बहादुर बच्चों की कहानी सुननी अच्छी लगती है- बच्चा कोई भी अच्छा काम करे, सूझ बूझ का काम करे तो उसकी पीठ जरुर थपथपाईए, बच्चे को प्रोत्साहित जरुर कीजिए ताकि बच्चों और भी ज्यादा जोश आए और वो समाज के लिए एक प्रेरणा एक उदाहरण बन सकें …
बहादुर बच्चों की कहानी सुननी अच्छी लगती है
कल मैं मार्किट एक shop पर गई हुई थी तो एक महिला अपने आठ दस साल के बच्चे के साथ दुकान पर आई और बोली कि बेटा जो लेना है ले लो … आपका ईनाम है ये … वो इतनी खुश लग रही थी कि ना जानते हुए भी मैने पूछ ही लिया कि क्या हुआ … इस पर पहले तो वो थोडा hesitate करी फिर बोली कि असल में मेरे एक सवा साल की छोटी बेटी भी है मैं मार्किट गई हुई थी और बिटिया सोई हुई थी बेटा बाहर खेल रहा था वो कब उठ कर बाहर आ गई और गेट के बाहर जाने लगी तभी बेटे ने देख लिया … और उसे अंदर ले आया … अगर नही देखता तो शायद … मैं समझ सकती थी … इसलिए मैने भी उस बच्चे को बधाई दी और एक चाकलेट भी …
प्रोत्साहित करने के लिए बच्चों की पीठ थपथपाईए
बहादुर बच्चों की बातें …
इस साल 26 जनवरी को भी पच्चीस बच्चों को राष्ट्रीय बाल वीरता पुरस्कार मिलेगा जिसमे अलग अलग कहानियां हैं
पच्चीस बच्चों को राष्ट्रीय बाल वीरता पुरस्कार मिलेगा . इनमें 12 लड़कियां हैं और 13 लड़के शामिल हैं. यह बच्चे गणतंत्र दिवस परेड में शामिल होंगे. चार बच्चों को बहादुरी अवार्ड मरणोपरांत दिया जा रहा है.
यह पुरस्कार हर साल छह से अठारह साल के बच्चों को दिया जाता है. इन बच्चों के साहसिक कारनामे किसी को भी दांतों तले उंगलियां दबाने पर मजबूर कर सकते हैं. इन बच्चों ने अपने साहस, संयम, सूझ-बूझ और हिम्मत के बल पर दूसरों की जिंदगियां बचाई हैं.
बच्चों को ऐसे ही मोटिवेट करते रहना चाहिए ताकि वो ऐसे छोटे मोटे एक्सीडेंट से हमेशा सजग रहें ….. बात आज की ही है जब ट्रेन ऎक्सीडेट्ट से जुडी खबर मैं नेट पर सर्च कर रही थी तंभी ध्यान गया एक खबर पर जोकि गढ़मुक्तेश्वर से थी कि एक दस साल के बच्चे ने जिसका नाम सलमान है उसने ने अठसैनी गांव के रेलवे फाटक के रेल पटरी टूटी देखी और तुरंत गेटमैन को इस बारे में जानकारी दी। … दस वर्षीय बच्चे की सूझबूझ से टला बड़ा रेल हादसा.
Ten-year-old child’s wisdom turned big train accident – LiveHindustan.com
दस वर्षीय सलमान की सूझबूझ और समझदारी के चलते शुक्रवार को एक बड़ा हादसा होने से बच गया। सलमान ने अठसैनी गांव के रेलवे फाटक के रेल पटरी टूटी देखी और तुरंत गेटमैन को इस बारे में जानकारी दी। इसके read more at livehindustan.com
वाकई ऐसे बच्चे प्रशंसा के पात्र है इस साल 26 जनवरी को भी पच्चीस बच्चों को राष्ट्रीय बाल वीरता पुरस्कार मिलेगा जिसमे अलग अलग कहानियां हैं किसी ने …….. अपनी जान देकर दो सहेलियों को बचा लिया
किसी ने अंतरराष्ट्रीय सेक्स रैकेट का भांडाफोड़….. किसी ने 14 साल, तेंदुए को मार भगाया ..
तो किसी भाई-बहन ने चोर को धर दबोचा वाकई
ये सब बच्चे ग्रेट है पर जब घर में भी छोटी मोटी बाते होती रहती हैं इसलिए जरुरी है कि बच्चे की पीठ थपथपाई जाए कोई बडा सम्मान मिले या न मिले पर आपका प्रोत्साह्न जरुर मिलते रहना चाहिए बच्चों को हमेशा प्रोत्साहित करते रहना चाहिए …
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