरते स्तर को  दुत्कारना शुरु कर देगें…

मुझे हैरानी हमारे मीडिया पर है कि क्या हो गया उसे कैसी खबरे दिखा रहा है … हैरानी राखी सांवत पर नही मीडिया की भूमिका पर है … अफसोस.. बेहद दुखद 🙁

 

 

समाज में मीडिया की भूमिका और आत्महत्या का बढता ग्राफ के बारे में आपके विचारों का स्वागत है.

April 5, 2016 By Monica Gupta Leave a Comment

शिमला और खूंखार बंदर

Monkey

शिमला और खूंखार बंदर

जो भी शिमला जाता है उसका सामना बंदरों से तो होता ही होता है… पहाड और बंदर यकीनन पर्याय ही तो है… जहां शहरी लोगों के लिए ये बंदर  आकर्षण का केंद्र बनते हैं वही कुछ देख कर डर के मारे चिल्लाने भी लगते है… और कुछ लोग  इनके कोप के भागी भी बन जाते हैं ये मेरा अपने परिवार के साथ का पर्सनल अनुभव है. जब शिमला में बंदर ने काट लिया था.. यकीनन गुस्सा आया था  कि मारो इनको पर आज जब इनको मारने की खबर हकीकत में पढी तोयकीन मानिए  मैं सकते में आ गई…

Monkey

असल में आज मित्र की फेसबुक वॉल पर खबर पढी कि केन्द्र सरकार ने शिमला शहर में उत्पाती बंदरों को मारने की अनुमति दे दी है. अगले छह माह के लिए यह मंजूरी केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने जारी की है. इसके तहत नगर निगम शिमला के दायरे में लोग उत्पाती वानरों को मारने में सक्षम होंगे. खबर के अनुसार प्रदेश में सवा तीन लाख से भी ज्यादा बंदर हैं और हर साल 180 करोड़ का नुकसान कृषि व बागबानी को पहुंचाते हैं।

बेशक, जो भी शिमला या आसपास गए होंगें… बंदरों का निशाना जरुर बने होंगें…. हम भी निशाना बने हैं पर क्या यह सही कदम है खूंखार की उपाधि देकर इन्हें मारना कहा तक उचित है…!! 

 

Marauding monkeys to now face bullets in Shimla

Declared vermin, the marauding monkeys will be shot down in areas outside forests to check their menace.

The Ministry of Environment, Forests and Climate Change, in a communication to the Himachal Pradesh government on March 14, declared the rhesus monkey as vermin within Shimla’s municipal limits, which legally allows their elimination. read more at eenaduindia.com

हरियाणा मे भी कुछ जगह जैसाकि जींद के आसपास भी बहुत बंदर है पर कोई न कोई रास्ता इन्हें भगाने का सोचना चाहिए ..मारने का क्या मतलब . ???
पूरी तरह से असमहत…..

 

April 5, 2016 By Monica Gupta Leave a Comment

सोशल मीडिया, वायरल होती पोस्ट और लाईक, कमेंटस का बाजार

like cartoon by monica gupta

ट्रैफिक, लाईक, कमेंटस का ट्रैफिक और वायरल होता सोशल मीडिया का बाजार

E Media और मन की बात

सोशल मीडिया,वायरल होती पोस्ट और लाईक, कमेंटस का बाजार

Like  के लिए कुछ भी करेंगें.. हर रोज खबरे पढने या सुनने को मिलती रहती हैं कि सैल्फी छ्त से लेते हुए या समुंद्र के किनारे लेते या  बस की छत पर लेते हुए दुर्धटना धटी … ये किसलिए होता है अरे भई एक कमेंट एक लाईक के लिए ही ना… तो है ना E Media सोशल मीडिया का बाजार

 

 

like cartoon by monica gupta

सोशल मीडिया,वायरल होती पोस्ट और लाईक, कमेंटस का बाजार

मन की बात

Social Media की दुनिया में हमेशा वायरल होने का इंतजार रहता है मन करता है कि खूब ट्रैफिक हो … चाहे दिन हो या रात हो …  और बस लाईक और कमेंटस मिलते ही रहें मिलते ही रहें … !!  क्योकि खुदा न खस्ता अगर ये नही है  तो व्यक्ति डिपरेशन में चला जाता है और  उसका ठीक होना बहुत मुश्किल हो जाता है..

अब देखिए इस बात की खबर सभी को है तभी तो भिखारी बाबा भी

चंद पैसे के बदले ढेरों कमेंटस का, लाईक का और वायरल होने का आशीर्वाद दे रहे हैं … !!  

आज बदल गया है आशीर्वाद देने का अंदाज !!

 

April 4, 2016 By Monica Gupta Leave a Comment

स्वच्छता अभियान और शौचालयों की भूमिका

स्वच्छता अभियान और शौचालयों की भूमिका

स्वच्छता अभियान और शौचालयों की भूमिका

ग्रामीण ही नही शहरों में भी स्वच्छता की दरकार !! जरुरत है मानसिकता बदलने की !! स्वच्छता की अलख जगाने की… !! अपने देश को साफ स्वच्छ रखने की… !!

मैं और मेरी सहेली मणि बात कर ही रहे थे तभी मणि की पडोसन वहां से जा रही थी. मणि ने मुझे बताया हुआ था कि उसके पडोस में कल रिश्ते वाले बात पक्की करने आ रहे हैं. ये लोग बहुत पैसे वाले हैं बात तो पक्की समझो … जब लाखों रुपये एक फ्लैट और बडी सी कार मिल रही हो तो… मणि को देख कर उसकी पडोसन खुद आ गई.

देखने पर खुश नही लग रही थी. मणि के पूछ्ने पर उसने बताया कि अच्छा हुआ रिश्ता नही हुआ बहुत ही अकडू टाईप लोग निकले. लडके वालो के आवभगत में दस तरह की नमकीन, द्स तरह की मिठाई और सूखा मेवा की तो कोई गिनती ही नही…शानदार लंच भी दिया पर आज सुबह मना कर दिया बोले रिश्ता मंजूर नही क्योकि आपके टॉयलेट साफ नही थे..उन्हें क्या पता  80 लाख का बाथरुम बनवाया है हमने .. महंगी टाईल , शीशा, सीट और वाश बेसन और अलमारी..!!

कभी देखा ही नही होगा उन्होनें इतना महंगा बाथरुम और बात करते हैं कि साफ नही था…अजी एक क्या …!! सौ अच्छे लडके मिलेगें मेरी बिटिया को कहती हुई चली गई… मैं और मणि एक दूसरे का मुंह देखने लगे… वैसे बात सही है

स्वच्छता अभियान और शौचालयों की भूमिका

 

बेशक, घर पर एक से बढ कर एक महंगा सामान हो और बाथरुम भी लाखों का बनवाया हो पर सफाई भी रखनी बहुत जरुरी होती है. आमतौर पर जब हमारे यहां कोई मेहमान आता है तो हम बैठक, किचन, बैडरुम व अन्य कमरों की सफाई में तो जुट जाते हैं पर बाथरुम wash room पर ध्यान नही देते जबकि घर का वो भी बराबर का महत्वपूर्ण हिस्सा है और उसे भी उतनी सफाई की दरकार होती है जितनी अन्य कमरों को… क्या आप मेरी सोच से सहमत हैं या नही ???

बाथरुम  की शौचालय की  सफाई भी उतनी ही जरुरी है…..

शौचालयो को लेकर अनेक बातें, बहुत खबरे अक्सर सुर्खियों में रहती हैं.  स्वच्छता अभियान के दौरान  ये भी बात बहुत बार उठी थी कि मोबाईल से ज्यादा जरुरी है शौचालय … !!!

एक खबर के अनुसार  सरकार ने आज बताया कि वर्ष 2019 तक देश में सभी परिवारों के पास शौचालय होंगे। पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री बीरेंद्र सिंह ने बिमला कश्यप सूद के सवाल के जवाब में राज्यसभा को बताया कि दो अक्तूबर 2019 तक हिमाचल प्रदेश की सभी ग्राम पंचायतों सहित सभी राज्यों में सभी परिवारों के पास शौचालय होंगे।

इतना ही नही एक खबर के अनुसार तेलंगाना के नालगोंडा जिले में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. यहां एक 17 साल की लड़की ने आत्महत्या कर ली. कहा यह जा रहा है है कि लड़की ने इसलिए आत्महत्या कर ली, क्योंकि घर में शौचालय बनवाने के लिए वह अपने माता-पिता को तैयार नहीं कर पाई….

खबर मे बताया गया कि जूनियर कॉलेज छात्रा कदापार्थी रेखा ने सोमवार रात कथित रूप से खुद पर मिट्टी का तेल डालकर आग लगा ली। मामले की जांच कर रहे के. राजू ने बताया कि किशोरी घर में शौचालय न होने की वजह से खुले में शौच करने को विवश थी, जिससे उसे शर्मिन्दगी महसूस होती थी, और उसे नहाने के लिए भी टेंट से बने अस्थायी स्नानघर में जाना पड़ता था। रेखा के माता-पिता नागम्मा तथा सतिया खेत मजदूर हैं, और घर में शौचालय बनवाने का खर्च वहन करने की स्थिति में नहीं हैं।

कार्टून ( मोनिका ग़ुप्ता)

कार्टून ( मोनिका ग़ुप्ता)

एक अन्य खबर के म्ताबिक राष्ट्रीय स्वच्छता अभियान में हर वर्ग से जुड़े लोग अपनी हिस्सेदारी निभाने को आतुर हैं. मध्य प्रदेश के नीमच जिले की पुलिस ने तय किया है कि बंदूक के लाइसेंस और पासपोर्ट उन्हीं लोगों के बनाए जाएंगे, जिनके घरों में शौचालय होंगे.

बहुत खुशी होती है  यह सुन कर कि घर घर मे शौचालय होंगें पर उसे कितना सहेज पाएगें यह हमारी ऊपर है … इसलिए जागो जनता जागो …

वैसे स्वच्छता को लेकर आपकी क्या सोच है जरुर बताईएगा !!

जय स्वच्छता अभियान !!

April 3, 2016 By Monica Gupta Leave a Comment

May I Come In Madam?

May I Come In Madam?

 May I Come In Madam? 

आज मिर्चा सोमा राठौड   हास्य धारावाहिकों की दुनिया में अपने  अलग अंदाज और वजनदार भूमिका लिए  अपनी  अलग पहचान बना चुकी है . लापता गंज, भाभी घर पर है या May I Come In Madam ? मे अपने अभिनय से सभी को गुदगुदा रही है.

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आमतौर पर महिलाएं अपना वजन बढने से घबरा जाती है और तनाव में आ जाती है लेकिन मैं आपको एक ऐसी महिला से मिलवाती हूं जोकि अपने मोटापे को लेकर बहुत उत्साहित हैं और अपना काम भी बहुत खुशी खुशी कर रहीं हैं. अरे आप क्या सोचने लगे … चलिए मैं आपको एक हिंट देती हूं …

ए ब्लॉग जरा बता दे इनको कि मेरा नाम क्या है …. !!!

ह हा हा !! अरे वाह !! आपने तो एक दम से पहचान लिया … ये हैं प्यारी सी गोल मटोल सी अपनी बातों से अपनी अदा से सभी को रिझाती मिर्चा सोमा राठौड्… !!

सोमा जी अपने अभिनय से और खासतौर पर हाल ही मे चल रहे हास्य धारावाहिक May I Come in Madam ? में कश्मीरा की मां का किरदार बखूबी निभा रहीं है और अपने डॉयलाग … ए बाल्टी जरा पूछिए तो इनसे … जैसे डॉयलाग से दर्शकों के दिलों मे खास जगह बनाती जा रही है… !!  मिर्चा जी के पास शूटिंग से पहले थोडा समय था तो मैने फटाफट समय लिया और लगा दी झडी प्रश्नों की….

मिर्चा सोमा राठौड  सारे प्रश्नों का जवाब मुस्कुरा कर देती रहीं. उन्होने बताया कि उन के पापा इंजीनियर थे इसलिए देश के कभी किसी कोने मे तो कभी किसी ने तबादला होता रहा. पापा गुजराती मां बंगाली और दादा धनबाद से थे और उनका जन्म रायपुर में हुआ. वो दो बहने और एक भाई हैं. बचपन में भी ये बेहद शरारती और चुलबुली हुआ करती थी. स्कूल के सांस्कृतिक कार्यक्रमों मे खूब हिस्सा लिया करती थी और हीरोईन बनने का सपना लिया करती थी.

समय बीता और जब मिर्चा राठौड का परिवार मुम्बई शिफ्ट हो गया तो उन्होनें ऑडिशन देने शुरु किए.

ऑडिशन के दिनों को याद करती हुई उन्होने बताया कि वो भी एक मजेदार अनुभव था… कैदी के जैसे खडा करके नाम, उम्र, पता पूछा जाता फोटो होती. तब बहुत हंसी आती थी.

समय ने करवट ली और उन्हें अलग अलग रोल मिलने शुरु हो गए. पवित्र रिश्ता, सोनपरी, चाचा चौधरी जैसे ढेरो सीरियल है जिसमे काम किया पर असली पहचान धारावाहिक लापता गंज ने दी. लापतागंज को याद करते हुए वो हंस दी और बोली कि उसमे खूब खाने का मौका मिला क्योकि वो हलवाई की पत्नी बनी थी और खूब खाती थीं. इसके साथ साथ उन्होने बताया कि उनकी टीम बहुत अच्छी थी. उस धारावाहिक से बहुत कुछ सीखने को भी मिला, शूर्टिंग के दौरान उनके पावं मे फ्रैक्चर भी हो गया था जिसके कारण डेढ महीने बैड रेस्ट करना पडा.

Mircha Soma

आजकल दो धारावाहिक “भाभी जी घर पर हैं” और “ MaY I come in Madam?” बहुत पसंद किया जा रहा है खासकर उनका जरा पूछियों का अंदाज बहुत सराहा जा रहा है..!!!

इतने मे रिकार्डिंग का समय हो गया और वो जाने के लिए तैयार थी.

गोल मटोल, भोली भाली, प्यारी सी, मीठी सी आवाज वाली और हमेशा मुस्कुराने वाली मिर्चा सोमा को ढेर सारी शुभकामनाएं … !!!

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