Monica Gupta

Writer, Author, Cartoonist, Social Worker, Blogger and a renowned YouTuber

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March 31, 2017 By Monica Gupta Leave a Comment

पशु प्रेम पर बच्चों की कहानी – गाय के बारे में शिक्षाप्रद कहानी

 Art of Public Speaking in Hindi

पशु प्रेम पर बच्चों की कहानी  – गाय के बारे में शिक्षाप्रद कहानी – Moral Stories For Kids In Hindi – पशु पक्षियों का महत्व हमारी जिंदगी में बहुत है. पशु और पक्षी हमारे मित्र समान ही हैं. पशु पक्षियों के प्रति हमारा व्यवहार बहुत अच्छा होना चाहिए.

पशु प्रेम पर बच्चों की कहानी – गाय के बारे में शिक्षाप्रद कहानी

थोडी देर पहले कुछ बच्चों की बाहर से आवाजें आ रही थी … मैं  देखने के लिए बाहर आई तो देखा कि पांच सात बच्चे एक गाय को तंग कर रहे हैं एक बच्चा जोर जोर से  पूंछ खींच रहा था बाकि सब जोर जोर से हंस रहे थे …

मैं बोल पडी अरे क्या कर रहे हो … और बच्चे आवाज सुन कर भाग गए … और दूसरी तरफ गाय चुपचाप चली गई …

जब गाय जा रही थी तो मुझे याद आई मेरी एक कहानी जो मैने बहुत समय पहले लिखी थी … चलिए आज मैं आपको वही कहानी सुनाती हूं

कहानी का नाम है गाय को रोटी …

 

‘‘गाय को रोटी’’  मैं हूं मणि। अभी अभी चौथी कक्षा में हुई हूं। आप सोच रहे होंगे कि मेरे तीसरी कक्षा में कितने नम्बर आए। असल में हमें नम्बर नहीं ग्रेड मिलता है। मुझे ‘‘ए’’ग्रेड मिला था। नई-नई कॉपी, किताबें, नया स्कूल बैग बड़ा अच्छा लग रहा था। कुछ दिनों बाद छुट्टियां शुरू हो गई। मम्मी ने बताया कि वो दादा जी की बहन यानि पापा के बुआ जी गांव जाएंगे। मैं गांव कभी नहीं गई थी। पर गांव के लोग कैसे होते हैं, मुझे अच्छी तरह से पता है।

 

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गांव के भोले भाले बच्चों पर मैं खूब धाक जमाऊंगी। अगले दिन सुबह-सुबह ही हमने गांव जाना था। मैंने तीन चार सुंदर-सुंदर ड्रैस, उसी से मेल खाते रंग-बिरंगे चश्मे, सैडि़ल और छतरी भी अटैची में रख लिए। शाम होते-होते हम गांव पहुंच गए। गांव का वातावरण शहर से एकदम अलग था।

खुल्ले-खुल्ले घर, घरों में हैंडपंप, चौड़े-चौड़े रास्ते….सब बहुत अच्छा लग रहा था। घर के बाहर कितना भी,कैसे भी खेलो, किसी गाड़ी या स्कूटर का डर नहीं। घर में तो मैं छोटी सी जगह में ही बैडमिंटन खेलती हूं पर यहां तो जगह ही जगह थी।

पापा की बुआ यानि दादी जी के गांव में मेरे बहुत सारे दोस्त बन गए। बबीता, मोहन, कर्ण, सुनीता और रेखा से तो मेरी जल्दी ही अच्छी दोस्ती हो गई थी।

पहले पहल तो वो सब मेरे चश्मे और छतरी से दूर भागते रहे, पर दोस्ती हो जाने के बाद उनका डर दूर भाग गया। मैंने अपनी सब चीजें उनको इस्तेमाल करने के लिए भी दीं। वो सब बहुत ही शरीफ बच्चे थे लेकिन मैंने दो ही दिन में उनको शरारती बना दिया।

दादी जी पशुओं और पक्षियों को बेहद प्यार करती थीं। पक्षियों को दाना डालना और गाय को गुड और रोटी देना कभी नहीं भूलती थी।

हर सुबह और शाम, दिन छिपने से पहले एक गाय हमेशा आती थी। एक दिन उस गाय को रोटी खिलाते-खिलाते दादी जी ने बताया कि चाहे कुछ भी हो जाए, यह गाय यहां गुड़ और रोटी खाने जरूर आती है।

दादी जी की बात गलत साबित करने के लिए मैंने एक दिन एक तरकीब बनाई। मोहन कुछ पटाखे ले आया और शाम को गाय जब रोटी खाने आई तो मैंने चुपचाप उसकी पूंछ पर पटाखे बांध दिए। दादी जी गाय को रोटी देकर अंदर चली गई।

माचिस मुझे जलानी नहीं आती थी तो मोहन ने ही मेरी मदद की। आग लगते ही पटाखे फटफट करके जलने लगे। धागा ठीक से नही बांधा था इसलिए पटाखे जमीन पर ही गिर गए पर शायद एक पटाखा गाय को लग गया था और वो घबरा कर भाग गई पर इसकी सजा हमें बहुत बड़ी मिली। मोहन को तो उसी समय उसकी बहन ले गई और मुझे कमरे में बंद कर दिया गया

अगले दिन मौसम बहुत अच्छा था और मेरा मन कहीं बाहर जाने को कर रहा था। दादी जी सो रही थी। मम्मी पापा भी पास वाले गांव में किसी से मिलने के लिए गए हुए थे। मुझे बबीता ने अपने घर का पता बताया था और आने के लिए भी काफी बार कहा था।

वो कह रही थी कि उसके घर के पास बहुत सारे खेत हैं। वहां खेलने में बहुत मजा आएगा। मैंने सोचा कि चुपचाप निकल जाती हूं और दादी जी के उठने से पहले ही वापिस आ जाऊंगी। मैं बबीता के बताए रास्ते पर दौड़ पड़ी। दिन का समय था इसलिए मुझे डर भी नहीं लग रहा था पर अचानक देखते ही देखते आसमान में बादल इतने ज्यादा हो गए कि अंधेरा सा हो गया।

बरसात भी शुरू हो गई। दूर-दूर तक कोई नजर नहीं आ रहा था। मैं तो डर के मारे रोने लगी। जल्दबाजी की वजह से किस रास्ते से आई थी यह भी याद नहीं रहा। उधर जमीन पर बहुत पानी जमा हो गया था और पता ही नहीं चल रहा था कि कहां सड़क है और कहां नहीं।

दो तीन बार तो मैं बहुत बुरी तरह से गिरी। अंधेरा बढ़ता ही जा रहा था। मुझे अपने ऊपर गुस्सा आ रहा था…हुंह, बड़ा समझती है अपने आपको।

अब जान निकल रही है। किसी को बता कर आती तो शायद कोई खोजता हुआ आ भी जाता। अब बैठ यहां और रो जोर से…और मैं जोर-जोर से रोने लगी। धीरे-धीरे बरसात कुछ कम हो गई थी। मैं एक पेड़ से चिपक कर बैठी हुई थी।

तभी मुझे किसी के चलने की आवाज आई। मैं बहुत बुरी तरह से डर गई। आवाज धीरे-धीरे पास आ रही थी। मैं आंखें बंद कर ली। फिर आवाज आनी बंद हो गई।

मैंने आहिस्ता से अपनी आंखें खोली तो देखा कि जो गाय रोज दादी जी के घर रोटी खाने आती थी, वही गाय मेरे पास खड़ी पूंछ हिला रही थी। वही पूंछ जिस पर मैंने पटाखे बांधे थे।

उसकी पूंछ पर अब भी जलने के निशान थे। अनायास ही मैं उससे लिपट गई। अब मेरा डर कुछ कम हो गया था। फिर उसने धीरे-धीरे चलना शुरू कर दिया। मैं भी चुपचाप उसके ऊपर हाथ रखकर चलती रही। कुछ ही देर में हम खेत वाले रास्ते से निकलकर घर वाले रास्ते पर पहुंच चुके थे।

अब मुझे रास्ता भी याद आ गया था। लेकिन मैं फिर भी गाय के साथ-साथ ही चलती रही। कुछ ही देर में हम घर पहुंच गए। घर के बाहर बहुत लोग खड़े थे।

दादी जी ने काफी लोगों को इकट्ठा कर रखा था। मेरे लिए सब परेशान हो रहे थे। मुझे देखते ही दादी जी की जान में जान आई। आंखों में आंसू लिए उन्होंने मुझे गले से लगा लिया।

मैं भी उनसे गले लग कर रोने लगी। फिर मैंने गाय की पीठ पर प्यार से हाथ फेरते हुए उन्हें सारी बात बताई कि किस तरह आज इस गाय की वजह से ही मैं घर वापिस लौट पाई हूं।

काले बादल अब धीरे-धीरे छंट गए थे। ठीक उसी तरह मेरे मन से भी अहंकार के बादल छंट गए थे। मैंने दादी जी से कहकर पशुओं के डाक्टर को बुलवाया और गाय के जख्मों पर दवाई लगवाई।

उस दिन के बाद से मैं भी दादी जी के साथ उस गाय को गुड़ और रोटी खिलाने लगी। मुझे यह सब बहुत अच्छा लगने लगा। शहर लौटते वक्त मैंने दादी जी से वायदा किया कि आगे से मैं कभी भी किसी भी पशु या पक्षी को तंग नहीं करूंगी, बल्कि उनकी ही तरह से सभी को प्यार करूंगी।

 

पशु और पक्षी का हमारे जीवन में महत्व – पशु पक्षी हमारे मित्र है – YouTube

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पशु प्रेम पर बच्चों की कहानी

January 26, 2017 By Monica Gupta Leave a Comment

मेरा भारत महान है

मेरा भारत महान है

मेरा भारत महान है और हमें अपने देश पर गर्व होना चाहिए और निरंतर समाज की तरक्क्की के लिए इसमें बदलाव करते रहना चाहिए  ताकि देश में बदलाव और खुशहाली आए …

मेरा भारत महान है

हमारे घर के पास एक लडकी रहती है वो स्कूटी चलाना सीख रही थी आज सुबह जब हलके बारिश हो रही थी तो देखा कि वो अपने पापा को बैठा कर छोडने जा रही थी … मैने जब उसे देखा तो थम्स अप कर दिया …

वाकई  बदलाव प्रकृति  का नियम हैं जो लडकी कल तक सीख रही थी वो आज अपने पापा को छोड कर आ रही है …. हमें इस बदलाव का खुशी खुशी स्वीकार करना चाहिए और समाज को और बेहतर बनाने का प्रयास करते रहना चाहिए

… हमारा देश किसी से किसी मायने मे कम नही है आज 26 जनवरी की परेड और झांकिया देख कर सहजता से ही लगाया जा सकता है

बात कुछ समय पहले की है …

हमारे एक जानकार की सोच देश के लिए ज्यादा अच्छी नही थी और वो विदेश जा कर बस गए कुछ दिनों बाद जब उनसे बात हुई तो उन्होनें बताया कि उनका दिल नही लग रहा वो वहां सैटल नही हो पा रहे.

बेशक, जब वो जा रहे थे तो हमे भी लगा था कि वो कितने लक्की है वो लोग पर उनसे बात होने पर लगा कि असल में, भाग्यशाली तो हम है तो भारत में रहते हैं और  ये कविता बह निकली

 

मेरा भारत महान है

मेरा भारत महान , पहली पहली बार ……विदेश जाने पर ……………अपने देश का मर्म जाना ………..वो अपनापन वो अहसास………….वहां गुम थे……………..संस्कार हो चुका था ………….संवेदनाओ का………………
विकृत विकारो रुपी पाषाणो का ……………हो रहा था सतत प्रहार…………..मानो मै इक निरीह विहान;;;;;;;;;;;निर्झर की तालाश में /खिन्न.गुमराह, हताश सी संबल खोज रही हूं –
तब पहली बार महसूस हुआ……………
परिवेश मेरे देश का /ज्वलंत है, विराट है तपते आतप मे घने विटप की छांव है
नवजात शिशु के लिए मां के क्षीर समान है दुखो का संहारक है —–सहज है,सस्मित है मीत है, वात्सल्यता का प्रतीक है /////कण- कण से इसके प्रेम छ्लकता है
तभी तो देश भक्ति गीतो पर मन भाव विहल हो उठता है/////आज मैने पहली पहली बार जाना….. यही है वो अपनापन वो अहसास ;;;;; जिससे है मुझे मेरे हिन्दुस्तान पर नाज

मेरा भारत महान है

मेरा भारत महान है पर आपके विचारों का भी स्वागत है …

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August 24, 2016 By Monica Gupta Leave a Comment

काम वाली बाई और सीसीटीवी कैमरा

Cartoon maid by monica Gupta

Cartoon maid by monica Gupta

काम वाली बाई और सीसीटीवी कैमरा

Kaamwali bai aur CCTV Camera हमारे देश में काम वाली बाई, maid servant  की बहुत value  है  क्योकि इसके बिना हम बेजान हैं पर आजकल जिस तरह से काम वाली बाई और चोरी करने या फिर बच्चों की देखभाल सही न करने की खबरे सामने आ रही है एक तसल्ली है कि सीसीटीवी कैमरा है इसलिए कोई डर नही .. उसे अपना काम सही प्रकार से करना ही पडेगा पर काम वाली बाई ने एक condition यानि शर्त रख दी कि अगर घर पर सीसीटीवी कैमरा लगवाया तो वो काम छोड देगी …

अब चिंता इस बात की है कि क्या करें …

ऑडियो – काम वाली बाई – व्यंग्य – मोनिका गुप्ता – Monica Gupta

क्लिक करिए और सुनिए आप बीती मोनिका गुप्ता का नमस्कार आज मैं आपको व्यंग्य सुनाने जा रही हूं जिसका शीर्षक है काम वाली बाई है मेरे पास !!!! …सुनने  से पहले प्लीज ध्यान दें ….इस व्यंग्य की सारी बाते सच्ची धटना पर आधारित है और इसका किसी व्यक्ति,स्थान उम्र से अगर मेल हो तो इसे कोई हैरानी बात ना होनी चाहिए… जी.. read more at monicagupta.info

कामवाली बाई , छुट्टियां और तनाव – Monica Gupta

कामवाली बाई और मनोरंजक कार्टून कामवाली बाई , छुट्टियां और तनाव Weekend holiday package of Kaamwali bai बेशक , कामवाली बाईयों पर बने कार्टून हमेशा मनोरंजक लगते हैं पर असल जिंदगी में बहुत तनाव पैदा कर देते हैं.. अब देखिए ना हमारी कामवाली बाई internet पर holiday package सर्च करने की बात कर रही है…पर इसे कौन बताए कि इसके बिना कितनी दिक्कत हो जाएगी… कैसे बैठ पाऊंगी सारा सारा दिन में read more at monicagupta.info

 

अगर आपके पास कोई आईडिया है तो जरुर बताईए !!

August 8, 2016 By Monica Gupta Leave a Comment

समय का महत्व – अपनोंं के साथ (ऑडियो)

रिश्वतखोरी - आईए रिश्वत दें

 

ऑडियो मोनिका गुप्ता

ऑडियो मोनिका गुप्ता

https://monicagupta.info/wp-content/uploads/2016/08/audio-positive-thought-by-monica-gupta.wav

Click कीजिए और सुनिए 2 मिनट और 8 सैकिंड का audio

समय का महत्व – अपनोंं के साथ (ऑडियो)

मोनिका गुप्ता का नमस्कार.

वैसे इंटरनेट सशक्त माध्यम है बहुत सारी बातें जानने, सीखने और कुछ नया सर्च करने  का. हर कोई अपने interest के हिसाब से सर्च करते हैं कोई लेटेस्टlatest  खबरे सर्च करते हैं तो कोई games.. कोई online  शापिंग तो कोई डाईट कैसी हो इस पर सर्च करते है मैं भी बहुत कुछ सर्च करती रहती हूं नेट पे पर पॉजिटिव thoughts पढना बहुत पसंद हैं और जो अच्छे लग्ते हैं उन्हे लिख लेती हूं या सेव save कर लेती हूं और फिर दोस्तों के साथ  शेयर share करती हूं हमेशा की तरह् आज भी मैं बहुत अच्छे से विचार की तलाश कर रही थी और सर्च करते करते बहुत साईटसsites  देखी. देखते देखते एक विचार बहुत पसंद आया.मैं उसने नोट note करने ही वाली थी फिर सोचा चलो और आगे सर्च कर लूं शायद इससे भी अच्छा मिल जाए …..और बेहतर और भी बेहतर के चक्कर में मैं आगे बढती रही पर कोई पसंद ही नही आया फिर सोचा चलो वैसे पहले वाला ही विचार अच्छा है वही नोट कर लेती हूं  पर ओह … वो गायब हो गया.

बहुत सारी साईटस  sites खोल रखी थीं, सर्च कर रही  थी स्क्राल scroll  भी कर रही थी  वो उसी में कही गुम हो गया.  खोजा… खोजा उसे बहुत खोजा पर !!!  पर मिला नही  और याद भी नही था कि क्या लिखा था. बस इतना याद था कि जिंदगी के बारे मे था और बहुत ही अच्छा था

उदास मन लिए मै सोचने लगी कि जिंदगी मे भी अक्सर ऐसा होता है जो हमारे पास होता है हम उसकी परवाह नही करते कद्र नही करते और बेहतर और अच्छा खोजने के चक्कर मे हम अपनो को भी खो देते हैं इसलिए जो हमारे पास है उसी की वेल्यू value  करनी चाहिए और उसी मे खुश रहना सीखना चाहिए नही तो फिर परेशान ही होना पडेगा जैसे मै हो रही हूं वैसे  वो विचार कब मिलेगा.. मिलेगा भी या नही पर एक विचार मुझे बहुत ही पसंद है वो मैं आप सभी से जरुर शेयर करना चाहूंगी वो है … सुनाऊंं… जी सुनाती हूं

मंजिल मिले ना मिले..ये तो मुकदर की बात है
हम कोशिश भी ना करे…ये तो गलत बात है..

तो हो जाईए तैयार कोशिश करने के लिए … मैं भी एक बार फिर कोशिश करती हूं शायद मिल ही जाए… मिल गया तो ठीक नही तो  कल फिर मिलूगी एक और विषय के साथ…  तब तक खुश रहिए मुस्कुराते रहिए … बाय बाय

 

August 1, 2016 By Monica Gupta Leave a Comment

स्माईल प्लीज – मुस्कुराते रहना – ऑडियो

 

ऑडियो

ऑडियो

https://monicagupta.info/wp-content/uploads/2016/08/audio-smile-by-monica-gupta.wav

Click & listen  1 min 37 sec. audio  Smile Please

स्माईल, मुस्कान, मुस्कुराहट Smile, Smiling Fece हमारी जिंदगी में बहुत खुशियां भर देती है  इती सी हंसी, इती सी खुशी जीने का नजरिया ही बदल देती है… !! कैसे ?? जानने के लिए सुने ऑडियो

 स्माईल प्लीज – मुस्कुराते रहना – ऑडियो

मोनिका गुप्ता का नमस्कार !! कैसे हैं आप ?? क्या हुआ आज मेरे बोलने का तरीका अच्छा नही लगा ? क्यू !! मेरे बोलने में स्माईल नही थी इसलिए … ओह अच्छा अच्छा !!चलिए दुबारा बोलती हूं

मोनिका गुप्ता का नमस्कार कहिए कैसे हैं आप … अब ठीक है ना !! ह हा देखा इसलिए तो मैं कहती हूं कि हमेशा स्माईल करते रहना चाहिए… हंसते मुसुकुराते चेहरे और आवाज हमेशा प्रभावित करती है इतना ही नही इसके और भी बहुत सारे फायदे हैं…. स्माईल करेंगें तो हमारा  स्ट्रेस यानि तनाव कम होगा…स्माईल सफलता की ओर ले जाती है हम approachable होते हैं स्माईल करते रहने से हमारा मूड भी ठीक रहता है, positivity बढती है हम attractive बनते हैं और इतना ही नही स्माईल से हमारी quality of life का पता चलता है स्माईल न सिर्फ दर्द को कम करती है यानि पेन किलर का काम करती है  बल्कि ये बीपी भी नार्मल रखती है  मुस्कुराता चेहरा देख कर दूसरे के चेहरे पर भी स्माईल आ जाती है वो खुश हो जाते हैं और इस वजह से हमारे अच्छे और नए दोस्त बन जाते हैं

मुस्कुराता चेहरा हमेशा आकर्षित करता है और अच्छी बात ये भी है कि ये फ्री है पर फिर भी न जाने हम कंजूसी किसलिए करते है स्माईल के मामले में … सच पूछिए तो स्माईल आगे बढने का रास्ता है…. वो इसलिए कि अगर स्माईल से इत्नी सारी पॉजीटिव बाते होती हैं तो आगे तो हम बढेगें ही ना …तो  बांटिए बांटिए जितना बांटेगें उतनी ही मिलेगी ये स्माईल .. !!

कल फिर मिलूगी … एक और नए topic के साथ … ह हा .. कल फिर मिलूगी एक नए topic के साथ .. तब तक मुस्कुराते रहिए … खुश रहिए बाय बाय

Audios Archives – Monica Gupta

Click करिए और सुनिए 1 मिनट और 58 सैंकिड की audio …  जिंदगी का सच -ऑडियो जरा सोचिए .हम अपनी जिंदगी में किसको महत्व देते हैं घर परिवार, दोस्त हमारा जोश या सिर्फ काम को, अपनी नौकरी को … क्या जरुरी है और क्या नही जानना चाहते हैं तो क्लिक कीजिए और सुनिए. जिंदगी का सच […] read more at monicagupta.info

 

July 31, 2016 By Monica Gupta Leave a Comment

बीमार का हाल अच्छा है

रिश्वतखोरी - आईए रिश्वत दें
ऑडियो

ऑडियो

क्लिक कीजिए और सुनिए दो मिनट और 11 सैकिंड की ऑडियो

https://monicagupta.info/wp-content/uploads/2016/07/audio-beemar-by-monica-gupta.wav

 

बीमार का हाल अच्छा है

उनके देखे से जो आ जाती है उनके आने से जो आ जाती है चेहरे पर रौनक वो समझते हैं कि बीमार का हाल अच्छा है. अगर आप भी किसी बीमार से मिलने जा रहे हैं तो इसे जरुर सुनिए

कुछ देर पहले जब पता लगा कि एक जानकार को वायरल हो गया तो तुरंत फोन करके हाल चाल पूछा तो उसने हंसते हुए बताया कि अरे नही मुझे वायरल नही हुआ बल्कि मेरी पोस्ट वायरल हुई है .. ओह !!मैने उसे बधाई देते हुए फोन रख दिया …ह हा हा वैसे कंफूजन हो जाता है अक्सर..

एक बार मेरी Facebook dost  जब अपनी बीमारी की बात फेसबुक पर लिखी तो कमेंटस की भरमार लग गई उसी  शाम को जब वो मुझे मार्किट मे मिली तो मैने तबियत पूछी कि कैसी है तो बोली कौन सी तबियत … वो तो बस कमेंटस के लिए … थोडा चेंज के लिए लिख दिया … हे भगवान वैसे चेंज से याद आया कि चेंजिंग वेदर है मौसम कभी गर्मी तो कभी बरसात का है  बदलते मौसम में  कोई मित्र, रिश्तेदार, जानकार या परिवार का कोई न कोई व्यक्ति जरुर बीमार है… ऐसे में मिलना भी जरुरी हो जाता है पर मिलने से पहले कुछ बातें जरुर ध्यान रखना चाहिए…

संडे का दिन best  होता है क्योकि सभी की छुट्टी होती है ऐसे में sunday  को बेशक जाए पर ज्यादा देर बैठे नही कई बार हम नाश्ते के समय जाते हैं और डिनर dinner  करके ही वापिस आते हैं ऐसे में मरीज के परिवार को दिक्कत हो जाती है कि वो मरीज को देखे या महेमानो को ..क्योकि कई बार मेहमान आवभगत न होने पर नाराज भी हो जाते है…

मरीज से  समय लेकर जाना भी बेहतर रहता है अगर वो hospital में हैं तो वहां के टाईमिंग तो fix होते ही हैं  पर अगर घर पर जा रहे हैं तो कम समय लगाईए ज्यादा देर रुकना भी समझदारी नही  जरुरी बात यह भी है कि  मरीज को मोटिवेट motivate करें ना कि उसकी  बीमारी का रोना रोए और दुख जताए .

इतना ही नही  कई बार हम जाते तो मरीज से मिलने हैं पर  वहां अपनी बीमारी का रोना शुरु कर देते हैं. वो भी सही नही है और अब उनके लिए  बात जो खुद पेशेंट हैं …कई बार बीमार होने पर हम आत्मविश्वास खो देते हैं … उदास हो जाते है  घबरा जाते हैं पर हिम्मत रखिए हौंसला रखिए और अपनी इच्छा शक्ति मजबूत रखिए

क्योकि मजबूत इच्छाशक्ति से असंभव को भी संभव बनाया जा सकता है…कल फिर मिलूगी एक नए topic के साथ  तब तक अपना ख्याल रखिएगा … Take care … बाई  bye bye

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