विवादित बयान और नेता जी
आश्चर्यजनक किंतु सत्य… इस बात मे कोई दो राय नही कि रिश्वत खाने वाले व्यक्ति को हम जरा भी पसंद नही करते और धोटाले अगर और भी संगीन हो तो नफरत या आक्रोश और बढ जाता है पर पता नही लालू जी के संदर्भ में ये बात कहना सही नही..
यह जानते हुए कि लालू जी बेहद भ्रष्ट रहे, जेल भी गए और ढेरों बच्चो की वजह से सुर्खियों में भी रहे पर लालू जी कभी नेता लगे ही नही. उनका बात करने का अंदाज , बात बात पर घुडकी देना, बहुत ही भाता है. मेरे विचार से शेखर सुमन ने जिस अंदाज में उन्हें प्रस्तुत किया था वही एंटेनटेनर की छाप दिमाग मे तरोताजा है. बेशक, चुनाव नही लड रहे हैं लालू जी,पर रैली में अगर लालू जी हैं तो देखना और उन्हें सुनना जरुरी हो जाता है.
बेशक, हाल ही में चुनाव के चलते चुनाव आयोग ने लालू प्रसाद को उनकी कथित जातिगत टिप्पणी को लेकर आगाह किया और इसे चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन मानते हुए उनसे भविष्य में चुनाव प्रचार के दौरान सार्वजनिक मंचों पर बोलते समय ‘अधिक सतर्क’ रहने को कहा। वही उनका पिशाच बोलना और ये कहना कि पीली सरसों और मिर्च का धुंआ करके उनको भगा देंगें… या पैट्रोल पीए या दाल …!!! सभी सुर्खियों में रहा..
हाल ही मे एक मंच पर जब माईक की आवाज सही नही आ रही थी तो उन्होने साऊंड सिस्टम वाले को खूब लताडा जिसे दर्शकों ने बहुत एंजाय किया. वही जब उनके ऊपर फैन गिरा यानि पंखा तो अचानक लगा ओह !! ये क्या हुआ !! पर बचाव हो गया और लालू जी माता रानी की कृपा बताते हुए अपना भाषण दिया.. है ना आश्चर्यजनक किंतु सत्य !!
विवादित बयान और नेता जी