छोटी बातें
ऐसा भी होता है …!!!!
छोटी बातें
शीना और गीता बहुत अच्छी सहेलियां थी. पर अचानक एक दिन ना जाने क्या हुआ क्या नही पर दोनो की आपसी बोल चाल बंद हो गई. यह बात लगभग 2 महीने तक चली और जब उनका आमना सामना हुआ तो हकीकत जान कर दोनो बहुत झेंपी. असल मे ,हुआ यू कि एक शाम शीना बाजार जा रही थी और गीता अपने घर की बालकनी मे खडी थी. मुस्कुराते हुए शीना ने उसे हाथ हिलाया पर उसने ना तो कोई जवाब दिया और ना स्माईल.
शीना को बहुत गुस्सा आया और मन ही मन उसने उससे कुट्टा कर ली कि बहुत अकड आ गई है उसमे. एक दो बार गीता के फोन भी आए पर उसने जवाब नही दिया. वही एक दिन गीता को बाहर जाना था और उसने देखा कि शीना पौधो को पानी दे रही है उसने प्यार से हाथ हिलाया पर शीना यथावत पानी ही देती रही.बस दोनो मे दूरियां बढती गई.
एक दिन दोनो का अनयास ही आखों के डाक्टर के यहा आमना सामना हुआ.बातो बातो मे जब बात खुली तो झेंप इसलिए आई कि बात कुछ भी नही थी.असल में, दोनो की नजर कमजोर हो गई थी. हल्के अंधेरे मे दोनो को ही दिखाई नही दिया और एवई ही बात का बतंगड बन गया.
ऐसे ना जाने कितने उदाहरण है जिसमे बात कुछ भी नही होती और दिलो मे खटास बेवजह ही पैदा हो जाती है.चाहे माता पिता मे हो, बच्चो मे हो या दोस्तो मे हो या अपने दफ्तर मे हो.अगर ऐसे मे कभी भी थोडा भी संदेह हो तो बजाय बोलचाल बंद करने के खुल कर बात कर लेना बेहतर है. दूसरे लोग ऐसे मे ना सिर्फ मजाक उडाते है बल्कि आनंद भी लेते हैं तो किसी को क्यो मौका देना … वैसे आप तो ऐसा कुछ नही कर रहे होंगे अगर कर रहे हैं तो बिना समय गवाए बात कर लीजिए प्लीज … !!!
समय बहुत बलवान
समय बहुत बलवान
बहुत समय से एक जानकार अपनी बिटिया की शादी का सोच रहे थे . बहुत लडके देखे, अखबारो के विज्ञापन और नेट पर भी सर्च किया पर एक साल होने को आया पर बात नही बनती दिख रही थी. आज फिर उनकी बिटिया को देखने लडके वाले आ रहे थे. घर पर जबरदस्त इंतजाम किया गया था. परदे, मंहगे सोफे, भव्य शो पीस,क्राकरी और भी ना जाने क्या क्या. दस तरह की मिठाई , बीस तरह की नमकीन और फल और ड्राई फ्रूट का तो पूछो ही मत.. यानि शादी मे रुपया पैसा जैसी कोई रुकावट नही थी. करोडों की शादी होनी थी. लडके वाले आए. खूब खातिर दारी भी हुई पर पर पर बात नही बनी.
ना लडकी में कोई कमी थी और न ही उस परिवार का कोई क्रिमिनल रिकार्ड … तो फिर आखिर क्या हुआ कि बात नही बनी…
इसका बस यही कारण था कि कमरे मे लगी महंगी दीवार घडी रुकी हुई थी और कैलेंडर भी फरवरी महीने का ही लटका हुआ फडफडा रहा था. ये बात एक कमरे की नही थी सभी कमरों में महंगी से महंगी घडी थी पर सही समय कोई नही दिखा रही थी . जिस कमरे में लंच था उस कमरे में तो सन 2014 का कैलेडर टंग़ा हुआ था.
शायद लडकी वालो के लिए रुपया पैसा ही सब कुछ था और लडके वालो की सोच उनसे हट कर थी.
वैसे बात शादी ब्याह की न भी हो तो हमें अपने घर का समय यानि दीवार घडी का समय और कैलेंडर सदा अपडेट रखने चाहिए … समय की कीमत समझनी बेहद जरुरी है … वैसे आप तो ऐसे नही होंगें … अरे आप कहां चले .. ?? ओह .. आज पहली अगस्त है और आपने महीना बदला नही था अभी तक 🙂
APJ Abdul Kalam
APJ Abdul Kalam
Former President APJ Abdul Kalam, who died on July 27 after a cardiac arrest during a lecture at the Indian Institute of Management in Shillong, was by far the most popular President of the republic.
कुछ लोग मर कर भूतपूर्व हो जाते हैं वही कुछ लोग अभूतपूर्व … कलाम साहब हमेशा अभूतपूर्व शख्सियत रहेंगें …
FootSteps
footsteps
कलाम साहब का अचानक दुनिया से चले जाना एक बहुत बडा झटका है जिसकी भरपाई शायद कभी नही हो पाएगी… सोशल मीडिया में चाहे वो या फेसबुक हो , गूगल प्लस हो,टवीटर हो या ब्लाग हो … जिस तरह से जनता ने उन्हे सिर आखों पर बैठाया इससे यही लगा कि जनता उन्हें बेहद प्यार करती थी उनकी सादगी उनकी ईमानदारी आज के समय में एक मिसाल बन कर उभरी और छा गई..
कलाम साहब की सोच उनका विजन बहुत महान था आज के जमाने में जहां कोई नेता नही दिखता जिसे हमे footsteps follow करें वही कलाम साहब एक ऐसा व्यक्तित्व छोड गए हैं जिसका हमें अनुसरण करना चाहिए…
…. और शायद यही करना हमारी उनके लिए सच्ची श्रंदाजलि होगी
footsteps
Top 10 Lessons we can learn from Dr. A P J Abdul Kalam | A Listly List
The people’s President has finally found a safe place for him amongst the stars. We lost a great President and even a greater human being yesterday. He has lived a life which inspires everyone to make small contributions towards the society. Here’s a list of Top 10 lessons we can learn from Dr. A P J Abdul Kalam.
Be active. Till his last breath, Dr Kalam was active and making his mark. He always said that we should be active and take our responsibility. Because if we don’t we are surrendering our fate to others. Always keep working , no matter what! Read more…
कलाम को सलाम
Foot Steps
ब्रांड एम्बेस्डर
ब्रांड एम्बेस्डर
पिछ्ले दिनों अमिताभ बच्चन जी सुर्खियों में थे कि उन्होने किसान चैनल के लिए 6.31 करोड रुपए लिए हैं जिसका बाद में खंंडन हुआ और फिर ये सुनने मे आया कि वो रुपए लौटा रहे हैं. मामला अभी गर्म ही था कि हरियाणा में बेटी बचाओ बेटी पढाओ अभियान की बैंड एम्बेसडर बनी परिणिती चोपडा का पता नही कितने पैसे लिए है?
कुछ समय पहले हमने भी एक छोटी सी संस्था बनाने की सोची थी और सोचा था कि जानी मानी हस्ती से बात करके उन्हे अपने साथ जोडेग़ें तो यकीनन बहुत लोग साथ जुड जाएगें. किसी के माध्यम से एक जानी मानी हस्ती से बात भी पर मामला तब खटाई में पड गया जब वहां से पूछा गया कि आपका बजट कितना है. हम हैरान ?? हमने कहा जी, समाज सेवा का काम है ये और आप तो वैसे भी समाज सेवा के काम करते दिखाई देते रहते हैं और साथ ही साथ आपके पास तो वैसे ही इतना नेम ऎंड फेम है… अगर एक छोटा सा संदेश दे देंगें तो आपको क्या फर्क पडने वाला है ??? तब बिचोलिए ने बताया कि ये सैलीब्रेटी यकीनन समाज सेवा करती हैं पर बिना पैसे के एक कदम भी नही चलती. पहले पैसा बाद में कोई और बात… अब हमारा बजट तो था नही इसलिए हमें उनको वही नमस्कार करना पडा पर मन जरुर खटटा हो गया कि नाम बडा और दर्शन छोटे ….
आज अगर सैलिब्रेटी को लेकर पैसे का मुद्दा उठ रहा है तो यकीनन अच्छी बात है, किसी चीज का ब्रांड एम्बेसडर बनने में खुद की भी तो ब्रांडिंग होती है ऐसे में सरकारी पैसा किसलिए लुटाया जाए …ह हा हा !! हंसी इसलिए आ रही है कि ऐसा होगा नही क्योकि ये बिना पैसे के कोई काम नही करेंगें इस बात में कोई किंतु परंतु या दो राय नही. हां वो अलग बात है कि पैसा किस तरह से लिया जाएगा कि समाज सेवा भी हो जाए और नाम भी खराब नही होगा…
BBC
डीडी किसान चैनल से पैसे लेने की बात से हालांकि अमिताभ बच्चन ने इंकार किया है लेकिन उनके प्रचार का कामकाज देख रही कंपनी – लिंटास, और किसान चैनल का कहना है कि बिग बी को मेहनताना दिया गया.
हालांकि अब कंपनी पैसा लौटाने की प्रक्रिया में है.
एक अंग्रेजी अख़बार में ख़बर छपी थी कि अमिताभ बच्चन ने किसानों के लिए शुरू किए गए सरकारी चैनल से साढ़े छह करोड़ रुपये से ज़्यादा का मेहनताना लिया है.
इसके बाद सोशल मीडिया और दूसरी जगहों पर ये सवाल पूछे जाने लगे कि क्या अमिताभ बच्चन को चैनल से पैसे लेने चाहिए थे, ऐसा करना जायज़ था?
बच्चन ने ट्वीट करके कहा कि उन्होंने डीडी किसान से किसी क़िस्म का मेहनताना नहीं लिया है.
फ़िल्मों में अभिनय के अलावा बच्चन ढेर सारी कंपनियों और उत्पादों के लिए विज्ञापन भी करते हैं. इनमें सरकारी विज्ञापन भी शामिल हैं.
ज़ाहिर है इन विज्ञापनों के लिए उन्हें मोटी रकम मिलती है.
किसान चैनल से पैसे लेने के विवाद पर किसान चैनल के प्रमुख नरेश सिरोही ने बीबीसी से बातचीत में कहा, “हमने लिंटास कंपनी को अमिताभ बच्चन से विज्ञापन कराने के लिए पैसे दिए थे.”
सिरोही का यह भी कहना था कि अब अचानक कंपनी ने यह कहकर पैसे लौटाने का फ़ैसला किया है कि अमिताभ ने पैसे लेने से मना कर दिया है.
लिंटास कंपनी ने भी इस संबंध में स्पष्टीकरण दिया और अपने बयान में पहले पैसे लेने और फिर लौटाने की बात कही है.
“डीडी किसान ने 31 मार्च, 2015 को औपचारिक रूप से हमें अमिताभ बच्चन के कार्यालय से बातचीत के लिए अधिकृत किया था. 12 मई को अमिताभ बच्चन के कार्यालय से हमें इसकी स्वीकृति मिल गई. उसके बाद हमने डीडी किसान चैनल के साथ काग़ज़ी कार्रवाई शुरू की और फिर डीडी किसान ने पैसे जारी किए.”
“श्री बच्चन ने सैद्धांतिक रूप से ये फ़ैसला लिया है कि राष्ट्र हित में इस विज्ञापन के लिए वह किसी तरह का शुल्क नहीं लेंगे इसलिए अब हमारी कंपनी डीडी किसान को पैसे वापस करने की प्रक्रिया शुरू कर रही है.” See more…
ब्रांड एम्बेस्डर
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