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Mahila Diwas
Mahila Diwas
https://www.youtube.com/watch?v=DMW4yAO_sto
वैसे तो महिलाए पूरा साल अपने कार्य मे लगी रहती है पर महिला दिवस एक खास दिन बना दिया गया है. इस दिन सरकारी गैर सरकारी ढेरों प्रोग्राम होते हैं और बहुत संख्या मे महिलाए कार्यक्रम मे आती है
सिरसा मे एक ऐसे ही कार्यक्रम मे महिलाओ को सम्बोधित और प्रेरित करती हुई …
Blood Donation is a noble cause
Blood Donation is a noble cause – बचपन मे मैने एक लडकी को डूबने से बचाया था. यह बात मेरे जहन आज भी इतनी ताजा है मानो कल की बात हो लेकिन जब से मैं रक्तदान के बारे में जागरुक हुई और इसे समझा महता को जाना तब से अभी तक फोन के माध्यम से रक्त का प्रबंध करवा कर अनगिनत जिंदगियां बचा चुकी हूं
Blood Donation is a noble cause
रक्तदान जीवनदान है हमारे द्वारा किया गया रक्तदान बहुत जिंदगियों को बचाता है।
हम सभी शिक्षित व सभ्य समाज के नागरिक है, जो केवल अपनी नहीं बल्कि दूसरों की भलाई के लिए भी सोचते हैं तो क्यों नहीं हम रक्तदान के पुनीत कार्य में अपना सहयोग प्रदान करें और लोगों को जीवनदान दें.. रक्तदान करके जो खुशी मिलती है उसे शब्दों मे बयान नही किया जा सकता
Black money
Black money
भारत के वित्त मंत्री अरुण जेटली ने काला धन मामले पर राज्यसभा में बताया कि 250 लोगों ने स्वीकार किया है कि उनके विदेश में बैंक खाते हैं और जिन 627 लोगों के नाम सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के सौंपे हैं उनमें से 427 लोगों की पहचान कर ली है और उन्हें नोटिस भेज दिया गया है अब अपने नामों के खुलासे के डर से कुछ लोग इतना डर गए है कि घर मे या पलंग के नीचे ही दुबक ही गए हैं वही जनता जानना चाह्ती है कि आखिर नामो का खुलासा होगा तो कब होगा…!!!
Black money
किसान की दुर्दशा
किसान की दुर्दशा – फसल बर्बाद होने की वजह से किसान आत्महत्या कर रहे हैं. उत्तर प्रदेश में पिछले कुछ महीनों में 100 से भी ज्यादा किसान खुदकुशी कर चुके हैं जबकि महाराष्ट्र, पंजाब, आंध्र प्रदेश और देश के दूसरे हिस्सों से भी किसानों की आत्महत्या की खबरें लगातार मिल रही हैं।
किसान की दुर्दशा
मीडिया में किसानों की आत्महत्याओं की बातें आ रही हैं, लेकिन मीडिया को इस मुद्दे को लेकर जितना गंभीर होना चाहिए, वह शायद नहीं है। राजनेताओं की लड़ाई में किसान का जो असली मुद्दा है, वह छुप जाता है। टीवी चैनलों पर बहस में किसान नहीं, राजनेता नज़र आते हैं।
राजनेता भी किसानों को लेकर बस अपने तरीके से ‘गंभीर’ नज़र आ रहे हैं। कोई रैली के जरिये किसानों का मुद्दा उठाने की कोशिश कर रहा है, तो कोई मुआवजे की बात कर रहा है। प्रधानमंत्री जी ‘मन की बात’ से लेकर राजनीति के मंच तक किसान की बात कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने किसानों के लिए मुआवज़ा भी बढ़ा दिया है, जो अच्छी बात है। लेकिन सवाल यह उठता है कि क्या यह मुआवजा किसानों तक पहुंच पाता है। अगर पहुंचता है, तो कितना ???
पिछले ही दिनों ऐसी खबरें आईं कि उत्तर प्रदेश के कुछ इलाक़ों में किसानों को मुआवजे के रूप में 50 से लेकर 200 रुपये तक के चेक दिए जा रहे हैं। सोचने की बात है कि ये मुआवजा है या किसानों के साथ मजाक।
अगर ऐसा ही हाल रहा, तो चाहे कितना भी मुआवज़ा बढ़ा दिया जाए, किसानों का हाल कभी सुधरने वाला नहीं है.. और भविष्य मे कुछ ऐसी खबर भी देखने सुनने को मिल सकती है .
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