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Dont Fear- Motivation Article
अच्छी motivational बातें ज़रुर पढ़नी चाहिए और हो सके तो उन्हें शेयर भी करना चाहिए ताकि दूसरे लोगो को भी बल मिले… अक्सर भूकम्प का नाम सुनते ही हाथ पैर फूल जाते हैं और मन किसी अनिष्ट आशंका से कांप जाता है पर आज कुछ ऐसा पढ़ा जिससे कुछ हिम्मत मिली और लगा कि घबराने से कुछ नहीं होता संयम रखना चाहिए…
खबर हमारे देश की नहीं बल्कि न्यूजीलैंड की है.. कल वहां की जेसिंडा आर्डर्न सोमवार को राजधानी वेलिंगटन में टीवी पर लाइव इंटरव्यू दे रही थीं। इसी दौरान भूकंप आ गया। वह कुछ देर के लिए रुकीं तो जरूर, लेकिन उन्होंने अपना इंटरव्यू शांतिपूर्वक जारी रखा।
जिस समय भूकंप आया उन्होने चारों तरफ देखा और होस्ट को बोला हम एक भूकंप का सामना कर रहे हैं। यहां चीजें हिल रही हैं…अगर तुम देखो तो मेरे पीछे की चीजें भी हिल रही हैं, पार्लियामेंट बिल्डिंग थोड़ी ज्यादा हिल रही है’’https://www.bhaskar.com/international/news/prime-minister-jesinda-ardern-was-giving-live-interviews-during-which-the-earthquake-occurred-now-the-video-is-going-viral-127338466.html
इस दौरान कैमरा और दूसरी चीजें भी हिलने लगती हैं। इसके बाद उन्होंने अपने होस्ट को आश्वासन दिया कि वह सुरक्षित हैं और फिर से इंटरव्यू शुरू हुआ। बात सिर्फ यही खत्म नहीं हुई जब मैंने सर्च किया तो पाया कि इस देश ने कोरोना से लड़ाई भी जीत ली है…
बेशक, इस देश की जनसंख्या बहुत कम है पर प्रधान मंत्री ने अपने देश की स्थिति को बहुत अच्छे से सम्भाला… ये बात काबिले तारीफ है..
Coronavirus – Mann Mein Hai Vishwaas
कोरोना वायरस – मन में है विश्वास – आज, कोरोना काल में, पूरे देश में, भारतीय सेना ने अलग तरीकों से कोरोना वॉरियर्स का सम्मान कर रही है.. कहीं हमारी वायु सेना विमानों से जीवन रक्षकों पर पुष्प वर्षा कर रही है.. तो कहीं सेना का बैंड मनोबल बढ़ाने वाली धुनें छेड़ कर और सभी का उत्साह बढ़ा रहे हैं…
ये देख कर यकीनन आप सब की आँखें भी नम हो गई होगी यकीनन आपको भी गर्व हो रहा होगा भारतीय होने पर…. इन दिनों कुछ ऐसा लग रहा है ये देश नहीं बल्कि एक परिवार है… और परिवार के अलग अलग सदस्य परिवार को बचाने के लिए, उनका मनोबल मजबूत बना रहे उसके लिए अपने अपने तरीके से जतन कर रहे हैं…
इन सब की शुरुआत हुई जनता कर्फ्यू से और फिर ताली बजाना और फिर दीया जलाना क्या क्या नहीं किया हमने परिवार की सुरक्षा के लिए और आज इसी का ही सुखद परिणाम है कि हम अन्य देशों की तुलना में बहुत बहुत और बहुत ज्यादा बेहतर है…
वैसे अगर मन में विश्वास हो, सोच पॉजिटिव तो हम बहुत कुछ हासिल कर लेते हैं…
आज मेरा भी मन है अपना एक अनुभव आपसे शेयर करने का…
बात तब की है जब जनता कर्फ्यू लगा और जिस तरह से देश की जनता ने, कोरोना की गम्भीरता को समझते हुए सरकार का, प्रशासन पूरा सहयोग किया और उसे सफल बनाया फिर शुरु हुआ लॉक डाऊन तीन सप्ताह का… #StayHome…. जब मोदी जी द्वारा टीवी पर बताया गया कि तीन सप्ताह का लॉक डाऊन रहेगा.. मेरी बात उसी दिन की है…
यकीनन दिल की धड़कन तेज हो गई.. मन में एक चिंता एक घबराहट सी बैठ गई कि क्या होगा.. कैसे होगा?? क्योंकि एक तो हमारे देश की जनसंख्या बहुत ज्यादा है और ऊपर से हमें हमारे देश के अस्पतालों की नाजुक हालत भी पता है…
मैं अपने मन को थोड़ा मजबूत कर रही थी कि कोई ना सब ठीक हो जाएगा तू चिंता मत कर.. वही जब मेरे पति ने देखा कि मैं बहुत ही ज्यादा परेशान हूं तो उन्होनें भी समझाया कि चिंता मत करो सरकार ने ये जो कदम उठाया है ना अब देखना सब ठीक हो जाएगा.. जब कोई बाहर निकलेगा ही नहीं तो होगा भी कुछ नहीं.. इसी सोच विचार के मैं रसोई में आ गई खाना बनाने…
बेल तो मैं रोटी रही थी पर मन में कोरोना कोरोना ही चल रहा था.. बेलते बेलते अचानक मन में क्या बात आई कि ये रोटी अगर बनाते वक्त पूरी फूल गई तो सब ठीक हो जाएगा.. और कोई चिंता वाली बात नहीं होगी… और तवे से रोटी उतार कर मैं उसे गैस पर सेकने लगी.. मैं आपको ये बता दूं कि मेरी बनाई रोटी अक्सर पूरी गोल फूल जाए ऐसा बहुत ही कम यानि बहुत ही कम होता है… फिर भी बस मन में सोच की देखते हैं क्या होता है और देखते ही देखते रोटी पूरी तरफ से फूल गई… मैं खुशी खुशी दूसरे कमरे में इनको बताने भागी कि सब ठीक हो जाएगा… रोटी फूल गई… मन में एक विश्वास सा आ गया था…
अच्छा बात यही खत्म नहीं हुई… तभी दिल्ली घर से मेरी मम्मी और भईया का फोन आया और विषय यही था कोरोना वायरस का .. मैंने खुशी खुशी सारी बात बताई कि अभी ऐसा हुआ और मुझे पूरा विश्वास है कि बहुत जल्द सब ठीक हो जाएगा… और जब ये सब ठीक हो जाएगा मैं गाय के लिए 21 दिन तक हर रोज रोटी बना कर रखूंगी..
तो इस पर भईया ने क्या कहा पता है… उन्होनें बोला मोना…. तो तू शुरु कर दे आज से ही बनाना.. मेरे विश्वास पर मानों उन्होनें मोहर लगा दी थी और वो सबसे पहली रोटी मैंने निकाली गऊ माता के नाम और तब से अभी तक तो हर रोज रोटी बना ही रही हूं…
और सिर्फ मैं ही नहीं मेरा पूरा परिवार भी इस बारे में सचेत है कि कोई दिन रह ना जाए.. यानि मैं भूल न जाऊ तो पति भी बीच बीच में पूछते रहते हैं गाय की रोटी तो बना ली है ना…
ये है विश्वास… बेशक, आप इस बात को सुन कर हंसे भी कि ये क्या बात हुई पर बात विश्वास की है और ये कहीं से भी और कैसे भी पनप सकता है… हैं ना !!
आज, जब भी मैं देश के सकारात्मक नतीजे देखती हूं तो बहुत बार हाथ खुद ब खुद जुड़ जाते हैं और मन लाख धन्यवाद देने लगता है भगवान का और आँखें नम हो जाती हैं… आप विश्वास नहीं करेंगे एक दिन सुबह सुबह 3 बजे मेरी नींद खुल गई और मैं बाहर आ गई और आसमान की ओर देख कर भगवान जी से मन ही मन प्रार्थना करने लगी कि हे भगवान हमारे देश की रक्षा करना.. उसका ख्याल रखना…
और ये मेरी इस रोटी की वजह से ही नहीं पर रोटी के साथ साथ सभी देश वासियों की सच्चे दिल से की गई दुआ या प्रार्थना और विश्वास का ही असर है कि आज हम अन्य देशों की तुलना में बहुत बेहतर हैं..
बेशक, ये लड़ाई लम्बी है पर बहुत जल्द हम इस पर काबू पा लेंगे… क्योंकि आज पूरा देश एक परिवार है और जिससे जो भी बन रहा है वो सहयोग कर रहा है..
कोई घर में रह कर, तो कोई पैसा दान करके, कोई ग़रीबों के लिए खाना बना कर, कोई मास्क बना कर, कोई उपचार करके तो कोई ज़रुरी दुकानें खोल कर और कोई इस बात से लोगो को जागरुक कर रहा है कि लोगों से कोई चूक न हो जाए.. वो अपने कर्तव्य का पालन सही से करें… मैं भी इस समय में ज्यादा से ज्यादा ऐसी वीडियो पोस्ट कर रही हूं कि हम घबराएं नहीं डट कर सामना करें…
और हां, जैसे परिवार में कुछ लोग थोडे जिद्दी टाईप के भी होते हैं तो बात नहीं सुनते कहना नही मानते … ऐसे लोग भी हैं जिसकी वजह से बहुत सारी परेशानी और दिक्कतें आई और अभी भी आ रही हैं… पर चलो कोई ना उन पर भी काबू पा लिया जाएगा… ये सब भी ठीक हो जाएंगी…
https://www.youtube.com/playlist?list=PLNHDwUHKA9segt5K6pjQRWN0cVbtoT1Zv
इस बात का पूरा विश्वास है.. बेशक जिस दौर से हम गुजर रहें हैं बहुत जरुरत है सकारात्मक खबरों की, सकारात्मक अनुभवों की ताकि इस दौर का सामना हम सहजता से कर पाएं.. और इस दिशा में जो भी देशवासी प्रयास कर रहा है… उसे मेरा सादर नमन है…
मुश्किलों को हराते हैं… चलो… थोड़ा सा मुस्कुराते हैं…
आप देखना…. हम होंगे कामयाब बहुत जल्द…. मुझे गर्व है अपने देश पर और देशवासियों पर।
शुक्रिया प्रधानमंत्री जी। आप परिवार के एक मुखिया की तरह हमारे पथ प्रदर्शक हैं।
समाज के लिए लड़ो….
लड़ नहीं सकते तो लिखो….
लिख नहीं सकते तो बोलो….
बोल नहीं सकते तो साथ दीजिए….
साथ भी नहीं दे सकते तो जो लिख, बोल और लड़ रहें हैं उनको सहयोग दीजिए…. ये भी न कर सको तो कम से कम उनका मनोबल तो नही गिराईए क्योंकि वो आपके हिस्से की भी लड़ाई लड़ रहे हैं…
शाखों से टूट जाएं वो पत्ते नही है हम….. आंधियों से कह दो कि वो अपनी औकात में रहें….
कोरोना पर कुछ बातें…
कुछ सीखा कर ये दौर भी गुजर जाएगा।
फिर एक बार हर इंसान मुस्कुराएगा।
मायूस न होना इस आज के इस बुरे वक्त से।
ये जो आज है बहुत जल्द कल हो जाएगा।
शाखें रही तो पत्ते भी आएँगे,
ये दिन अगर बुरे है, तो अच्छे भी आएँगे…. हैं ना !!
घर रहिए सुरक्षित रहिए…🙏🙂
आप जैसे हैं जहां हैं खुश रहिए…आपसे मिलना ज़रुरी नही आपका ” होना ” ज़रुरी है… #StayHome
एक समय था जब बाजार तब बंद होता था जब कोई गुज़र जाता था और आज बाजार इसलिए बंद है कि कोई गुज़र ना जाए..अपना ख्याल रखिए.. सरकार तो पूरी तरह से एक्टिव है उसका साथ दीजिए.. घर पर ही रहिए.
बड़े दौर गुज़रे हैं जिंदगी के…. यह दौर भी गुज़र जायेगा….थाम लो अपने पाँव को घरों में….. कोरोना भी थम जाएगा..
कोरोना वायरस बहुत स्वाभिमानी है। जब तक आप उसे लाने घर से बाहर नही निक लेंगे वो नही आएगा तो क्या सोचा? घर पर ही रहेंगे या उसे लाने बाहर????
Stop Talking Too Much – ज्यादा बोलने के नुकसान – Jyada Bolne Ke Nuksan – Monica Gupta
Stop Talking Too Much – ज्यादा बोलने के नुकसान – Jyada Bolne Ke Nuksan – Monica Gupta
जिस तरह से खाने के लिए दुनिया भर की चीजें होते हुए भी, उपवास शरीर के लिए सबसे बेहतर है ठीक उसी तरह शब्दकोश में असंख्य शब्द होते हुए भी, मौन रहना सब से बेहतर है। ज्यादा बोलने के नुकसान – मौन रहना एक साधना है, और सोच समझ कर बोलना एक कला….
I am Proud to be an Indian – मेरा भारत महान
हमारा देश विभिन्नताओं में एकता का प्रतीक माना जाता रहा है.. बचपन से ना सिर्फ इसे पढ़ा है बल्कि देखा और महसूस भी किया है पर ना जाने किस की नजर लग गई हमारे देश को…
जहां देखो, जो भी न्यूज़ चैनल देखो, अखबार देखो, मज़हबी झगडो की भरमार हो रखी है…
आज एक खबर ने और ज्यादा हैरान कर दिया कि जोमैटो के एक ग्राहक ने उसके डिलिवरी बॉय से सिर्फ इसलिए खाना नहीं लिया था क्योंकि वह मुस्लिम था. ग्राहक का तर्क था कि अभी सावन हैं इसलिए वह मुस्लिम डिलिवरी बॉय से खाना रिसीव नहीं करेंगे. क्या होता कि अगर कोई हिंदु उन्हें खाना देता पर वो खाना बनाया किसी मुसलमान ने होता… तो ??? है कोई जवाब??
https://aajtak.intoday.in/story/zomato-case-political-leader-comments-muslim-rider-twitter-1-1106543.html
ये हो क्या रहा है.. ?? ऐसी छोटी छोटी खबरें एक दिन कोई जोर का झटका ही ना दे दें… तो बजाय हर समय न्यूज चैनल का मुंह ताकने के की वो कुछ करें… कदम हमें भी उठाना होगा…
हम सब एक हैं और एक ही रहेंगें… हम अपने सोशल मीडिया पर या अपने आसपास तो माहौल परस्पर प्रेम का ही रखें…
15 अगस्त भी आने वाली है अगर देश का गुणगान दिल खोल कर करना है तो एकता से रहिए मिलजुल कर रहिए.. इधर उधर नहीं देखिए.. शुरुआत खुद से कीजिए… अन्यथा…….
How to Make Your Family Happy
How to Make Your Family Happy – परिवार को खुश कैसे रखें
जैसे अलग अलग वार दिनों को जोड कर रखते है सोम वार, मंगल वार बुद्द वार ऐसे ही होता है और फिर बनता है एक महीना… ठीक वैसे ही एक और वार होता है और वो होता है परिवार… परिवार जो अलग अलग सदस्य को जोड कर रखता है.. कोई बच्चा हो बड़ा हो युवा हो बुजुर्ग हो.. हर सदस्य का अहम रोल होता है… हर किसी का contribution होता है कोई भी हो वो एक परिवार बन जाता है…
परिवार हर किसी मनुष्य के जीवन में परिवार बहुत महत्व रखता है। परिवार के बिना जैसे ये जीवन अधूरा सा होता है।
अब प्रश्न ये उठता है कि परिवार को खुश कैसे रखें… एक अच्छी बात ये भी हुई कि कुछ कमेंट इस बारे में भी आए कि आप बताईए कि कैसे खुश रखें.. तो आज इसी बारे में बता रही हूं कि परिवार को खुश कैसे रखें…
1.सबसे पहले तो जो कप्लस हैं उन्हें अपने रिश्ते को अहमियत देनी चाहिए… अक्सर पति पत्नी अपने रिश्ते को अहमियत देने की बजाय बच्चों को देते हैं जबकि अगर अपने रिश्ते को अहमियत देंगे एक दूसरे का ख्याल रखेंगें केयर करेंगें तो परिवार के दूसरे सदस्य भी उनसे सीख लेंगे
2.एक साथ समय बिताना चाहिए वो अपने उपर है क्या और कितना समय देना है पर देना है… बात करनी है उनका जिस चीज में इटर्स्ट है खुद भी उसमे इंटरस्ट लेना है..
फिर जैसे पेरेंटस हैं वो अपने पेरेंटस के बारे में बाते बताए, कुछ उदाहरण दे या फमली फोटो दिखाए या अगर ग्रेड पेरेंटस साथ रहते हैं तो मिल कर बात करें वो अपने अनुभव शेयर करें इससे परिवार की बॉंडिंग ही बडती है..
3.जब किसी को जरुरत हो हमेशा साथ खडे हों… कंसर्न हों.. बेशक काम अलग अलग हो, नौकरी अलग हो पर हमेशा किसी बात की जरुरत है या कोई प्रोब्लम है तो साथ खडे हों…
अपना प्यार जताए ये नहीं कि बस दिल ही दिल में रखा उसे समय समय पर जताते भी रहें कि मैं आपकी केयर करता हूं आपका ख्याल है मुझे.. जैसे मान लीजिए बच्चे हैं बच्चे डरे नहीं खुल कर बात करें हां पर अपने परिवार की कुछ बाऊंड्ड्री भी बना लेनी चाहिए… पर इतना जरुर हो कि आपस में कोई चोरी ना हो.. खुल कर बात करे शेयर करें.. समय समय पर सर्प्राईज भी दें…
4.जब बातचीत करें तो पॉजिटिव रहें ये नहीं कि बुराई करें, किसी का मजाक उडाए…
अच्छा कई बार बातचीत नहीं हो पाती तो भी वटस अप पर हैलो हाय क्या हाल है… लिख दिया हाल चाल पूछ लिया.. इसी बहाने जुडे रहते हैं…
5.फिर हर घर के कुछ रीति रिवाज होते है जो रिश्ते को और मजबूत करते हैं क्योंकि वो मिल कर किए जाते हैं तो इससे प्यार बढता हैया जन्मदिन है, शादी की सालगिरह है…
6.अच्छा फिर परिवार के साथ साथ अपनी रिश्तेदारी में भी सम्बंध मजबूत होने चाहिए… चाचा हैं, ताऊ जी हैं, मामा हैं मौसी हैं जैसे cousin niece nephew, सभी… जैसे मान लीजिए आठ दस भाई बहनों का एक बड़ा परिवार है सब अलग अलग रहते हैं पर जब कोई त्योहार हो सब मिलकर मनाते हैं…
7जैसे हमारी कोर वेल्यूज होती हैं हमारे कुछ प्रिंसीपल कुछ रुल्स होते हैं वैसे ही परिवार के भी होने चाहिए… और सभी उसको फॉलो भी करें.. जैसे अरे फलां परिवार तो बहुत ईमानदार है.. उनकी ईमानदारी की तो पूरा समाज उदाहरण देता है या पढा लिखा सभ्य परिवार है… धार्मिक लोग हैं..
तो कुल मिला कर घर के हर सदस्य से मिलकर परिवार बनता है तो हर सदस्य को बराबर से ट्रीट करना है ये नहीं कि लड़का है लडकी है बड़ा है छोटा है सब एक हैं और सभी का ओपीनियन मैटर करता है…
परिवार एक पेड़ जैसा होता है जिसकी छाया में हम बैठ कर बतिया भी सकते हैं और चैन की सांस ले सकते हैं
एक बार एक आदमी अगूंर खरीदने गया.. दो तरह के थे गुच्छे में और अलग-अलग टूटे हुए अंगूरों के दाने पडे थे खुले.. तो आदमी ने रेट पूछे तो दुकानदार बोला कि जो गुछे में हैं वो 100 रुप्ये और खुले 50 रुप्ये तो आदमी ने पूछा कि क्या फर्क है एक जैसे ही तो हैं तो आदमी बोला “साहब, हैं तो ये भी बहुत बढीया..!! लेकिन …..अपने गुच्छे से टूट गए हैं ।” मैं समझ गया कि अपने संगठन, समाज और परिवार से अलग होने पर हमारी कीमत………. यानि हमारी ताकत आधी रह जाती है सीधा सीधा एकता में बल है बात लागू हो जाती है…
रोटी कमाना बडी बात नहीं पर रोटी परिवार के साथ मिल कर खाना बडी बात है..
पत्थर तब तक सलामत है जब तक पहाड़ से जुडा है पत्ता सभी तक सलामत है जब तक पेड़ से जुडा है और इंसान तब तक सलामत है जब तक परिवार से जुडा है.. बेशक अलग होकर आजादी तो मिल जाती है पर ताकत चली जाती है जिसकी हमें बहुत ज्यादा जरुरत रहती है..
Things Not to Do before Bed – सोने से पहले ना करे ये काम – What Not to Do before Bed – Monica Gupta
सारा दिन भी भागमभाग के बाद मन करता है कि रात को चैन की नींद आ जाए बस ताकि सारी थकावट उतर जाए पर हमारी ही कुछ गलतियां ऐसी हो जाती हैं जिससे नींद ही नहीं आती.. तो किन बातों को ना करें सोने से पहले…
ख्वाहिशों से नहीं गिरते हैं, फूल
वक्त की शाख को हिलाना होगा
कुछ नहीं होगा अँधेरे को बुरा कहने से,
अपने हिस्से का दीया खुद ही जलाना होगा….
Why Children Lose Interest in Studies – बच्चे का पढ़ाई में मन नहीं लगता
क्यों नहीं लगता बच्चों का पढ़ाई में मन
क्यों नहीं लगता बच्चे का पढ़ाई में मन – आमतौर पर हम parents बच्चों के बारे में ये तो जल्दी से बोल देते हैं कि बच्चा पढ़ता नही, ध्यान नही देता….. पर कभी वजह जानने की कोशिश की है ??
हम पेरेंट्स बोल तो बहुत जल्दी देते हैं कि बच्चा पढ़ता नही, मन नहीं लगता, बहाने बनाने लगता है, पढ़ने के नाम पर एक्टिंग करता है पर असली वजह क्या है ये जानने की कोशिश नहीं करते तो आज मैं 7 बातें बता रही हूं कि बच्चे का मन किस लिए नहीं लगता
1 सबसे पहले तो बच्चे में awareness ही नहीं है studying के प्रति… उन्हें उसकी importance ही नहीं पता थी… कि पढाई कितनी जरुरी है और जब उसकी importance ही पता नहीं होगी तो सोचने वाली बात है कि interest create कैसे होगा…
2. पढाई का तरीका Difficult Syllabus बहुत Difficult लगता है और स्कूल में बस पढाने पर ही जोर दिया जाता है समझाने पर नहीं.. एक साथ हर सबजेक्ट का बहुत प्रेशर रहता है और जल्दी जल्दी होने वाली assessment.. याद तो होता नहीं उपर से exam इससे मन में बहुत तनाव भर देते हैं और वो अप्ढने से कतराने लगते हैं
वही कई बार स्कूल में कुछ टीचर का बहुत स्टिक्ट होना भी इसका कारण बनता है और उनके मन में टीचर के प्रति डर बैठ जाता है और वो पढने में ध्यान नहीं लगा पाए..
3.पेरेंटस की उम्मीदे बहुत ज्यादा उम्मीद लगा लेते हैं कि सारी सुख सुविधाए दे रखी हैं, महंगे स्कूल में डाला है, कार और ड्राईवर अलग से दिया हुआ है.. टयूशन अच्छे से अच्छी रखवाई हुई है अब फर्स्ट आना है.. उससे बच्चों के मन में डर बैठ जाता है कि नहीं आए फर्स्ट तो क्या होगा…
4.घर का माहौल भी वजह हो सकता है जैसाकि घर पर पेरेंटस का आपसी झगडा, आस पडोस का शोर शराबा, या फिर पढाई करते समय टीवी का चलना या दूसरा बच्चा वीडियो गेन खेल रहा है या बाहर खेल रहा है तो उसका भी मन है खेलने का… यानि माहौल ऐसा बन जाता है कि बच्चा ध्यान नहीं लगा पाता.. जैसे कि बच्चे का कम एग्जाम है और आज किसी शादी में जाना है या घर पर किसी का डिनर है… कैसे होगी पढाई
5. फिर इसमे एक वजह बच्चे की हैल्थ भी बनती है physical हो या mental… जैसे बच्चे के पेट दर्द या सिर दर्द रहता है जिस वजह से वो पढ नहीं पाता.. जब शरीर ही हैल्दी नहीं रहेगा तो कैसे पढाई में ध्यान लगा पाएगा.. या फिर कई बार कोई मानसिक तनाव भी होता है जैसाकि कोई बच्चे उसे बहुत छेडते हैं तंग करते हैं स्कूल में या घर के आसपास के.. उसकी वजह से वो तनाव में आ जाता है तो ऐसे में कैसे ध्यान लगा पाएगा..
6.फिर एक बात ये भी है कि बच्चा अगर कुछ अच्छा करता है तो उसे शाबाशी नहीं देते.. या कोई ईनम की बच्चे का पढाई में मन लगे जैसा कि अगर आप इसे लर्न कर लोगे तो आपको ये एमन मिलेगा… या अगर एग्जाम में इतने मार्क्स आएगें तो हम हिल स्टेशन पर घूमने जाएगें.. मतलब कहीं से मोटिवेशन नहीं मिलती बच्चे को…
7. पेरेंटस की भूमिका उनका रोल… ये जितने भी पोईंटस बताए इसमें पेरेंटस का अहम रोल है.. अगर वो चाहें तो इन सारी प्रोब्लम्स को दूर करके बच्चे में इंट्स्ट क्रिएट कर सकते हैं…
How to Get Someone to Like You – किसी को अपना कैसे बनाये – Kisi Ko Apna Kaise Banaye
किसी को अपना कैसे बनाएं – अच्छे लोगों का मिलना हमारी किस्मत है और उन्हें सम्भाल कर रखना हमारा हुनर है.. अब प्रश्न ये है कि उन्हें अपना कैसे बनाएं… आज इसी बारे में मैं बता रही हूं 7 बातें..
How to Get Someone to Like You – किसी को अपना कैसे बनाये – Kisi Ko Apna Kaise Banaye
न किस्सों में, ना किश्तों में, जिंदगी का मजा है सच्चे रिश्तों में…
दुनिया में हर किस्म के लोग हैं अच्छे भी बुरे भी.. बुरे से तो हम निबटना जानते हैं पर कई बार ये समझ नहीं आता कि अच्छे लोगों को कैसे अपना बनाए… वो अच्छा कोई भी हो सकता है बड़ा , छोटा, परिवार का, दोस्त, जानकार या unknown भी अपना कैसे बनाए… तो आज इसी बारे में मैं बता रही हूं 7 बातें..
1.हमें खुद पर ध्यान देना है अपनी looks और appearance पर वो कहते भी है ना First impression is last impression.. तो जब भी मिले साफ सुथरे कपडे पहने हो, बाल सही से बने हो, स्वच्छता का ख्याल रखा हो… appearance का ये मतलब नहीं कि महंगे कपडे , महंगा इत्र या मेकअप कर रखा हो… हम देखने में अच्छे लगे…
2 behave good हमारा बर्ताव बहुत अच्छा हो.. हमारी बॉडी लेग्वेज . स्माईल, आई कोंटेक्ट, बहुत अच्छा हो और जब भी मिले गर्म जोशी के साथ आत्मविश्वास के साथ मिले.. अरे मैं अभी तुम्हें ही याद कर रहा था… या जब भी आप मिलते हो बहुत ही अच्छा लगता है..
3 ऐसा कोई काम करे कि सामने वाले को याद रहे… जैसे मान लीजिए मैं अपनी सहेली के साथ मार्किट जा रही हूं और सामने से एक बच्चा भागा भागा आया और वो गिर गया.. मैं एकदम से भाग कर उसके पास गई और उसे उठाया उसे पूछा कि कहीं लगी तो नहीं… अब ये बात मेरी सहेली को याद रहेगी कि उसने ऐसा किया था… इस तरह की बात मन में रह जाती है कि देखो उसने ऐसा किया था..
यानि कुछ अच्छा काम… पर इसमे रहना है genuine कोई दिखावा नहीं होना चाहिए जैसे मैं बोलती हूं अरे वो मंत्री मैं तो उन्हें बहुत अच्छे से जानती हूं और जब मेरी सहेली को कुछ काम पडा और उसने मुझसे पूछा तो मैं चुप… उससे क्या हुआ… ये बात नेगेटिव हो जाएगी…
4 हमें सामने वाले के बारे में जानने की कोशिश करनी चाहिए कि उसे क्या पसंद है क्या नहीं पसंद है, उसके शौक क्या क्या है आदत क्या है
और जो उसका शौक है उसमे हमे भी अपना interest दिखाना है… पर फिर वही बात कि genuine रहना है ज्यादा इम्प्रेस करने या दिखावे के चक्कर मे ये नहीं बोलना ये तो मुझे भी पसंद है… जैसे मान लिजिए उसे गिटार बजाना पसंद है अरे ये तो मुझे भी पसंद है जबकि मुझे बिल्कुल नहीं आता तो मुझे उसके शौक को एप्रीशिएट करना चाहिए और उससे जानकारी लेनी चाहिए कि ये कैसे बजता है.. तुमने कैसे और कब सीखा…
उनके जो दोस्त है उनसे भी मिलकर रहना चाहिए ये नहीं कि अरे ये किस लिए आ गया…
और अगर कोई ऐसे इटर्स्ट है जो कॉमन है तो मिल कर करने चाहिए
5 परफेक्ट कोई नहीं होता.. कमी उनसे भी कोई न कोई जरुर होगी पर उसे नजर अंदाज करे और जो खूबियां हैं प्लस पोईंटस है पॉजिटिव बाते करनी हैं उनके प्रति ईमानदार रहना है उस पर ध्यान दीजिए और खूब रिस्पेक्ट से आराम से बात करनी है
6 जब भी उन्हें जरुरत हो हमेशा तैयार रहें…. फिजिकली, मैंटली. इमोशनली… concerend रहें… चाहे अच्छा समय हो या बुरा हमेशा साथ रहे… पर ये भी ना हो कि हर समय ही साथ रहे.. कुछ स्पेस उसे भी दीजिए… हर समय चिपके रहना अभी सही नहीं..
7 विश्वास बनाए रखे… अगर वो कोई अपनी बहुत पर्सनल या सीक्रेट बात शेयर करता है तो वो सीक्रेट ही रखिए… और अगर हम खुद भी अपनी कोई बात शेयर करे तो उसे भी अच्छा लगेगा कि ये मैं बस तुमसे ही शेयर कर रही हूं.. इससे दोस्ती और मजबूत होती है…
न किस्सों में, ना किश्तों में, जिंदगी का मजा है सच्चे रिश्तों में.
How to Get Someone to Like You – किसी को अपना कैसे बनाये – Kisi Ko Apna Kaise Banaye
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Think Before You Speak – सोच समझ के बोलना चाहिए –
अगर मौन रहना एक साधना है तो सोच समझ कर बोलना एक कला… इसलिए जब भी बोलिए वक़्त पर बोलिए, मुद्दतों सोचिए, मुक्तसर बोलिए –
हमें हमेशा सोच समझकर बोलना चाहिए। बिना सोचे समझे बोली गई बात ना सिर्फ सामने वाले को बुरी लग सकती है बल्कि हमारी भी इमेज खराब हो सकती है… बहुत बार होता है कि हम अपने अहम में ego में होते हैं और बिना सोचे समझे कुछ भी बोल जाते हैं पर इस बात का ध्यान रखना चाहिए…
देखिए आखों से निकले आंसू वापिस जा सकते हैं क्या ?? या कमान से निकला तीर वापस आ सकता है क्या ?? नहीं आता बस उसी तरह हमारी बात है बाद में पछताते रहने से अच्छा है कि पहले ही सोच समझ कर बोला जाए..
चलिए मैं अपनी बात को और क्लीयर करने के लिए एक प्रसंग सुनाती हूं… एक बहुत खूबसूरत लेडी प्लेन के अंदर एंटर हुई और एयर होस्टेस से सीट की लोकेशन पूछने लगी…
प्लेन में बहुत सारे लोग थे और सबका ध्यान उसी की तरफ चला गया… वाह कि कितनी खूबसूरत है… पता नहीं इसका क्या सीट नम्बर होगा.. काश हमारे पास वाला हो… तभी एयर होस्टेस ने इशारा किया और वो अपनी सीट की और चल दी…
जब अपनी सीट पर पहुंची तो देखा कि उसके साथ वाली सीट पर एक नौजवान बैठा था। अपनी सीट पर बैठते हुए लेडी ने देखा कि उस नौजवान के दोनों हाथ नहीं है। ये देखकर उसे को अच्छा नहीं लगा… गंदा सा मुंह बनाया… उस नौजवान ने उसे स्माईल दी पर उसने कोई जवाब नहीं दिया…
मन ही मन सोचने लगी कि मैं ऐसे किसी व्यक्ति के साथ कैसे बैठ सकती हूं, जिसके दोनों हाथ न हो। ये सोचकर वो दुबारा एयर होस्टेस के पास गई और बोली कि- क्या मुझे कोई दूसरी सीट मिल सकती है? एयर होस्टेस ने पूछा कि क्या हुआ मेम ?? सब ठीक तो है ना… तब उस लेडी ने बताया कि उसके साथ वाली सीट पर जो बैठा है उसके हाथ ही नहीं है..
मैं नहीं बैठ सकती उसके साथ… ये सुनकर एयर होस्टेस को समझ आ गया कि इस महिला की सोच बहुत ही छोटी है। उसने बहुत अदब से कहा कि मैं देखती हूं मेम आप प्लीज एक बार अपनी सीट पर बैठ जाईए..
थोड़ी देर बाद जब एयर होस्टेस आई तो उसने महिला से कहा कि- मैडम सॉरी ई कोनोमी economy क्लास में कोई भी सीट खाली नहीं है, पर मैं एक बार अपने क्रू मेंबर्स से बात करके देखती हूं और वो चली गई… थोडी देर बाद जब एयर होस्टेस आई तो इस लेडी से बोली कि – मैम, क्रू मेंबर्स ने मिलकर आज एक डिसीजन लिया है और ये डिसीजन आजतक कभी नहीं लिया गया.. पहली बार हो रहा है…
आज हम अपने पैसेंजर को यहां से बिजनेस क्लास की सीट पर शिफ्ट करने वाले हैं। ये सुनकर वो लेडी खुश हो गई और जैसे ही उठने को हुई । एयर होस्टेस ने उन नौजवान की तरफ देखते हुए कहा सर, हम आपकी सीट यहां से बिजनेस क्लास में शिफ्ट कर रहे हैं, क्योंकि हम नहीं चाहते कि आप एक संकीर्ण सोच narrow minded lady के साथ बैठकर यात्रा करें। वो नौजवान अपनी सीट से खडे हो गए…और उस लेडी की तरफ देखते हुए बोले… मैं पहले फौज में था, एक लड़ाई के दौरान मुझे मेरे दोनो हाथ गवाने पडे।
जब आपने एयर होस्टेस से कहा कि मेरे दोनो हाथ नहीं है इसलिए आप यहां बैठना नहीं चहती तो मुझे बहुत दुख हुआ लेकिन आपके क्रू मेंबर्स के विचार जानकर मुझे अच्छा लगा कि चलो कोई तो वेल्यू करता है/
प्लेन में बैठे अन्य पैसेंजर्स जो अब तक पूरी बात समझ झुके थे। उन्होने खडे होकर सेल्यूट करके फैजी क स्वागत किया और फौजी नौजवान और क्रू मेंबर्स के लिए तालियां बजाईं। और अब सबकी उस खूबसूरत लेडी के बारे में राय बदल चुकी थी… और वो पछ्ता रही थी कि मैंने ऐसा क्यू बोला… काश चुप रह जाती…
अब वो ये सोच रही थी कि काश ये सपना हो.. पर ये नहीं था… पर अब कुछ नई हो सकता था क्योंकि तीर कमान से निकल चुका था… और अब वो किसी को सुंदर नहीं लग रही थी… वो सुंदर महिला बहुत शर्मिंदा हुई और चुपचाप जाकर अपनी सीट पर बैठ गई।तो हमें सारी बात आंकलन करके बहुत सोच समझ कर ही बोलना चाहिए… मौन रहना एक साधना है और सोच समझ कर बोलना एक कला…