बापू और उनका हे राम
गाँधी बापू को सादर नमन
वाकई समय बहुत बलवान है. एक समय ऐसा रहा होगा जब आज के दिन लाखो, करोडों आखे नम हुई होंगी. एक आज का समय है, हे राम का मतलब समझाना पड रहा है.जो भी है महात्मा गांघी जी नाम इतिहास के पन्नो पर अव्वल है और रहेगा!!
वैसे अब तो ये भी बहस का मुद्दा है कि मरते समय उनके आखिरी शब्द हे राम नही थे … !!! क्या होगा आगे आगे !!! गहन सोच का विषय है.!! खैर बापू आज धरती पर आए तो उनके मुख से शायद हाय राम ही निकलेगा … !!!
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