Monica Gupta

Writer, Author, Cartoonist, Social Worker, Blogger and a renowned YouTuber

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May 4, 2015 By Monica Gupta

Cartoon- Self help

cartoon. lady monica gupta

Cartoon- Self help

अपना हाथ जगन्ननाथ … !!जिस तरह से महिलाओं पर लगातार अत्याचार हो रहे हैं.. रेप हो रहे हैं दोषियो को ना ही किसी का डर है न अदालत का खौफ … ऐसे में सबसे अच्छा माध्यम है … अपनी सुरक्षा अपने हाथ… बजाय उधर उधर ताकने के और मदद के लिए पुकारने के महिला को स्वयं की रक्षा करनी होगी और ऐसे मजनूओ को पाठ पढाना होगा कि महिला अब कमजोर नही है

May 3, 2015 By Monica Gupta

Headache media and EarthQuake

Headache media and Earth Quake मीडिया आज के दौर में सिरस दर्द से कम नही … खबरो में भूकम्प लाना हो या ऐसे प्रश्न

होते हैं कि सिर दर्द ही हो जाता है ऐसा लगता है मानो भूकम्प ही आ गया …. सिर दर्दी बनाम  चैंनल

Headache media and Earth Quake

 

24 -24 घंटे के लगातार बिना रुके चलने वाले चैनल,  जब बहस के मुद्दे पर आते हैं तो पहली बात तो प्रतिभागी को अपनी बात रखने नही देते और फिर बार बार  यही बात दोहराते हैं… क्षमा कीजिए.. मेरे पास समय नही है… मेरे पास समय बहुत कम है… मेरे पास बस दो सैंकिंड हैं आप जल्दी से अपनी बात कह डालिए और फिर एक घंटे की डिबेट बिना निष्कर्ष के खत्म हो जाती है .. पर … पर … पर …  बेसिर पैर की खबरे दिखाने के लिए समय ही समय है… उदाहरण के तौर पर हाल ही मैं एक खबर आई कि सलमान खान ने नेपाल भूकम्प  पीडितों को अपना प्राईवेट जहाज और करोडो रुपए दिए .जबकि अभी टवीटर पर पढा कि

cartoon news- monica

 

Headache/ media

Superstar Salman Khan, also known for helping the underprivileged, says his Being Human foundation is not donating money to the victims of the Nepal earthquake.
“There are rumours about Being Human donating money for the Nepal earthquake. This is NOT TRUE as Being Human Foundation currently operates only in India,” Salman posted on his official page on Facebook on Saturday.

और एक अन्य खबर में वही जिस तरह से हमारा मीडिया नेपाल मे जुटा पडा था अब वहां से भी भूकंप से जुड़ी ख़बरों के भारतीय टेलीविज़न चैनलों के प्रस्तुतीकरण को लेकर सोशल मीडिया में तीखी प्रतिक्रियाएं देखी जा रही हैं.

“भारतीय मीडिया और उसके लोग ऐसे व्यवहार कर रहे हैं मानो वे कोई पारिवारिक धारावाहिक शूट करने आए हों.

“हिमाल साउथ एशियन के संपादक कनक मणि दीक्षित का कहना है कि नेपाल और नेपाल के लोग राहत और बचाव कार्यों में भारत की भूमिका के प्रति आभारी हैं, लेकिन हिंदी न्यूज़ चैनलों के प्रस्तुतिकरण का तरीका उन्हें पसंद नहीं आ रहा है.

उनका ये भी कहना है कि नेपाल में उग्र राष्ट्रवाद की भावना हमेशा से रही है जिसकी वजह से #GoHomeIndianMedia हैंडल ट्विटर पर काफ़ी देर तक ट्रेंड करता रहा. लेकिन नेपाल के अख़बारों में ऐसा कुछ नहीं छप रहा है.

कई लोगों ने भारतीय टेलीविज़न पत्रकारों पर संवेदनहीन होने का आरोप लगाया है और उन्हें सुझाव दिया है कि वे थोड़ा ऐहतियात बरतें.

एक यूज़र ज्ञान लोहनी ‏ने ट्वीट किया, “भारतीय मीडिया की अनैतिक, तथ्यहीन और बढ़ा-चढ़ाकर दिखाई जा रही ख़बरें स्वीकार्य नहीं हैं.”

साजन राजभंडारी ने लिखा, “मुझे हैरानी है कि भारतीय अपने न्यूज़ चैनलों को रोज कैसे देखते हैं. मेरा सिर तो पाँच मिनट में ही चकरा गया.”

खबरों की तह तक जाकर अपनी बात रखनी चाहिए ना कि बस एक ही पक्ष दिखा कर किसी पर आरोप लगाकर अगली खबर पर बढ जाना चाहिए

भूकम्प की खबर ने एक बार फिर चौंका दिया… तभी ध्यान मोबाईल पर आए एक मैसेज पर किया …

मैसेज मे लिखा था कि भूकम्प आने पर धबराए नहीं …
फेसबुक और सोशल साईटस पर तुरंत स्टेटस अपडेट करें.
समय मिले तो एक वीडियो भी बना लें …
डरे धबराए लोगो के साथ सैल्फी लें
क्लिक की गई तस्वीरें और वीडियो ग्रुप में सबसे पहले भेजने का प्रयास करें… क्योकि जीवन में भूकम्प बार बार नही आते …
हे भगवान वैसे आप ऐसा नही कीजिए … क्योकि जान है तो फेसबुक और वटसअप है अन्यथा ……..

 

Headache/ media  नमक मिर्च लगाना ही नही चाहिए निष्पक्ष खबरों का वाचन करना चाहिए और जो चैनल वाले किसी पार्टी से सम्बधित है उनका लाईसैंस रद्द कर देना चाहिए( हालाकि मुश्किल जरुर है  पर नामुमकिन नही) और खबरों को फोलो भी करना चाहिए ना कि आगे दौड पीछे छोड वाला  रवैया रखना चाहिए …

ज्यादा दिक्कत है तो समय कम कर देना चाहिए दस धंटे या बारह धंटे ही सही पर सही खबरे ही हों… ( यकीनन अब आप को दूरदर्शन याद आ गया होगा)यकीन मानिए  कम से कम सिर दर्द से तो बचेंगें

पर वही खबरे बार बार खबरे … अब आप ही बताईए कि ऐसे मीडिया को क्या कहना चाहिए … Headache/ media सही नाम है … है ना 🙂

May 2, 2015 By Monica Gupta

Exclusive News – Earthquake

Exclusive News – Earthquake – आजकल खबरें अर्थ का अनर्थ करती नजर आती है . जिस तरह से न्यूज चैनल खबर परोसते हैं वो भूकम्प से कम नही…

Exclusive News – Earthquake

जी हां,  ज्यादा हैरान परेशान होने की आवश्यकता नही क्योकि आज की यही हकीकत है.. ये खबरें जिस तरह से दिखाई जाती हैं  वो किसी भूकम्प से कम नही…. भूकम्प के झटके तो कुछ पल ही लगते हैं पर इन खबरिया चैनलों के झटके तो 24 घंटे लगते ही रहते हैं …

कभी ब्रेकिंग न्यूज तो कभी अर्थ का अनर्थ करती खबरे …Exclusive News – Earthquake terror

cartoon news- monica

April 30, 2015 By Monica Gupta

Training TSC

Training TSC

सम्पूर्ण स्वच्छता अभियान 2008-9

स्वच्छ रहना सभी चाह्ते हैं स्वच्छ्ता सभी चाह्ते हैं पर जागरुकता का अभाव है इसलिए जो घर घर जाकर सभी को प्रेरित करें उनको भी तो प्रेरित करने जी जरुरत हैं ये थी हमारी टीम जिन्होनें सिरसा के 333 मे से 260 गांव को सम्पूर्ण स्वच्छता दिलवाई और ये सब सम्भव हुआ डाक्टर युद्दबीर सिह ख्यालिया जो उस समय सिरसा हरियाणा मे एडीसी थे उनके दिखाए मार्ग पर चल कर …

 ट्रैनिंग के दौरान प्रेरकों को प्रेरित करके उनमें नया जोश पैदा करती हुई  🙂

Training TSC

April 30, 2015 By Monica Gupta

Total Sanitation Campaign

https://www.youtube.com/watch?v=XtjhdkMGvo0
On Zee News …
Total Sanitation Campaign  स्वच्छता अभियान …
सडक पर चलते हमे ऐसे बहुत पढ़े लिखे मिल जाएगे, जो सड़क को ना सिर्फ कूडादान समझते हैं, बल्कि उसे चलता फिरता शौचालय भी समझते हैं. अपना घर साफ रहना चाहिए बाकी से क्या मतलब. बस यही सोच खराब कर रही है. हम सारी जिम्मेदारी सरकार पर डाल कर निश्चिंत होकर बैठ जाते हैं. दिन रात उसे ही कोसते हैं, खुद कुछ नही करना चाहते. सरकार भी कहां तक देखेगी. वो तो स्कीम लागू कर देती है. अब उसका अनुकरण तो जनता को ही करना है. खैर, यहां बात कर रही हूँ सड़क को शौचालय समझने की.
Total Sanitation Campaign  एक समय जरूर ऐसा था, जब मैला ढोया जाता था. फिर समय बदला और बहुत तेजी से बदला. हालकि कुछ राज्यों में आज भी ढोया जाता होगा, पर हरियाणा के सिरसा के सभी 333 गांवों में ऐसा कहीं नहीं है. स्वच्छ्ता के मामले में यहां के गांव अपने आप में एक मिसाल हैं। यहां के लोगों में जागरूकता मानो कूट-कूट कर भरी हुई है.
नया साल नया सवेरा
  Total Sanitation Campaignवर्ष 2007-08 में देश के अन्य राज्यों की तरह सिरसा में भी सम्पूर्ण स्वच्छ्ता अभियान चला. उस समय जिला के अतिरिक्त उपायुक्त ने गांव के सरपंचो, पंचो, आगंवाडी वर्कर, स्कूली अध्यापकों व अय लोगों को बुला कर एक बैठक की. उसमे पहले लोगों के मन को टटोला गया. उनसे जानने की कोशिश की गई कि गांव के खेतों में कितने लोग शौच के लिए जाते हैं. जवाब मिला कि ज्यादातर सभी जाते हैं. फिर से पूछ्ने पर उन्होंने बताया कि अच्छा तो नही लगता पर चारा भी तो कोई नहीं है.
बरसो-बरस से चली आ रही आदत को बदलना नामुमकिन है. कोई क्यों बदलेगा अपनी आदत. बस तब उनकी सारी बाते जान कर उन लोगों को बाहर शौच जाने से होने वाली बीमारिया बताई गई. महिलाओं को शर्म का अहसास करवाया गया, कि जब वो खुले मे शौच जाती हैं तो ना जाने कितने लोगो की गंदी निगाहों का सामना करना पडता होगा. उस मीटिंग मे आए लोगों को सारी बाते सुन कर दिल से बहुत मह्सूस हुआ कि, वाकई में वो कितनी गंदगी में रह रहे हैं, जो शौच खेतों में जाकर करते हैं.
वहाँ से मक्खिँया वापिस घरों मे आकर दुबारा गंदगी फैलाती हैं. इन सभी बाते को सुनकर लोगों को इतनी घिन्न आई कि उन लोगों ने यह फैसला कर लिया कि अब ना तो वो बाहर जाएगे बलिक और लोगों को भी समझाएगे कि घरो में ही शौचघर बनवा कर उसमे ही जाना चाहिए. सभी गावँवासी ततकालीन अतिरिक्त उपायुक्त श्री युधबीर सिह ख्यालिया की बातों से इस कदर प्रभावित हुए कि एक होड़ सी लग गई कि हर गांव में यही आवाज सुनाई दी कि हम आपे गांव को खुले से मुक्त बना कर ही दम लेगें. सभी 333 गांवों में तो मानो एक लहर सी चल पड़ी. जय स्वच्छता के नारो से सारा सिरसा गूंज उठा. सारा गांव मानो एक परिवार बन गया. इसी बीच जय स्वच्छ्ता समीति का गठन किया गया. और उन्‍हें गांव-गांव भेजा गया. लोगो में जागरूक्ता पैदा की गई. गांव के बच्चों और महिलाओं को इस अभियान से जोड कर निगरानी कमेटी का सदस्य बना लिया गया. सुबह शाम वो लोग खुद निगरानी कर के बाहर शौच जाने वाले लोगों को हाथ जोड़कर प्यार से समझाने लगे. पढ़ें- खुद निर्णय लेना सीखें महिलाएं यह काम भी आसान नहीं था. जिद्दी लोग भी मिले जिन्होंने कहा कि वो तो बाहर ही शौच के लिए ही जाएगे घर मे नहीं जाएंगे. पर जब सभी गावं के लोगों ने उन्हें वास्ता दिया और जय स्व्च्छ्ता टीम ने समझाया तो बदलाव आना शुरू हो गया. चाहे कितना भी गरीब घर क्यों ना हो. सभी ने शौचालय बनाने शुरु कर दिए. धीरे-धीरे चारों तरफ वातावरण साफ होता चला गया. सिर्फ तीन महीने में गांव को लोगों ने वो कर दिखाया जो सम्भव ही नहीं था. 333 गांव खुले शौच से मुक्त हो गए. इस अभियान में बच्चे, महिलांए और सभी लोगो ने योगदान दिया तभी यह सफल हो पाया. आज गाँव के लोग मानते हैं कि जहाँ पहले नाक पर कपड़ा रख कर गुजरना पड़ता था. आज वहीं सुबह ताजी हवा में सैर के लिए लोग देखे जा सकते हैं.
इस अभियान मे हरियाणा का सिरसा पूरे भारत मे प्रथम रहा. कुल 333 मे से 260 को निर्मल ग्राम पुरुस्कार मिले. सन 2009 में इसका नाम लिम्का बुक आफ रिकार्ड मे लिखा गया. महामहिम राष्ट्र्पति महोदया ने हिसार मे इनाम बाँढे. स्व्च्छ्ता की लहर का एक उदाहरण तब देखने को मिला जब 26 जनवरी 2010 मे सिरसा के ही गाँव कालुआना को स्वच्छ्ता के मामले मे प्रदेश भर मे प्रथम घोषित किया गया है जिसने सरकार से 20 लाख का पुरुस्कार पाया है यानि सफाई की यह अलख लगातार जल रही है और अपनी रोशनी से औरो को प्रेरणा दे रही हैं. इतनी जागरुकता.
विश्वास करना मुश्किल है पर आज सिरसा के सभी गाँव के लोगों में पूरी जागरूकता है. वो जान चुके हैं कि स्व्च्छ्ता कितनी जरुरी है. गाव की बहन बेटिया खुश हैं कि ना अब खुले में शौच है और न ही अब लोगो की गंदी नजरो से दो चार  होना पड़ता. बच्चे खुश है कि अब बीमारिँया ही खत्म हो गई हैं. अब वो और भी स्वच्छता का ध्यान रखने लगे हैं. जैसा कि गली मे फालतू पानी ना बहे. पीने के पानी का साफ हो, सोख्ता गड्डे बनवाना, हाथ साफ रखना और हाथ धो कर पानी पीना आदि.
जय स्वच्छता … 🙂

Total Sanitation Campaign

April 30, 2015 By Monica Gupta

Tremor Terror

Tremor Terror

कुछ देर पहले मार्किट में एक सहेली अपनी छोटी बेटी के साथ मिली. वो जल्दी जल्दी बहुत सारी शापिंग कर रही थी. बातो बातों मे उसने मुझे बताया कि ये बिल्डिंग तीसरी मंजिल पर है अगर भूकम्प आ गया तो … इस लिए बस जल्दी जल्दी खरीद कर बाहर निकलना चाह्ती हूं . वही बेटी भी मुझे कहने लगी आंटी अब हम सब भी मर जाएगें.मैने अपनी खरीददारी बीच मे ही छोडी और उनके साथ बाहर आ गई.

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सबसे पहले बेटी को समझाया कि कुछ नही होगा. Tremor Terror को न बनाए और न ही दिल से लगाएं. उसको साथ वाली दुकान से आईसक्रीम लाने भेजा और फिर सहेली को डांटा कि क्या कर रही हो… मासूम के दिल मे क्यों Tremor Terror का डर बैठा रखा है. स्कूल भी नही भेज रही खुद भी आफिस नही जा रही आखिर कब तक. ऐसे में ध्यान बटाने की बजाय तुम डर पैदा कर रही हो.रही बात भविष्यवाणी की किसी को नही पता कि भूकम्प आज अभी आएगा या 50 साल बाद .. ऐसे मे डर डर के कब तक जीओगी उसने बताया कि सारा दिन चैनल पर भी तस्वीरे… मैने कहा कि फिर बदल दो चैनल, फिल्म देखो, सीरियल देखो, बाहर घूमों , फोन करो दस काम है कि नही कि बस सारा समय खबरे ही देखनी हैं. मेरा शायद बोलने का लहजा ज्यादा तल्ख हो गया था.

उसकी Tremor Terror वाली बात सुनकर असल में, मुझे गुस्सा आया गया  कि अपने साथ साथ बच्चे के दिल मे भी डर बैठा दिया है उसने… फिर मैं उन्हें अपने घर ले आई. बहुत सारी बातें की और बेटी से poems भी सुनी और उसने कागज पर पेड और फूल भी बना कर दिखाया फिर मैनें भी उसको अपने कार्टून दिखाए. जाते जाते उसके चेहरे पर स्माईल और सहेली के होठों पर थैक्स था… ऐसी बात नही है कि मुझे डर नही नही है पर मैने खुद को समझा दिया है और फिर ही औरों को समझा रही हूं कि डर के बैठने से कुछ नही होगा … इससे बचाव के तरीके पढो, समझो और दूसरो तक पहुंचाओ … होगा वही जो ईश्वर को मंजूर होगा…. !!!

उम्मीद है ये लेख पढने के बाद आपका भी Tremor Terror से ध्यान हटा होगा … अगर नही हटा तो दुबारा लेख को पढिए 🙂

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