दीदी की चिठ्ठी … मोनिका गुप्ता
दीदी की चिट्ठी
बच्चे और पिटाई
बच्चे और पिटाई
कृप्या कमजोर दिल इसे ना पढे …!!!
एक समय था जब हम बहुत गर्व से लोगो को बताते थे कि अगर बचपन मे मास्टर जी ने ना पीटा होता तो हम वो नही बन सकते थे जो आज हैं. उस समय का डर और खौफ अलग ही था. यह बात उस समय की है पर आज के समय की बात “अलग”है.
बच्चे और पिटाई …. आज का बच्चा बहुत इमोशन और भावुक है. उसमे सहन शक्ति भी नही रही. यकीनन हम बडे लोग भी काफी हद तक उस बात के दोषी हैं. बच्चे को ज्यादा आराम या सुविधा देने के चक्कर
में( चाहे मम्मी हो या पापा) उन्हे वक्त नही दे पा रहे जिसकी उन्हे सबसे ज्यादा जरुरत है.
बच्चे और पिटाई
खैर, स्कूलो मे भी पिटाई पर रोक लगी हुई है पर इस पर लगाम नही कसी जा रही. बात घर की हो या स्कूल की. हर बच्चे की अपनी मानसिक अवस्था होती है और हमे उसे भली प्रकार समझ कर उसी के अनुरुप ही व्यावहार करना होगा ना कि मार पिटाई और तडातड ही विकल्प है…. वैसे आप तो ऐसे नही होगे … है ना !!!
अगर है तो जरा नही बहुत सोचने की दरकार है… !!! 🙂
बच्चे और पिटाई
Monica Gupta
Monica Gupta
मोनिका गुप्ता लेखिका, कार्टूनिस्ट, पत्रकार तथा समाज सेविका हैं. ये हरियाणा के सिरसा मे रहती हैं और लेखन मे लगभग 23 सालों से हैं. राष्ट्रीय समाचार पत्र-पत्रिकाओ के साथ-साथ लोटपोट, चंपक, बालहंस, बालभारती, नैशनल बुक ट्र्स्ट की न्यूज़ बुलेटिन आदि मे इनके लेख, कहानी एवं प्रेरक प्रसंग नियमित रूप से छपते रहते हैं.
इसके साथ-साथ इन्होंने जयपुर आकाशवाणी, हिसार आकाशवाणी में भी बहुत प्रोग्राम दिए हैं. आकाशवाणी रोहतक से इनके द्वारा लिखित नाटक एवं झलकियाँ प्रसारित होती रहती हैं. इनकी पांच किताबें प्रकाशित हो चुकी हैं “मै हूँ मणि” को 2009 मे हरियाणा साहित्य अकादमी की तरफ से बाल साहित्य पुरस्कार मिला. “समय ही नहीं मिलता” (नाटक संग्रह) है जिसे हरियाणा साहित्य अकादमी की ओर से अनुदान मिला. “अब तक 35” (व्यंग्य संग्रह) है. “स्वच्छता एक अहसास” (सामाजिक मूल्यों पर आधारित किताब) है. ”काकी कहे कहानी” बाल पुस्तक है जोकि “नैशनल बुक ट्र्स्ट” से प्रकाशित हुई है. इसके इलावा फिलहाल दो किताबें प्रकाशनाधीन हैं. पत्रकार, लेखिका और कार्टूनिस्ट होने के साथ-साथ ये समाज सेवा से जुडी हुई हैं और नारी सशक्तीकरण और बच्चों मे छिपी प्रतिभा पहचान कर उन्हें नई पहचान देने की दिशा मे प्रयासरत हैं.
मोनिका गुप्ता रक्तदान से जुडी संस्था “आईएसबीटीआई” की पत्रिका ”जय रक्तदाता” का सम्पादन करने मे जुटी हैं. आजकल “दैनिक जागरण” मे हर सोमवार को प्रकाशित मुद्दा विषय पर इनके कार्टून नियमित छ्प रहे हैं और “दैनिक नवज्योति”, जयपुर से हर रविवार “दीदी की चिठ्ठी” नियमित रुप से छ्प रही हैं.चाहे खबर हो या कार्टून, या लेखन के माध्यम से मोनिका अपनी बात इस तरीके से कह जाती हैं कि एक बारगी लोग सोचने पर जरुर मजबूर हो जाते हैं.
Cartoon
सुविचार – मोटिवेशनल विचार
सुविचार हो या मोटिवेशनल विचार हम उसे पढ़ कर हमेशा ही प्रेरित होते हैं और हमारे भीतर नई ऊर्जा का भी संचार होता है इसलिए ऐसी बातें या ऐसे विचार पढ़ते रहना चाहिए
सुविचार – मोटिवेशनल विचार
पता है !!!!
जिंदगी में दो चीजों को handle करना बहुत मुश्किल है
सफलता और असफलता को !!! 🙂
पते की बात !!!
अगर अवसर दस्तक ना दे तो स्वयं ही दरवाजा बना लेना चाहिए !!! 🙂
छोटी पर मोटी बात …!!!
हमे छोटी छोटी भूलो और गलतियो से बचने का प्रयास करना चाहिए क्योकि हम पहाड से नही बल्कि पत्थर से ठोकर खाते है 🙂
सोचने वाली बात ….!!!
कामयाबी बडी नहीं, उसे पाने वाले बड़े होते हैं… जख्म बड़े नहीं, उसे भरने वाले बड़े होते हैं और रिश्ते बड़े नहीं, उसे निभाने वाले बड़े होते हैं !!!
तो क्या सोचा !!! 🙂
इसे भी आजमा कर देखिए !!!
जिंदगी में कुछ ऐसा काम करें कि लोग हमें “फेस बुक” पर नहीं बल्कि ‘गूगल” पर सर्च करें !!!
अच्छी /बुरी बात …
अच्छे वक्त की बुरी बात यह होती है कि एक दिन वो चला जाता है और बुरे वक्त की अच्छी बात यह होती है कि वो भी एक दिन चला जाता हैं…. !!! 🙂
है ना !!!!
प्रेरक प्रसंग – प्रेरक लघु कहानियां – Monica Gupta
‘मंजिल मिले ना मिले, ये तो अलग बात है हम कोशिश भी ना करें ये तो गलत बात है.. ” हाल ही में मैंने अपनी बात आप तक रखने के लिए नेट पर बहुत सर्च किया और ऐसी ऐसी बाते पता चली जो आपका मनोबल बढा देंगी
आप खुद भी मान जाएगें कि फिर हम क्यों नहीं … हम भी किसी से कम नहीं असफलता एक चुनौती – Monica Gupta read more at monicagupta.info
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