Dear Parents Your Kind Attention Please- परीक्षा की तैयारी के दौरान माता पिता यानि पेरेंटस यानि अविभावक ध्यान दें कि बच्चों के लिए परीक्षा के कठिन दिन से बच्चों को आप ही उबार सकते हैं.
Dear Parents Your Kind Attention Please
थोडी देर पहले मैं अपनी जानकार के घर से खराब मूड वापिस आई वजह है कि उसके दोनो बच्चों के एक 4 और दूसरा 7 क्लास में है… पेपर यानि एग्जाम शुरु हो गए हैं और घर पर जेल जैसा माहौल है… टीवी बंद … नेट बंद बच्चों को कमरे में बंद न कही आना जाना बस पढाई पढाई और पढाई मम्मी पापा चाह्ते हैं कि बच्चे फर्स्ट आएं … बहुत अच्छी बात है उम्मीदे रखते ही हैं पर जब बच्चों से बेस्ट ऑफ लक कहने के लिएगई तो दोनो बहुत तनाव में नजर आए … बेटी ने बोला कि कुछ याद ही नही हो रहा ऐसा लग रहा है कि दिमाग एकदम ब्लैंक है … मम्मी ने और ज्यादा सख्ती कर दी …
परीक्षा की तैयारी – कृपया ध्यान दें – परीक्षा के कठिन दिन. परीक्षा और विद्यार्थी, बच्चों और पालकों , परीक्षा और पालक, परीक्षा के दिनों में बच्चे से कैसे पेश आएं, माता पिता, माता पिता कृपया ध्यान दें, परीक्षा के दिन , परीक्षा का पहला दिन, परीक्षा का भय , परीक्षा के कठिन दिन , परीक्षा एक मुसीबत , एग्जाम फोबिया ,एग्जाम फियर , एग्जाम रिजल्ट
DC कोटा , श्री रवि कुमार सुरपुर का पत्र पेरेंटस के नाम
पांच पेज का लैटर DC कोटा राजस्थान के हैं श्री रवि कुमार सुरपुर उन्होने लिखा कोटा जंहा ज्यादातर बच्चे कोचिंग के लिए जाते हैं और प्रेशर की वजह से कुछ बच्चों ने sucide कर लिया था…उन्होने क्या सलाह दी ..
उन्होने लिखा था कि वो चाइल्ड मैनेजमेंट का एक्सपर्ट नहीं हैं, लेकिन अपने अनुभव के आधार पर यह सब लिख रहें हैं ‘बच्चों को बेहतर प्रदर्शन के लिए डराने धमकाने या फिर अपेक्षाओं का बोझ लादने की जगह आपके सांत्वना के बोल जरूरी हैं। नतीजों को भूलकर बेहतर करने के लिए प्रेरित करना, मासूम कीमती जानें बचा सकता है।’ माता पिता को बच्चों की तरह अपरिपक्वता नही दिखानी चाहिए ‘महज परीक्षा पास कर लेना ही सबकुछ नहीं होता। अपनी अपेक्षाओं और सपनों को जबरन अपने बच्चों पर नहीं थोपें, बल्कि बच्चे जो करना चाहते हैं, जिसे करने के काबिल हैं उन्हें वही करने दें। उनकी क्षमता के लिए उन्हें प्रोत्साहित करें।’ इंजीनियरिंग और मेडिकल को अपना करियर बनाने के अलावा अन्य विकल्पों की ओर भी ध्यान देना चाहिए और सबसे आखिर में प्र्रेंटस को मैसेज दिया कि, ‘दुनिया के सबसे बेहतर पैरंट्स आप बनें।’
ये आप नेट पर भी सर्च कर सकते हैं वाकई एग्जाम हौव्वा नही है इसलिए गुस्सा, मार पिटाई ठीक नही … पेरेंटस की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है.
मैं बस एक ही बात कहना चाहूंगी …
इस दुनिया में कुछ अच्छा रहने दो बच्चों को बस बच्चा रहने दो …
जरुर सोचिऎ और अपने बच्चों को ढेर सारा ढेर सारा प्यार दीजिए …
Subscribe to my channel for more videos:
https://monicagupta.info/subscribe-youtube-channel
Leave a Reply