Monica Gupta

Writer, Author, Cartoonist, Social Worker, Blogger and a renowned YouTuber

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February 2, 2016 By Monica Gupta Leave a Comment

नेता बनने की चाह की राह पर

कार्टून - मोनिका गुप्ता
कार्टून - मोनिका गुप्ता

कार्टून – मोनिका गुप्ता

नेता बनने की चाह की राह पर

आज के समय में जितने आराम इन नेताओं के हैं सभी बनना चाहते हैं नेता … इसलिए नेता जी इन दिनों अपने बच्चें को म्यूजिक चेयर का खेल खिला रहे हैं ताकि खेल खेल में बच्चा कुर्सी किस तरह हथियानी है वो सीख जाए …

तो आप भी हैं तैयार ये खेल खेलने के लिए

February 2, 2016 By Monica Gupta Leave a Comment

नटखट बचपन

दीदी की चिठ्ठी ( मोनिका गुप्ता)
दीदी की चिठ्ठी ( मोनिका गुप्ता)

दीदी की चिठ्ठी ( मोनिका गुप्ता)

नटखट बचपन

मासूम बचपन हमेशा से ही चुलबुला और मासूम ही होता है.बच्चों से बात करना एक अलग ही अनुभव होता है. दीदी की चिठ्ठी के माध्यम से मैं लगभग चार साल जयपुर से प्रकाशित होने वाले समाचार पत्र, दैनिक नवज्योति  के नियमित कॉलम दीदी की चिठ्ठी के माध्यम से जुडी रही. आप भी जरुर पढिए कि आज दीदी यानि मैं क्या बता रही हूं 🙂

February 2, 2016 By Monica Gupta Leave a Comment

चर्चा का विषय है बदलता समाज

चर्चा का विषय है बदलता समाज

हमारा सामाजिक परिवेश

मुझे याद है कुछ समय पहले मैं एक पहेली अपने दोस्तों से बहुत पूछा करती थी कि बताओ ऐसी क्या चीज है जो है तो आपकी पर आपके दोस्त ज्यादा इस्तेमाल करते हैं… यकीन मानिए सभी कंफ्यूज हो जाते और अजूबों गरीब उत्तर देने लगते . .. और मैं हंसते हुए बताती … हमारा नाम … क्योकि हमारा नाम ही तो है जो हम बिल्कुल नही लेते … यकीनन आपको हंसी नही आई होगी … क्योकि आज के दौर में यह बात फिट नही  बैठती क्योकि आज हम अपना नाम ही तो सबसे ज्यादा लेते हैं जैसाकि अगर अपना email बनाना हो तो अगर अपनी वेबसाईट web site का नाम रखना हो domain name रखना  तो …. पास वर्ड pass word रखना हो तो …

कुल मिला कर अपना नाम ही नाम चलता है यही बदलाव की तो मैं बात कर रही हूं और आज के समय में हम यही नही बल्कि ढेरों बातें हैं जिसका  जबरदस्त बदलाव देख रहे हैं.

कल की ही बात है हम इसी बात पर चर्चा कर रहे थे और  मैं अपनी सहेली मणि के घर  बहुत पुराने एलबम देख रही थी. जिसमे उसके मम्मी पापा की शादी की भी तस्वीरें थी. मम्मी का चेहरा तो पूरी तरह घूंघट से ढका हुआ था. पता ही नही था कि हैं कौन !!पहचाने ही नही जा रहे थे. वैसे पुरानी शादियां ऐसे ही हुआ करती थी. बहुत कम होता था कि लडका लडकी एक दूसरे को देख कर शादी करते थे और आज देख लो आज क्या माहौल है हमारे सामने हैं बेशक अच्छी बात है जिससे हमारी शादी हो रही हैं उसके बारे मे जानना , उसके विचार जानना ताकि पूरी जिंदगी सुखद रहे पर बहुत ज्यादा खुलापन भी नुकसान दे जाता है.

शादी की बात से याद आया  कि एक शादी मे जाना हुआ . लडका लडकी की वीडियों अलग चल रही थी बैनर और पोस्टर्स लगे थे जिसमे अलग अलग पोज थे और रही सही कसर फोटोग्राफर पूरी कर रहे थे और  दुल्हा दुल्हन इस चक्कर में रिश्तेदारों को छोड कर कैमरे पर ही ध्यान केंद्रित करना पड रहा था  …

जब टाईम मिलता तो फटाफट खुद की सैल्फी लेकर फेसबुक पर भी डाल रहे थे … हे भगवान !!! थोडा बहुत तो ठीक है पर अक्सर यही लगता है कि कुछ ज्यादा ही हो रहा है … कह नही सकती कि बदलाव अच्छा है… राम जाने बदलाव अच्छा है या बुरा  🙂

बाते तो और भी बहुत हैं पर आज के लिए इतना ही ….

thinking photo

Photo by Kiakatrine

February 1, 2016 By Monica Gupta Leave a Comment

न्यूज चैनल – गर्मागर्म बहस

न्यूज चैनल - गर्मागर्म बहस

न्यूज चैनल – गर्मागर्म बहस –  मीडिया और हमारे खबरिया चैनल – मणि का फोन आया कि तबियत ठीक नही लग रही. मैं तुरंत भागी. इधर उधर घूमती हुई बोली बैचेनी सी हो रही है धबराहट भी, कुछ अच्छा नही लग रहा. अरे !! मैने उसे आराम से बैठाया वो फिर खडी हो गई. बोली बैठा नही जा रहा. मैने कहा डाक्टर को फोन करुं क्या?? उसने मना कर दिया कि अभी नही बुलाना..

न्यूज चैनल – गर्मागर्म बहस

मैने कहा कि TV देख लो ना बंद क्यो कर रखा है वो बोली कि कल अपनी बात तो हुई थी कि news चैनल पर बहस वगैरहा फालतू बाते होती हैं नही देखनी इसलिए आज Tv चलाया ही नही …. हे भगवान !! मैं समझ गई… और मैंने टीवी ऑन कर दिया और वो न्यूज चैनल लगाया जिस पर सबसे ज्यादा चिलमचिली, तू तू मैं मैं और गर्मागर्म बहस चल रही थी..

मैने मुड कर देखा अब मणि बिल्कुल आराम से बैठी टीवी देखती हुई चिप्स खाते हुए बोली …hmmmm अब अच्छा लग रहा है …!!! जरा साईड हटना … !!!

हे भगवान.. न मणि सुधरेगी और न ही ये चैनल वाले लडना झगडना बंद करेगें.. और किसी का तो पता नही पर अब मेरा ब्लड प्रशेर जरुर बढ गया है और आपका ?? 🙂 

headace photo

न्यूज चैनल – गर्मागर्म बहस के बारे में आपके क्या विचार हैं ??

January 24, 2016 By Monica Gupta 5 Comments

My Experience and Blogging

बच्चों की मनोरंजक कहानी – चॉकलेट की बेटी

My Experience and Blogging –  खासतौर पर लेखकों के लिए लेख – ब्लॉग क्यों जरुरी है…  आज जब हमारे सामने लेखन कौशल दिखाने के लिए इतना विशाल क्षेत्र है तो हमें जरुर कुछ लिखते रहना चाहिए …

My Experience and Blogging

कल एक जानकार parents अपने बच्चे को लेकर आए …वो 5 क्लास मे है उन्होने दिखाया कि उनके बच्चे ने दो कविताएं लिखी हैं कैसी हैं… मैने पढी. वाकई बच्चे के हिसाब से बहुत ही अच्छी लिखी थी तभी parents ने पूछा कि आप कितने साल से लिख रही हो ……मैने कहा कि officially 27 साल से और unofficially 37साल से … उन्हें समझ नही आया तब मैने जो उन्हें बताया आपसे भी share कर रही हूं

 

पहले समय में लोगों के पास घडी नही हुआ करती थी पर उनके पास समय ही समय था और…. आज…. घडी हर किसी के पास है पर समय नही … ऐसी busy लाईफ में आपने अपना कीमती समय  मेरे ब्लॉग को पढने के लिए निकाला  जिसके लिए मैं आपका  बहुत सारा thanks और स्वागत करती हूं…

My Experience and Blogging

My Experience and Blogging

वाकई, जिंदगी का एक एक पल बहुत कीमती होता है. जहां हम एक एक मिनट का हिसाब रखते हो ऐसे में दस साल पीछे रह जाना…. बहुत बहुत मायने रखता है…. जी हां दस साल पीछे  !! पर ये सच्चाई है…. एक कडवी सच्चाई जिससे मुझे दो चार होना पडा… और मैं जिंदगी की रेस में  दस  साल पीछे रह गई.  इस बात का दुख मुझे हमेशा रहेगा कि Writing  का 36- 37 साल का Experience  होते हुए भी मुझे आज 27 साल का Experience लिखना पडता है जिसका कारण है उन दिनों नए writers  के लिए कोई  platform  न होना या फिर lack of information  यानि मुझे जानकारी का अभाव होना.

बात उन दिनों  की है जब मैं स्कूल में थी और stories  पढना और लिखना बहुत अच्छा लगता था. लोटपोट और चंपक तो इतनी अच्छी लगती थी कि अगर मैं स्कूल जाने को तैयार होती और अखबार वाला मैगजीन दे जाता तो अचानक मेरे पेट में दर्द हो जाता. झूठमूठ का. स्कूल जाने से छुट्टी तो मिल जाती पर मम्मी से डांट भी पडती. कई बार तो मम्मी गुस्से में मुझे अलमारी के उपर ही बैठा देती पर मेरा ध्यान मैगजीन में ही रहता और मैं मम्मी को बोलती कि यहां मैगजीन भी पकडा दो और वहां आराम से मैगजीन पढती और उसे पढने के बाद नीचे कैसे आया जाए उसका बहाना सोचती.

कुल मिला कर story books पढने का बहुत शौक था  हमारे सिलेबस में english और हिंदी में  भी stories हुआ करती थी और तब मैं हमेशा सोचती कि अगर मुझे कहानी लिखनी होती तो मैं ऐसे लिखती कहानी वैसे लिखती.

ढेरों thoughts  मन में आते रहते जिंन्हे मेरा बालमन कभी कापी के आखिरी पन्ने पर, तो कभी रफ कापी पर लिख लेता पर जरा भी समझ नही थी कि कहानी प्रकाशित होने के लिए क्या करना चाहिए कहां भेजनी चाहिए किस तरह से करना चाहिए. हंसी आती है आज भी ये सोच कर जब मैं अपनी लिखी कहानी कई बार पोस्टकार्ड पर भी भेज देती थी.

My Experience and Blogging

My Experience and Blogging

कुल मिलाकर 1975 से 85 के दशक में मुझे कोई भी सशक्त मंच नही मिला और मेरा लेखन बस मुझ तक ही सीमित रह गया. अपनी समझ के अनुसार  रचनाएं लिखकर प्रकाशन के लिए भेजती रही पर ना किसी रचना को सम्भाला और न किसी का कोई रिकार्ड रखा और बस देखते ही देखते दिन, महीने और फिर साल गुजरते रहे. मेरी writing को कही कोई मौका नही मिला.

बहुत साल बाद 89 में अचानक, लोकल न्यूज पेपर में मेरी कहानी का छपना मेरे जिंदगी का mile stone था. मुझे नई दिशा मिली और फिर लेखनी चलती ही रही….

 

My Experience and Blogging

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अब… आपके मन में ये बात जरुर आ रही होगी कि ये सारी बात मैं आपसे किसलिए शेयर कर रही हूं. बात शेयर करने का एक बहुत बडा कारण है और वो है इंटरनेट….. एक समय था जब अपनी बात रखने के लिए कोई platform  नही हुआ करता था फिर आया इंटरनेट का जमाना …  और इसने अपनी ओर आकर्षित करना शुरु किया. नेट जहां मनोरंजन का साधन बना वही  ब्लाग अपना नाम अपनी पहचान और शौहरत पाने का एक सशक्त माध्यम बन कर उभरा.

blog photo

वैसे, पहले मुझे भी जानकारी नही थी कि ब्लाग है क्या ?? मैं भी कभी फेसबुक, कभी गूगल, कभी किसी की प्रोफाईल पर कमेंट कर दिया तो कभी किसी को हैप्पी बर्थ डे लिख दिया बस धंटों नेट पर यही करती रहती. जब blog का नाम सुना तब ज्यादा जानने की इच्छा हुई कि ब्लाग है क्या !!!

सर्च करना शुरु कर दिया. बहुत सर्च करने के बाद जब blog की  importance और इसके ढेरों  benefits  का पता चला तो मैं हैरान  ही रह गई और बिना समय एक पल गवाएं मैने नवम्बर 2012 में ब्लाग बना लिया. आज जो आप ब्लॉग पढ रहे हैं इसमें मेरी हजार से ज्यादा पोस्ट publish हो चुकी हैं जिसमे cartoons, कहानी, कविता, Zee news खबरे,  Social Work,अनुभव, Videoवीडियों, ऑडियों  Audio,समाचार पत्रों में प्रकाशित news paper cuttings आदि सब  इसमें शामिल हैं.

Blogging एक ऐसा सशक्त माध्यम बन कर उभरा है जिसमें हम अपनी कला को न सिर्फ सहेज कर रख सकते हैं बल्कि अपनी knowledge और Experince  पूरी दुनिया के साथ शेयर कर सकतें हैं

काश….. net की….. blog की सुविधा  70 टीज  80 मे होती तो शायद आज मैं भी यह कह सकती कि मेरे लेखन का 35 -36 साल का अनुभव है लेकिन ऐसा हुआ नही और, इसकी वजह से मैं, दस मिनट नही….. दस हफ्ते नही…….यहां तक की दस महीने भी नही बल्कि दस साल पूरे दस साल पीछे हूं और हमेशा रहूंगी….!!!

मुझे मालूम है कि ये सिर्फ मेरे साथ ही नही बल्कि मेरे जैसे कितने उदाहरण होंगें जो सिर्फ जानकारी की कमी की वजह से अपने सपनों को साकार नही कर पा रहे होंगें.

क्योकि कुछ कर दिखाने का talent तो हर किसी मे होता है…. talent आप मे भी है भले ही आप इस बात को न माने….. अब देखिए …मेरी एक friend खाना बहुत अच्छा बनाती है वो उसका टेलेंट हैं मेरी एक जानकार अम्मा जी के पास कहानियों का,प्रेरक प्रसंगों का खजाना है ये उनका टेलेंट हैं.. रश्मि आफिस में काम करती है पर अपने बच्चों की देखभाल पेरेंटिंग  के लिए पूरा समय निकालती है ये उसका टेलेंट है.

एक अन्य जानकार रीतू ने blog बनाने की इच्छा जाहिर की पर उन्होनें यह भी बताया कि किसी भी तरह का टेंलंट तो उनके पास नही है पर बस कुछ करना चाहती है और यह बात उन्होनें जिस आत्मविश्वास के साथ कही  मेरे विचार से अपने भीतर इच्छा शक्ति का होना ही सबसे बडा टेलेंट हैं इससे बढकर और क्या टेलेंट होगा मेरे विचार से आप भी मेरी इस बात से सहमत होंगें.

वही दीपक का maths बहुत अच्छा है ये उसका टेलेंट है. शबनम का बहुत छोटा सा किचन गार्डन है जिसमे उसने इतनी सब्जियां लगाई हुई हैं कि पूरे साल बाजार से नही खरीदती. कनु फिटनेस , diet  का बहुत ख्याल रखती हैं और क्या खाना चाहिए क्या नही…. उसे सब पता है उसके परिवार में आज तक कोई भी बीमार नही पडा अब आप इसे क्या कहेंगें …. भई मेरे पास तो ऐसा हुनर नही है हम तो अंट शंट खाते भी खूब है और अपने बढते वजन से परेशान भी रहते हैं.

वही गोल्ड मैडेलिस्ट स्नेहा ने एम.ए एम फिल की हुई है उसकी पूरी अलमारी मैडल और ट्राफी से भरी हुई है पर शादी होने के बाद बस घर सम्भाल रही है मन तो करता है कुछ काम करने का…. पर नौकरी की इजाजत नही है… सारा दिन कभी किसी से गप्पे मारना, कभी शापिंग, कभी फेसबुक तो  कभी टवीटर पर घंटों समय बीता रही है जबकि वो घर बैठे ही blog  आय का साधन बना सकती है… क्योकि ब्लागिंग को ना सिर्फ लोग करियर बनाने लगें हैं बल्कि ये इंकम जरनेट करने का भी एक बहुत अच्छा सोर्स बन चुका है…पर बात फिर  वही …जानकारी के अभाव की आती है…. स्नेहा को पता ही नही कि जो टाईम वो सिर्फ पास कर रही है उसका कितना सही utilize हो सकता है.

हैरानी है कि Facebook, गूगल Google plus, टवीटर की तो हमे जानकारी है पर blog क्या है…. इसके क्या benefits  हैं इसकी जरा भी जानकारी नही… हम जानते ही नही है कि ब्लागिंग हमारी जिंदगी को बदल सकता है… नई पहचान देकर हमें बुलंदियों तक ले जा सकता है.

कुछ दिनों से यही बात मन में चल रही थी सोच रही थी कि क्यूं मैं दस साल पीछे रह गई … क्यों मुझे किसी बात की जानकारी नही मिली… फिर सोचा कि मन उदास करके या दुखी रह कर वो बीता समय तो वापिस नही लाया जा सकता तो क्यो ना मैं नेट के माध्यम से अपनी बात share  करुं और आप सभी को blog की सारी जानकारी विस्तार से दूं. मेरे बीते दस सालो की तो भरपाई कभी हो ही नही पाएगी पर…. आपको…. जानकारी के अभाव में पीछे नही रहने दूंगी.

जिंदगी बेहद कीमती है और इसका पल पल मायने रखता है. इसलिए आप भी अपने भीतर दबी इच्छाओं को…. अपनी क्षमताओं को बाहर निकाले और ब्लाग बना कर उसे नया आसमान दें.

blog photo

और खासतौर पर महिलाएं… प्लीज…. अपने आप को किसी से कम नही समझिए और ये भी नही सोचिए कि अब तो बच्चें बडे हो गए अब क्या करना… बस ठीक है कट रही है जिंदगी…जो जैसा चल रहा है…यही चलता रहेगा… पर अब समय आ गया है कि आप अपनी सोच बदले और नए जमाने के साथ कदम मिलाकर चले….   आप सोच भी नही सकतीं  कि आपके अनुभव, आपके ज्ञान से से ना सिर्फ किसी को प्रेरणा मिल सकती है बल्कि किसी की जिंदगी में बदलाव भी आ सकता है… और आपको जो नई दिशा के साथ साथ भरपूर मनोबल मिलेगा उसकी तो आपने कल्पना भी नही कर सकती.

और अगर आप लेखक हैं तो फायदे ही फायदे हैं. सम्पादक की तरफ से रचना का धन्यवाद सहित वापिस आना कितना कष्टदायी और दुखदाई होता है मेरे से बेहतर और कौन जान सकता है…. कल ही मेरी कहानी सरिता पत्रिका से धन्यवाद सहित वापिस आई है …  कल्पना कीजिए कि अगर रचनाए ऐसे ही वापिस आती रहती तो शायद लिखने का हौंसला भी टूट जाता .. अब रचना धन्यवाद सहित अगर वापिस आती है तो ब्लॉग जिंदाबाद…!!!

अगर हम ब्लाग पर लिख कर अपनी रचनाए डालते रहेंगें तो न सिर्फ हमारा मनोबल बढेगा बल्कि लेखन में भी सुधार होता जाएगा हमें हमारी कमियां पता चलती रहेंगीं और एक ना एक दिन  हमारे ब्लाग को देख कर हमारे लेखन को देख कर सम्पादक खुद ही हमारे लेख लेना चाहेंगें…

 

blog photo

बातें तो बहुत हैं बताने को पर समय को ध्यान मे रखते हुए मैं बस इतना ही कहना चाहूगी कि ये तो है मेरा अनुभव जो मैने आपसे शेयर किया…इतनी बाते आपसे शेयर करने का बस एक ही कारण है कि मैं आपको प्रेरित करती रहू… टोकती रहूं ताकि आप बैठे न रहें कुछ करें.

वो कहते भी है न कि

काम करो ऐसा कि पहचान बन जाए ,
हर कदम चलो ऐसा कि निशान बन जाए ,
जिँदगी तो सभी… जिँदगी तो सभी …..काट लेते है यहाँ
जिँदगी जियो ऐसे कि मिसाल बन जाए

दस साल पीछे रहने का दर्द जो मैने झेला है उससे आपको बिल्कुल नही गुजरने दूंगी ……. आप अपने भीतर टटोलिए तो सही…अपनी क्षमताओं को पहचान तो दीजिए…

Blogging Tips in Hindi

मंजिल मिले या न मिले ये तो अलग बात है हम कोशिश भी न करें ये तो गलत बात है…

तो अगर आपके मन में…. अभी कुछ बातें चल रही हो… और आप जानना चाहते हैं तो मुझसे कभी भी सम्पर्क करके जानकारी ले सकते हैं या  SetUpMyBlog  पर क्लिक कर सकते हैं

अगली मुलाकात में….. ब्लॉग के बारे में ढेर सारी जानकारी होगी …

तब तक के लिए…  बिना time waste किए जुट जाईए अपनी खूबियों को पहचानने में..  😎

मोनिका गुप्ता

मोनिका गुप्ता

 

Photo by crdotx

Photo by a dreamer, named emely.

January 20, 2016 By Monica Gupta 1 Comment

What is Blog and Blogging

What is Blog and Blogging

How to start a Blog  ब्लॉग को लेकर हमारे मन में ढेर सारे प्रश्न हैं. मैं आपको, अपने ब्लॉग के जरिए सारी जानकारी विस्तार से देने का प्रयास करुंगी ताकि आप भी अपना शानदार ब्लॉग बनाए- अपनी पहचान बनाएं. 

blog photo

ब्लॉग क्या है ??

ब्लॉग यानि ‘BLOG’  web + log बना है. जिस तरह हम डायरी मे अपने दुख, सुख, अनुभव आदि लिखकर अपने मन की बात सांझा करते हैं. ब्लॉग भी आनलाईन डायरी की तरह ही है जिसमें हम अपनी भावनाए अपने विचार, अपना अनुभव, लेखन के साथ साथ तस्वीरों, ऑडियो, वीडियों के माध्यम से व्यक्त करते हैं और कमेंटस के जरिए विचारों का आदान प्रदान होता है. कुल मिला कर ब्लॉग इंटरनेट पर अभिव्यक्ति प्रदान करने का एक सशक्त माध्यम है. ब्लाग लिखने वाले को “ब्लागर” और ब्लॉग में किया लेखन “ब्लागिंग” कहलाता हैं.

ब्लागिंग के लिए आपको किसी तकनीकी जानकारी की आवश्यकता नही है और ना ही इसके लिए कोई उम्र की सीमा है. बच्चें, बडे, बुजुर्ग और यहां तक की गृहणियां भी ब्लागिंग अपना कर अपना नाम, पहचान और शानदार आय का साधन बना सकतीं हैं.

ब्लॉग ही क्यों ??

आपके मन में यह विचार आ रहा होगा कि टवीटर, फेसबुक गूगल प्लस जैसी सोशल नेट वर्किंग साईटस मौजूद हैं तो ब्लॉग किसलिए बनाए ? बहुत सही प्रश्न है आपका. मैं बताना चांहूगी कि सोशल साईटस होते हुए भी हमारा सर्कल लिमिटेड ही होता है यानि जो हमारे सकर्ल के मित्र हैं वहीं हमारी पोस्ट देख पाएगें जबकि ब्लॉग पर पब्लिश होते ही पूरी दुनिया उसे देख और पढ सकती है.

blog photo

फ्री ब्लॉग क्यों नही ??

अब आपके मन में यह बात भी आ रही होगी कि चलो वो तो ठीक है पर फ्री ब्लॉग भी तो बनते हैं. वो किसलिए न बनाए जाएं.

जी हां बिल्कुल …… फ्री ब्लागिंग बहुत अच्छी लग सकती है पर उसमे, अकसर ब्लॉग के लिए न तो हमे theme पसंद के मिलते हैं और न ही plugins हमारी पसंद की होती है और तो और हम उस ब्लॉग के मालिक भी नही होते  जबकि जब हम अपना  ब्लॉग बनाते हैं तो हमे domain name और  hosting लेना पडता है जैसा कि मेरे नाम से बना हुआ है monicagupta.info      या फिर इसमें  .com, .in  भी होते हैं  इस नाम से  पूरी दुनिया में किसी और का नही हो सकता. ये ठीक वैसे ही है जैसे आधार कार्ड का नम्बर होता है जो एक ही रहता है. ब्लॉग पर आपका  पूरा कंट्रोल रहता है और back up ले कर आपके contents सुरक्षित रह सकते हैं.

वहीं दूसरी ओर free वाला ब्लॉग कभी भी बंद हो सकता है… अगर सिर्फ शौकिया तौर पर हम करना चाहते है तो फ्री ही सही है लेकिन ब्लॉग के माध्यम से आप कुछ कर दिखाना चाहते हैं तो हमें प्रोफेशनल ब्लागिंग करनी चाहिए. इस बात से तो आप इंकार नही करेंगें कि अपना नाम हो तो एक authenticity बनती है.

इसके विपरीत कुल मिला कर अगर आप ब्लॉग के प्रति जरा भी गम्भीर नही है आपके सामने कोई लक्ष्य नही है यह सिर्फ टाईम पास ही है तो आपके लिए इस फ्री का ब्लॉग सही हो सकता है पर अगर हम वाकई में, ब्लागिंग के जरिए कुछ बनना चाहते हैं. लेखन से या इससे आय का जरिया बनाकर कुछ कर दिखाना चाहते हैं तो प्रोफेशनल रुप से ब्लागिंग को अपनाना होगा.

blog photo

वेबससाईट और ब्लॉग क्या एक ही है ?

आमतौर पर हम  वेबससाईट और ब्लॉग में कंफयूज हो जाते हैं कि क्या ये दोनो एक हैं या अलग हैं. देखा जाए तो ब्लॉग भी वेबसाईट ही है असल में, जो वेब पर साईट हो वो वेबसाईट कहलाती है और ब्लॉग वेबलाग से बना है. वेबसाईट में static contents (स्थिर) होते हैं जैसाकि कम्पनी के बारे में  basic information  उसका  management, products, services, contact information आदि जिसे हर रोज अपडेट करने की जरुरत नही जबकि ब्लॉग पर dynamic contents( गतिशील)  होते हैं जोकि हर रोज update हो सकते हैं.

How to Set Up a Blog

और अगर आप अपना ब्लॉग़ बनवाना चाहतें हैं या  इसी बारे में कोई और  जानकारी चाहते हैं तो आप मुझे यहां या    SetUpMyBlog     पर भी सम्पर्क कर  सकते हैं

आपको ये लेख कैसा लगा अगर आप भी  ब्लॉग के बारे में कुछ और  जानते हैं या बताना चाहते हैं जिससे दोस्तों को जानकारी मिले तो आपका स्वागत है

अगले ब्लॉग में   Benefits of Blogging     भी जरुर पढिएगा…..

 

 Photo by GotCredit

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