Monica Gupta

Writer, Author, Cartoonist, Social Worker, Blogger and a renowned YouTuber

  • About Me
  • Blog
  • Contact
  • Home
  • Blog
  • Articles
    • Poems
    • Stories
  • Blogging
    • Blogging Tips
  • Cartoons
  • Audios
  • Videos
  • Kids n Teens
  • Contact
You are here: Home / Archives for Monica Gupta

October 24, 2018 By Monica Gupta Leave a Comment

How to Overcome Inferiority Complex – हीन भावना कैसे दूर करे – Heen Bhavna

How to Overcome Inferiority Complex – हीन भावना कैसे दूर करे – Heen Bhavna –  बहुत लोगों में अलग अलग तरह का Inferiority Complex होता है… खास तौर पर लेडीज के बहुत मैसेज आते है कि मैं सुंदर नहीं हूं या किसी के सामने बोल नहीं पाती, मेरा कद बहुत छोटा है या मैं बहुत मोटी या पतले हूं… बहुत तरह की बातें…. देखा जाए तो Inferiority Complex का होना है तो कुछ नहीं… पर अगर समय से दूर नहीं किया गया तो समस्या जरुर बन सकती है… इसलिए इसका दूर होना बहुत जरुरी है… तो क्या करना चाहिए इसके लिए 9 बातें बता रही हूं

How to Overcome Inferiority Complex – हीन भावना कैसे दूर करे – Heen Bhavna

तो सबसे पहले तो हमें इसकी जड तक जाना है

सबसे पहले तो जानना है कि किस बात का हमें कॉम्पलेक्स है आत्मविश्वास की कमी है, डर लगता है रंग रुप, बोल चाल पहनावे को लेकर हीन भावना है.. बहुत तरह की बातें हो सकती हैं…

फिर कि कारण क्या है… देखिए दो वजह सामने आती हैं…

क्या ये Complex बचपन से है या हाल फिलहाल ही हुआ है.. कई बार तो ये बात बचपन से ही है उभर कर आती है तो कई बार हाल फिलहाल हुआ है एक लडकी है बचपन से ही उसे आगे आने नहीं दिया गया.. दबा कर रखा गया. उसकी न कोई बात न कोई राय मानी गई तो वो बोल ही नहीं सकती… इससे उसमे वो Complex घर कर गया…

या फिर एक लड़की की शादी हुई वो गांव से है पर उसके घर के सभी लोग मैट्रो  में रहते हैं तो उसे हर बात में झिझक महसूस होती है.. Complex घर कर गया… वो सोचती है कि बोलूंगी तो गडबड हो जाएगी.. मजाक बनेगा…

क्या साईन है यानि क्या महसूस होता है…

कई बार हमें पता ही नहीं चलता पर असल में complex हमारे भीतर होता है… हमारे हाव भाव से हमारी बॉडी लेग्वेज से झलक जाता है.. हम घबराए से सहमे से रहते है… कुछ भी करने में आत्मविश्वास ही नहीं जुटा पाते .. इस चक्कर में कि लोग क्या कहेंगें

2 Break down your complex तो लोग क्या कहेंगें इस चक्कर में हम खुद को खो दें ?? क्या ये सही है.. मुझे नहीं लगता कि आप इस बात से सहमत होंगें… नहीं न तो इससे डील कीजिए…कैसे ?? ये तो आपने सोच लिया कि आप में किस बात का कॉम्प्लेक्स है पर क्या लोग भी ऐसा ही सोचते हैं ?? हो सकता है कि इस बात पर किसी का ध्यान ही न जाता हो… इस बात को logically यानि ठीक से सोचिए emotionally नहीं… !! कही आप ही बार बार बोल कर उन्हें जता रहे हो.. लोगो को पता ही न हो…

3 Determine who you feel inferior to  – inferiority complex  फिर चलिए हम मान लेते हैं कि लोग भी कहते हैं वो भी सोचते हैं.. तो क्या उनमें कोई कमी नहीं.. पता है क्या कमी हर किसी में कोई न कोई है.. यानि कोई न कोई किसी न किसी से अच्छा है… कोई भी परफेक्ट नहीं है… जब कोई परफेक्ट ही नहीं तो इस complex को किसलिए मन में लाना है ये और कुछ नहीं बस हमारे दिमाग की उपज है… कोई किसी काम में अच्छा है तो कोई किसी और काम में… बल्कि आपको ये सोचना चाहिए कि किस काम में आप औरों से अच्छे हैं… मेरे में क्या ऐसी क्वालिटी है जो मैं दूसरे से बेहतर हूं..

4   Stop comparing yourself to everyone else. अब आपको क्या करना है कि खुद की तुलना दूसरे से नहीं करनी… अगर ऐसा करेंगें तो लोग तो मिलते ही जाएगे जो किसी न किसी रुप में हमसे बेहतर है.. सभी की अपनी जिंदगी अपने हालात होते हैं.. तो तुलना तो बिल्कुल नहीं करनी चाहिए…

कि हाय काश मेरे पास ये होता तो मैं ये कर सकता.. मैं सुंदर होती तो मिस इंडिया में चली जाती… मेरे पास पैसा होता तो मैं बड़ा होटल बना लेता … अपने प्रति ईमानदार रहें, सच्चे रहे. पर इसका मतलब ये भी नहीं कि खुद को लिमिट कर लो.. नहीं आप दूसरे से inspiration लीजिए… आप आप हैं और वो वो है… अपना बेहतर दीजिए…

5 Try not to worry about what others think. मत सोचिए कि दूसरे मेरे बारे में क्या सोच रहे हैं… जब हम बार बार ये बात सोचते हैं… ये Inferiority complexes हीन भावना और ज्यादा हमारे भीतर आती जाती है… ये हैल्दी thinking नहीं है… आप अपने बारे में क्या सोच रखते हैं ये बात matter करती है… आपका opinion matter करता है और कुछ नहीं… दूसरे की चिंता करने की बजाय  खुद को खुश रखिए… पॉजिटिव रहिए और अपनी strength ताकत और successes पर पूरा विश्वास रखिए..

Focus on your positive attributes. जब आप नेगेटिव होने लगे तो बजाय ये सोचने के मेरे पास क्या नहीं है ये सोचिए कि मेरे पास क्या है… हर किसी के पास कोई न कोई अच्छी बात तो होती ही है… तो उसकी लिस्ट बनाईए कोई न कोई बात निकल ही आएगी.. जैसाकि आज एक दुकान पर सामान लेने गया बहुत लम्बी लाईन थी.. एक बहुत बूढी महिला मेरे पीछे खडी थी मैंनें बोला पहले आप आगे आ जाईए… कुछ ऐसी बाते होती है जिन्हें हम शामिल नहीं करते पर होती बहुत अच्छी है… तो चेहरे पर खुद ब खुद स्माईल आ जाएगी.. कार पार्किंग पर जब मैं गई तो जो आदमी डयूटी पर था उसने बहुत अच्छी तरह से मुझे कार बैक करवाई…

  1. यानि negative बाते करना बिल्कुल बंद. ब्रेन वॉश कर लीजिए अपना… मैं सुंदर नहीं हूं इसलिए ये नौकरी मुझे नहीं मिल्रेगी… इसका मतलब है कि मैं खुद को लेट डाऊन कर रही हूं… मैं ईमानदार हूं और उन्हें ईमानदार कर्मचारी चाहिए… तो जब भी बोलिए भले ही मन ही मन तो पॉजिटिव ही बोलिए.. मेरे पास बहुत पैसे नहीं इसलिए मेरे दोस्त नहीं बनते.. मैं बहुत ज्यादा सिनसियर हूं मेरे दोस्त क्यों नहीं बनेंगें… इस तरह से अगर खुद से बात करेंगें तो आत्मविश्वास भी आएगा और आत्म सम्मान भी build अप होगा ये बात अगर आप लगातार महसूस करेंगें तो आपको खुद ही ये सब बदलाव महसूस होगा..

Don’t think in absolutes. ये मत सोचिए कि अगर मेरे पास ये होता तो ये हो जाता यानि अगर मेरा वजन 10 किलो कम हो जाता तो ये हो जाता…  disappointment मुझे असली खुशी मिलती बजाय इसके अपनी ताकत पर अपनी वेल्यू पर ज्यादा फोकस करेंगें तो बेहतर होगा क्योंकि ये हमारी असली पूंजी है.. और ये हमे खुशी की ओर भी ले जाती है…

 

7 Don’t limit your social interactions. खुद को बाहर निकालिए.. ये नहीं कि complex है तो सब जगह आ ना जाना बंद… withdrawn कर लेना  anti-social हो जाना.. बल्कि जान बूझ कर बाहर निकलिए.. बात कीजिए अपनी झिझक कम कीजिए…

कोशिश कीजिए कि positive  लोगो के साथ ज्यादा समय रहें.. जितना ऐसे लोगो से मिलेंगें जुलेगें socialize होगें तो अच्छा महसूस होगा जबकि नेगेटिव लोगो के साथ समय बिताएगें तो वही बुराई, चुगली, तेरा मेरा इससे मन ही खराब होगा..    

8 तो अपने डर का सामना कीजिए.. जिस बात से डर लगता है उसे बाहर निकालने का पूरा प्रयास कीजिए..

अपना आत्मविश्वास बढाईए.. जब आप इस पर काम करना शुरु कर देंगें तो ये और बढेगा..

आप मन ही मन विचार कीजिए कि जो मैंने अपने मन ही मन अपनी नेगेटिव छ्वि बनाई हुई है वो सच नहीं है…

जो खुद को labels दिए हुए हैं मैं नालायक हू, बुदू हूं, stupid, ugly, unsuccessful, a failure, or धरती पर बोझ हूं कोई काम अच्छे से नहीं कर सकता अपने लिए ये शब्द इस्तेमाल करना बंद कर दीजिए…

अपने हाव भाव्, Body language पर ध्यान दीजिए  

9… Continue working on yourself. लगातार अपने पर काम करते रहिए…अपनी कोई हॉबी है उसे आगे लाईए अपनी कोई स्किल है उसे आगे लाईए… यानि खुद को लगातार इम्प्रूव करते रहिए.. अपनी सेहत का ख्याल रखिए… कैसे भी करके खुद को अच्छा महसूस करवाना है.. इसमे एक काम और किया जा सकता है कि एज ए Volunteer काम कीजिए.. जब बिना किसी स्वार्थ के कुछ काम करते है तो खुशी भी होती है और अच्छा भी लगता है.. बहुत काम हैं ऐसे आप खुद चुनिए और उस पर काम कीजिए… उपलब्धि पर खुशी भी होगी और गर्व भी. तो ये हैं कुछ बातें…

 

ख्वाहिशों से नही गिरते हैं, फूल झोली में,कर्म की शाख़ को हिलाना होगा,

कुछ नही होगा अंधेरे को बुरा कहने से अपने हिस्से का दीया ख़ुद ही जलाना होगा.

 

जीतने वाले कभी हार नही मानते, और हार मानने वाले कभी जीतते नही.

 

वजूद सबका अपना अपना.. सूरज के सामने तो दीपक का न सही पर अंधेरे में तो बहुत कुछ है..

 

एवरेस्ट पर चढ़ने में नाकाम रहने के बाद एक आदमी का जवाब मैं फिर आऊंगा… और आप को फतह करूँगा क्योंकि एक पहाड़ के रूप में आप बढ़ नहीं सकते…. लेकिन एक मानव के रूप में मैं अपने प्रयासों को बढ़ा सकता हूँ अपने आप पर यकीन रखिये……

 

जिस दिन आपने अपनी सोच बड़ी कर ली, बड़े-बड़े लोग आपके बारे में सोचना शुरू कर देंगे…

 

How to Overcome Inferiority Complex – हीन भावना कैसे दूर करे – Heen Bhavna

October 22, 2018 By Monica Gupta Leave a Comment

Husband Wife Relationship Problems – पति पत्नी सम्बन्ध बिगड़ने के कारण

Husband Wife Relationship Problems

Husband Wife Relationship Problems – पति पत्नी सम्बन्ध बिगड़ने के कारण – Monica Gupta – पति और पत्नी का रिश्ता – क्यों आ जाती हैं दूरियां – अक्सर देखा गया है कि एक ही ही छ्त के नीचे रहते हुए, एक साथ एक कमरे में रहते हुए भी दिल बहुत दूर हो जाते हैं.. बहुत दूरियां बढ जाती है… .छोटी-छोटी बातें दिल में रखने से बड़े-बडे़ रिश्‍ते कमजोर हो जाते हैं…तो ऐसे क्या बातें होती हैं.. मैं आपको 9 बातें बता रही हूं.. 😊

Husband Wife Relationship Problems

1. Circumstances यानि हालात- ही कुछ ऐसे बन जाते हैं… यानि situation ही कुछ ऐसी बन जाती है… समय सदा एक सा नहीं रहता.जिंदगी तो चलती रहती है..कई बार अच्छा तो कई बार बुरा… कई बार हालात ऐसे बन जाते हैं कि तनाव घर कर जाता है… जैसे कि मन पसंद नौकरी का न होना या नौकरी ही न होना, पैसे की दिक्कत के चलते परिवार को सारी सुख सुविधाएं न दे पाना, बच्चों की परवरिश, खुद की तबियत खराब रहना जैसी बातें शादी जैसे खूबसूरत रिश्ते में तनाव पैदा कर सकती हैं.. जैसा कि एक परिवार को मैं जानती हूं उनकी शादी हुई पति पत्नी दोनों दिल्ली में रह कर नौकरी कर रहे थे.. शादी के एक साल बाद कुछ ऐसा हुआ कि उन्हें अपने गांव लौटना पडा.. जो सोचा हुआ उससे विपरीत.. बस यही होता है कई बार… हालात ही ऐसे बन जाते हैं…हम प्लानिंग तो करके चलते हैं पर कई बार एडजस्ट भी करना पड जाता है.. ऐसे में जहां संयम से काम नहीं लिया तो दूरियां बढनी स्वाभाविक है..

2 कितना समय साथ बिताते हैं पति पत्नी –

बिल्कुल समय साथ न बिताना तो अकेला पन, बोरियत, ज्यादा समय दोस्तों के साथ बिताना,

बहुत समय साथ ही रहना हो तो एक दूसरे को स्पेस नहीं मिल पाता यानि पर्सनल ग्रोथ नहीं हो पाती

साथ रहते हुए भी अलग अलग रहना.. जैसे कि साथ रहते हुए भी या तो मोबाइल या टीवी.. ज्यादा बात नहीं करना, इस poor communication की वजह से, misunderstanding भी हो जाती है..

3. एक दूसरे में interest कम हो जाना – बहुत सारी बातें ऐसी हो जाती हैं जिससे एक दूसरे में कम interest हो जाता है जैसा कि किसी चीज की लत पड जाना, नशा हो या कोई बीमारी, आपस में violence होती है गलत words का इस्तेमाल होना, या घर में बच्चा न होना तो बेरुखी सी झलकने लगती है… या अगर बच्चे हैं तो इस वजह से भी कि तुम तो बिजी रहती हो मेरे लिए समय ही नहीं है… या Life की अलग अलग stages भी होती हैं जैसे age factor भी होता है कि जो शादी जब हुई तब था पर अब नहीं है अब प्राथमिकताएं बदल गई हैं.. या कुछ नयापन नहीं रहा वही रुटीन है वही बोरियत..

4. एक दूसरे के interest को स्पोर्ट न करना.. लाईफ पार्टनर कुछ बनना चाहता है पर उसे स्पोर्ट ही नहीं मिलता… पत्नी कुछ बनना चाहती है…पर पति बिल्कुल careless हैं जरा भी एक दूसरे को attention नहीं देते जिस वजह से tension बढ गई है… या पति को उम्मीद है कि पत्नी साथ देगी पर उसे साथ नहीं मिलता… अपनी भावनाए खुल कर नहीं बता पाते तो इस वजह से एक दूसरे की फीलिंग हर्ट होती हैं और इससे क्या होगा…  स्वाभाविक है कि दूरियां बढ जाएगीं..

5. Lack of responsibility – responsibility शेयर ही नहीं करते… बहुत काम होते हैं चाहे घर हो या बाहर के… एक दूसरे की मदद से काम आसान हो सकते हैं पर दिक्कत तब आती है जब एक दूसरे की मदद मैंटली स्पोर्ट ही नहीं मिलती… जैसे मान लीजिए पत्नी प्रेगनेंट है उसका मन है जब बेबी होने वाला हो तो पति उसके साथ ही हों पर ऐसा नहीं होता… वो दूरी बना कर रखता है.. ऐसे में दूरियां बढ जाती हैं..

6. Compatibility feel नहीं करते आपस में… जिंदगी को देखने का नजरिया अलग अलग होता है… अपनी अलग वेल्यू और अपने अलग विश्वास होते हैं… एक ने कुछ अच्छा हासिल कर लिया तो दूसरे को जलन हो जाएगी… एक दूसरे को या तो समझेंगे नहीं या फिर नीचा दिखाने का प्रयास करेंगें… एक दूसरे के साथ तारतम्य नहीं बैठा पाते… और ये तक मान लेते हैं कि शादी करके गलती की या इनके साथ मेरा future secure नहीं है…

7. एक ही बात को लेकर बार बार झगडना… ये मान लेना की इनको सुधारना तो नामुमकिन है.. जैसा कि पति सफाई का ख्याल नहीं रखते, नहाते नही, कमरा हमेशा मैस बना कर रखते हैं या कभी पैसे को लेकर की गुजारा कैसे होगा.. और इसी बात से दूरियां बढती जाती है..

8. एक दूसरे के पेरेंटस को या दोस्तों को पसंद नहीं करना – एक दूसरे के पेरेंटस को नापसंद करना तो बहुत ज्यादा देखने में आता है… पति ज्यादातर पत्नी के घर जाना नहीं चाहते और ना ही उन्हें जल्दी से मायके भेजते हैं…  वही ज्यादातर पत्नियां भी ससुराल कुछ अच्छी सोच लिए नहीं जाती… वही जब पति के दोस्त का फोन आता है या वो मिलने जाते हैं या दोस्त घर पर आ जाते हैं तो दोस्त जरा भी नहीं सुहाते…

9. शक करना… Limited Trust करना.. इसकी भी अलग अलग वजह हो सकती है..

बहुत देर तक मोबाइल पर चैटिंग करना और मैसेज डीलीट कर देना,

बहुत बन सवर कर घर से बाहर जाना,

या फिर पहले से ही कोई अफेयर था तो मन में एक शक सा बैठ जाता है

ये हैं कुछ बातें जिनकी वजह से ताममेल नहीं बैठा पाते और साथ रहने में एक घुटन सी महसूस होने लगती है… जिसे दूर करना बेहद जरुरी है…

छोटी-छोटी बातें दिल में रखने से बड़े-बडे़ रिश्‍ते कमजोर हो जाते हैं।

वैसे  रिश्ते गर बंधे हो, “दिल” की डोरी से…. दूर नहीं होते, किसी भी मज़बूरी से…!     वैसे इस बारे में कुछ वीडियोज बनाई भी हुई हैं… लिंक नीचे दे रही हूं…

Husband Wife Relationship Problems

October 17, 2018 By Monica Gupta Leave a Comment

Time Management for Working Moms – Time कैसे करें Manage – Indian Working Mom Routine –

Time Management for Working Moms

Time Management for Working Moms – Time कैसे करें Manage – Indian Working Mom Routine – Monica Gupta – चीजे खुद नहीं होती.. हमें उन्हें करना पडता है… जिंदगी बदलने के लिए लड़ना पडता है, और आसान करने के लिए समझना पड़ता है- कल एक बहुत अच्छा मैसेज आया हुआ था तो मैंनें अपनी सहेली को उसे फार्वर्ड कर दिया.. उसका जवाब आया.. hmmmm… फिर दुबारा मैंनें उससे कुछ पूछा तो फिर जवाब आया hmmmm… अरे क्या हुआ.. परेशान किसलिए हो… तो उसका फोन आ गया.. बोली कैसे पता चला कि मैं परेशान हूं तो मैनें बताया कि hmmmm…  ही हर बात का जवाब होगा तो गड़बड़  लगी मुझे..

Time Management for Working Moms – Time कैसे करें Manage – Indian Working Mom Routine –

तो वो बोली कि सही में बहुत परेशान हूं न घर सम्भाल पा रही हू न ऑफिस .. घर जाओ तो ऑफिस की चिंता.. आफिस जाओ तो घर की…

 

सब मिस मैनेज हो रहा है असल में, वो जॉब करती है और घर तो सम्भालना होता ही है… तो मैंनें उससे कुछ बातें उससे पूछी और कुछ बातें शेयर की.. वही बातें मैं आपसे भी शेयर कर रही हूं क्योंकि दोनों को घर को और आफिस को सही से मैंनेज करना बहुत जरुरी है.. बहुत प्रैशर होता है तो किस तरह से क्या करना चाहिए इस बारे में बता रही हूं 9 बातें..

कैसे अपनी जिम्मेदारी अच्छे से निभाएं… कि जब घर पर रहे तो अच्छी मम्मी अच्छी पत्नी बन कर रहे और और जब बाहर जाए तो एक जॉब पर भी अपनी responsibilities बहुत  अच्छे तरीके से निभाएं… Separate Work and Motherhood Responsibilities

1.इसके लिए सबसे पहले Planner बना लीजिए.. To-Do list कि क्या क्या करना है… पहला तो यही कि कब सोना है ? कब उठना है ?? फिर काम क्या क्या है और कितने जरुरी हैं… Priorities वाईस… सबसे पहले क्या करना है Top Priority और कुछ ऐसा काम जो बाद में भी किया जा सकता है और एक काम जिसे postpone टाला भी जा सकता है यानि बहुत जरुरी नहीं… और जो जरुरी काम है उसमे टाल मटोल नहीं चलेगी… इसे बनाने का तभी फायदा होगा जब आप इस पर अमल भी करे.. Don’t try to multitask. पर multitask नहीं करना कि एक ही समय में जल्दी जल्दी करके ये भी करना है वो भी करना है उस चक्कर में सब ग़डबड हो ही जाता है… हम अपना बेस्ट तभी दे पाते हैं जब एक काम में फोकस हों नहीं तो…

2. फिर बात आती है आज क्या खाना बनाऊ? क्या खाएंगें.. !! Food planning ये भी बहुत बड़ा अभियान है कि बनाना क्या है.. बनने में समय नहीं लगता पर डिसाईड करने में समय लग जाता है इसलिए.. एक हफ्ते का चार्ट तैयार कर लेना चाहिए कि संडे को ये ये बनेगा मंडे को ये… इससे जरा भी दिक्कत नहीं आईगी और ये सब परिवार की सहमति से… फिर आप उस हिसाब से सामान खरीद कर ला सकती है और उसकी तैयारी कर सकती हैं जिससे पूछ्ने का टाईम बचेगा..

इसी के साथ साथ ready made चीजे भी घर पर रखनी चाहिए… कई बार अचानक कुछ emergency हो गई कुछ और बनाना पडा तो ज्यादा मेहनत न करनी पडे.. पनीर, उबले आलू, ब्रेड, नमकीन दाईट नमकीन… स्प्राऊटिड दाल

  1. चाहे घर हो या आफिस दूसरे का काम अपने उपर न लें.. कई बार मना नही कर पाते तो हां, कोई बात नहीं मैं अपने को – वर्कर को कहा कि मैं कर दूंगी या घर पर सारे काम खुद करने के लिए आगे आना.. करने दीजिए.. बच्चों को और दूसरे लोगो को भी responsible बनने दीजिए.. उन्हें करने दीजिए मैंनेज.. इससे आपका टाईम भी वेस्ट हो रहा है और एनर्जी भी… ये उनके लिए भी सही होगा और आपके लिए भी.. ये भावना कई बार गिल्ट ले आती है कि हाय राम मैं उन्हें काम करने दूं.. बच्चा छोटा है कैसे करने दूं या पति को कैसे बोलू पर ये जरुरी है… उन्हें भी अपने कर्तव्य समझने दीजिए…

4.  फिर बात आती है कि हम सारा काम खुद नहीं कर सकते.. बहुत मुश्किल हो जाता है.. मदद की जरुरत होती है… इसलिए अगर जोईंट फैमली है तो काम बांट लीजिए नहीं तो किसी हैल्पर को रख लीजिए… जैसे मान लिजिए आया है.. जिसे हम पैसे देकर रख सकते है.. जिंदगी को बहुत तरीके से आसान बनाया जा सकता है.. थोडे ही पैसे खर्च होंगें पर सिरदर्दी कितनी कम हो जाएगी… फिर खाली मिले समय में आप रिलेक्स भी कर सकती हैं… और अपने काम पर भी सही से फोकस कर सकती हैं…

  1. हर काम perfection से हो.. घर भी एक दम सही से देखू.. या आफिस का काम भी एक दिन perfect हो… तो मान कर चलिए ये exist ही नहीं करता… हां, इस चक्कर में आप तनाव में जरुर आ जाती हैं.. इसलिए… जितना हो सके अपनी तरफ से अच्छा करे पर कई बार नहीं हो पा रहा तो रहने दीजिए Leave the Mess इसे तनाव बना कर अपनी सेहत मत खराब कीजिए..

अरे भई आप भी इंसान हैं.. क्या हुआ ?? जितना हो सके उतना ही कीजिए बाकि समय मिलने पर आराम से कीजिए… Clear the mess later.

  1. Internet का यूज कीजिए.. – बहुत काम ऐसे हैं अगर आपन नेट का इस्तेमाल करेंगी तो बहुत समय बचा सकती हैं जैसा कि बिल देने हैं तो नेट पर दिए जा सकते हैं या फिर… आजकल बहुत सारी खरीददारी online हो जाती है तो समय बहुत बचा सकते हैं.. पर जहां जाना जरुरी है जैसा कि डॉक्टर से मिलना है.. बच्चों की टीचर से मिलना है.. personally जनए से ही जो काम होगा उसकी अलग लिस्ट बना लीजिए पर जो हो सके जितना हो सके… नेट का इस्तेमाल कीजिए…

7.  ना कहना भी सीखिए.. मान लीजिए कि आपके किसी दूर के रिश्ते में शादी है जाना कोई बहुत जरुरी नहीं तो आप मना कर सकती है पर शगुन भिजवा सकती हैं… कोई देर रात पार्टी है और बच्चे के दो दिन बाद एग्जाम है तो मना कर सकती हैं… कभी दो चार दिन में मौका मिले तो मिलने चली जाईए या फोन पर बात कर लीजिए कि कैसी रही पार्टी.. बस आना हे नहीं हो पाया…

8. बेशक आप वर्किंग है पर कुछ समय इन इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स को बंद कर दीजिए.. जैसे मान लीजिए आप घर आ गई और बच्चों या परिवार के साथ हैं… हम समय कभी कोई मेल आ रहा है किसी ने मैसेज किया हर समय बीप बीप… हर बार देखने की लालसा .. तो इसे कुछ समय के लिए बंद कर दीजिए.. एक तो दिमाग को आराम मिलेगा दूसरा आपकी कार्य क्षमता भी बढ जाएगी… जो काम दो घंटे में हुआ वो आधे घंटे में हो सकता था… बार बार सभी का जवाब देंगी तो क्या होगा तनाव भी बढ जाएगा  क्योंकि मन ही मन चल रहा होगा कि ये काम भी करना है वो काम भी करना है… उसे बंद कर दीजिए या silent पर कर दीजिए…अपनी एक limit सेट कर लीजिए कि मैनें घर आने के बाद कब देखना है या आफिस में कब देखना है और टाईम का Utilize कीजिए.. Utilize time…जैसाकि मान लीजिए आपको आफिस में एक घंटा लंच ब्रेक का मिलता है आप उस समय लंच खत्म करके कुछ जरुरी मैसेज का जवाब दे सकती हैं… ये आप पर है कि आपको क्या सही लगता है…

  1. इसे तनाव मत बनाईए… जितना ईजी जितना रिलेक्स होकर करेगीं उतना ही काम बेहतर होगा… और अगर आप रिलेक्स रहेंगी तो परिवार भी इजी रहेगा नहीं तो परिवार में भी आपका तनाव आ जाएगा… और खुद को खुश रखने के लिए आपको अपना ख्याल रखना होगा.. ख्याल कैसे कि अपने लिए कुछ समय निकालना होगा अच्छी डाईट लेनी होगी अच्छी नींद लेनी होगी…

खुद को मोटिवेट कीजिए.. खुद आज का दिन बहुत अच्छा गया तो अरे वाह !! इससे क्या होगा कि चेहरा खिल उठेगा और जो शुरु में जो hmmmm… वाली बात होगी वो नहीं होगी फिर आप जवाब भी अच्छे से देंगी…

चीजे खुद नहीं होती.. हमें उन्हें करना पडता है… जिंदगी बदलने के लिए लड़ना पडता है, और आसान करने के लिए समझना पड़ता है..

Time Management for Working Moms

October 15, 2018 By Monica Gupta Leave a Comment

How to Get Your Child to Respect You – क्या करें कि बच्चा आपकी Respect करे –

How to Get Your Child to Respect You

 How to Get Your Child to Respect You – क्या करें कि बच्चा आपकी Respect करे  –  क्या करें कि बच्चें आपकी respect करें… भगवान न दिखाई देने वाले माता पिता हैं और माता पिता दिखाई देने वाले भगवान हैं इसलिए बहुत सोच समझ कर… इस बारे में मैंने कुछ parents बात की कि क्या करते है वो जब बच्चा कहना नहीं मानता सामने बोलता है तो अलग अलग बातें थी…

How to Get Your Child to Respect You – क्या करें कि बच्चा आपकी Respect करे –

एक ने कहा कि दो लगाते हैं, चटाक चटाक

 

दूसरे parents बोले कि कुछ नहीं कर सकते जमाना ही खराब है, हमारा समय था जब बोलने की हिम्मत नहीं होती थी सामने

तो वही एक बोले कि होस्टल भेजने की सोच रहे हैं

वहीं एक मदर बोली कि बस अब मोबाइल, टीवी सब बंद कर दिया… अब देखते हैं…

तो देखिए ऐसा कुछ करते हैं कुछ पेरेंट्स क्या आप भी ऐसी ही कुछ सोच रखते हैं अगर हां तो थोडा समय निकाल कर ये वीडियो जरुर देखिएगा क्योंकि ये सोच सही नहीं है… क्या करना चाहिए कि बच्चा respect करे… तो अपनी बात कहने से पहले एक बात जरुर कहना चाहूंगी कि Respect earn की जाती है .. ये दिल से निकलती है… ऐसा जोर जबरदस्ती से नहीं…

1 तो मेरा पहला पोईंट है कि respect दीजिए अगर हम चाहते है कि बच्चा हमारी respect करे तो हमे भी देनी होगी… कैसे??

Respect की भावना दिल से आती है और दिल में ये भावना आए उसके लिए parents को भी बच्चों को आदर देना होगा.. शांत रहना होगा और किसी बात पर over react नहीं करना.. बात बात पर lecture नहीं देना.. ना बात बात पर धमकी देनी है कि ये नहीं किया तो ये कर देंगें.. जब खुद किसी बात पर गुस्सा आ रहा हो तो उस समय बच्चे को नहीं समझाईए..

फिर इसी में बात आती है कि बच्चों के साथ ही नहीं पति पत्नी को आपस में भी respect देनी होगी.. खुद बच्चे के सामने बात बात पर झगडा करेंगे तो उसके कोमल मन पर भी बहुत असर पडेगा.. खुद एक उदाहरण बनना होगा.

2 बच्चों के साथ समय बिताईए.. बहुत बार बच्चों की नाराजगी या गुस्से का कारण ये बात भी बनती है कि parents समय ही नहीं देते.. बच्चा कभी ड्राईवर के साथ तो कभी आया के साथ ज्यादा रहता है.. तो मिल कर समय बिताना चाहिए, हंसी मजाक करना चाहिए.. hobbies and activities के लिए उन्हें encourage करना चाहिए..  खाना एक साथ खाना चाहिए. ये कभी नहीं समझना चाहिए कि बच्चों को आर्डर दें और बच्चे वैसा ही करें.. खुद को मालिक या बच्चों को गुलाम नहीं समझना चाहिए… बच्चों के साथ बहुत सख्त भी नहीं होना और न ही बिल्कुल दोस्त जैसा व्यवहार करना है… उनके अच्छे भविष्य के लिए समझाना है..

हां पर एक लीडर जरुर बनना चाहिए जैसा कि टीम लीडर होता है कि बच्चों की जरुरतों का ख्याल रखना, उनकी केयर करना, उनकी बात सुनना, तुम चुप रहो, ऐसा साऊंड नहीं करना चाहिए.. बच्चों बच्चों को बताईए कि आप उनसे कितना प्यार करते हैं और हमेशा करते रहेंगें..

3 जब भी बच्चा रिस्पेक्ट न करे.. कुछ गलत बोले या जवाब दे या कहना न माने तो तुरंत टोक दीजिए कि यहां ऐसा नहीं चलेगा.. और ये बात आगे से न हो… ये इसलिए जरुरी है कि अगर हमने बच्चे को समय पर नहीं समझाया उसकी गल्तियां नजर अंदाज करते रहे तो आगे जाकर दिक्कत आएगी ही आएगी..

फिर उन्हें social skill भी सिखाईए.. जैसा कि बात बात पर थैंक्स, सॉरी, प्लीज.. ऐसे magic words.. कहने को ये बहुत छोटी बातें हैं पर अगर बच्चे इसका यूज करेगें तो बातों में खुद ब खुद रिस्पेक्ट झलकेगी..

 

4 फिर चौथा पोईंट आता है कि बच्चों की गलती Acknowledge भी कीजिए.. जब बच्चे कुछ गलत करते हैं तो पेरेंटस गुस्सा करते हैं दूसरे के सामने बच्चों की कमियां बतातें हैं यानि एक तरह से हम खुद ही बच्चों को irritate करते हैं पर वही अगर कुछ अच्छा करते हैं तो acknowledge भी करना चाहिए.. उन्हे शाबाशी देनी चाहिए.. अगर ऐसा करते हैं बच्चों को बहुत खुशी होती है गर्व होता है और मोटिवेट भी होते हैं.. और वो आगे भी अच्छा करने की कोशिश करते हैं..

5 पेरेंट्स को ईमानदारी के साथ रहना चाहिए.. बच्चे मास्टर ऑब्सर्वर होते हैं.. जो वो देखते हैं वही एप्लाई भी करते हैं.. इसलिए पेरेंट्स जो कर रहे हैं सही करें.. जैसे पार्क में गए हैं पिकनिक करने अखबार को खाने का बचा सामान ऐसे ही छोड आए.. या किसी दोस्त से फोन पर बात कर रहे हैं और फोन रखने के बाद कितना बेकार आदमी है और उसके बारे में गलत सलत बोलना.. उसका मजाक उडाना.. रोजमर्रा में ऐसे बहुत उदाहरण भरे होते हैं.. इसलिए..

6 इसी के साथ साथ अगर पेरेंट्स से भी गलती हो जाए तो वो भी बच्चे से सॉरी बोले.. कुछ गलत किया तो ईमानदारी से अपनी गलती मान लेनी चाहिए… बच्चों को बताईए कि गलती इंसान से ही होती है और वो भी इंसान हैं.. ऐसे में बच्चे न सिर्फ सीखेंगे बल्कि वो आपको admire भी करेंगें… आप उनके लिए roll model भी बन सकते हैं…

 

7 बच्चों से जो बात करनी है खुल कर कीजिए… सच बोलना है… अगर सारी बात सच नहीं बोली तो बच्चे से ये उम्मीद मत रखिएगा कि वो आपको आदर देगा या आराम से बात करेगा.. किसी आफिस में क्लर्क हैं और बच्चे से बोल रखा है कि वो आफिसर हैं..

  1. Expectations एक दम realistic और क्लीयर होनी चाहिए जैसाकि एक family dinner पर होटल में जा रहे हैं.. जाने से पहले बच्चों को समझा दीजिए कि वहां कैसे करना है और क्या नहीं करना… अगर कहना माना तो कुछ ईनाम मिलेगा और अगर नहीं माना तो घर आकर सजा.. यानि अपने कुछ rules बना लेने चाहिए ये बहुत जरुरी है.. और किस तरह की सजा होगी ये बच्चों के साथ मिलकर पहले से ही बना कर रख लेनी है…

मान लीजिए आप मार्किट गए है और आपने पहले ही कह दिया कि आईसक्रीम की जिद नहीं करनी.. आपने समझा दिया था पर बच्चे के कहना नहीं माना तो ये नहीं कि वही मार्किट में ही बच्चे को मारना शुरु कर दे.. घर आईए और और शांत होकर बात कीजिए… कि क्या हुआ था ?? कहना किसलिए नहीं माना.. जो क्रिएटिव पनिशमैंट हैं वो दीजिए..

  1. बच्चों को जिम्मेदार बनाईए और ये आदत बचपन से ही डालनी चाहिए… जैसा कि बच्चे की आदत है कि वो जब ब्रुश करता है तो नलका चलता रहता है… नलका बंद नहीं करता तो उसे पानी की वेल्यू समझाईए या फिर जब खेलने जाता है तो कमरे की लाईट बंद करके नहीं जाता.. बिना वजह कमरे की बिजली नहीं जलनी चाहिए और अगर उससे कोई चीज टूट गई तो उसे समझाईए कि नुकसान होता है.. और पैसे की बहुत वेल्यू होती है…नई चीज फ्री में नहीं आती है पैसे से आती है और इसे कमाने के लिए बहुत मेहनत करनी पडती है… उसे समझाईए स्कूल में हर रोज अपनी पानी की बोतल खो कर आता है तो समझाईए..ताकि उसे अहसास हो.. ये नहीं कि अभी बच्चा है अभी क्या बात करनी…

10 Learn from mistakes – उन्हें अपनी गलती से सीखने दे.. एक बार गलती होने दें.. ताकि उन्हें समझ आ जाए.. बिना गलती हुए समझ भी नहीं आएगा तो एक बार होने दीजिए गलती…

बच्चों को भी कुछ freedom भी दीजिए..बेशक मॉनीटर भी करें कि कौन दोस्त है किसके साथ ज्यादा रहते हैं हर समय उन पर नजर रखेंगें तांका झांकी करेंगें तो बच्चे भी irritate हो जाते हैं.. उनको थोडी प्राईवेसी भी दीजिए… उन पर विश्वास कीजिए… !!

 

How to Get Your Child to Respect You – क्या करें कि बच्चा आपकी Respect करे –

October 11, 2018 By Monica Gupta Leave a Comment

How to be Happy – क्या करें कि हम खुश रहें – How to be Happy in Hindi – खुश कैसे रहें –

How to be Happy

How to be Happy – क्या करें कि हम खुश रहें – How to be Happy in Hindi – खुश कैसे रहें – Monica Gupta – खुश कैसे रहे देखा जाए तो खुश रहना हमारा अधिकार है पर हमने खुद को ऐसा बना लिया कि खुश रहते ही नहीं… जबकि अगर खुश रहेंगें तो जिंदगी और आसान और खूबसूरत लगने लगेगी.. अब बात आती है कि खुश कैसे रहें ??

How to be Happy – क्या करें कि हम खुश रहें – How to be Happy in Hindi – खुश कैसे रहें –

तो मैं आपको इस बारे में बता रही हूं बहुत सिम्पल सिम्पल सी 9 बातें…

1.अपने आप को अपना लीजिए –  सबसे पहले उस व्यक्ति को खुश करिए जिसे आप हर रोज आईने में देखते हैं… यानि अपने आप को.. वो कैसे कि आप जैसे हैं उसे स्वीकार कीजिए… बॉडी लेग्वेज, स्माईल, आपकी habits, आपकी personality, आप कैसा दिखते हैं कैसा चलते हैं आपकी आवाज कैसी है आप सबसे खास हैं unique person हैं खुद को प्यार भी दीजिए और आदर भी कीजिए… खुद को एप्रीशिएट कीजिए.. जब भी शीशे में देखें .. अरे वाह !! आज तो ठीक ठाक से लग रहे हो… !! You’re awesome  जब आप खुद की value समझ जाएगें तो आप मे confidence भी आएगा और आप खुशी वाली जिंदगी भी जीएगें

2.अपनी पूरी body को खुश रखिए… वो खुश कब रहेगी वो खुश तभी रहेगी जब हम तीन बातों का ख्याल रखेंगें

exercise

खानपान

नींद

2. अच्छी exercise करेंगें,  healthy diet लेंगें और नियमित यानि regular sleep लेंगें.. ये चीजे हमे खुश रहने में बहुत बड़ा सहयोग करते हैं जैसा कि हम सभी जानते है कि हमारा शरीर कई रसायनों का घर है। कुछ रसायन खुशी, उत्साह और प्रेरणा देते हैं, जैसा कि एंडोर्फिन हार्मोन – व्यायाम करना नई मांसपेशियों के साथ एंडोर्फिन हार्मोन को सक्रिय करता है जिससे हमारा मूड बेहतर होता है.. exercise causes the brain to release chemicals called endorphins that elevate our mood. ऐसी ही अच्छी और पौष्टिक डाईट हमे उर्जा देती है unhealthy diets अलग अलग बीमारियां देती हैं जैसा कि diseases like depression और अच्छी नींद जिस दिन हम नहीं लेते सारा दिन कैसा सुस्त सुस्त सा निकलता है तो नींद, खाना और कसरत खुश रहने में बहुत बड़ा फेक्टर है..

  1.  अपने thoughts को बदलिए आमतौर पर हमारी tendency होती है कि negative experiences नेगेटिव बातों को बहुत ध्यान रखते हैं और positive भूल जाते हैं – तो पुरानी traumas बातों को जख्म को भूल कर नई शुरुआत कीजिए…

पर हम aware रह कर अपने नेगेटिव विचारों को दूर कर सकते हैं… मन में पॉजिटिव विचार ही लाएं…जो बीते पुराने कडवे अनुभव थे उन्हें भूलना है.. और जो आज है उसके नए और अच्छे अनुभव खोजिए… और याद भी रखिए…

Meditate  करके योगा करके भी हम मन को कंसट्रेट कर सकते हैं…

या फिर जो भी पॉजिटिव या अच्छी बात हुई है उसे सहेज कर छोटी छोटी बातों को सहेज कर एक यादगार experiences बना कर… उसकी वीडियो बना कर या फोटो क्लिक कर के कि ये अनुभव बहुत यादगार रहा..

असल में, नेगेटिव और पॉजिटिव दोनो हमारे दिमाग में चलता रहता है..हम जिसे ज्यादा खुराक देंगे वही फलता फूलता है अगर नेग़ेटिव विचारों को खुराक देंगें तो वो भारी हो जाएगें… और ये खुश नहीं रहने देंगें…

4. Determine your core values. जो आपकी जिंदगी की प्राथमिकताएं हैं सिदांत है उसके हिसाब से डिसीजन लीजिए… क्योंकि वो ही आपकी core values हैं.. जैसे एक आदमी कहता है कि मैं अपने परिवार के प्रति समर्पित हूं, उनकी देखभाल करना चाह्ता हूं पर वो चला गया दूसरे शहर नौकरी करने तो उसे वहां चिंता रहेगी घर की.. तो काम वही करें जो दिल से करना चाहते हैं तभी असली खुशी मिलेगी.. अगर परिवार की देखभाल करना चाह्ते हैं तो वही आसपास ही कुछ तलाश करना चाहिए… या काम के प्रति पूरी तरह से समर्पित हूं.. या जो भी काम कर रहा हूं उसे बहुत अच्छे तरीके से करु… जो काम करें उसे खुशी खुशी करें..

5. अपने लिए meaningful goal Set कीजिए… core values के हिसाब से अपने गोल सेट कीजिए.. realistic हों action-oriented भी हों जो हो सकता है जितना हो सकता है उस हिसाब से…

6. आशावादी बनिए –  अपनी सोच आशावादी रखिए – सोच पॉजिटिव रखिए पर Blind optimism” भी नहीं होना चाहिए कि जैसे मान लीजिए एक लॉटरी की टिकट खरीदी और बस ये तो मेरी ही आएगी… swimming नहीं आती फिर भी मैं तो तैर सकता हूं इससे खुद को नुकसान भी हो सकता है… और ये भी नहीं होना चाहिए या जैसे ये तो मुझसे हो ही नहीं पाएगा तो मैं कोशिश भी नहीं करता.. ये भी गलत है मेहनत तो करनी ही चाहिए.. Visualize your “best possible self.” जो खुद को लगे कि मैं ये बहुत बेहतर तरीके से कर सकता हूं वो करना चाहिए दूसरे कर रहे हैं इसलिए नहीं… This is an exercise that has been shown to increase your feelings of happiness and well-being

7. Attitude  of gratitude. हमारा attitude हमेशा आभार thanks वाला होना चाहिए.. हमेशा धन्यवादी… सबसे अच्छा gratitude रवैया है.. जैसे सुबह उठे तो भगवान का धन्यवाद देना कि धन्यवाद भगवान !! उठने के बाद कल जो अच्छा हुआ था उसे लिखा.. कल जब मैं आफिस गया तो पार्किंग में एक दम से जगह मिल गई.. कल बॉस ने मेरे काम को सराहा… ऐसा याद करने से या लिखने से हमें खुशी महसूस होगी और इसी बहाने नेगेटिव विचारों से भी छुटकारा मिल जाएगा.. अच्छा न सिर्फ लिखना है बल्कि उसे अपने दोस्तों के साथ शेयर भी करना है… और अगर उनकी भी कोई बात अच्छी लगे उसे भी एप्रीशिएट जरुर करना है… पता है कल जब आपने मुझे लिफ्ट के लिए पूछा तो मुझे बहुत खुशी हुई… इससे आपके दोस्त को भी खुशी होगी…

अगर हमने इसे अपनी आदत बना लिया इस तरह से लिखने का तो  anxiety और depression कम हो जाएगा और हमें ज्यादा  positive रहेंगें और रिश्ते भी मजबूत बनेगें… इससे हमारी खुशी की भावना भी बढती है..

8.  जो काम हम कर रहे हैं उसी के साथ साथ एक अपनी पसंद का काम और शुरु कर देना चाहिए जिसे हॉबी बोलते है.. उसे करना चाहिए  दिनभर थक जाने के बाद उसे करना रिलेक्स करता है जैसे एक महिला सारा दिन आफिस में बिजी रहती है पर शाम को घर आकर नहा कर वो आधा घंटा म्यूजिक जरुर सुनती है.. उससे वो रिलेक्स हो जाती है सारा तनाव चला जाता है… ये हमारे उपर है कि हमे क्या पसंद है… जिसे देख कर हम बोल उठे वाव .. अरे वाह.. यानि वो चीज हमे बहुत पसंद है… मान लीजिए एक हाउस वाईफ है उसे सारा दिन फुर्सत ही नहीं मिलती पर समय निकाल कर वो दिन में एक झपकी जरुर लेती है उससे वो आधे दिन के लिए काम करने के लिए तैयार हो जाती है… Push yourself out of your comfort zone.और इसके लिए कई बार अगर हमें अपने कम्फर्ट जोन से बाहर भी निकलना पडे तो निकलना चाहिए.. जैसे एक महिला को स्कूटी चलाने काम मन तो है पर डर लगता है.. अब उनके पास दो ऑप्शन हैं कि सारी उम्र ऐसे ही डरते हुए निकाल दे.. या फिर एक बार कम्फर्ट जोन से बाहर निकल कर कि चलो मैं देखती हूं… और प्रयास करे… तो खुशी किसमे होगी.. एक महीने बाद वो खुद पर ही हसेंगी कि ऐसा तो कुछ भी नहीं था मैं तो फालतू ही डरती थी और बच्चों को सीखने के लिए प्रेरित करेगी…

9. पॉजिटिव relationship – अपना सम्बंध अपने परिवार और दोस्तों में अच्छा बनाईए… मतलबी ना हो कर केयरिंग होईए… उनके साथ समय बिताईए..

बेवक्त घर जाऊंगा सब चौक पडेगें एक अरसा हुआ दिन में कभी घर को नहीं देखा…

तो समय निकालिए..  जिनके लिए काम कर रहे है. कमा रहे हैं उन्हे ही समय नहीं देंगें तो कैसे बात बनेगी?? नए नए दोस्त भी बनाईए.. जो आपको लगता है कि मेरे विचार इनसे मेल खाते हैं…और जब बात conversation करें तो बात का मतलब हो.. ऐसे नहीं कि कुछ भी बोल दिया… कई बार कुछ भी बोलने से रिश्ते खराब हो जाते हैं इसलिए जब भी बोलिए सोच समझ कर…

वो कहते भी हैं ना कि जब भी बोलिए वक़्त पर बोलिए, मुदत्तो सोचिए मुक्तसर बोलिए.Focus on people not on things..

  1. दयालु बनिए.. किसी को मदद की जरुरत है तो जरुर मदद कीजिए… बहुत खुशी मिलती है.. एक बार हम दिल्ली गए हुए थे.. एक पता नहीं मिल रहा था बार बार एक कॉलोनी में चक्कर लगा रहे थे.. एक आदमी शायद घर से देख रहे होंगें तो वो बाहर आए और पूछ्ने लगे.. जब हमने बताया कि आधे घंटे से चक्कर लगा रहे है तो उन्होने अपनी मोटर साईकिल निकाली और बोले आप मेरे पीछे आई.. और दो मिनट में हमें वहां पहुंचा दिया.. हमने उनका बहुत धन्यवाद किया और अब क्या होता है कि जैसे घर की घंटी बजती है कोई पता पूछ्ता है… कई बार होता है कि नहीं हमे नहीं पता पर अब कोशिश रहती है कि उसे सही गाईड कर दे… इस तरह से हम समाज को खूबसूरत रहने लायक जगह बना सकते है..

11. जाने दो माफ करो..माफ कर दीजिए.. कोई बात न दिल में रखिए न दिमाग में बस किसी की गलती हुई माफ कर दीजिए.. कई बार हमें लगता है कि हम माफ क्यों करें तो इस बात का ख्याल रखिए कि हम अपने लिए कर रहे है दूसरे के लिए नहीं… हम गुस्सा रहेंगें बीपी बढेगा तनाव होगा तो उससे क्या होगा… वैसे, बेशक, मुश्किल है किसी को माफ करना पर जिसने माफ करना सीख लिया उसने खुश रहना सीख लिया..

कामयाब इंसान खुश रहे न रहे पर खुश रहने वाला इंसान कामयाब जरुर होता है…

How to be Happy – क्या करें कि हम खुश रहें – How to be Happy in Hindi – खुश कैसे रहें –

 

October 9, 2018 By Monica Gupta 1 Comment

How to Overcome Loneliness – अकेलापन कैसे दूर करें – What to Do when You Feel Lonely –

How to Overcome Loneliness

How to Overcome Loneliness – अकेलापन कैसे दूर करें – What to Do when You Feel Lonely – अकेलापन दूर कैसे करें – क्या करें जब अकेलापन महसूस करें -बड़े अजीब है इस दुनिया के मेले.. दिखती तो भीड़ है पर है सब अकेले सब अकेले हैं.. अकेलापन कितना बढ गया है ज्यादातर मोबाइल में सिर्फ सेल्फियां हैं – एक मेरी जानकार  mobile दिखा रही थी कि कौन सी फोटो डालू और उसकी  गैलरी में सिर्फ उसी के सैल्फी थी…उफ !! अकेलापन कितना बढ गया है ज्यादातर मोबाइल में सिर्फ सेल्फियां हैं…

कल मैं अपनी एक आंटी के घर किसी काम से गई हुई थी.. वो मुझे बहुत चुप चुप सी लग रही थी मैं कोशिश कर रही थी वो बात करें.. तभी  उन्हें हिचकी आने लगी… मैंनें थोडा माहौल बदलने के लिए बोला कि आंटी कौन याद कर रहा है आपको.. तो बहुत उदास होकर बोली कि अब ये वहम मन से निकाल दिया कि हिचकी आने पर कोई याद भी करता है और चुपचाप उठ कर पानी पीने चली गई… मैं एक दम चुप रह गई.. असल में, पिछ्ले साल अंकल की डेथ हुई थी और आंटी की एक बेटी थी उसकी दो महीने पहले ही शादी हुई है… अब वो अकेली रहती थीं… मैं कुछ देर उनके पास बैठी बातें की और जब वापिस आई तो सोच रही थी कि आंटी बहुत अकेला महसूस करती हैं क्या बताऊ कि जिससे थोडा मन बहल जाए..

How to Overcome Loneliness – अकेलापन कैसे दूर करें – What to Do when You Feel Lonely –

और घर आकर मैंने काम करना शुरु किया.. ताकि मैं उन्हें भी बता पाऊं…

वैसे Loneliness  यानि अकेलापन एक तरह से  हमारी feelings हैं और बहुत normal हैं पर इस पर ध्यान न दिया जाए तो abnormal भी बना सकता है.. तो इसे लाईटली नहीं लेना और गम्भीरता से पॉजिटिव सोच लिए इस पर विचार करना है..

ये सोचना है कि अकेलापन क्यों है… इसकी वजह क्या है… अलग अलग वजह हो सकती हैं जैसाकि जैसे मैंने आंटी का बताया कि उनके पति की पिछ्ले साल डेथ हुई थी और बेटी की शादी हो गई थी… कई बार वजह ब्रेक अप भी होता है तो कई बार घर भी होता है परिवार भी होता है पति पत्नी भी होते हैं पर पति अपना अलग व्यस्त रहते हैं फोन में काम में तो पत्नी को अकेलापन लगता है.. एक छत के नीचे रहते हुए भी अकेलापन लगता है तो वजह कोई भी हो सकती है… .. नौकरी छूटने के कारण, रिश्तों में गड़बड़ होने की वजह तो वजह बहुत हैं, किसी बीमारी की वजह से…

अब बात आती है कि दूर कैसे करें –

1. खुद के सबसे अच्छे दोस्त बन जाईए… खुद से बात कीजिए उससे पूछिए और खुद को समझाईए.

लिख कर कि… मैं अकेला तब महसूस करती हूं जब.. मैं अकेलापन फील करता हूं क्योंकि….कब महसूस होना शुरु हुआ…कब से महसूस हो रहा है ऐसी कुछ बातें…

2. अपना ख्याल रखिए.. अपनी सेहत के बारे में बहुत जागरुक रहिए.. उम्र कोई भी हो हैल्दी रहना बहुत जरुरी होता है क्योंकि जब अकेलापन होता है तो हम अपनी सेहत का जरा भी ख्याल नहीं रखते.. नेगेटिव भी सोचते हैं और जब गुस्सा आता है वो भी करते हैं… कई बार तो कुछ अच्छा नहीं लग रहा या मन नही कर रहा कुछ खाने का खाना ही छोड देते हैं तो अपनी सेहत का ख्याल रखना बहुत जरुरी है.. धूमिए, फिरिए, मैडीटेशन कीजिए,

3. Find Opportunities मिलने के मौके खोजिए – अगर परिवार के साथ ही रहते हैं तो परिवार के साथ समय बिताईए अगर वो नहीं है तो friend circle है उनसे मिलिए… अगर वो भी नहीं है तो अपने आस पडोस में समय समय पर मिलिए बातें कीजिए पर वो समय presence pleasant रखिए अच्छी बाते हो.. मायूसी वाली परेशान करने वाली न हो कि दूसरे भी परेशान हो जाएं… और वो हमारे साथ बैठना पसंद ही न करें…पॉजिटिव बातें कीजिए.. ऐसी बातें जो सभी के interest की हों..

4. like minded लोगो से जुडे – ग्रुप बना लेना चाहिए.. देखिए जैसा कि एक महिला है वो रोज मंदिर जाती हैं तो वहां जो उन जैसी लगती हैं जिनसे वो बात करती है जो अच्छी लगती है उनका ग्रुप बना लेना चाहिए या कोई हैं जो हर सुबह सैर को जाते हैं तो उनका भी सर्किल बन सकता है ऐसे लोगो को वटस अप पर भी जोड कर एक ग्रुप बना सकते हैं जिनसे हर समय टच में रहें..

5. किसी cause से भी जुडा जा सकता है..

किसी सोशल cause से हम बात कर रहे हैं अकेला पन कैसे दूर करें तो हम किसी ऐसे नोबल सोशल cause से जुड कर भी खुद को बिजी रख सकते हैं किसी एनजीओ के साथ जुडा जा सकता है…

6. नेचर के साथ भी जुडा जा सकता है.. वो भी बहुत खूबसूरत अनुभव होता है जैसा कि पौधे लगाना और उनकी देखभाल करना या फिर पशु पक्षियों को दाना पानी खिलाना, या फिर घर पर पालतू रखना और सुबह शाम उसके साथ रहना उसकी केयर करना..

 

7.अपनी रुटीन सेट कर लें… हम बिजी रह कर कर सकते हैं.. सुबह कितने बजे उठना है कितने बजे सैर के लिए जाना है कितने बजे नाश्ता करना है.. डेली रुटीन… और ऐसी चीजों हो जो आसानी से की भी जा सकें… बेबी स्टेप्स होते हैं वैसे…

8. अपने अंदर छिपें इंटर्स्ट को खोजे कि हममें क्या खास बात है.. कोई न कोई अच्छी बात तो हर किसी में होती ही है उसे पहचानिए और उसी में खुद को बिजी रखिए..

कई बार कुछ ऐसा काम है कि मन ये आए कि अरे मैं ये कर रहा हू लोग क्या कहेंगें जैसे एक महिला बहुत अकेली हैं उन्हें बचपन से ही हारमोनियम सीखने का बहुत शौक था.. तो ये सोच कर कि लोग क्या कहेंगें.. आप कर डालिए… मत सोचिए.. उन्होनें तो कहना ही है अगर कुछ करेंगें तो भी नहीं करेंगे तो भी… पसंद का काम जरुर कीजिए या सीखिए..

9. पॉजिटिव सोच –

एक जो सबसे बडी चीज है कि पॉजिटिव सोच रखना…. पॉजिटिव सोच लिए मन में विश्वास रखें कि सब ठीक होगा और मुझे ठीक रहना है… मुझे इस चीज से बाहर निकलना ही है…

वैसे ना बड़े अजीब है इस दुनिया के मेले.. दिखती तो भीड़ है पर है सब अकेले सब अकेले हैं.. एक मेरी जानकार  mobile दिखा रही थी कि कौन सी फोटो डालू और उसकी  गैलरी में सिर्फ उसी के सैल्फी थी…

उफ !! अकेलापन कितना बढ गया है ज्यादातर मोबाइल में सिर्फ सेल्फियां हैं

कहीं न कही हम सभी अकेले हैं.. तो जरुरत है समझदारी से काम लेते हुए… इससे बाहर निकलने की..

How to Overcome Loneliness

  • « Previous Page
  • 1
  • …
  • 15
  • 16
  • 17
  • 18
  • 19
  • …
  • 391
  • Next Page »

Stay Connected

  • Facebook
  • Instagram
  • Pinterest
  • Twitter
  • YouTube

Categories

छोटे बच्चों की सारी जिद मान लेना सही नही

Blogging Tips in Hindi

Blogging Tips in Hindi Blogging यानि आज के समय में अपनी feeling अपने experience, अपने thoughts को शेयर करने के साथ साथ Source of Income का सबसे सशक्त माध्यम है  जिसे आज लोग अपना करियर बनाने में गर्व का अनुभव करने लगे हैं कि मैं हूं ब्लागर. बहुत लोग ऐसे हैं जो लम्बें समय से […]

GST बोले तो

GST बोले तो

GST बोले तो –  चाहे मीडिया हो या समाचार पत्र जीएसटी की खबरे ही खबरें सुनाई देती हैं पर हर कोई कंफ्यूज है कि आखिर होगा क्या  ?  क्या ये सही कदम है या  देशवासी दुखी ही रहें …  GST बोले तो Goods and Service Tax.  The full form of GST is Goods and Services Tax. […]

डर के आगे ही जीत है - डर दूर करने के तरीका ये भी

सोशल नेटवर्किंग साइट्स और ब्लॉग लेखन

सोशल नेटवर्किंग साइट्स और ब्लॉग लेखन – Social Networking Sites aur Blog Writing –  Blog kya hai .कहां लिखें और अपना लिखा publish कैसे करे ? आप जानना चाहते हैं कि लिखने का शौक है लिखतें हैं पर पता नही उसे कहां पब्लिश करें … तो जहां तक पब्लिश करने की बात है तो सोशल मीडिया जिंदाबाद […]

  • Home
  • Blog
  • Articles
  • Cartoons
  • Audios
  • Videos
  • Poems
  • Stories
  • Kids n Teens
  • Contact
  • Privacy Policy
  • Terms of Use
  • Disclaimer
  • Anti Spam Policy
  • Copyright Act Notice

© Copyright 2024-25 · Monica gupta · All Rights Reserved