विज्ञापन और हमारा जीवन
विज्ञापन और हमारा जीवन – अक्षय कुमार का एक विज्ञापन आ रहा था. उसमे वो घर दिखा रहे हैं और फिर बताते है कि यह उनका ही घर है इसी बीच मे उनकी पत्नी आवाज देकर कहती है कि जाकर बाथरुम धो …!!! इस पर अक्षय मुस्कुरा कर कहते हैं कि हर संडे वो बाथरुम धोते हैं.
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इस को देख देख कर मेरी सहेली मणि हंस हंस कर दोहरी हुई जा रही थी कि ऐसा थोडे ही ना होता है कि आदमी लोग घर की सफाई करे.मैने उसे कहा कि जहा महिलाए भी बाहर काम करती है वहां पति पत्नी मिल कर घर का काम करते हैं कई पति तो खाना भी बनाते हैं, कपडे भी धोते हैं बच्चो को भी सम्भालते हैं और इसमे गलत भी क्या है पर मणि के मन मे एक ही बात बैठी हुई है कि आदमी का काम घर चलाना होता है और आदमियो का इस तरह से घर के काम करना वो सपने मे भी नही सोच सकती .
हां अगर पत्नी बीमार हो या कोई अन्य बात हो तो ठीक है यानि कभी कभार पर दिनचर्या का ही हिस्सा बना लेना ठीक नही है और यही देख कर वो हंस हंस कर दोहरी हुई जा रही है कि मर्द और घर के काम … कभी नही !!! मैं उसे समझाए जा रही थी कि समय बदल गया है …
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मोनिका गुप्ता
दीदी की चिठ्ठी
दीदी की चिठ्ठी
प्यारे नन्हे दोस्तो,
कैसे हो. दोस्त और दोस्ती बहुत प्यारे शब्द हैं. आपको एक सच्ची बात बताती हूं. सामी के पापा की बदली जयपुर हुई तो उसने नए स्कूल मे दाखिला लिया.वहां उसकी दोस्ती राज से हुई. राज अच्छा था पर एक ही गंदी आदत थी कि वो बात बात मे अपशब्द या गाली देकर बात करता. सामी ने बहुत बार उसे समझाया पर एक दिन तंग आकर उसने बोल दिया कि अगर उसने गलत बोलना बंद नही किया तो वह उससे जिंदगी भर बात नही करेगा. राज अपने नए दोस्त को खोना नही चाहता था बस उसने ठान लिया कि आगे से गंदी बात बोलना हमेशा के लिए बंद. पता है कि इस बात के कुछ दिनो के बाद राज के मम्मी पापा सामी के घर उसे थैक्स बोलने आए कि जो काम वो इतने समय से नही कर पाए सामी मे झट से कर दिया और राज को सुधार दिया. इस बात को 15 साल हो गए हैं और आज भी दोनो पक्के दोस्त हैं.आप भी अच्छे बच्चो से दोस्ती करना और अगर दोस्त मे कोई कमी हो तो उसे दूर करने की कोशिश जरुर करना. जाते जाते एक बात मै आप सभी से कहना चाहूगी कि “एक अच्छी किताब सौ दोस्तो के बराबर होती है पर एक अच्छा और प्रेरित करने वाला दोस्त तो पूरी की पूरी लाईब्रेरी ही होता है”.
ढेर सारी शुभकामनाओ के साथ 😀
आपकी दीदी
मोनिका गुप्ता
Winter
Winter
आज खबरे चल रही थी. डल झील जमी. आबू मे पारा शून्य से नीचे. पारा गिरा. उत्तर प्रदेश मे ठंड से 105 लोग मरे. मैं बहुत ध्यान से खबरे सुन रही थी कि अचानक एक मक्खी पास आकर मंडराने लगी.
मेरे हाथ मे अखबार था. मैने उसे गोल बना कर जैसे ही मक्खी को मारने के लिए हाथ उठाया ही था बेचारी खुद ब खुद गिर गई और फडफडाने लगी और देखते ही देखते उसने दम तोड दिया. शायद कडाके की ठंड वजह से बेचारे गरीब, निरीह आदमी भी इन कीडें मकौडों की तरह
Winter…..
Nice Thoughts
Nice Thoughts !!!!
In Life Failure is not The Real End,
But It Can Be the Real Beginning of Success”
Dont Take Rest After A SUCCESS.
B’coz If U Fail Next Time,
So Many Lips Are Waiting To Say That Ur Previous Victory Was Just LUCK!”
Succes in life depends Upon Two Important Things.
1) Vision: Seeing the invisibles…..
2) Mission: Doing the impossible…..
A prayer is nt a spare wheel
dat u pulout wen u r in trouble…
A prayer is a steering wheel
dat directs d right path thru out ur life…
Treat everyone with politeness,
Even those who are rude to U…..
Not because they are not nice,
But bcoz u are nice….
Waves are inspiring not bcoz
They rise and fall but bcoz
Each time they fall
They never fail to raise again
“One who wins without problem
It is just “VICTORY” but
One who wins with lot of troubles that is “HISTORY”.
collection by Monica Gupta
मुद्दे की बात
मुद्दे की बात
कल से कुछ खबरों को देख पढ कर विचारो की बहुत उथल पुथल हो रही है. पता नही क्यो पर बार बार मन यही सोचने पर मजबूर हो रहा है कि हम अक्सर मुद्दे से भटक जाते हैं.अब जैसे एक गायक पर ही केस दर्ज करवा दिया कि उसके गीत के बोल अच्छे नही हैं वही लडकियो के पहनावे को लेकर बवाल है तो वही लडकियों के मोबाईल इस्तेमाल करने पर भी कुछ लोगो को आपति है वही एक बात और सामने आई कि हम गैंग रेप पीडिता का नाम छुपाया नही जाना चाहिए.
अरे भई, ये हो क्या रहा है. अगर पीडिता के माता पिता चाहें तो नाम सार्वजनिक हो सकता है पर अगर वो ना चाहे और कोई नाम पता सार्वजनिक कर दे तो यह भी किसी अपराध से कम नही है.
मुद्दे की बात ये है कि एक जधन्य अपराध हुआ है और अपराधी को ऐसी कडी से कडी सजा मिलनी चाहिए कि कोई भी ऐसा दुष्कर्म करने से पहले लाख बार सोचे. हां, ये बात जरुर है अगर इस पीडिता की वजह से कोई नया कानून बनता है तो जरुर उस नए कानून मे उसका नाम हो (अगर उसके माता पिता की सहमति हो). ठीक वैसे ही जैसे संजय गीता के नाम से पुरुस्कार दिया जाता है.
आज सुबह एक टीवी चैनल की रिपोर्ट देख कर मै हैरान रह गई कि इस कडाके की ठिठुरती सर्दी मे कुछ कुछ लोग जंतर मंतर पर सिर्फ इसलिए बैठे हैं कि पीडिता जो ज्वाला जगा गई है उसकी लौ ठंडी ना पडे.
इंसाफ की लडाई लडने के लिए वो वहां बैठे हैं. वो बेनाम पीडिता समस्त महिलाओ की अगवाई कर रही है उसका क्या नाम है वो कहां रहती है इससे उन्हे कोई मतलब नही.
इन सब के बीच एक अच्छी खबर यह सुनने मे आ रही है कि गैंग रेप केस वाली चार्ज शीट तैयार हो गई है और फास्ट ट्रैक कोर्ट मे कल से सुनवाई शुरु हो रही है. मेरे विचार से अगर इस तरह से कोर्ट बन जाएगी और कठोर कानून बन जाएगा तो निश्चय तौर पर इस अपराध मे जरुर कमी आएगी और इन सभी का क्रेटिड जाएगा हमारे देश की जनता को जो अब जाग चुकी है !!!!
मुद्दे की बात
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