आप कैसे हैं – खुद को जाने -कितने लापरवाह है हम , आईए खुद को जानें कि कैसे हैं हम … कई बार हम गल्तियों को खुद ही आमंत्रित करते हैं और दुखी और परेशान रहते हैं तो चलिए जानते हैं कि किन बातों को लेकर हम सजग नही हैं…
आप कैसे हैं – खुद को जाने
घरेलू नुस्खे अक्सर कामगार होते हैं पर घरेलू सलाहे अक्सर कामगार नही होती. मेरी सहेली को कमर मे दर्द हुआ और उन्ही के खास मित्र ले आए एक झटका देने वाले को. उस व्यक्ति ने विश्वास दिलाया कि उसका झटका उनका दर्द एक झटके में दूर कर देगा.
दो दिन,दो दो मिनट को वो आया और तीसरे दिन उसे बाहर से ही अलविदा कर दिया गया. असल मे, कमर दर्द तो ठीक हुआ नही उपर से हाथ मे पैरो मे भयंकर दर्द और बैठ गया.
जब डाक्टर के लेकर गए तो डाक्टर ने गुस्सा किया कि पढे लिखे होने के बावजूद ….!!!
अभी भी वो बैड रेस्ट पर हैं. वैसे ऐसे मे बहुत जरुरी है कि सोच समझ कर ही कदम उठाए कही मामला उल्टा ही ना पड जाए ! वैसे बात सिर्फ इतनी नही कुछ बातें हैं जिनके प्रति हम सभी लापरवाह हैं और वो हमारी जिंदगी में नेगेटिव असर डालती हैं
हम technology के गुलाम बन गए हैं
sitting is injurious to health
हम तो कुछ भी खा सकते हैं
खुद से झूठ बोलते हैं
हम खुद के ही डॉक्टर हैं
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जैसाकि टेकनोलोजी के आधीन हो गए है सारा सारा दिन लैपटाप कम्प्यूटर पर लगे रहते है.. न व्यायाम न सैर … लगे भी रहते हैं बैठे भी रह्ते हैं काम के चक्कर में सोने को यानि आराम पर ध्यान ही नही देते … जिससे बहुत तकलीफे जकड लेती हैं …
खाने पीने का ख्याल नही रखते … कुछ् भी खा लेते हैं बिना यह जाने कि ये हमे कितना फायदा या नुकसान दे सकती है …
और खुद के डाक्टर बन जाते हैं हलका सा दर्द हुआ दवाई खाली या किसी से पूछ लिया … किसी ने इलाज करवाया वो ठीक हो गया तो बिना समझे बूझे खुद ही वही ईलाज शुरु कर देते हैं …
ये भी बिल्कुल सही नही है …
खुद से झूठ बोलते हैं मान लीजिए कोई सिग्रेट पीता है बोलेगें जरा मैं सैर करके आ रहा हूं … करते क्या है पार्क में खडे होकर सिग्रेट पीते है … इससे किसको नुकसान है …
बाकि जितना मैं आपको देख पा रही हूं आप बहुत समझदार हैं … है ना !! तो कल …
आप कैसे हैं – खुद को जाने …
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