Teenage Story
Story 1
एक जानकार हैं दिव्या. बहुत समय से समाचार पत्र मे लेख भेज रही हैं पर छ्पते नही थे और धन्यवाद सहित वापिस आ जाते. सहन शक्ति कम होने के कारण उसने उस अखबार की बुराई करनी शुरु कर दी कि बेकार है,सिफारिश चलती है ना ही इसमे ढंग के लेख आते हैं. सम्पादक बिका हुआ है. तभी अचानक उसकी कहानी प्रकाशित हो गई और उसकी बोलती बंद.आज वही उस समाचार पत्र की तारीफ करते नही थक रही.
Story 2
वही दिल्ली के एक नौजवान हैं उन्होने डांस शो मे हिस्सा लिया और काफी आगे आ गए तो न्यूज चैनल वालो की लाईन लग गई उनके घर के आगे. पडोसी भी अपना हक समझ कर अपना इंटरव्यू देने के लिए आगे आने लगे कि उन्हें तो पहले ही विश्वास था कि जरुर आगे तक जाएगा. बचपने से देख रहे है पूत के लक्षण पालने में ही नजर आ जाते हैं … बहुत मेहनती है. पर वो जैसे ही आऊट हो गया तभी दोस्तों का नजरिया ही बदल गया. कहने लगे … इतना आसान थोडे ना होता है डांस. बहुत मेहनत करनी पडती है. पहले ही पता था कि वो इतनी आगे तक जा ही नही सकता.ऐसे ना जाने कितने उदाहरण भरे पडे है.” वैसे इसमे सरकार को दोष नही दे सकते. दोष हमारा ही है”.
यकीनन आप तो ऐसे नही होंगे है ना !!! अगर हैं तो जरा नही बहुत सोचने की दरकार है !!!!
Teenage Story के ये कुछ उदाहरण हैं और हम इनसे बहुत कुछ सीख सकतें हैं….