Monica Gupta

Writer, Author, Cartoonist, Social Worker, Blogger and a renowned YouTuber

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June 21, 2018 By Monica Gupta Leave a Comment

How to Sleep Better at Night – नींद ना आए तो क्या करें – How to Get Better Sleep – Monica Gupta

How to Sleep Better at Night

How to Sleep Better at Night – नींद ना आए तो क्या करें – How to Get Better Sleep – Monica Gupta – जब मैंनें सुबह जल्दी कैसे उठे या Morning Habits that will Change Your Life  पर वीडियो बनाई तो बहुत सारे मैसेज आए खास तौर पर लेडीज के इस बारे में आए कि क्या करे.. सुबह उठा ही नही जाता.. रात को नींद ही नही आती .. सुबह उठ कर फ्रेश नही लगता थका थका सा लगता है.. तो सोचा कि रात को अच्छी नींद लेना तो बहुत जरुरी है… तो आज मैं इसी बारे में बता रही हूं कि रात नींद अच्छी कैसे आए…

How to Sleep Better at Night – नींद ना आए तो क्या करें –

1. Rule Out a Sleep Disorder सबसे पहले तो वजह जाननी है कि नींद किसलिए नही आ रही…

तनाव है

कोई हैल्थ प्रोब्लम है  कई बार महिलाओं को मीनोपोज की प्रोब्लम से भी कई बार बैचेनी सी होती है. वजह जान कर उस पर काम करना चाहिए..

क्या क्या कर सकते हैं…

2. समय फिक्स होना चाहिए.. सुबह ऊठने का और रात को सोने का.. इससे हमारी बॉडी क्लाक बन जाती है और हमारे सोने के समय और जागने के समय संकेत देने लगती है…

3. रिलेक्सिंग टेक्नीक अपनानी चाहिए अलग अलग तरह की.. सोने से पहले या तो कोई लाईट म्यूजिक सुनना या कुछ पढना…

4. समय का ध्यान रखना चाहिए जैसा कि कसरत करना भी अच्छा है पर सोने पर लगभग 4 घंटे पहले ही कर लेना चाहिए.. चाय कॉफी का सर भी लगभग 6 से 8 घंटे तक रहता है इसलिए उसे उस हिसाब से लेना चाहिए.. खाना भी बहुत अहम रोल निभाता है लगभग 8 और 9 बजे के बीच में डिनर कर लेना चाहिए.. और हल्का.. रात का खाना एक दम लाईट रखना चाहिए कई बार खाने से गैस, अपच,  या एसीटिडी बन जाती है तो वो भी कारण बंती है नींद न आने का..

  1. सोने से पहले अपनी हाईजीन का ख्याल रखना चाहिए.. साफ सुथरे, हल्के कपडे पहन कर सोएगें तो अच्छी नींद आती है.. सोने से लगभग डेढ घंटा पहले नहाना सही रहता है या फिर अगर हमारा मन न हो तो कुछ देर अपने पांव हलके गर्म पानी में रख लेने चाहिए.. ये भी बहुत रिलेक्स करता है..

6. कई लोग मालिश करवाते है या बॉडी मसाज करवाते हैं इससे उन्हें अच्छी नींद आती है…

7. कमरा भी साफ सुथरा होना चाहिए. हवादार हो या कमरे का तापमान ऐसा हो कि हमे अच्छा लगे.. और अगर कोई पर्फ्यूम छिडका हो तो और भी अच्छा महसूस होगा.. रात को एक दम अंधेरा करके सोने से नींद अच्छी आती है पर कुछ लोग होते हैं जिन्हें हल्की लाईट चाहिए ही होती है तो ये अपने ऊपर है..

8. कमरे के साथ साथ हमारा तकिया और गद्दे भी सही होने चाहिए.. कई बार हम इनकी महत्ता नही समझते और सुबह कभी गर्दन में दर्द कभी कमर में दर्द.. रहता है तो अगर गद्दे या तकिए बहुत पुराने हो गए तो नए और अच्छी क्वालिटी के लेने पर जरुर विचार करना चाहिए..

9. दिन में कई बार हम झपकी ले लेते है कई बार वो झपकी कुछ ज्यादा बडी हो जाती है तो उसकी वजह से भी कई बार नींद नही आती रात को.. तो कुछ दिन दिन में मत सोईए फिर देखिए क्या कोई फर्क पडता है.

10.कई बार दूसरे के खराटे भी नींद में खलल डालते है तो ईयर प्लग कानों में लगा सकते हैं

  1. फिर बात आती है कि खुद को समय दीजिए.. ऐसा नही होता कि आंख बंद की तो नींद आ गई या आखं खोली तो नींद चली गई. समय दीजिए.. जैसे कि पहले कल सुबह उठ कर जो पहनना है उसे एक तरफ रख दीजिए..

फिर मुहं धोना है,  ब्रुश करना है, कई लोग क्रीम लगाते हैं चेहरे पर हाथो पर वो लगानी है फिर

लम्बी गहरी सांस लेनी है तो तनाव को या नेगेटिविटी को जरा भी मन में नही लाना.. बेड पर लेट कर आखें बंद कर लेनी है या कोई किताब पढनी है या कोई म्यूजिक सुनना है

  1. पर नेट चैक नही करना या टीवी नही देखना.. क्योकि देख कर फिर वही नेगेटिव बातें ही धूमेगी… नेट पर किसने किसको लाईक किया.. किसने क्या पोस्ट किया.. ये देख कर तनाव ही होता है तो खुद को समय दीजिए..

13.  ये भी कर सकते है कि लेट कर आखें बंद करके ये सोचना है कि सारे दिन में अच्छी बाते क्या हुई… नेगेटिव नही सोचनी… अच्छी अच्छी बाते याद करनी है ताकि तनाव बीच में न आए और अगर कोई अच्छी बात नही भी हुई तो खुद कहिए कि कल मैं जरुर कुछ अच्छा करुगी.. कुछ ऐसा करुंगी कि दूसरे के चेहरे पर स्माईल आए.. वो दूसरे पर गुस्सा न होना भी हो सकता है या चेहरे पर स्माईल रखना भी हो सकता है या चिडिया के लिए दाना पानी रखना भी हो सकता है…

  1. कोशिश करनी चाहिए कि नींद आ जाए अगर नही आ रही तो कुछ देर ट्राई कीजिए और फिर उठ जाई.. और कोई किताब पढने लगिए या जो आपको अच्छा लगता है वो करिए और जब लगे आखें भारी हो रही हैं तो सो जाईए.. कई बार रात देर रात 2 बजे नींद खुल गई तो बार बार समय देखते हैं अरे कब सुबह होगी.. घडी रुक गई क्या… और तनाव में आ जाते हैं तो बजाय घडी देखने के उठ जाईए और कुछ करने लगिए..
  2.  कई बार सुबह कही लेट न जाए इस बात की टेंशन रहती है तो अलार्म लगा देना चाहिए..
  3.  ट्रेडिशंल मैथड अपनाते है कि कुछ लोग दूध भी पीते है… इससे मानना है कि नींद अच्छी आती है..
  4.  या फिर कुछ रिचियुल बना लेने चाहिए जैसा कि रात को सोने से पहले सभी को स्माईल देकर शुभ रात्रि कहना है ,.. बच्चों के सिर पर प्यार से हाथ फेरना है उन्हें कहानी सुनानी है या छोटा है तो लोरी सुनानी है और दिन भर में अगर कोई गलती हुई तो चाहे छोटा है या बडा सॉरी बोल देना है… इससे तनाव कम हो जाएगा और नींद भी अच्छी आएगी.. कुछ दिन भर की बातें करनी हैं और अगर इन सब से भी कोई फर्क नही पड रहा तो एक बार अपने डॉक्टर से बात जरुर करनी चाहिए..

 

How to Sleep Better at Night – नींद ना आए तो क्या करें –

June 19, 2018 By Monica Gupta Leave a Comment

Eating Habits to Lose Weight – वजन कम कैसे करें – क्या और कैसे खाएं – खाने की आदतें – Monica Gupta

Eating Habits to Lose Weight

Eating Habits to Lose Weight – वजन कम कैसे करें – क्या और कैसे खाएं – खाने की आदतें – Monica Gupta – Healthy Lifestyle Tips in Hindi – वजन कम कैसे हो.. हम मे से बहुत लोगो का फेवरेट टॉपिक है और हम वजन कम करने के अलग अलग तरीके खोजते रहते हैं.. बहुत बाते तो ऐसी हैं जो हमें पता है आज मैं आपको वो आदतें बताऊंगी तो बहुत लोग नही जानते.. अगर जान कर अपना लेग़ें तो बहुत फर्क दिखना शुरु हो जाएगा.. पहले तो मैं वो बताती हूं जो ज्यादतर जानते हैं

Eating Habits to Lose Weight – वजन कम कैसे करें – क्या और कैसे खाएं – खाने की आदतें –

जैसाकि सुबह सवेरे खाली पेट हलका गर्म पानी या शहद नींबू , और दिन भर 8 – 9  गिलास तक पानी पीना..  बैठ कर खाना खाना. खाना चबा कर खाना – जब खा रहे हो तो टीवी या मोबाईल करते हुए नही खाना – ज्यादातर घर का बना खाना ही खाना बाहर खाने में घी, मिर्च मसाले होते हैं – शॉपिंग के समय पानी और हैल्दी स्नेक्स रखना – रात को 9 बजे तक डिनर कर लेना और फिर रसोईघर का दरवाजा  बंद कर देना..  और अच्छी नींद लेना.. सोते समय शरीर में मौजूद फैट बर्न होता है जो लोग कम सोते है तो उनका  फैट कम बर्न होता है.

ये तो हुई वो बातें जो हम सभी को पता है पर कुछ ऐसी आदतें जो अगर हम अपना लेंगें तो बहुत फर्क पडना शुरु हो जाएगा…

1 सबसे पहले तो प्लान करके चलते हैं… क्या खाना है क्या नही खाना… उन्हे पता है कि अगर प्लान बनाने से रह गए तो मान लीजिए कि फेल होने का प्लानिग कर ली है… यानि फिर वो कभी वजन कम नही कर पाएगें… तो अपनी आदत में daily menu  होता है और उस पर Stick भी रहते हैं मन में लालच नही आता कि चलो आज खा लेता हूं कल से देख लूगा…

2 क्या आपको सच में भूख लगी है?? खुद से पूछ्ते हैं.. जैसा कि मैं रसोई मे किसी काम से गई… और कुछ खा लिया.. भूख नही है.. बस ऐसे ही कुछ खा लिया.. बच्चे स्कूल से आए टिफिन देखा… बचा हुआ खा लिया… मैं खाना बना रही हूं खीर बनाते बनाते टेस्ट कर ली वो भी दो कटोरी… अपने आप से पूछ्ना है कि क्या वाकई में भूख लगी है… लगी है तो खाईए नही तो

3. खाने से पहले सलाद जरुर खाते हैं ताकि पेट इससे भी भर जाए… सलाद में सबसे ज्यादा फाइबर होते हैं.. खाने से पहले अगर सलाद खाते हैं तो खाना खाते समय कम भूख लगती है जिस वजह से आप कम रोटी या चावल खाते हैं यानि आप कम कार्ब लेते हैं जिस वजह से आपका वजन भी कंट्रोल में रहता है और आपको सारे प्रोटीन, फाइबर, विटामिन और मिनरल भी मिल रहे हैं इसमे हम सूप या दही भी ले सकते हैं..

4. 5 सफेद चीजो से दूरी- रसोई में यूज होने वाली सफेद चीजो से दूरी बना कर रखते हैं जैसा कि चीनी, चावल, मैदा, दूध और नमक… इस बारे में वीडियो बनाई हुई है उसका लिंक नीचे दे रही हूं..

5 Red Zone फूड – खतरे वाली चीजो से दूरी बना कर रखनी जैसा कि बहुत चीजे हमें पसंद होती है और हम घर ले आते हैं जैसा कि चिप्स, वेफर्स, कोल्ड ड्रिंक, चॉकलेट, आईस क्रीम, सोडा … अगर घर पर होगी ही नही तो लेंगे कैसे तो ये आदत बना लेनी चाहिए कि इन्हें घर पर लाना ही नही..

  1. अपने आसपास ऐसे दोस्त रखते हैं जो खुद भी diet conscious हो यानि जागरुक हो.. ऐसे नही कभी भी कुछ भी खा लिया.. अगर हमारे परिवार वाले या दोस्त भी जागरुक होगें तो उन्हें भी आसानी होती है.. फिर हम शेयर भी कर सकते हैं कि हम वजन कम करना चाह रहे हैं तो वो भी पूरा स्पोर्ट करते हैं बल्कि जब कभी मन में लालच आ जाता है कि खा लेते हैं चलो कोई न तो ऐसे में वो एनकरेज भी करते हैं..
  2. जब हमारी इतनी अच्छी आदतें हो और फर्क भी पडना शुरु हो गया तो शाबाशी देनी चाहिए.. कि बहुत अच्छा कर रहे हो.. फर्क भी दिख रहा है…

जिसके पास स्वास्थ्य है, उसके पास आशा है; और जिसके पास आशा है, उसके पास जिंदगी में सब कुछ है

 

Some useful tips…

Planning is must… उन्हे पता है कि अगर प्लान बनाने से रह गए तो फेल होने का प्लानिग कर ली है… यानि फिर वो कभी वजन कम नही कर पाएगें…

सुबह की शुरुआत खाली पेट हल्के गर्म पानी या नीबू पानी या शहद नींबू और हल्का गर्म पानी से करते हैं.. इससे वो जो भी खाते हैं digestive abilities improve होती हैं, जो हम खाते हैं वो fat के बजाय एनर्जी में convert हो जाता है  helping you to lose weight.

नाश्ता जरुर लेते हैं.. लंच डिनर हो या ब्रेक फास्ट कभी स्किप नही करते.. खासतौर पर ब्रेक फास्ट जरुर लेते हैं जिसमें प्रोटीन, फाईबर भरपूर मात्रा में होता है… जिससे पूरे दिन एनर्जी बनी रहे..

जब भी खाते हैं बैठ कर आराम से खाते हैं.. यानि जल्दबाजी में नही खाते,.. भागते दौडते नही खाते.. आराम से बैठ कर और चबा चबा कर खाते हैं जब भी हम जल्दी जल्दी खाना खाते हैं पेट नही भरता पर जहा चबा कर खाते हैं तो पाचन तंत्र सही काम करता है… लगता कि पेट जल्दी भर गया.. और यही अच्छी निशानी है.. जब खा रहे होते हैं तब कोई और काम नही करते यानि खा रहे होते हैं… टीवी देखते हुए खाना खाना या मोबाईल पर बात करते हुए खाना या मूवी देखते हुए पापकार्न और कोल्ड ड्रिंक पीना.. खाना मतलब पूरा ध्यान खाने पर ही रहता है… इससे ज्यादा नही खाया जाता..

खाने से पहले सलाद जरुर खाते हैं ताकि पेट इससे भी भर जाए… सलाद में सबसे ज्यादा फाइबर होते हैं.. सलाद खाने से आपकी भूख आसानी से satisfied हो जाती है खाने  से पहले अगर सलाद खाते हैं तो खाना खाते समय कम भूख लगती है जिस वजह से आप कम रोटी या चावल खाते हैं यानि आप कम कार्ब लेते हैं जिस वजह से आपका वजन भी कंट्रोल में रहता है और आपको सारे प्रोटीन, फाइबर, विटामिन और मिनरल भी मिल रहे हैं

ज्यादातर घर का बना खाना ही खाते हैं.. बाहर हर रोज पार्टी हो या गेट टूगेटर एवाईड करते हैं… क्योकि बाहर के खाने में मसाले और धी तेल ज्यादा ही होता है जबकि  घर में हम इतने मसाले नही डालते… बाहर का खाना  वजन बढाने के लिए काफी है..

खाना घर का बना ही खाते हैं पर स्टाईल  होटल टाईप खाना – अब ये क्या है. इसका क्या मतलब है ?? इसका मतलब ये हैं कि जब हम बाहर खाना खाने जाते हैं तो हम आर्डर पर मगंवाते हैं जब जरुरत हो तभी ऑडर करते हैं.. तो घर पर भी यही करना है पहले से ही चपाती या परौठी या डोंगा भर कर दाल सब्जी मेज पर नही रखनी.. जब जरुरत है किचन से लानी है.. आप में से बहुत लोग सोच रहे होंगें कि ये क्या मतलब हुआ.. असल में एक जगह बैठ कर हम खाते ही रह जाते हैं पर जब उठना पडे लेने जाना पडे तो अकसर हम सोचते हैं कि बस बहुत हो गया.. तो इससे कम खाया जाता है..

जब भी शापिंग करने जाते हैं हमेशा बैग में पानी की बोतल और डाईट नमकीन रखते हैं ताकि बाहर खाने पीने की चीजें देख कर मन न ललचे… कई बार हम कोई शूगर वाली ड्रिक पी ली या कुछ जंक खा लिया तो… इससे बचने के लिए..

अपने आसपास ऐसे दोस्त रखते हैं जो खुद भी diet conscious हो यानि जागरुक हो.. ऐसे नही कभी भी कुछ भी खा लिया.. अगर हमारे परिवार वाले या दोस्त भी जागरुक होगें तो उन्हें भी आसानी होती है.. फिर हम शेयर भी कर सकते हैं कि हम वजन कम करना चाह रहे हैं तो वो भी पूरा स्पोर्ट करते हैं बल्कि जब कभी मन में लालच आ जाता है कि खा लेते हैं चलो कोई न तो ऐसे में वो एनकरेज भी करते हैं..

रात को नौ बजे तक डिनर का काम खत्म कर लेते हैं और रात को बहुत हल्का और बहुत कम खाना खाते हैं वो जानते हैं अच्छी नींद लेना भी कितना जरुरी है.. पेट ओवर होगा या तला भुना या जंक खाया होगा तो एसीडिटी और गैस जैसे दस तरह की प्रोब्लम हो जाएगीं.. फिर नींद भी अच्छी नही आएगी… शोध बताते हैं कि सात या आठ घंटे की नींद लेने वालों को मोटापा कम होता है. सोते समय शरीर में मौजूद फैट बर्न होता है. कम सोते है तो फैट कम बर्न होता है.

Eating Habits to Lose Weight – वजन कम कैसे करें – क्या और कैसे खाएं – खाने की आदतें – Monica Gupta

 

June 17, 2018 By Monica Gupta 1 Comment

How to Ask for Help – मदद कैसे मांगें – Ways to Ask for Help – मदद मांगने की कला – Monica Gupta

How to Ask for Help

How to Ask for Help – मदद कैसे मांगें – Ways to Ask for Help – मदद मांगने की कला – Monica Gupta – मदद मांगना भी  एक आर्ट है.. कला है… हम समाज में रहते हैं और एक दूसरे की मदद की जरुरत भी पडती रहती है… जरुरत पडने पर भी हम मदद इसलिए नही मांगते कि या तो हमे शर्म आती है… कि दूसरा क्या सोचेगा या वो दूसरा मना न कर दे… पर एक बात तो तय है कि मदद मागंने वाला कमजोर नही होता बल्कि वो इस situation  को face करने की ताकत दिखा रहा है और अगर हमने मदद नही ली तो बात और भी ज्यादा खराब हो सकती है…

How to Ask for Help – मदद कैसे मांगें – Ways to Ask for Help – मदद मांगने की कला – Monica Gupta

तो हमें संकोच नही करना चाहिए पर मदद मांगने से पहले खुद भी प्रयास करना चाहिए.. और फिर लगे कि हमसे नही हो पाएगा तब दूसरे से मदद के लिए कहना चाहिए… मैं आपको इसी बात के दो उदाहरण देती हूं पहला तो मान लीजिए कि एक महिला है वो बहुत नकारात्मक सोचने लगी हैं और वो कोशिश कर रही है कि वो अपनी सोच बदलें इसके लिए उन्हें मैंटली स्पोर्ट की जरुरत है

या फिर एक व्यक्ति है उसे कुछ पैसे की जरुरत है.. पहले वो प्रयास कर रहा है इधर उधर से पैसे एफडी खुलवा रहा है पर बात नही बन रही तब दूसरे के पास जाएगा मदद के लिए… यानि खुद कोशिश की पर बात नही बनी फिर मदद मांगने जाएगा और ये भी देखेगा कि मदद किससे चाहिए… अपने परिवार से किसी डाक्टर या अन्य से..

अब शुरु करते है कि कैसे मांगे मदद…

सबसे पहले तो वो जिसके पास जाए उसे बता दें कि मैंनें खुद से प्रयास किया पर हो नही पाया.. ये बात बतानी इसलिए जरुरी है कि लोग उनकी मदद करते हैं जो अपनी मदद करते हैं.. उन्हें बताईए कि आपके कैसे और क्या किया..

और अगर आप जिस व्यक्ति से मदद ले ने गए हैं उसके पास पहले भी जा चुके हैं तो उसे बताईए कि पहले भी आपने मदद की थी और मुझे बहुत आराम मिला था… उसका धन्यवाद भी कीजिए…

फिर बात आती है कि झिझके नहीं.. मदद लीजिए.. जब तक आप मदद के लिए बोलेगें नही तो पता कैसे चलेगा किसी को..

ऐसा भी हो सकता है कि आपने किसी की मदद मांगी और उसका ध्यान कहीं और था … और आपने ये महसूस किया तो आप दुबारा मदद के लिए बोल सकते हैं पर अगर आपने महसूस किया कि वो मदद करने में नही तैयार .. तो बिल्कुल दुबारा मत पूछिए..

ये मन कर चलिए कि लोग मदद करते है… विश्वास रखिए.. जैसाकि मान लीजिए मैं बस में जा रही हूं खडी हुई हूं सीट नही है.. सामने की सीट पर एक आदमी बैठ है जो हट्ता कट्टा है यानि खडा हो सकता है… तो मैं उसे बोलती हूं कि क्या आप मुझे कुछ देर बैठने देंगें… और वो तुरंत सीट खाली कर देता है.. हो सकता है वो भी सीट ऑफर करना चाह रहा हो पर झिझक रहा हो.. तो इससे उसी तरह से   में हम उसे भी मौका दे रहे हैं मदद करने का…

टाईमिंग बहुत जरुरी है… जब भी हम किसी की मदद करना चाह रहे हैं तो समय लीजिए… कि क्या मैं आप असे कुछ देर बात कर सकता हूं.. उसकी सहूलियत के हिसाब से जाईए.. रात बे रात नही…

लास्ट मिनट हैल्प न मांगें- जब पानी सिर से गुजर जाए.. तब हाथ पैर नही मारने चाहिए बल्कि पहले से ही खुद को तौयार रखिए.. खडे पांव तो कोई भी मदद नही करेगा उल्टा न भी सुनने को मिल सकता है…

Flexibility रखिए.. अगर कोई थोडी भी मदद कर रहा है तो लें ले.. मना नही करें.. इसी के साथ साथ थैंकफुल भी रहे..

आज हर कोई बिजी है तो हमें उम्मीद नही रखने चाहिए कि मैंनें मदद मांगी और मुझे तुरंत मिल गई… मान के चलिए कि कोई बिजी भी हो सकता है तो एक दो दिन इंतजार करें और फिर रिमांडर दीजिए.. मैसेज कर दीजिए या मेल कर दीजिए… पर थोडा संयम रखिए..

और और और किसी वजह से कोई मदद नही भी कर पाए तो भी कोई बात  नही दिल से नही लगाएं या रिश्ते खराब नही करें..

जब हम किसी से हैल्प मांगने जाएं तो दो तरह से मांग सकते हैं

पहला तो छोटी छोटी हैल्प मांगे…

या फिर ज्यादा मांग लीजिए मना करें तो कम मांग लीजिए.. जैसा कि आपको दस हजार चाहिए तो या तो आप बोलिए कि मुझे 2 हजार चाहिए और पांच लोगो से दो दो हजार ले लिए या फिर एक से आप बोलिए कि मुझे 30 हजार चाहिए और जब वो बोले कि नही इतने तो नही दे सकता सिर्फ दस ही दे सकता हो.. तो भी चल जाएगा.. काम बन जाएगा..

फिर कोई आपकी मदद करता है तो आप भी ऑफर कीजिए कि आपको कभी भी मदद की जरुर हो तो मैं हमेशा आपके साथ हूं.. उसे बार बार अहसास करवाए कि आपने मेरी मदद की थी.. कई बार मतलब निकालने के बाद हम बहुत इन डिफरेंंट हो जाते हैं ये नही करना चाहिए क्योकि फिर दुबारा कभी चाहिए होगी तो नही मिलेगी…

अंत में हमेशा सब की मदद के लिए तैयार रहें.. जब आप सभी से रिलेशन अच्छा रखेंगें सबकी केयर करेंगें तो मतलब बही नही कि दूसरा मना कर दे… तो कुल मिलाकर खुद अच्छे बन जाईए…

How to Ask for Help – मदद कैसे मांगें – Ways to Ask for Help – मदद मांगने की कला – Monica Gupta

June 15, 2018 By Monica Gupta Leave a Comment

Importance of Daily Routine for Children – क्यों जरूरी है बच्चों की दिनचर्या – Monica Gupta

Importance of Daily Routine for Children

Importance of Daily Routine for Children – क्यों जरूरी है बच्चों की दिनचर्या – Monica Gupta – Parenting Videos in Hindi – Monica Gupta Videos – Parenting Tips in Hindi  – Set Daily Routine for Children जैसे हम बडे लोगो का रुटीन होता है वैसे ही बच्चे का भी रुटीन होना चाहिए… आप सोच रहे होंगें कि बच्चे का.. ??  अरे किसलिए.. बच्चे का अगर रुटीन होगा तो बहुत फायदा होगा… मैं आपको इसकी  Importance बताती हूं…

Importance of Daily Routine for Children

1.सबसे पहले तो बच्चे का schedule बना होगा.. अगर हमारी रुटीन बनी होगी तो हमारी body clock उसी हिसाब से चलने लगेगी..

 

जैसी नींद का समय फिक्स होगा, खेलने का समय फिक्स होगा. समय फिक्स होगा तो उसी समय भूख लगेगी… इससे बच्चे का पूरे दिन एक दम Calm और relaxed behavior होगा..

2. Daily rituals भी बच्चों को सीखा पाएगें.. जैसा कि बच्चे को पता होगा सुबह उठ कर भगवान का नाम लेना है रात को सोने से पहले भगवान का नाम लेना है कई लोग जब शाम को बिजली जलाते हैं तो भगवान को याद करते हैं या खाना खाते समय ईश्वर का धन्यवाद देना है.. ये सब तभी सम्भव होगा जब हम अपनी डेली रुटीन बनाएंगें..

3 टाईम मैनेज करने की आदत – इससे फायदा ये भी होगा कि बच्चे में टाईम मैनेज करने की आदत हो जाएगी…  healthy habits  आएगी..जैसाकि उसे पता होगा कि कब और कितने बजे brush करना है कितने बजे कितने बजे खेलने जाना है कितने बजे दोपहर को सोना है… कितने बजे होमवर्क करना है…

  1. Self-discipline बनेंगें बच्चे… बार बार हम टोकेगें नही कि अब सो जाओ अब होमवर्क कर लो, कितनी देर तक खेलते रहोगे, घर आओ… क्योकि हमने रुटीन सेट कर दी बच्चों की…
  2. इससे बच्चों में confidence और independence आत्मनिर्भरता की भावना भी आएगी.. जब खुद काम करेंगें तो स्वाभाविक है कि confidence तो आएगा ही और खुद काम करने की भावना भी आएगी…
  3. घर में शांत माहौल रहेगा.. जैसा कि अरे पढ ले.. अरे खाना खा ले… सो जा.. सुबह स्कूल जाना है ऐसे ही हमारा दिन निकल जाता है और अगर हमने daily routine बना रखी होगी फिर तो बस वही दिखानी है ये देखो आपके सोने का टाईम ये खेलने का ये टीवी देखने का यानि कोई खिच खिच और झिक झिक नही..
  4. Bonds the family together इससे आपसी प्यार भी बढ जाता है जब झगडा नही होगा तो प्यार ही होगा… फिर बच्चे ज्यादा खुलेगें और अपनी बातें अपने शौक, सब सांझा कर सकेंगें..
  5. Household responsibilities – धीरे धीरे हम उन्हें कुछ घर के काम भी सौंप सकते हैं जैसा कि आप चिडिया को पानी दे दो.. या पौधों को पानी दे दो… छोटे मोटे काम जैसे कि किचन में मदद करवा दो… ऐसे कामों में मदद ले सकते हैं और अगर ये आदत बचपन से ही होगी फिर बडे होकर कभी दिक्कत नही आएगी… अक्सर हम बोलते हैं कि बच्चे मदद नही करवाते.. वो इसीलिए नही करवाते कि हम कहते ही नही है…

9. बच्चों में ऐसी भावना आएगी कि उन्हें कोई उपलब्धि मिली है… accomplishment की भावना आएगी… जो रुटीन होगी उसे और जो काम होगा उसे जब बच्चे आराम से करेंगें और कोई डांट डपट नही होगी तो क्या होगा बच्चे में ऐसी भावना आएगी मानो उन्होने कुछ हासिल कर लिया हो…

आप ने किया क्या .. बस एक रुटीन ही तो सेट की है और इसके रिजल्ट इतने शानदार.. ये बाते बच्चे के लोग रन में बहुत काम आएगी इसलिए जरुरी है बच्चे की रुटीन सेट करना

Importance of Daily Routine for Children – क्यों जरूरी है बच्चों की दिनचर्या – Monica Gupta

June 13, 2018 By Monica Gupta Leave a Comment

Habits that Make you Wise – आदतें जो आपको बुद्धिमान बनाती हैं – Habits of Wise People – Monica Gupta

Habits that Make you Wise

Habits that Make you Wise – आदतें जो आपको बुद्धिमान बनाती हैं – Habits of Wise People – Monica Gupta –  कुछ आदतें जो हमें बुद्धिमान बनाती हैं… ऐसा तो दुनिया में कोई नही जो बुद्धिमान या समझदार न कहलवाना न चाहता  हो… अक्सर हम अपने घर परिवार में, सोसाईटी या अपने सर्कल में कुछ ऐसा कर जाते हैं जिससे हमें या तो बुद्दिमान या smart or dumb की उपाधि मिल जाती है.. तो आज मैं आपको बुद्धिमान लोगो की क्या पहचान होती है… बातेंं तो बहुत है… मैं आपको 9 बातें बता रही हूं

Habits that Make you Wise – आदतें जो आपको बुद्धिमान बनाती हैं

1. जहां जरुरत नही हो वहां नही बोलते… जैसे मान लीजिए दो लोग किसी बारे में उलझ रहे हैं बहस कर रहे हैं बुद्धिमान चुप खडा रहेगा…शांत और खामोश रहेगा… और इसी के साथ साथ अगर कोई उन्हें उकसा रहा हो तो भी शांत रहते हैं अपनी एनर्जी फालतू argue बहस में वेस्ट नही करते… वहां से चुपचाप खिसक जाते है…

2. अगर किसी के लिए कुछ काम कर रहे हैं तो निस्वार्थ भावना से करते हैं.. नेकी कर कुए में डाल… जताते नही… देखो मैंनें ये किया.. मेरे दोस्त को जरुरत थी.. मैंनें उसे नौकरी दिलवाई.. इससे जो भी आपने काम किया है वो महत्ता खो देगा… मैने उसे रहने के लिए घर दिया… कुछ समय पहले एक कार्यक्रम में गई हुई थी. वहां एक लेडी मुझे एक दूसरी के पास ले गई कि तुझे एक चीज दिखाती हूं फिर बोली ये साडी अच्छी लग रही है .. वाकई वो बहुत खूबसूरत थी.. मैने भी कहा कि हां .. तो वो बोली.. मेरी है ये.. इसके पास कोई पार्टी साडी ही नहे थी.. मैने दी…

3. न over promise करें और न under deliver  – जैसा कि मान लीजिए एक दोस्त को 1 लाख की जरुरत है…मैं बोलती हूं कि मैं दे दूंगी जबकि मैं पचास हजार से ज्यादा नही दे सकती फिर क्या होता है मैं देती भी उसे पचास हजार ही हूं.. ये होता है इसलिए न ओवर promise करें ना under deliver

4. बजट budget के हिसाब से चलते हैं – बजट से ज्यादा जब कोई चीज लग रही हो तो नही खरीदते.. जैसा कि मान लीजिए स्मार्ट फोन चाहिए पर अगर वो लिया तो बजट बिगड जाएगा.. और तनाव होगा वो अलग.. तो ऐसे में अच्छा नोर्मल फोन खरीदना ही समझदारी है.. जब बजट होगा तब वो भी खरीदा जाएगा… stress-free

5. जो plan बना रहे हैं वो advance  में किसी से शेयर नही करते… जैसे मान लिजिए एक बच्चा है उसके माता पिता उसे विदेश में भेजना चाह रहे है पढने के लिए… सभी को बता दिया और वही उसका एडमिशन हुआ ही नही… इससे क्या होगा.. आप एक बार कर लीजिए फिर बताने में कोई दिक्कत नही पर पहले से ही… फिर बच्चे के मन पर क्या असर होगा… मजाक बन जाएगा.. लोग पूछेगें तो बेहतर यही है कि शेयर नही किया जाए.. बस खामोशी से मेहनत करते रहने चाहिए…

6. समय वेस्ट नही करते… क्रिएटिव करते रहते हैं.. कुछ ऐसी चीजे करते हैं जो काम की हों… ऐसा नही कि बस टीवी देखे जा रहे है… सोए चले जा रहे है… फोन कर रहे हैं तो किए जा रहे हैं.. चैटिंग कर रहे हैं तो किए चले जा रहे हैं.. कुछ न कुछ क्रिएटिव करते है.. कुछ पसंद का काम और नही तो उससे मिलती जुलती जैसा कि अच्छी वीडियोज देखना… देखना भी और उन्हें Subscribe  भी करना ताकि आगे भी ऐसी जानकारी मिलती रहे..और भी उसी से मिलती जुलती जानकारी खोजना और न सिर्फ उन्हें खोजना बल्कि शेयर भी करना.. Instead of watching TV,  educational वीडियो देखते हैं..

7. अपनी नॉलिज शेयर भी करते हैं.. अपने अनुभव शेयर करते हैं ताकि दूसरे भी उससे सीखें.. अगर कोई गलती हुई उसे भी ताकि दूसरे उससे सीख लें और अगर कोई काम आने वाली बात है तो वो है ही… जैसे मान लीजिए एक व्यक्ति हमेशा कार चलाते समय मोबाइल इस्तेमाल करता था जब उसका एक्सीडेंट हुआ तब पता चला तब दूसरे को सीख देने लगा.. एक महिला को कैंसर हुआ उससे उससे कैसे बाहर आई .. उन बातों से मोटिवेट कर रही है… ताकि दूसरो को हिम्मत मिले..

8. किसी की insult नही करते और न ही किसी का मजाक उडाते हैं…शांत रहते हैं और बजाय बोलने के समझने की कोशिश करते हैं क्योकि जब किसी की insult  करते हैं तो खुद भी गुस्सा आना शुरु हो जाता है और बहुत कुछ ऐसा बोल जाते हैं तो नही बोलना चाहिए तो ऐसा कोई काम ही नही करते…

9. कोई काम नही कर पाए तो दूसरे पर blame या responsibility नही डालते कि इसकी वजह से हुआ.. यानि अपनी गलती मन लेते हैं.. जैसे कि रास्ते में बहुत रश था इसलिए देर हो गई.. तो जल्दी निकलना चाहिए था.. सहजता से अपनी गलती स्वीकार कर लेते हैं… कोई गलती होती है तो….

Habits that Make you Wise – आदतें जो आपको बुद्धिमान बनाती हैं – Habits of Wise People – Monica Gupta

June 11, 2018 By Monica Gupta Leave a Comment

How to Teach Your Child to Speak English – बच्चों को English बोलना कैसे सिखाएं – Monica Gupta –

How to Teach Your Child to Speak English – बच्चों को English बोलना कैसे सिखाएं – Monica Gupta – बच्चों को इंग्लिश कैसे सिखाएं – सभी मम्मी पापा चाहते हैं कि उनका बच्चा स्मार्ट बनें पटर पटर अंग्रेजी बोले.. पर कैसे ?? कैसे सिखाएं बच्चों को अंग्रेजी बोलना … बात कल की है जब मैं मार्किट गई हुई थी. बाहर गर्मी थी और जिस दुकान पर गई वहां AC था तो अचानक गर्म सर्द से मुझे छीकें आनी शुरु हो गई. वही काउंटर पर एक छोटी सी लडकी खडी थी… मेरे छींकने के बाद बोली… God bless you  मैंनें उसे देखा तो मेरी तरफ देख कर smile करने लगी..

How to Teach Your Child to Speak English – बच्चों को English बोलना कैसे सिखाएं

तभी एक lady मेरे पास आकर बोली.. ये मेरी बेटी है.. आजकल इसे इंग्लिश सीखने का बहुत शौक हो रखा है… तो मैनें बोला ये अच्छी बात है और वो मुझे bye बोल कर चली गई..

मैंने भी सामान खरीदा और वापिस आते आते सोचने लगी.. कि अच्छा ही तो है.. कोई नई भाषा सीखना… parents को efforts करने चाहिए..

वैसे मेरे पास भी बहुत सारे parents  के मैसेज आते हैं वो जानना चाहते हैं कि कैसे सीखाएं बच्चे को इंग्लिश बोलना…

तो मैं कुछ टिप्स बताती हूं कि बच्चे को कैसे इंग्लिश बोलना सीखाएं

सबसे पहले तो इंगलिश बोलना हमारी daily routine में शामिल होना चाहिए… हम बच्चे से उम्मीद करें कि वो अंग्रेजी में बात करें और खुद करें ना.. तो ये सही नही है.. बच्चे से खुद भी बात कीजिए.. कोई बडे बडे sentences बनाने की जरुरत नही छोटी छोटी बातों से शुरुआत करनी चाहिए पर घर में बोलना चाहिए..

Practice English Speaking in an informal setting हम ज्यादातर हिंदी बोलते हैं इसलिए मुश्किल हो जाता है जब बच्चे को नई भाषा सीखानी हो तो… आप देखिए  बच्चे को हमें हिंदी सीखानी की जरुरत नही पडती वो सुन सुन कर खुद ही सीख जाता है और बोलने लगता है ठीक उसी तरह अगर हम चाहते है कि बच्चा इंगलिश बोले तो पेरेंटस को भी conversations English में करनी चाहिए..

फिर बात आती है कुछ parents खुद नही बोल सकते पर चाहते हैं कि बच्चे बोले तो इसमे भी कोई परेशानी नही है नेट जिंदाबाद..

आजकल हम सब कुछ एक क्लिक मे देख सकते हैं वीडियो सर्च की सीखा और बोलना शुरु… इसी बहाने parents भी सीख ही रहे हैं तो इस कॉम्प्लेक्स को दिमाग से निकाल दीजिए और खुद भी सीखिए और बच्चों को सीखाईए.. वीडियोज, ऑडियोज और किताबों के माध्यम से सीख कर हम बच्चों को सीखा सकते हैं..

फोकस Grammar पर न हो.. शुरु शुरु में Grammar की तरफ एक दम से ध्यान देने की जरुरत नही है.. Natural conversations के माध्यम से उन्हें grammar सीखने दीजिए

बच्चे को Encourage  करना है ना कि बीच बीच में टोकना है या गलती निकालनी है… जब वो बोलना बंद कर दे तब बोलिए बीच मे नही कि ‘Not like that’ or ‘It’s wrong’.  जबकि बोलिए ‘Listen…’ or ‘Let’s try again‘. गलती करेंगे तभी तो language सीखेंगें

टोकना नही है और मजाक भी नही बनाना .. कई बार बच्चा कुछ बोलने की कोशिश करता है तो पेरेंटस या फैमली मेम्बर्स ही मजाक बनाने लगते हैं कि आ गया अंग्रेज… ये बात महसूस भी होती है और फिर मन भी उचाट हो जाता है…

English words  को fun की तरह लेना चाहिए..

कुछ एक बातें हम एप्लाई कर सकते हैं जैसा कि दिन का आधां धंटा आप फिक्स कर लीजिए कि इस बीच में सिर्फ और सिर्फ इंगलिश ही बोलनी है.. अगर कुछ बोलना नही आ रहा तो इशारे से समझाना है पर हिंदी नही बोलनी.. फिर उसका गिफ्ट भी रखना है..

फिर इसे मजेदार बनाने के लिए कुछ पहेलियां या जोक्स भी रख सकते है या TONGUE TWISTERS  भी

 TONGUE TWISTERS

Greek grapes

Red Lorry Yellow Lorry

She sells sea shells

RED Bulb BLUE Bulb RED Bulb BLUE  Bulb

Six thin things

Alphabet  Riddles

  1. Which is the most watery letter of the alphabet?

The letter ‘C’ (sea)

  1. Which letter is like a ring around your finger?

The letter “O”

3.  Which letter of the alphabet wants to know the  reasons all the time ?

The letter “Y” (why)

कहानी सुना सकते हैं और फिर उसमे कुछ पूछ सकते हैं… Story से related बातें..

अगर कुछ समझ नही आता तो पूछ सकते हैं… ताकि आगे के लिए कोई कंफ्यूजन न रहे…

Listening  बहुत important part  है… सुनना बहुत जरुरी होता है जैसे मान लीजिए कोई पोयम है वो सुनी फिर उसे गुनगुनाया तो बहुत जल्दी याद होती है और बोलने का तरीका भी पता चलता है इसलिए सुनना बहुत जरुरी है.. audio book सुनने दे बच्चों को इससे English skills बहुत जल्दी  improve होती हैं. .

pressure  नही बनाएं.. बच्चा कभी इंगलिश बोलने में शौक न दिखाए तो disappointment नही दिखाईए बहुत ज्यादा दवाब डालेंगें तो दिक्कत हो सकती है..

Ask questions  बच्चे से questions पूछते रहे..  Yes No की form में Where are your books?”, “Where is your sister ?”, “Do you want some ice-cream?” what are you doing.. ??

Children learn differently

हर बच्चे का learn करने का तरीका अलग अलग होता है किसी को जल्दी समझ आ जाता है तो किसी को देर से… बस जरुर है उन्हें practice करवाने की.. चाहे वो देख कर हो या सुनकर हो या बोल कर हो.. कुछ भी पूछे उन्हें बताईए.. नही आता तो नेट से सर्च कीजिए… पर सारे डाऊट क्लीयर कीजिए… confidently and fluently बोल पाएगें

Praise करनी है

अगर बच्चे ने अच्छा किया यानि effort कर  रहा है तो शाबाशी देनी है…  “Great work”, “Good job” etc. Give small rewards for effort

 How to Teach Your Child to Speak English – बच्चों को English बोलना कैसे सिखाएं

 Parenting Videos in Hindi – Monica Gupta Videos – Parenting Tips in Hindi

June 9, 2018 By Monica Gupta Leave a Comment

Habits that will Change Your Life – आदतें जो आपकी जिंदगी बदल देंगी – Change Your Life – Monica Gupta

Habits that will Change Your Life

Habits that will Change Your Life – आदतें जो आपकी जिंदगी बदल देंगी – Change Your Life – Monica Gupta – Daily habits छोटी छोटी बातें जिंदगी में बहुत बडा बदलाव ला सकती हैं… अब अगर मैं बात करुं हमारी आदतों की habits की.. वही जिंदगी में बदलाव ला सकती हैं.. विश्वास नही होता .. है ना

Habits that will Change Your Life – आदतें जो आपकी जिंदगी बदल देंगी

चलिए आज मैं आपको बताती हूं 9 आदतें अगर हम उन्हें अपनी डेली लाईफ में अपना लेंगें तो हमें आगे बढने से सफल होने से कोई नही रोक सकता .. तो क्या है वो आदतें शुरुआत सुबह से करती हूं..

1. Create a morning ritual

पहली बात तो सुबह के लिए ritual  बना लेना चाहिए…जैसा कि योगा, मैडीटेशन, एक्सरसाईज… वर्क आऊट  ritual कौन सी.. ये आप पर है कि क्या  करना है.. पर करना जरुर है..  ये अगर हमने किया तो सारा दिन बहुत अच्छा निकलेगा.. stress, mental fatigue  खत्म होगा… दिन को अच्छी स्टार्ट मिलेगी.. supercharge हो जाएगें हम..

दिन की शुरुआत अच्छी रहे सारा दिन अच्छा बीते  उसके लिए हमे Daily routine बना लेना चाहिए…

2.  Daily routine…. इसके लिए जरुरी है कि अपनी एक Daily routine. बना लेनी चाहिए…यानि दिन के 24 घंटे में हमें क्या क्या काम करने हैं और किस तरह से करने हैं..  इसे बनाने का ये फायदा होगा कि हमें पता होगा कि हमें कब क्या करना है…

अब जब हम Daily routine बनाएगें तो उसमे अपने लिए समय जरुर निकालें अपने लिए यानि self-care

3.  self-care अपने लिए समय निकाले. अपना ख्याल रखें. अपने शौक का काम करें,कुछ नया सीखें और कुछ देर के लिए नेट से दूरी बना लीजिए… सोशल मीडिया से डिटोक्स कुछ समय के लिए दिन में कुछ देर के लिए.. जैसे आप आराम कर रहे हैं तो मोबाईल कुछ समय के लिए दूर कर दीजिए… यानि खुद को पूरा रिलेक्स रखना है.. ये हमारी सेहत के लिए ही अच्छा है..

4.  हमारा दिन अच्छा बीते सभी काम आराम से हो उसके लिए हमारा एक goal होना चाहिए और उसी पर फोकस हो.. Focus on one goal  एक ही लक्ष्य रखें..

कई बार ये देखा गया है कि किसी एक काम में ध्यान नही लगा पाते… वो इसलिए कि बहुत सारे विचार मन मे चलते रहते हैं और हम किसी को भी हासिल नही कर पाते… आपको पता है कछुआ और खरगोश कहनी में खरगोश कैसे जीता था.. लक्ष्य के प्रति उसकी एकनिष्ठा ही थी कि वो जीता था.. बस हमें भी वही चाहिए..

5.  ये तभी सम्भव हो पाएगा जब हम अपने काम की प्राथमिकता सेट करेंगें.. जो non-essential हैं यानि जरुरी नही है Eliminate  कर दीजिए उसे… जो जरुरी नही उसे हटा दीजिए..

6. इसके लिए जरुरी ये भी है कि जो भी काम करे उसका उद्देश्य हो meaningफुल  हो… जिससे आप मे कोई फर्क पडे.. समाज को कोई फर्क पडे..

7 . बहुत बार हमारे सामने कुछ ऐसे काम आ जाते हैं जो हम करने से धबरा जाते हैं डर जाते हैं उसके लिए खुद को मजबूत बनाना है.. मैंटली स्ट्रांग.. डर का सामना करना है.. हमारे सामने जो कोई चैलेंज आए उसका मुकाबला करना है… जीतने वाले कभी हार नही मानते
और हार मानने वाले कभी जीतते नही..

8.  और इसके लिए जरुरी है हमारी positive सोच.. जब तक हमारी सोच पोजिटिव नही होगी हम आगे नही बढ पाएगें.. तो जरुरत है हमारी पॉजीटिव सोच की और हमारे साथ पोजिटिव दोस्तों की.. मान लीजिए मेरी सोच है पोजिटिव पर मेरे साथ कुछ ऐसे लोग है जो कहते हं नही.. रहने दो तुमसे नही हो पाएगा… तो क्या होगा.. मेरा उत्साह कम होता जाएगा और एक समय ऐसा आएगा कि मैं भी सोच लूंगी कि हां मुझसे नही हो पाएगा…

9.  इन सबके लिए हमें जरुरत होगी अच्छे relationships की.. Cultivate great relationships…. तो हमें हमारे सम्बंध दूसरों से मधुर बनाने पडेगें.. वो तभी बनेगें जब हम एक दूसरे की केयर करेंगें, ख्याल रखेंगें, उनकी बात सुनेग़े..  उन्हें अहमियत देंगें और समय समय पर उन्हें Appreciate करेंगें..  Appreciate,  Kindness, art of listening

Habits that will Change Your Life – आदतें जो आपकी जिंदगी बदल देंगी – Change Your Life

June 7, 2018 By Monica Gupta Leave a Comment

How to Make Others Happy – दूसरों को खुश कैसे करें – How to Make People Happy – Monica Gupta

How to Make Others Happy

How to Make Others Happy – दूसरों को खुश कैसे करें – How to Make People Happy – Monica Gupta – दूसरों को खुश कैसे रखें.. क्या हम किसी दूसरे कि खुश रख सकते है… क्या हम किसी दूसरे के चेहरे पर स्माईल ला सकते है… तो जवाब है हां .. ला सकते हैं… कैसे ?? देखिए बेशक बहुत सारी बातें हो सकती हैं पर मैं सिर्फ 5 बातें बताऊंगी और ये बातें एप्लाई करके आप किसी की भी जिंदगी में खुशी ला सकते हैं फिर चाहे वो बच्चा हो, बडा हो…

How to Make Others Happy – दूसरों को खुश कैसे करें –

 

स्माईल

तो सबसे पहले बात आती है जब कोई हमारे सामने हो तो स्माईल दीजिए…. इनका हाल चाल पूछिए.. एक हग भी दे सकते हैं.. ऐसे नही कि एक से हाथ मिला रहे हैं और देख दूसरे की तरफ रहें हैं.. ध्यान कही और है आई कॉण्टेक्ट भी बहुत जरुरी है..

फिर compliment दीजिए..

कि आपसे मिलकर बहुत अच्छा लगा या  आपसे मिलकर हमेशा ही अच्छा लगता है आपमे कुछ बात है ऐसे कोई ओरा या पोजिटिविटी की आपसे मिलकर बहुत अच्छा लगता है…  एक बात जो ध्यान रखने वाली है वो ये कि जो हम बोल रहे हों वो बहुत honest हो.. ऐसा न हो कि हम आगे कुछ और पीछे कुछ फिर बहुत उल्टा पड जाएगा… अगर आप सोचते हैं कि honest compliment है तो ही दीजिए

उनको encourage कीजिए…

खुश रखने का खूबसूरत तरीका ये भी है कि दूसरे में जो भी खास बात है उस बात के लिए उन्हें encourage कीजिए… जैसे मान लीजिए एक लडकी ने राईटिंग शुरु की है तो उसे encourage कीजिए कि वो एक न एक दिन बहुत अच्छी राईटर बनेगी… किसी ने अपना नया बिजनेस करने का विचार बनाया है तो उसे एनकरेज कीजिए कि वो जरुर सफल होगा.. उनके मन में अगर कोई नेगेटिव विचार चल रहें हैं तो दूर कीजिए.. बहुत बार ऐसा होता है कि हमें पैसे की नही mentally support की जरुरत होती है… ऐसे भी हम किसी के दिल को जीत सकते हैं..  मैं हूं ना,  चिंता मत करो… खुश कर सकते है..

समय दीजिए.. आज इस बात की बहुत कमी है… किसी के पास समय नही है तो समय दीजिए… बात कीजिए.. पूरी attention दीजिए.. पूरी रिस्पेक्ट दीजिए.. उनकी बात तसल्ल्ली से सुनिए.. जब कोई आपसे बात कर रहा है अपनी फीलिंग शेयर कर रहा है तो जरुरी है कि आप उसे पूरा response दे.. फिर देखिएगा कैसे उसके चेहरे पर स्माईल आएगी.. मिलन अनही हो पाता तो फोन करके बात कर सकते हैं. वीडियो कॉल कर सकते हैं

दूसरे को स्पेशल फील करवाने के लिए कुछ बनाईए

जैसा कि मान लीजिए आपका एक दोस्त है उसका जन्म दिन है तो अपने हाथ से कुछ बना कर ले जाईए.. कुछ भी जिसमे आप अच्छे हैं या फिर कोई कार्ड .. उसे खुशी होगी या फिर आप दूर रहते हैं पर आज कोई स्पेशल दिन है तो आप ऑनलाईन भी कुछ आर्डर कर सकते हैं बुके या केक कुछ भी जरुरत इस बात की है कि हमें उसके चेहरे पर स्माईल लानी हैं..

वैसे जब आप दूसरे के चेहरे पर स्माईल लाएगें तो आप महसूस करेंगें कि अरे आपके चेहरे पर भी स्माईल आ गई.. आप भी खुश हैं..

ख़ुशी के अपने-अपने मायने हैं जनाब
एक बच्चा गुब्बारा ख़रीद कर ख़ुश था
तो दूसरा उसे बेच कर….

खुशियों का कोई रास्ता नहीं
खुश रहना ही एक रास्ता है ।

ख़ुशी उनको नही मिलती जो अपनी शर्तों पे ज़िन्दगी जिया करते हैं. ख़ुशी उनको मिलती है जो दूसरों की ख़ुशी के लिए अपनी शर्ते बदल लिया करते हैं

ये ना पूछना ज़िन्दगी ख़ुशी कब देती है,
क्योकि शिकायते तो उन्हें भी है जिन्हें ज़िन्दगी सब देती है

How to Make Others Happy – दूसरों को खुश कैसे करें – How to Make People Happy – Monica Gupta

June 6, 2018 By Monica Gupta Leave a Comment

Role of Diet in Personality Development – जैसा खाओगे अन्न वैसा बनेगा मन – Monica Gupta

Role of Diet in Personality Development

Role of Diet in Personality Development – जैसा खाओगे अन्न वैसा बनेगा मन – Monica Gupta – The Food You Eat Affects Your Personality – जैसा हम खाते हैं वैसा ही हम बनते हैं  – हमारी personality development में डाईट अहम रोल अदा करती है..  वो कहते भी है न कि जैसा खाओगे अन्न वैसा बनेगा मन.. जिंदगी खाने के लिए नही है बल्कि खाना जिंदगी के लिए है…

Role of Diet in Personality Development

एक प्रसंग में Maharsi Caraka  जिन्होनें चरक संहिता लिखी थी… उन्होने चरक संहिता लिख तो दिया पर लोग इसका मतलब नही समझ पाए तो वो पूछ्ने निकले.. कि असली निरोगी कौन कही से सही जवाब नही मिला.. पूछा बहुत लोगो से… कही से सही उत्तर नही मिला..

 

परेशान  होकर वे नदी किनारे बैठे गए. तभी देखा कि एक व्‍यक्ति को देखा उसकी वेशभूषा देखकर वे समझ गए कि यह भी कोई वैद्य ही है.

मन नहीं माना तो उन्‍होंने उस वैद्य से भी वही सवाल पूछा, ‘कोरुक?’ यानी कौन निरोगी? पहले तो वह व्‍यक्ति उन्‍हें गौर से देखा फिर बोला,

हित भुक , मित भुक ,  ऋत भुक …. यह सुनते ही चरक का चेहरा खुशी से खिल उठा. उन्‍होंने उस वैद्य को गले से लगा लिया. इसका अर्थ ये है कि

हित भुक  यानि जो व्‍यक्ति शरीर को लगने वाला आहार ले..

मित भुक –  भूख से थोड़ा कम खाए

ऋत भुक – मौसम के अनुसार भोजन या फलाहार करे

बोले आपने बिलकुल ठीक कहा जो व्‍यक्ति शरीर को लगने वाला आहार ले, भूख से थोड़ा कम खाए और मौसम के अनुसार भोजन या फलाहार करे वही स्‍वस्‍थ रह सकता है. अगर हम नियमित इसका पालन करें तो शरीर में रोग हो ही नहीं सकता..

वैसे ही अन्न के तीन प्रकार होते हैं.

सात्विक आहार – सात्विक भोजन वह है जो शरीर को शुद्ध करता है और मन को शांति प्रदान करता है  ताजा पकाया हुआ भोजन यदि 3 से 4 घंटे के भीतर सेवन किया जाता है तो इसे सात्विक माना जाता है I उदाहरण – ताजे फल, हरी पत्तेदार सब्जियाँ, बादाम आदि, अनाज और ताजा दूध

राजसिक आहार –  बहुत स्वादिष्ट खाद्य पदार्थ राजसिक हैं

मसालेदार भोजन, तला भुना, भोजन और चाय, कॉफी

इनका अत्यधिक सेवन शरीर में अतिसक्रियता, बेचैनी, क्रोध, चिड़चिड़ापन, अनिद्रा इत्यादि लाते हैं I

तामसिक आहार

तामसिक भोजन वो हैं जो शरीर और मन को सुस्त करता है… जैसे मांसाहारी आहार, वसा का अत्यधिक सेवन, तेलयुक्त और अत्यधिक मीठा भोजन

बासी या पुन: गर्म किया गया भोजन, तेल या अत्यधिक भोजन इस श्रेणी के अंतर्गत आते हैं..

बहुत बार देखते भी है कि कोई शादी या समारोह है लोग टूट पडते हैं खाने पर कितना भर लेते है प्लेट में.. इससे उनकी personality घटती ही है… उनका मजाक ही बनता है..

अक्सर जब बहुत ज्यादा खाना खा लेते हैं तो सुस्ती आ जाती है वही हल्का भोजन से शरीर एक्टिव रहता है… तो अगर हम अपनी personality बनाए रखना चाहते हैं

स्मार्ट दिखना चाह्ते हैं तो डाईट पर ध्यान देना बहुत जरुरी है.. तो हित , मित  ऋत  भोजन करना चाहिए…

जीवन जितना सादा रहेगा तनाव उतना आधा रहेगा..

Role of Diet in Personality Development

June 5, 2018 By Monica Gupta Leave a Comment

Storytelling Tips – बच्चों को कहानी कैसे सुनाएं – The Art of Storytelling – Monica Gupta

Storytelling Tips

Storytelling Tips – बच्चों को कहानी कैसे सुनाएं – The Art of Storytelling – Monica Gupta.. मैं अक्सर parenting  की जब बात करती हूं तो कहती हूं कि बच्चों को कहानी सुनाए.. पर बहुत सारे parents जानना चाहते हैं कि कैसे… क्या tips  हैं किन बातों का ख्याल रखें तो… मैं आज यही आपको बता रही हूं…

Storytelling Tips – बच्चों को कहानी कैसे सुनाएं –

तो तैयार हैं…

1. सबसे पहले हमें कहानी  का चुनाव करना है.. कहानी बच्चे की age  के हिसाब से होनी चाहिए..  फिर बच्चे की पसंद न नापसंद… मान लीजिए किसी को शेर की कहानी अच्छी लगती है या किसी को परियों की तो वो सुनाए.. कई बार बच्चे को सुधारने के लिए भी कहानी  बोली जा सकती है…पर कहानी ऐसी हो कि अंत में संदेश जरुर दे…

 

2 अब बात आती है script  की

dialogue हो तो बच्चो को मजा आता है… शेर ने कहा मैं तुझे खा जाऊंगा… और कहानी छोटी हो और उसमे characters भी बहुत ज्यादा न हो.. तीन या चार करेक्टर हों…

3 जहां कहानी सुनाए वो जगह एक दम आराम दायक हो.. या तो आरम से बैठ कर या लेट कर.. आमतौर पर रात को सोते समय बच्चे कहानी सुनना ज्यादा पसंद करते हैं.. या दिन में जब बोर हो रहे हों तब…

  1. हमारी Body Language.. हमारे हाव भाव हमारी आवाज भी बहुत मायने रखती है ये कहानी को और भी ज्यादा मजेदार बना सकती है… इससे ये होगा कि बच्चे भी मजे से सुनेंगें..

5 बच्चों की Active participation जब हम कहानी सुना रहे हों तो बच्चे जो पूछे उनके मन में कोई बात हो तो उन्हें बोलने दें.. क्योकि अगर उन्हें कोई बात स्मझ ही नही आएगी तो फायदा ही नही होगा… means allow interruptions… be easy..

  1. Visual

दिखा रखते हैं.. ताकि बच्चे का interest बने.. और अगर Visual नही है तो भी अच्छी बात हैं.. देखिए फिर हम बच्चों की कल्पना को बढा सकते हैं.. एक बार एक गांव था.. वहा बहुत बडा पेड था.. वहां खूब सुंदर फूल लगे थे.. लाल करे, पीले.. करने दीजिए बच्चों को कल्पना

  1. जहां कहानी में कोई संदेश हो जिससे बच्चे सीखें वहीं funny  बातें भी हो. कुछ चुटकुले हों, tongue twisters हों, पहेली हो… ताकि रोचकता बनी रहे..

8 . अच्छा कई बार सब ठीक चल रहा है पर बच्चा बोर महसूस कर रहा है तो उसी से पूछिए कि आगे क्या होगा ?? आपको क्या लगता है आज शंटी समय से उठ जाएगा स्कूल जाने के लिए या लेट हो जाएगा…

9. जब कहानी की शुरुआत करें तो हर बार अलग तरीके से करे.. एक बार की बात है.. बहुत समय पहले की बात है या पता है एक बार क्या हुआ

10. Be natural

एक दम स्वाभाविक रहें.. आराम से कहानी सुनाएं .. जो सुनाए वो हमें याद हो या फिर पेपर पर जरुरी points  लिख कर रख लिए.. अगर practice  करके सुनाएगें तो और भी अच्छा रहेगा.. Mobile  मे रिकार्ड भी कर सकते हैं फिर अपनी कमी खोज कर उसे दूर कर सकते हैं..

एक बार बच्चों में शौक हो जाए फिर रामायण, महाभारत, पंच तंत्र की, जातक कथा परी की जादू की आप सुना सकते हैं और अच्छा तो यही रहेगा कि आप खुद बनाए कहानी.. और फिर बच्चों को भी बनाने दें…

Benefits Of Storytelling For Kids  बहुत Benefits होते हैं बच्चों को कहानी सुनाने के.. क्या हैं वो मैं आपको अगली वीडियो में बताऊंगी..

तब तक अब आप कहानी सुनाईए और फिर बतईएगा कि कैसा अनुभव रहा…

 Storytelling Tips – बच्चों को कहानी कैसे सुनाएं – The Art of Storytelling – Monica Gupta 

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