Monica Gupta

Writer, Author, Cartoonist, Social Worker, Blogger and a renowned YouTuber

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June 15, 2015 By Monica Gupta

Distressed jeans

Distressed jeans – चाहे पार्टी में महिलाओं द्वारा लम्बा सा गाउन जोकि दूर तक झाडू मारता जाए या फटे कपडे पहना जिसे सभ्य भाषा में Distressed jeans कहते हैं जरा भी पसंद नही

बडे शहरों का बडा कल्चर या छोटे शहरों की छोटी सोच…

 

distressed jeans cartoon by monica gupta Distressed jeans

 

Distressed jeans

हर युग में फैशन अपनी अदभुत छ्टा बिखेरता है और युवाओ को नए स्टाईल के कपडे पहने देखना बहुत भाता है खासकर मैट्रो की बात करें तो युवा वर्ग फटी जींस पहनने मे बहुत शान समझता है और उसे फटा कहना वो अपमान समझता है

उसका कहना है कि ये Distressed jeans है जितनी distressed उतनी ही महंगी और वही पहनने में असली मजा.. कुछ लोगों के साथ इस बारे में जब गरमा गर्म बहस हो गई तो मुझे तालिबान तक की उपाधि भी मिल गई और कुछ ने कहा कि आपकी सोच छोटी है.

युवा पसंद करता है तो क्या दिक्कत है … एक बार तो लगा कि मैं ही बहस मे अकेली पड गई हूं और सिर्फ मैं ही इसे बहस का मुद्दा बना रही हूं कि (मेरी भाषाँ में ) फटी जींस, यानि (distressed जींस) नही पहननी चाहिए ये फटे वाला फैशन कदापि नही हो सकता. पता नही पेरेंटस अपने बच्चों के आगे खुशी खुशी झुक जाते हैं या उनकी खुशी के लिए ये बात भी माननी… ?? नो आईडिया !!!

अगर आप भी अपने विचार देंगें तो मुझे खुशी होगी 🙂

Distressed jeans

How to distress your denim jeans –

Use a cheese grater: An easy way to distress your jeans is with a cheese grater where the distress look can be created by vigorously grating the fabric. You can also use a knife or the blade of a scissor.

– Add bleach: Bleaching is necessary when it comes to distressing jeans. When applied properly, bleach can make a new pair of jeans appear quite lived in.

– Wash and Wear: Wash your jeans several times before wearing. Washing will both soften the denim as well as emphasise the fraying of the distressed edges

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June 10, 2015 By Monica Gupta

Gifts

Gifts

पायल कत्थक नृत्य मे प्रथम आई. उसे नटराज की मूर्ति उपहार स्वरुप मिली. एक मित्र आगरा होकर आए और वो ताजमहल का खूबसूरत पोस्टर ले कर आए.

वही नन्ही नैना को उसकी दादी ने प्यारा सा शेर वाला टेडी बीयर दिया. मणि की दोस्त उसके लिए बेहद खूबसूरत फव्वारा और महाभारत का पोस्टर ले कर आई. ऐसे बहुत से उपहार होते है जिनका हम अक्सर आदान प्रदान करते हैं.

 

taj mahal photo

Photo by particlem

 

 

उपहार एक नई सी खुशी दे जाते  हैं कुछ बच्चे तो अपना बर्थ डे मनाते ही इसलिए है कि ढेर सारे Gifts मिलेंगें.

पर आज अचानक एक लेख पढा कि घर में क्या नही रखना चाहिए. उसमे लिखा था कि महाभारत भारत के इतिहास का सबसे भीषण युद्ध माना जाता है इसलिए इस युद्ध के प्रतीक, तस्वीर या रथ आदि को घर में रखने से झगडा बढ़ता है.

ताजमहल मुमताज की कब्रगाह है इसलिए उसकी तस्वीर या उसका प्रतीक घर में रखना नकारात्मकता फैलाता है. फव्वारा सुख, पैसे को बहा कर ले जाता है. नटराज की मूर्ति में भगवान शिव ‘तांडव’ नृत्य की मुद्रा में हैं जो कि विनाश का परिचायक है। उसे घर मे कभी नही रखना चाहिए और जानवरो का कोई भी प्रतीक स्वरुप लाने से स्वभाव उग्र होने लगता है.

अरेरे !! कितनी सच्चाई है इस बात में यह तो पता नही पर ऐसे लेख पढ कर मेरे मन मे तनाव जरुर हो गया है. Gifts क्या ऐसे भी हो सकते हैं … अगर आप भी कुछ इस बारे मे जानते हों तो जरुर बताईएगा..

6 things that should not be kept at home according to vastu – Navbharat Times

भारतीय वास्तु विज्ञान चाइनीज़ फेंगशुई से काफी मिलता जुलता है। यह प्राकृतिक शक्तियों को मनुष्य के लिए उपयोगी बनाने की एक कलात्मक परंपरा है। हम अक्सर सुनते आए हैं कि घर में क्या रखना अच्छा होता है और क्या रखना बुरा। आइए, आज आपको बताते हैं कि घर में कौन-सी 6 चीजें कभी नहीं रखनी चाहिए-

नटराज की मूर्ति: नटराज नृत्य कला के देवता हैं। लगभग हर क्लासिकल डांसर के घर में आपको नटराज की मूर्ति रखी मिल जाती है। लेकिन नटराज की इस मूर्ति में भगवान शिव ‘तांडव’ नृत्य की मुद्रा में हैं जो कि विनाश का परिचायक है। इसलिए इसे घर में रखना भी अशुभ फलकारक होता है। 4. Read more…

अब जो घर में Gifts आ गए हैं उनका क्या किया जाए … अगर खुद रखे तो वहम और अगर किसी दूसरे को दें तो बहुत गलत बात होगी !!!

June 10, 2015 By Monica Gupta

नया साल और हमारा राशिफल- Your Zodiac-Star-Signs

नया साल और हमारा राशिफल- Your Zodiac-Star-Signs

अगर आपको भी यह जानना है कि नया साल 2016 कैसा रहेगा तो यकीन मानिए ये राशिफल आपके लिए ही बनाया गया है.

आपका राशिफल-Your Zodiac-Star-Signs

अगर आपका नाम A से लेकर Z के बीच मे आता है या अ से ज्ञ के बीच का कोई अक्षर है. Zero या 1- 2 से लेकर 9 अंको Even , Odd number या उसके बीच की आपकी जन्म तारीख है. Monday से लेकर Sunday यानि सप्ताह के 7 days मे, दिन के 12 बजे से रात के 12 बजे के बीच किसी भी समय आपका Birth हुआ है तो फिर आप यकीनन यह राशिफल आपके लिए ही बना है.Your Zodiac-Star-Signs.

और सुनिए !!! आप बहुत ही नेक और अच्छे व्यक्तित्व के इंसान हैं वही दूसरी ओर आप बेहद भावुक, क्रोधित और अक्सर लोग क्या कहेंगे की बातो मे आ जाते हैं. आप यह भली प्रकार जानते हैं कि आपका अंतर्मन आपका सबसे अच्छा दोस्त है,  best friend है पर अक्सर आप उससे बाते करना भूल जाते हैं.

We are lucky ones … इसमे भी कोई शक नही कि आप अपनो का बहुत ख्याल रखते हैं try तो करते है पर अक्सर उन्हें time नही दे पाते. जिसकी वजह से कई बार नाराजगी झेलनी पडती है.

जहां तक पहनावे की बात है Dark Colours  तो कभी Light Colours के dress  आप पर खूब फबेगें.

इस साल खानपान मे सफेद चीजों जैसे नमक, चीनी, मैदा आदि का कम सेवन करें. हां, मीठी बातें जरुर कर सकते हैं. दिन में एक बार सच्चे मन से ईश्वर का जरुर ध्यान करे. काम करने का हर पल शुभ है. अपनी कमियां नही बल्कि खूबियां खोजिए और फिर देखिए आप कहां तक जा पहुंचेगें . 2016 में शुभ परिणामों की बौछारें होगी अगर आप काम सकारात्मक Positive thinking , Smile  और विचार कर के करेगें.

बातें तो बहुत हैं पर आप busy हैं इसलिए अभी के लिए बस इतना ही

Happy New Year 2016 wishes के साथ


 

 lucky photo

 

 

 नया साल और हमारा राशिफल- Your Zodiac-Star-Signs

June 9, 2015 By Monica Gupta

परवरिश – Good Parenting Skills in hindi

मोनिका गुप्ता

परवरिश – Good Parenting Skills in hindi – परवरिश – एक कला है बच्चों की परवरिश- परवरिश यानि पेरेंटिंग….. !!! कुछ देर पहले एक जानकार घर आए. उनके साथ उनका छोटा बच्चा भी था जोकि शायद तीसरी क्लास मे था. पेरेंट्स ने बताया कि वो उसे होस्टल मे भेज रहे हैं बहुत जिद्दी हो गया है जरा भी कहना नही मानता. होस्टल मे जाएगा तो अक्ल ठिकाने आ जाएगी. इतने मे वो बच्चा हमारे पडोस में मिलने चला गया.  वहां उसी की क्लास मे पढने वाला बच्चा रहता है.

परवरिश – Good Parenting Skills in hindi

कुछ देर बच्चे के पेरेंटस मेरे साथ रहे और मैनें पूरे विस्तार से बाते पूछी कि बच्चे को होस्टल किसलिए भेज रहे हैं. पहले तो वो यही कहते रहे कि यहां कोई अच्छा स्कूल नही है फिर बोले कि हम समय नही दे पाते. दोनो नौकरी करते हैं और बच्चा बिगड रहा है. बातों बातों मे मुझे यह भी महसूस हुआ कि पति पत्नी मे भी आपस मे बहुत लडाई होती है दोनो एक दूसरे की बात काट रहे थे.

मैने उनसे कहा कि पेरेंटिंग यानि परवरिश आसान नही. बहुत कुछ समझना और समझाना पडता है. ईश्वर ने आपको माता पिता बनाया है आप भाग्यशाली हैं अब बच्चे की पसंद न पसंद का ख्याल रखना उनकी ही जिम्मेदारी है. आखिर इन सब मे हम भी कही न कही जिम्मेदार हैं. दोनों चुपचाप मेरी बात सुन रहे थे.

इतने में बेटे का फोन आया कि क्या वो कुछ देर और बैठ जाए अपने दोस्त के पास. इस पर मम्मी ने बोला .. हां हां क्यो नही … हम खुद ही फोन कर के आपको बुला लेगें… मैं मुस्कुरा दी और बोली देखा … ये तरीका होता है बच्चों से बात करने का .. इसका मतलब पहला सबक  आपने पास कर लिया वो भी फस्ट पोजीशन ले कर. पति पत्नी एक दूसरे को देख कर मुस्कुराए और मेरी तरफ देखने लगे.

 

 

 

parenting photo

 

मैने बोला कि पहले समय मे पेरेंटिंग की ज्यादा आवश्यकता नही होती थी क्योकि संयुक्त परिवार होते थे और बडे लोग दादा, चाचा, ताऊ बच्चों को अपने अनुभव के आधार पर सम्भाल लेते पर आजकल एकल परिवार हो गए हैं और माता पिता दोनो ही नौकरी पेशा. ऐसे मे बच्चा करे भी तो क्या करे..

इसी बीच मैं दोनों के लिए ठंडा बना लाई और सर्व करते हुए पूछा कि अच्छा बताईए कि आप एक दुकान पर है बच्चा एक गेम के लिए मचल जाता है और रोने लगता है ऐसे में आप क्या करेगी.  पत्नी ने जवाब दिया. दो थप्पड मारेगी और दुकान के बाहर खींच कर ले जाएगी.. जिद्दी है न ऐसे ही काबू आता है. मैं मुस्कुराई  और बोली कि लगता है आपको ही शिक्षा की जरुरत है.

Good Parenting Skills in hindi

बच्चे के मन को समझना बहुत जरुरी है. पेरेंटिंग यानि परवरिश एक चैलेंज है. आज के बच्चो को  समझदारी से हैंडल न किया गया तो उनके दिलो-दिमाग पर खराब असर हो सकता है. बच्चे को अच्छा बच्चा बनाने के लिए कुछ ऐसा करने का प्रयास करते रहना चाहिए  जैसाकि बात बात में मीन-मेख न निकालें और न बात-बात पर उसे रोकें-टोकें. अगर उसे कुछ समझाना ही है तो बजाय किसी के सामने, अकेले में प्यार से समझाएं, इससे बच्चा  समझ जाएगा. मेरी बात के बीच में ही वो बोली कि वो तो अक्सर बच्चे को उसके दोस्तों के सामने डांटती रहती है और कई बार तो चांटा भी लगा देती है.
मैं मुस्कुराई और बोली कि अब हाथ से काम नही दिल से लेना  है. बेटा जब भी कोई अच्छा काम करे तो उसकी प्रशंसा जरुर करनी है . उसे शाबाशी दें उसके पीठ थपथपाए । मम्मी पापा की  प्रशंसा से  बच्चो के अंदर नया आत्मविश्वास जागता है पर पर पर  बच्चे की तुलना भूल कर भी उसके दोस्त या अपने परिवार के अन्य बच्चों से नही करनी चाहिए और अपने आप से तो बिल्कुल हे नही. हम अक्सर कहते है कि जब मैं छोटा होता था तो ऐसा नही था मैं ऐसा था. मैं ये करता था  … मैं वैसा था.  इससे बच्चे के मन में दूसरे के  प्रति चिढ और अपने प्रति हीन भावना आ जाती है.

दोनों मेरी बात ध्यान से सुन रहे थे. अचानक  पत्नी बोल पडी कि वो हमेशा अपने बचपन की तुलना  अपने बेटे से करती है क्योंकि उसे इतने ऐशो आराम नही मिले जितने उसके बेटे को मिल रहे हैं यही उलाहना देती रहती है पर अब नही देगी और समझदारी से काम लेगी.

मैने मुस्कुराते हुए अपनी बात जारी रखी और बोला कि बच्चें को  सॉरी और थैंक्यू के साथ साथ घर आए मेहमानों या बडे-बुजुर्गो को  सम्मान देना भी सीखाना चाहिए.  अगर हम खुद ही घर आए लोगों का मजाक बनाएगें तो बच्चों को कैसे समझा पाएगें और अगर हम  भी बात बात पर सॉरी और थैंक्यू बोलेंगें तो बच्चे को जल्दी समझ आएगी.

कई बार बच्चों के साथ बच्चा बन कर जिद या कहना  भी मान लेना  चाहिए। इसमे एक को यानि कभी  मम्मी तो कभी पापा को  बच्चे का साथ देना चाहिए और एक को बात के विपरीत जाना चाहिए . इससे  यकीनन मनोरंजन भी हो जाएगा और बात भी पूरी हो जाएगी.

इसी के साथ बच्चे को मिल बांट कर खिलाना भी सिखाना चाहिए. जैसे अगर आपने अपने लिए चालकेट या पैस्ट्री खरीदी है तो सबसे पहले आप अपने बच्चे को देंगी फिर खुद खाएगीं  और अगर आपका बच्चा सारी चाकलेट खुद खाने  लगे तो आप झूठमूठ से नाराज हो जाएं कि आपको तो पूछा ही नही और झूठ मूठ से रोने लगे .. तब देखिए बच्चा हमेशा आपको पूछेगा खाने से पहले .. !!

कई बार हम बच्चे को बोलने का मौका ही नही देते उसे डांट कर चुप करवा देते हैं. बच्चे को बोलने का मौका देना चाहिए और अगर वो कुछ प्रश्न पूछे तो पूछ्ने देना चाहिए.  टोका टाकी करके उसमे रोष भी पैदा  होगा.

कोशिश यह भी होनी  चाहिए कि बच्चे के सामने पेरेंट्स आपस में लडाई न करें और गाली तो बिल्कुल भी न दे इससे बच्चे के मन में गलत भावना जन्म लेती है और इस सभी बातों से बढ कर ये कि बच्चे के लिए समय निकाले. उसके साथ बैठे, बातें करे हंसी मजाक करें ताकि उसे यह अहसास हो कि ये तो मेरे दोस्त हैं और अपनी सारी बाते शेयर करने लगेगा.

बात के बीच में  दोनों एक साथ बोल  उठे कि हैरानी है इतना सब होता है उन्हें पता ही नही था. जितनी भी बाते उन्होने आज सुनी है उसे जानकर तो ऐसा लग रहा है कि ये तो कुल मिलाकर उन्ही की गलती है. बेटे की गलती तो कही है ही नही … न उसे समय दिया, न उसकी भावनाओं को समझा. हर समय दफ्तर का तनाव घर ले कर आते तो खूब लडाई भी होती और  हमेशा  पैसे रुपये देकर बच्चे की  हर इच्छा को पूरा किया और अब देखो उसे घर से निकाल रहे हैं. कहते कहते उनकी पत्नी भी भावुक हो गई.

 

मैने दोनों से पूछा कि क्या अब आप अपने बेटे को होस्टल भेजेंगें. इस पर दोनो ने एक दूसरे की तरफ देखा. पत्नी बोली इस साल शायद नही क्योकि इस साल वो अच्छे पेरेंटस बन कर दिखाएगें और उसने अपने बेटे को बुलाने के लिए फोन मिला लिया. वही पिता ने भी मन ही मन कुछ निणर्य ले लिया था. अब दोनों मिलकर बच्चे का इंतजार कर रहे थे.

परवरिश यानि पेरेंटिंग के बारे में आपकी क्या सोच या राय है … जरुर बताईएगा !!

 

parenting photo

वैसे आप तो अपने बच्चों की परवरिश बहुत अच्छी तरह कर रहे होंगें अगर आप भी अपने कुछ अनुभव मुझसे सांझा करने चाहेंगें तो मुझे बेहद खुशी होगी … !!! 🙂

परवरिश – Good Parenting Skills in hindi

June 9, 2015 By Monica Gupta

नई मां

mother and son photo

Photo by mooglet

आज मेरी सहेली मणि ने एक ऐसी कहानी सुनाई कि जिसे सुनकर मैं निशब्द रह गई.
उसने नई मां कहानी कही पढी थी. कहानी कुछ ऐसे है

एक आदमी ने अपनी पत्नी के मरने के बाद दूसरी शादी की और अपने 5 साल के बेटे से पूछा कि उसे अपनी नई मां कैसी लगी. इस पर बेटा मासूमियत से बोला कि मेरी मां झूठी थी पर नई मां सच्ची है इस पर पिता हैरान हो गए और पूछा कि वो ऐसे कैसे कह सकता है इस पर बेटा बोला जब मैं शरारत करता था तो मां नाराज होकर कहती थी कि ठहर जा… तुझे तो मैं खाना ही नही दूंगी पर थोडी ही देर मे लाड प्यार करके पुचकार के गोद मे बैठा कर खाना खिलाती थी.

नई मां भी यही कहती है कई बार नाराज होकर कहती है कि तुझे खाना नही दूगी पर वो सच्ची है वो वाकई मे खाना नही देती “आज दो दिन हो गए मुझे खाना खाए” !!!!

( वैसे कहानियों का भी अलग ही संसार होता है कुछ कहानियां हसांती हैं गुदगुदाती है वही कुछ कहानियां ऐसी होती हैं जो कुछ सोचने पर मजबूर ही कर देती हैं. नई मां कहानी कुछ ऐसी की कहानी है …)

June 8, 2015 By Monica Gupta

शुभ लाभ

शुभ लाभ

बेशक, घर लेते या बनवाते समय नक्शे ,वास्तु और ऐसी चीजे जो सुख समृदि लाए आदि रखने का बहुत क्रेज हो गया है. हम लोग घर बनवाने के बाद उसकी सजावट में कोई कसर नही छोडते और महंगी से महंगी चीजे लगवाते हैं ताकि दूसरे लोग देखें. कोई दिक्कत नही जिनके पास पैसा है वो तो  दिखाएगें ही.

 

 photo

बात ये नही है बल्कि बात ये है कि  इसके साथ साथ घर को पूरी तरह से व्यवस्थित रखना भी उतना ही जरुरी है जैसाकि , रंग-रोगन पुराना न पड़े. टपकने वाले नलों की मरम्मत होनी चाहिए. फ्यूज बल्बों को बदलवाने जरुरी हैं,शीशे साफ और खिड़कियों के टूटे कांचो को बदलना भी चाहिए. यकीनन इससे शुभ लाभ की प्राप्ति होगी घर मे बरकत आएगी…

शुभ लाभ  के लिए सबसे ज्यादा जरुरी है  शौचालय की स्वच्छता. कई लोग घर के बाहर की तरफ शौचालय बनवा लेते हैं पर  उसका रख रखाव सही नही कर पाते और जो भी घर के भीतर दाखिल होता है उसको बदबू से दो चार होना पडता है उसे साफ रखना जरुरी है क्योंकि, घर के स्वास्थ्य का सीधा संबंध हमारे  स्वास्थ्य से है. वैसे त्योहारो में घर की सफाई हो ही जाती है पर ये वाली सफाई हमेशा रहनी बेहद जरुरी है …( शुभ लाभ)

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