Monica Gupta

Writer, Author, Cartoonist, Social Worker, Blogger and a renowned YouTuber

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November 29, 2016 By Monica Gupta Leave a Comment

Viral News India- Viral News ka Sach

दूसरों की मदद करना अच्छा – एक प्रेरक कहानी

Viral News India- Viral News ka Sach – वायरल होती खबर हमें भले ही रोचक लगे अच्छी लगे पर अगर उसे फार्वर्ड करना हो तो सोच समझ कर और पूरी तरह बात की तह तक जा कर रही करना चाहिए …     पहाड़ चढ़ने का एक उसूल है.. झुक कर चलिए .. दौडे नही .. ज़िंदगी भी बस इतना ही मांगती है

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Viral News India- Viral News ka Sach

आज में टापिक सर्च कर रही थी कि क्या बोला जाए … तो अचानक एक खबर पर नजर गई जोकि खबर तो थी पर खबर नही थी … नही समझ आया ना … मुझे भी नही आया … यानि वो बेसिर पैर की खबर थी जो कि अब वायरल के भेंट चढ चुकी थी…  और उस खबर में जरा भी सच्चाई नही थी.. बहुत दुख हुआ कि इतने पढे लिखे सभ्य लोग होकर हम इतना असभ्य काम कर रहे हैं.. बिना सच्चाई को जाने परखें बस भेड चाल है कि हमने बस इसे फार्वर्ड करना है … जोकि बेहद दुखद है …

बहुत समय पहले मेरे पास अब्दुल कलाम जी की death की वायरल खबर आई … तो मैने बहुत हैरानी जाहिर कि और  गूगल पर सर्च किया तो ऐसा कुछ नही थी … न्यूज देखी वहां भी ऐसा कुछ नही था … तब समझ आया कि अन्धाधुंध वायरल खबर है … वहीं एक जाने माने अभिनेता की news की वायरल हुई कि उनकी death हो गई है… जबकि वो भले चंगे थे …

थोडे समय पहले भी एक खबर देखी उत्तर प्रदेश के एक गांव में रहनेवाली 40 साल की औरत तब आत्महत्या करने पर मजबूर हो गई जब उसका वीडियो सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट वॉट्सऐप पर वायरल हो गया

 

ये वायरल होना बहुत खतरनाक संकेत हैं और हमारा बिना जाने समझे बढावा देन और भी खतरनाक है … भेडचाल है बस और लोग फोलो किए जा रहे हैं … भेडचाल से एक बात याद आई … जब हम हाई वे पर थे रास्ता बंद था कारण किसी को पता नही था

कोई कहता सडक बन रही है कोई कहता accident हो गया … पता था नही सब अपने अपने क्यास लगा रहे थे लगभग 2 किलोमीटर लम्बी लाईन थी …

तभी एक कार आई और उसे अपनी कार को कच्चे में उतार लिया … उसने उतारा और सब उसके पीछे बिन जाने कि रास्ता है भी या न ही … एक घंटा तक 60 कारे उसके पीछे हो गई और लगग एक घंटे बाद  वापिस वो उसी सड्क पर पहुंचे पर अब वो जॉम था ही नही किसी को पता ही नही चला कि वहां हुआ ही क्या था…

ये भेडचाल वाला रास्ता कही नही जाता इसलिए जरुरी है कि सोच समझ कर ही इसे अपनाए… किसी पोस्ट को फार्वर्ड ये देख ले की किस भरोसे मंद से पता चला है या कितना यकीन किया जा सकता है या  करने से पहले ये खबर सही है इसका क्या सबूत है  और जहां तक पता लगाने की बात है …जहां तक जानने की बात है

आजकल गूगल से कुछ भी पता लगाया जा सकता है इसलिए बजाय वायरल खबर को बढावा देने के असलियत को देखे जाने और फिर फार्वर्ड करें तो बेहतर होगा …

न्यूज चैनल वालों – न्यूज चैनल जरा रहम करो – Monica Gupta

न्यूज चैनल वालों – न्यूज चैनल जरा रहम करो -जिस तरह से न्यूज चैनल या खबरिया चैनल खबरों को टीआरपी के लिए परोसते हैं ऐसी खबरें सुनना अब आम हो जाएगा read more at monicagupta.info

 

April 4, 2016 By Monica Gupta Leave a Comment

स्वच्छता अभियान और शौचालयों की भूमिका

स्वच्छता अभियान और शौचालयों की भूमिका

स्वच्छता अभियान और शौचालयों की भूमिका

ग्रामीण ही नही शहरों में भी स्वच्छता की दरकार !! जरुरत है मानसिकता बदलने की !! स्वच्छता की अलख जगाने की… !! अपने देश को साफ स्वच्छ रखने की… !!

मैं और मेरी सहेली मणि बात कर ही रहे थे तभी मणि की पडोसन वहां से जा रही थी. मणि ने मुझे बताया हुआ था कि उसके पडोस में कल रिश्ते वाले बात पक्की करने आ रहे हैं. ये लोग बहुत पैसे वाले हैं बात तो पक्की समझो … जब लाखों रुपये एक फ्लैट और बडी सी कार मिल रही हो तो… मणि को देख कर उसकी पडोसन खुद आ गई.

देखने पर खुश नही लग रही थी. मणि के पूछ्ने पर उसने बताया कि अच्छा हुआ रिश्ता नही हुआ बहुत ही अकडू टाईप लोग निकले. लडके वालो के आवभगत में दस तरह की नमकीन, द्स तरह की मिठाई और सूखा मेवा की तो कोई गिनती ही नही…शानदार लंच भी दिया पर आज सुबह मना कर दिया बोले रिश्ता मंजूर नही क्योकि आपके टॉयलेट साफ नही थे..उन्हें क्या पता  80 लाख का बाथरुम बनवाया है हमने .. महंगी टाईल , शीशा, सीट और वाश बेसन और अलमारी..!!

कभी देखा ही नही होगा उन्होनें इतना महंगा बाथरुम और बात करते हैं कि साफ नही था…अजी एक क्या …!! सौ अच्छे लडके मिलेगें मेरी बिटिया को कहती हुई चली गई… मैं और मणि एक दूसरे का मुंह देखने लगे… वैसे बात सही है

स्वच्छता अभियान और शौचालयों की भूमिका

 

बेशक, घर पर एक से बढ कर एक महंगा सामान हो और बाथरुम भी लाखों का बनवाया हो पर सफाई भी रखनी बहुत जरुरी होती है. आमतौर पर जब हमारे यहां कोई मेहमान आता है तो हम बैठक, किचन, बैडरुम व अन्य कमरों की सफाई में तो जुट जाते हैं पर बाथरुम wash room पर ध्यान नही देते जबकि घर का वो भी बराबर का महत्वपूर्ण हिस्सा है और उसे भी उतनी सफाई की दरकार होती है जितनी अन्य कमरों को… क्या आप मेरी सोच से सहमत हैं या नही ???

बाथरुम  की शौचालय की  सफाई भी उतनी ही जरुरी है…..

शौचालयो को लेकर अनेक बातें, बहुत खबरे अक्सर सुर्खियों में रहती हैं.  स्वच्छता अभियान के दौरान  ये भी बात बहुत बार उठी थी कि मोबाईल से ज्यादा जरुरी है शौचालय … !!!

एक खबर के अनुसार  सरकार ने आज बताया कि वर्ष 2019 तक देश में सभी परिवारों के पास शौचालय होंगे। पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री बीरेंद्र सिंह ने बिमला कश्यप सूद के सवाल के जवाब में राज्यसभा को बताया कि दो अक्तूबर 2019 तक हिमाचल प्रदेश की सभी ग्राम पंचायतों सहित सभी राज्यों में सभी परिवारों के पास शौचालय होंगे।

इतना ही नही एक खबर के अनुसार तेलंगाना के नालगोंडा जिले में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. यहां एक 17 साल की लड़की ने आत्महत्या कर ली. कहा यह जा रहा है है कि लड़की ने इसलिए आत्महत्या कर ली, क्योंकि घर में शौचालय बनवाने के लिए वह अपने माता-पिता को तैयार नहीं कर पाई….

खबर मे बताया गया कि जूनियर कॉलेज छात्रा कदापार्थी रेखा ने सोमवार रात कथित रूप से खुद पर मिट्टी का तेल डालकर आग लगा ली। मामले की जांच कर रहे के. राजू ने बताया कि किशोरी घर में शौचालय न होने की वजह से खुले में शौच करने को विवश थी, जिससे उसे शर्मिन्दगी महसूस होती थी, और उसे नहाने के लिए भी टेंट से बने अस्थायी स्नानघर में जाना पड़ता था। रेखा के माता-पिता नागम्मा तथा सतिया खेत मजदूर हैं, और घर में शौचालय बनवाने का खर्च वहन करने की स्थिति में नहीं हैं।

कार्टून ( मोनिका ग़ुप्ता)

कार्टून ( मोनिका ग़ुप्ता)

एक अन्य खबर के म्ताबिक राष्ट्रीय स्वच्छता अभियान में हर वर्ग से जुड़े लोग अपनी हिस्सेदारी निभाने को आतुर हैं. मध्य प्रदेश के नीमच जिले की पुलिस ने तय किया है कि बंदूक के लाइसेंस और पासपोर्ट उन्हीं लोगों के बनाए जाएंगे, जिनके घरों में शौचालय होंगे.

बहुत खुशी होती है  यह सुन कर कि घर घर मे शौचालय होंगें पर उसे कितना सहेज पाएगें यह हमारी ऊपर है … इसलिए जागो जनता जागो …

वैसे स्वच्छता को लेकर आपकी क्या सोच है जरुर बताईएगा !!

जय स्वच्छता अभियान !!

March 19, 2016 By Monica Gupta 1 Comment

रोचक बाल कहानी – जब पापा ने बनाए मटर के चावल

रोचक बाल कहानी – जब पापा ने बनाए मटर के चावल

रोचक बाल कहानी – जब पापा ने बनाए मटर के चावल

हमेशा ही मम्मी और रसोई का नाता रहा है. मैने आज तक पापा को रसोई से पानी का गिलास खुद लेकर पीते नही देखा. पापा सरकारी अफसर हैं इसलिए दफ्तर के साथ साथ घर पर भी खूब रौब चलता है. ओह क्षमा करें. असल में, बात बताने के चक्कर मैं यही बताना भूल गई कि मैं हू मणि. सातवीं क्लास मे पढती हूं और छोटे से शहर मे रहती हूं.

हां तो मैं बता रही थी कि मम्मी सारा दिन घर पर ही रहती हैं. दिन हो या रात सारा समय काम ही काम… हाँ भाई… नौकरों से काम लेना कोई आसान काम है क्या, हाँ… अरे भई आप तो कुछ समझते ही नही है अब जब पापा सरकारी दफ्तर में काम करते हैं तो नौकर चाकर भी होंगें न हमारे घर पर …हां तो मैं क्या बता रही थी .. मैं बता रही थी कि पिछ्ले कुछ दिनो से पापा खाने में कोई ना कोई नुक्स निकाल रहे थे. इसीलिए मम्मी ने रसोइए की छुट्टी कर के रसोई की कमान खुद सम्भाल ली थी.

पर पापा को इसमे भी तसल्ली नही हुई. नुक्स निकालने का काम तो चलता ही रहा और साथ मे एक बात और जुड गई कि मेरी माता जी खाना ऐसे बनाती थी मेरी माता जी खाना वैसे बनाती.ये सुनकर मम्मी को कभी कभार गुस्सा आ जाता जो अक्सर मेरे ऊपर ही निकलता. ह हा हा !!  खैर समय  ऐसे ही प्यार और लडाई झगडे में बीतता रहा.

peas rice photo

शनिवार को पापा यह कह कर सोए कि कि वो कल सुबह नाश्ते मे बासी परांठा और आलू मैथी ही खाएगे. मुझे पता है कि मम्मी ने बहुत दिल से बनाया. पर वो भी पापा को पसंद नही आया.

उसी समय पापा ने एलान कर दिया कि वो दोपहर को खुद ही मटर के चावल बनाएगे. मम्मी के चेहरे पर अजीब सी परेशानी  और मैं हैरान. पापा और खाना. मुझे समझ नही आ रहा था.
दोपहर के एक बजे मम्मी ने जबरदस्ती टीवी पर क्रिकट मैच देखते हुए पापा को उठाया कि भूख लग रही है.खाना बनाओ. मैच बहुत मजेदार चल रहा था.  पापा अनमने भाव से उठे. मम्मी ने चावल पहले ही भीगो दिए थे इस पर पापा ने गुस्सा किया माता जी तो पहले कभी नही भिगोते थे. अब तो खराब ही बनेंगें … फिर पापा ने कूकर माँगा. मम्मी के कहने पर कि पतीले मे ज्यादा खिले- खिले बनेगें पर पापा तो पापा ठहरे. जो बोल दिया सो बोल दिया. वैसे आप यह मत समझना कि मैं मम्मी की चमची हूँ. मैं सच बात का ही साथ देती हूँ.फिर पापा ने देसी घी लिया और खूब सारा उसमे डाल दिया ताकि मटर अच्छी तरह भुन जाए इतने में मैच मे छ्क्का लगा जल्दी जल्दी मैच देखने के चक्कर मे उन्होंने मसाला भी अंदाजे से  डाल दिया.

मैं और मम्मी चुपचाप पापा का काम देखते रहे. मम्मी तो चुपचाप गर्दन हिलाती रही और मै वँहा स्लैब पर बैठी पापा का लाईव टेलिकास्ट देख रही थी. सच. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. उधर पापा ने मैच देखने के चक्कर मे मटर मे भी नुक्स निकालने शुरु  कर दिए कि मटर तो मीठी है ही नही चावल कैसे अच्छा बनेगा. मैच मे फिर एक खिलाडी आउट हो गया. तभी दरवाजे पर घंटी बजी.मम्मी बाहर जाने को हुए तो पापा ने मना कर दिया कि पहले मसाला भुनने दो फिर जाना.मै उतर के जाने को हुई तो मुझे भी डाटं पड गई कि बार बार आने जाने से उनका ध्यान हट रहा है. तभी फिर एक खिलाडी आउट हो गया. बाहर फिर से घटीं बजी. उधर पापा से कूकर का ढ्क्कन बन्द ही नही हो रहा था. पापा बोले कि कूकर ही खराब है. मम्मी ने गर्दन मटकाते अगले ही पल उसे बन्द कर दिया. इस पर भी पापा बोलने से नही चूके कि उफ आज कल के ये बरतन और मम्मी के पल्लू से  हाथ पोंछ कर बैठक मे चले गए. दुबारा घंटी बजने पर मैं बाहर भागी.

अरे!!!  सामने दादी खडी थीं. उन्होने बताया कि शहर आने का एकदम से प्रोग्राम  बना और वो आ गई. सुबह ही मटर के चावल बनाए थे तो वो भी ले आई.  दादी ने पानी पीया ही था कि कूकर की सीटी भी बज गई. पापा ने एलान कर दिया था कि कूकर वो ही खोलेगे. दादी की मौजूदगी मे उसे खोला गया.पर….  पर …यह समझ ही नही आ रहा था कि यह चावल है या खिचडी. मटर के चावलों का पूरी तरह से हलवा बन चुका था.

पापा मैच देखते हुए धनिए की चटनी के साथ मजे से दादी वाले चावल खा रहे थे और हम. हम मटर वाली खिचडी. नाक मुहं बना कर. इसी बीच मे भारत मैच जीत गया.पर पापा खुश होकर बोले कि रात को वो आलू की परौठी बना कर खिलाएगे.यह सुनते ही मैं और मम्मी कान पर हाथ रख कर जोर से चिल्लाए. नही…. अब और नही. यह सब देख कर दादी ठहाका लगा कर हँस दी और वो किस्सा सुनाने लगी जब मेरे दादा जी ने पहली और शायद आखिरी बार गुड के चावल बनाए थे ..

 

कैसी लगी कहानी जरुर बताईएगा  🙄

Photo by pelican

March 17, 2016 By Monica Gupta Leave a Comment

पशु पक्षी और हम – छोटी छोटी बातें

पशु पक्षी और हम - छोटी छोटी बातें

 

birds  photo

पशु पक्षी और हम – छोटी छोटी बातें

बेहद अजीब है पर छोटी छोटी बाते भी हमारी रोजमर्रा की जिंदगी में बहुत असर डाल जाती हैं… दो दिन पहले एक बहुत छोटे से बीमार dog को जब घर के सामने से जाते देखा तो उसे एक कटोरी में दूध डाल कर दिया. वो वही बैठने लगा या फिर एक चक्कर लगा कर वापिस दूध पीने आ जाता .. पर पता नही आज नही आया … आया ही नही.. पता नही क्या हुआ होगा… !! मन में बुरे ही ख्याल आ रहे हैं !!!

वही एक कबूतर जी ने सपरिवार बाहर की ओर AC में अपना घर बना लिया है और एक ने बरामदे में पंखे के उपर पर… भगाना तो पडेगा पर हिम्मत भी नही हो रही कि कैसे भगाए !! पता ही नही चला कब मे को तिनका तिनका ला कर अपना घर बना लिया नही तो पहले ही रोक देते … अक्सर ऐसी छोटी छोटी बाते मन को  🙄

पशु पक्षी और हम – छोटी छोटी बातें

December 20, 2015 By Monica Gupta Leave a Comment

प्यार, रिश्ते और अहसास की गर्मी

lady photo

प्यार, रिश्ते और अहसास की गर्मी

कुछ देर पहले मैं खबर देख रही थी कि आज दिल्ली में सबसे ठंडा दिन. इतने मे मणि भी आ गई. अपनी वही पुरानी और सदाबहार शाल के साथ. ये shawl उसकी मम्मी की है और मणि का मानना है कि इसमे बहुत गरमाहट है हालाकि उसकी मम्मी भी नाराज है कि अब ये पुरानी हो गई पर मणि उसे छोडने को तैयार नही. वो मम्मी की महक और गरमाहट शाल के माध्यम से महसूस करती है.

वहीं पिछ्ले दिनों दो तीन पार्टी में मेरी एक सहेली एक ही साडी में दिखी. उसका कहना था कि ये साडी उसके बेटे का सबसे पहला उपहार है. इसे पहन कर ऐसा लगता है कि उसका बेटा उसी के पास है. बेटे के प्यार की गर्मी को वो ऐसे महसूस कर रही थी.

वही विवेक ने अपने कमरे में अपने दादाजी की कुर्सी रखी हुई है जब भी वो ऑफिस का काम करता है उसी पर बैठ कर करता है और उनके प्यार की गरमाहट महसूस करता है…

प्यार रिश्ते और अहसास की गर्मी लेख आपको कैसा लगा ?? जरुर बताईएगा !!!

 wooden chair photo

Photo by ell brown     

कुल मिलाकर यही ये समझ आया कि सिर्फ गर्म कपडे ही गर्मी नही देते प्यार का अहसास भी बहुत गर्मी देता है एक बार आप भी ओढ कर देखिए…

 

December 16, 2015 By Monica Gupta Leave a Comment

Audio Storytelling- kids story -Princess

Audio Storytelling- kids story -Princess

 

बाल कहानी  मैं हूं राजकुमारी मणि

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मैं हूं राजकुमारी मणि

मुझे बच्चों की कहानियां लिखने का बेहद शौक रहा है. बच्चों की कहानियां लिख कर खुद भी मन बच्चा ही बन जाता है. आज आप सुनिए मेरी लिखी बाल कहानी मैं हूं राजकुमारी मणि और जरुर बताना कि कहानी कैसी लगी.

Audio Storytelling- kids story -Princess मैं हूं मणि -मोनिका गुप्ता

 

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