सोच को बदलो
कई बार गूगल सर्च में बहुत अच्छी बाते पढने को मिल जाती हैं और हमारी नकारात्मक बदलनी शुरु हो जाती है ..
यह भी सच है
ये राहें ले ही जायेंगी मंजिल तक, हौसला रख….
कभी सुना है कि अँधेरे ने सवेरा होने ना दिया..!!!
अपनी रोटी जो दूसरो के साथ बांट कर खाता है उसे भूख की बीमारी कभी नही सताती
हमारे जीवन में अगर कुछ निश्चित है तो वह है – अनिश्चितता… !!!
एक सच ये भी है … छोटी सोच वालों की जीभ अक्सर बड़ी होती है …..
सपने और लक्ष्य में एक ही फर्क है सपने के लिए बिना मेहनत की नींद चाहिए और लक्ष्य के लिए बिना नींद की मेहनत !!!!
आंधियों में भी जो दीया जलता हुआ मिल जाएगा
उस दीए से पूछना मेरा पता मिल जाएगा
मंजिल न सही नजरों में अभी
कदमों में अभी रफ्तार तो है !!!
जब टूटने लगें हौंसलें तो याद रखना
बिना मेहनत के हासिल कुछ नही होता
ढूंढ लेना अंधेरों में अपनी मंजिल
क्योकि जूगनू कभी रोशनी का मोहताज नही होता
अपने अंदर के अहम को निकाल कर स्वयं को हल्का कीजिए क्योकि ऊंचा वही उठता है जो हल्का होता है !!!
नन्हीं बच्चियों को दो चार किताबें पढने दो साहब
कोख से बच आई हैं दहेज से भी बच जाएंगी