Who should Choose Career of a Child – Should Parents Choose Career of a Child – Role of Parents in Career Choice – कल एक family friend घर आए हुए थे.. उनका बेटा अब 10th class में हुआ है.. वो पूछ्ने लगे कि बताओ कि क्या बनाना चाहिए बच्चे को.. मैंनें कहा कि ये तो बेटा ही बताएगा कि क्या बनना चाहता है… तो वो बोले की इसे क्या समझ है ??
Who should Choose Career of a Child
ये तो हम पेरेंंट्स या आप जैसे कुछ लोग ही decide करेगें.. वो बोले कि एक हफ्ते दस दिन से इसी काम मे लगे हैं कभी किसी दोस्त के घर तो कभी रिश्तेदार के घर जा जाकर राय ले रहे है कि क्या बनना चाहिए… कोई कह रहा है कि doctor तो कोई कह रहा है सरकारी नौकरी के लिए try करने दो सारी जिंदगी आराम से कटेगी… कोई कह रहा था कि इंजीनियर भी best है.. पैकेज अच्छा मिलता है… इस पर मेरी साफ प्रतिक्रिया थी कि बच्चे से अच्छा और बच्चे से बेहतर आपको कोई नही बता सकता..
Role of Parents in Career Choice –
देखिए बेशक सभी पेरेंंट्स चाहते है कि उनका बच्चा सफल हो खूब आगे बढे पर अपनी बात या लोगो की राय बच्चों पर डालना भी सही नही है… बच्चे को मोटिवेट करना चाहिए अपना career चुनने के लिए… अब बात आती है कि किसलिए बच्चों को चुनने दे उनका करियर …
career का चुनाव उनकी पूरी जिंदगी पर असर डालता है.. जहा बच्चा अपने मन पसंद काम को दिल से करेगा वही जबरदस्ती थोपे गए काम में उसका कोई interest नही होगा और वो पीछे रह जाएगा..
पैसा भी व्यर्थ खर्च होता है.. मान लीजिए एक पिता doctor है और वो कहता है कि मेरा बेटा भी doctor बने इतना बडा होस्पिटल खोला हुआ है ये किसके काम आएगा और बेटे ने बनना है पायलट.. उसका कोई रुझान ही नही है… फीस भी दी पैसे भी इतने खर्च हो गए पर हुआ क्या कि वो चुपचाप घर छोड कर भाग गया.. या कोई गलत कदम उठा लेगा.. देकर पैसा खर्च करके डाक्टर बन अभी देंगें पर
Ultimately काम किसने करना है फिर ये सोचिए कि आप बच्चे के करियर का चुनाव तो कर रहे है पर काम तो Ultimately बच्चे ने ही करना है.. डील तो बच्चे ने ही करना है… वो बेमन से करेगा या करेगा ही नही तो क्या होगा.. काम मे गल्तियं निकलेगी .. काम मे कमिया निकलती रहेगी..
जो काम प्रैशर से किया जाएगा क्या वो खुशी देगा.. क्या वो सफल होगा.. उसकी अपनी image धुंधला जाएगी और बच्चों को आगे बढता देख कर उसमे भी कॉम्पलेक्स आ जाएगा और वो stress मे आ जाएगा..
फिर सोचना चाहिए हम बच्चे में अपनी खासियत होती है… अपनी खूबी होती है कोई मैथस में अच्छा है तो कोई लिखता बहुत अच्छा है किसी को आज की टेकनोलोजी से बहुत लगाव है और उस काम में वो बहुत इंटस्स्ट लेता है…
तो क्या करना चाहिए कि बच्चे को डिक्टेट करने की बजाय उनका पैशन खोजिए वो किस बात मे अच्छे है उनकी क्या ताकत है
और उस मामले में लाईट हाउस बन जाईए.. जो हमेशा guide करता है… रास्ता दिखाता है.. वो जिस दिशा मे जा रहे हैं वो क्या उसके लिए सही है या नही.. वो शेयर कीजिए वो डिसकस कीजिए..
बच्चे में आत्मविश्वास जगाईए उन्हे motivate करिए.. मान लीजिए एक ही बच्चा है और वो बोलता है कि वो navy मे जाना चाहता है तो घर में तनाव का माहौल बन जाता है कि एक ही तो बेटा है कुछ हो गया तो… और पूरी तरह से इमोशनली बलैक मेल कर दिया जाता है.. …
प्रोफेशनल हैल्प लेनी चाहिए… जो लोग इस फील्ड से जुडे हैं उनसे बात करके और पूरे पहलूओ से रुबरु होना चाहिए
और वैसे भी ना आज समय जितनी तेजी से बदल रहा है पता ही नही है कि आगे आने वाले साल में टेकनोलोजी हमे कहा लेकर जाएगी… या आज जो जॉब है कल वो होगी या नही.. आज भी हम देख रहे हैं कि नई नई तरह की जोब आ रही है..
तो बच्चे पर प्रैशर डालने की बजाय ये पूछिए कि वो किस तरह से समाज में contribute करना चाहता है.. आपके पास सारी सम्भावनाए हैं… फिर उसी दिशा में सार्थक प्रयास करने होगें…
Role of Parents in Career Choice
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