Bengal nun prayes
Why … Why … Why …
Bengal nun prayes
पश्चिम बंगाल की 72 वर्षीय नन के साथ जो जधन्य धटना धटी वो हतप्रभ कर गई उससे भी ज्यादा इस बात ने चौंका दिया कि नन उन आरोपियों के लिए माफी की प्रार्थना कर रही हैं.
माना की यही भाव शायद उनके कोमल मृदु स्वभाव को दर्शाता है पर जिस तरह से देश का माहौल बिगडा हुआ है.
अदालती कार्यवाही कछुआ चाल् है, पुलिस से सीसीटीवी फुटेज के बाद भी कोई गिरफ्तारी नही हुई और ऐसे मे दरिंदों के लिए करना माफी की प्रार्थना .. सही नही है. बल्कि ऐसे में एक जुट होकर नन समुदाय को आगे आना चाहिए और जोरदार तरीके से आवाज उठानी चाहिए.उन गुंडों के लिए माफी …Bengal nun prayes … कभी नही … किसी हाल में नही….
पश्चिम बंगाल के नाडिया जिले में 72 साल की एक बुज़ुर्ग नन के साथ गैंगरेप के मामले में पुलिस ने चार आरोपियों का सीसीटीवी फुटेज जारी किया है।
पुलिस के मुताबिक, यह मामला शनिवार का है जब 7-8 चोर स्कूल में घुसे, चोरों ने पहले स्कूल में लूटपाट की और फिर 72 साल की बुज़ुर्ग नन के साथ गैंगरेप किया गया।
पश्चिम बंगाल के नाडिया जिले में 72 साल की एक बुज़ुर्ग नन के साथ गैंगरेप के मामले में पुलिस ने चार आरोपियों का सीसीटीवी फुटेज जारी किया है। पुलिस के मुताबिक, यह मामला शनिवार का है जब 7-8 चोर स्कूल में घुसे, चोरों ने पहले स्कूल में लूटपाट की और फिर 72 साल की बुज़ुर्ग नन के साथ गैंगरेप किया गया। पीड़ित नन की सर्जरी की गई है और फिलहाल उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है। घटना के विरोध में स्कूल के बच्चों ने नेशनल हाइवे 34 पर प्रदर्शन किया और कई ट्रेनें भी रोकीं। इस मामले की सीबीआई जांच के आदेश दे दिए गए हैं। ममता बनर्जी ने इसे इंसानियत के खिलाफ अपराध बताया है और कहा कि घर वापसी जैसे अभियानों की आड़ में धर्म के नाम पर राजनीति हो रही है See more…
Bengal nun prayes … इतना सब होने के बाद भी वो इंसान माफी के लायक नही हैं …
कन्या भ्रूण हत्या पर कविता – पुकार अजन्मी बच्ची की
कन्या भ्रूण हत्या पर कविता – पुकार अजन्मी बच्ची की लिखने की जरुरत इसलिए आन पडी कि समाज के लोग इसकी मह्त्ता को समझ ही नही पा रहे. देश में जिस तरह से लाख कोशिशों के बावजूद भी भ्रूण हत्याये रुकने का नाम नही ले रही … ऐसे में कुछ लिखने का मन हुआ और पुकार अजन्मी बच्ची की कविता ने जन्म लिया
कन्या भ्रूण हत्या पर कविता – पुकार अजन्मी बच्ची की
कविता में अजन्मी बच्ची और मां के बीच में बातचीत है … अजन्मी बच्ची इस दुनिया में आना ही नही चाह्ती और मां उसे कह रही है कि तू आ घबरा मत … आईए सुने कविता
अजन्मी बच्ची की पुकार
बच्ची दुनिया का हाल देखते हुए आना ही नही चाह्ती लेकिन उसकी मां उसे हिम्मत देती है और न धबराने को कहती है उसे कहती है कि वो जब इस धरा पर आएगी तो वो धरा को जन्नत बना देंगें.
Audio- Peom-Girl Foeticide-female foeticide
(अजन्मी बच्ची और मां के बीच की बातचीत है इस कविता में)
ये कविता तब मन में उभर कर आई जब देखा कि देश में किस तरह से कन्या भ्रूण हत्याऎ हो रही है और लाख कोशिश के बाद भी थम नही रहीं … मन विचलित हो रहा था और सोच रहा था कि भीतर कोख में पल रही बच्ची क्या सोच रही होगी ??? बाहर संसार में आना भी चाहेगी या नही … !!!
पुकार अजन्मी बच्ची की … कोख मे बच्ची करे पुकार मां… सुन … मां, मुझे रोक ले इस धरा पे आने से, बदनसीबी अपनाने से, मैने देखा है तुझे अपनी दिल की आखों से,
उदास हताश, बेबस और निराश, सौ-सौ आसूं रोते और बिलखते, अपमान का घूंट पीते और सहते, बॉस की निगाहों से दो चार होते,
मां… सुन …मां मुझे रोक ले, मै आना ही नही चाह्ती ऐसी धरा पे, जहाँ ना मान है ना सम्मान, सब पत्थर दिल इंसान, बस बसे हैं भेडिए, हर पल बस, नोचने खसोटने को तैयार,
रोक ले मां, रोक ले, अब मां बोलती है …
सुनकर बेटी का रुदन, छलछला गए मां के नयन,
आंसू पोंछ्ती बोली वो, तू आना, ना घबराना, तू ही तो मेरी हिम्मत और आशा है, मेरे कल की दिव्य अभिलाषा है, संधर्ष से हम बदल देगे वर्तमान, सुखद भविष्य बनाएंगे,
धरा को बना कर फूलों की बगिया जर्रा-जर्रा महकाएंगे,
तू आ तो सही, धैर्य,प्रेम,प्यार का पाठ पढा कर, उज्जवल दुनिया बसाएंगे, तू मेरी दिव्य अभिलाषा,
तू एक बार आ तो सही, धरा को जन्नत बनाएंगे, धरा को जन्नत बनाएंगे!
Audio- Peom-Girl Foeticide-female foeticide- india by Monica Gupta. लिखने के बाद मुझे लगा कि क्यों ना Audio भी बना दूं … !!! आप सुनिए और जरुर बताईए कि कैसी लगी मेरी ये कविता
Press Information Bureau Hindi Releases
सरकार ने देश में कन्या भ्रूण हत्या रोकने के लिए बहुआयामी रणनीति अपनाई है। इसमें जागरुकता पैदा करने और विधायी उपाय करने के साथ-साथ महिलाओं को सामाजिक-आर्थिक रूप से अधिकार संपन्न बनाने के कार्यक्रम शामिल हैं। इनमें से कुछ उपाय नीचे दिए गए हैः • गर्भ धारण करने से पहले और बाद में लिंग चयन रोकने और प्रसवपूर्व निदान तकनीक को नियमित करने के लिए सरकार ने एक व्यापक कानून, गर्भधारण से पूर्व और प्रसवपूर्व निदान तकनीक (लिंग चयन पर रोक) कानून 1994 में लागू किया। इसमें 2003 में संशोधन किया गया। • सरकार इस कानून को प्रभावकारी तरीके से लागू करने में तेजी लाई और उसने विभिन्न नियमों में संशोधन किए जिसमें गैर पंजीकृत मशीनों को सील करने और उन्हें जब्त करने तथा गैर-पंजीकृत क्लीनिकों को दंडित करने के प्रावधान शामिल है। पोर्टेबल अल्ट्रासाउंड उपकरण के इस्तेमाल का नियमन केवल पंजीकृत परिसर के भीतर अधिसूचित किया गया। कोई भी मेडिकल प्रैक्टिशनर एक जिले के भीतर अधिकतम दो अल्ट्रासाउंड केंद्रों पर ही अल्ट्रा सोनोग्राफी कर सकता है। पंजीकरण शुल्क बढ़ाया गया। • स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ने सभी राज्य सरकारों से आग्रह किया कि वे अधिनियम को मजबूती से कार्यान्वित करें और गैर-कानूनी तरीके से लिंग का पता लगाने के तरीके रोकने के लिए कदम उठाएं। • माननीय प्रधानमंत्री ने सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से आग्रह किया कि वे लिंग अनुपात की प्रवृति को उलट दें और शिक्षा और अधिकारिता पर जोर देकर बालिकाओं की अनदेखी की प्रवृत्ति पर रोक लगाएं। See more…
नारी शक्ति पर कविता – आज की भारतीय नारी – Monica Gupta
नारी शक्ति पर कविता – आज की भारतीय नारी- आज की नारी अबला नही सबला है. हम भारतीय नारियों की बात ही अलग है ढेरो परेशानियों के बावजूद हमेशा सकारात्मक सोच रखती read more at monicagupta.info
कन्या-भ्रूण हत्या का असली कारण हमारी सामाजिक परंपरा और मान्यताएं हैं जो मूल रूप से महिलाओं के खिलाफ हैं। बेशक , मानसिकता बदल रही है पर आज भी बहुत समय लगेगा …
मैं हमेशा एक ही बात कहती हूं कि
गर्ल है तो कल है !!!
आप सुनिए और जरुर बताईए कि कैसी लगी मेरी ये कविता….
Audio Poem- My India- Monica gupta
Audio Poem- My India- Monica gupta
Poem My India
I Love my India मेरा भारत महान … कुछ समय पहले हमारे एक मित्र विदेश जा कर बस गए कुछ दिनों बाद जब उनसे बात हुई तो उन्होनें बताया कि उनका दिल नही लग रहा वो वहां सैटल नही हो पा रहे.
बेशक, जब वो जा रहे थे तो हमे भी लगा था कि वो कितने लक्की है वो लोग पर उनसे बात होने पर लगा कि असल में, भाग्यशाली तो हम है तो भारत में रहते हैं और आसुंओं के साथ ये कविता बह निकली 🙂
पहली पहली बार
विदेश जाने पर
अपने देश का मर्म जाना
वो अपनापन
वो अहसास
वहां गुम थे
संस्कार हो चुका था
संवेदनाओ का
विकृत विकारो रुपी पाषाणो का
हो रहा था सतत प्रहार
मानो मै इक निरीह विहान
निर्झर की तालाश में
खिन्न.गुमराह, हताश सी संबल खोज रही हूं
पहली बार महसूस हुआ
परिवेश मेरे देश का
ज्वलंत है,विराट है
तपते आतप मे घने विटप की छांव है
नवजात शिशु के लिए मां के क्षीर समान है दुखो का संहारक है
सहज है,सस्मित है
मीत है, वात्सल्यता का प्रतीक है
कण- कण से इसके प्रेम छ्लकता है
तभी तो देश भक्ति गीतो पर भाव विहल हो उठता है
आज मैने पहली पहली बार जाना
यही है वो अपनापन वो अहसास
जिससे है मुझे
मेरे हिन्दुस्तान पर नाज
मोनिका गुप्ता
Poem My India
Various lists of the World Wonders have been made over the ages to catalogue the most spectacular man made constructions and natural creations in the world. India is a land of incredible beauty and rich history so it desert the own list of Seven Wonders.
From 21. to 31. July 2007 the Times of India carried out a SMS poll to vote for the 7 Wonders of India. The 7 Wonders of India (4 of them are UNESCO World Heritage Sites) have been chosen by the readers of Times of India only.
The Seven Wonders of India are: Gomateshwara, Harmandir Sahib – Golden Temple, Taj Mahal, Hampi, Konark Sun Temple, Nalanda, Khajuraho.
Except for the Golden Temple and the famous Taj Mahal, the rest of Wonders are all located in small towns or in the countryside, some of them are practically unknown for the rest of the world.
Seven Wonders of India – List of Wonders
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Poem … My India और मुझे अपने देश पर गर्व है.
Sting
Mahila
Mahila
Mahila नामक कविता मैनें नारी जगत को प्रेरित करने के लिए लिखी है. असल में, हम महिलाए, अक्सर घबरा कर चुपचाप बैठ जाती है जबकि अगर हम हिम्मत , बहादुरी और दिलेरी से सामना करेंगें तो मुसीबत दुम दबाती नजर आएगी .. ऐसे तनाव भरे माहौल से महिलाओ को जागृत करने के लिए इसे लिखा है ….
बढती चल …
बढती चल तू कदम बढा. दुनिया मे अलग पहचान बना
कर हिम्मत मत सिर को झुका
संशय नही
अनूप तू, अपवाद तू
विराट तू और इष्ट तू
अविरल है तू रत्नाकर तू
उदगम है तू उन्मुक्त तू
उल्लास और उडान तू
चपल तू करिशमा तू
योग्य तू सरताज तू
ज्वलंत तू ,नियति है तू
परिवेक्ष का है साक्ष्य तू
यश तू प्रतिभा है तू
सहज तू सोम है तू
कर सुधा का पान तू
कर नव विहान का सूत्रपात
जन जागरुकता की ऐसी अलख जगा
बस बढती चल तू कदम बढा
दुनिया मे अलग पहचान बना.
Mahila आज के माहौल में महिला सशक्तिकरण की बात करने से पहले हमें इस सवाल का जवाब ढूंढना जरूरी है कि क्या सशक्तिकरण के जमानें में क्या वास्तव में महिलायें सशक्त हैं ?
इतिहास गवाह है कि मानव सभ्यता के विकास के साथ साथ “ताकतवर को ही अधिकार” मिला है। और धीरे-धीरे इसी सिद्धांत को अपनाकर पुरुष जाति ने अपने शारिरीक बनावट का फ़यदा उठाते हुऐ महिलाओं को दोयम दर्जे पर ला कर खड़ा कर दिया औऱ महिलाओं ने भी उसे अपना नसीब व नियति समझकर, स्वीकार कर लिया।
चाहे सीता हो या द्रौपदी तक को पुरुषवादी मानसिकता से दो-चार होना पड़ा. हर युग में पुरुष के वर्चस्व की कीमत औरतों ने चुकाई है या उसे चुकाने पर मजबूर होना पड़ा. आज के समय मेंसंयमी और आत्मविश्वासी बनने की बहुत अधिक आवश्यकता है और उनका मनोबल बढाने के लिए ये कविता लिखी है.
महिला (Mahila) कविता कैसी लगी ?? जरुर बताईएगा !!
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