Addiction of Social Media – Social networking addiction usually means excessive use of Facebook, Twitter and other forms of social media – जब हम बात करते हैं सोशल मीडिया और addiction की…तो अगर अपने पर बात आती है तो हम फटाफट कह देते हैं कि अरे… मैं तो addict नहीं.. मेरा भी यही कहना है पर आज कुछ ऐसा हुआ और मैं सोचने पर मजबूर हो गई कि नहीं.. मैं भी गलत दिशा में जा रही हूं.. बात आज सुबह की है..
Addiction of Social Media
हुआ ये कि घर की दीवार पर एक पानी से भरा बर्तन तो रखती ही हूं ताकि चिड़िया पानी पी ले उसके साथ साथ कुछ दिन पहले एक और छोटा बर्तन भी रखा जिसमें कुछ दाने और खाने की चीजे थीं.. उसे बहुत बार दिन में देखती रहती पर कोई चिड़िया खाने नहीं आती.. पानी तो पी लेती थी पर कभी खाया नहीं या जब खाया हो तो मैं वहां नहीं हूं..
आज सुबह जब मैं बाहर अखबार लेने आई तो खुशी का ठिकाना नहीं रहा कि तीन तीन चिड़िया उस बर्तन में चोंच डाल कर कुछ खा रही थी… मैंने अखबार को वही वापिस रख दिया और फटाफट अंदर मोबाइल लेने भागी कि फोटो लूंगी..
शायद मन में यही विचार था कि फोटो क्लिक करके सोशल मीडिया पर पोस्ट करुंगी तो बहुत सारे कमेंटस मिलेगें.. मैनें जैसे ही फोटो लेनी शुरु की तो पहली क्लीयर नहीं आई तो मैं और पास चली गई पर तब तक चिड़िया भी सर्तक हो गई थीं और वो उड़ गई.. जी हां वो उड़ गई… मुझे बहुत दुख हुआ कि ये सब मेरे फोटो लेने की वजह से हुआ !! सारा दिन मन उदास रहा..
अभी थोड़ी देर पहले यानि शाम को फिर बाहर देखा तो तीन चार चिड़िया फिर आ गई थी.. अब मैं चुपचाप देख रही हूं और मुस्कुरा रही हूं अब मैं फोटो नहीं लूंगी पर आपको आखों देखा हाल सुना सकती हूं कि एक चिड़िया पानी में डुबकी लगा कर पंख फैला रही है और ची ची बोल रही है बाकि दो खाने की ओर झुकी हुई हैं और पहले अपनी चोंच में कुछ भरती है फिर इधर उधर देखती है.. फिर दाना उठाती हैं और फिर इधर उधर देखती हैं…
कुछ पल से यही चल रहा है.. ये बताने का मेरा एक ही उद्देश्य है कि उनके खाते या पानी पीते समय, मात्र सौ पचास लाईक या कमेंट्स के लिए फोटो मत लीजिए तंग नहीं कीजिए.. बल्कि वो पल enjoy कीजिए.. और उन पलों को आखों में भर लीजिए… !!
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