अगर मौन रहना एक साधना है तो सोच समझ कर बोलना एक कला… इसलिए जब भी बोलिए वक़्त पर बोलिए, मुद्दतों सोचिए, मुक्तसर बोलिए –
हमें हमेशा सोच समझकर बोलना चाहिए। बिना सोचे समझे बोली गई बात ना सिर्फ सामने वाले को बुरी लग सकती है बल्कि हमारी भी इमेज खराब हो सकती है… बहुत बार होता है कि हम अपने अहम में ego में होते हैं और बिना सोचे समझे कुछ भी बोल जाते हैं पर इस बात का ध्यान रखना चाहिए…
देखिए आखों से निकले आंसू वापिस जा सकते हैं क्या ?? या कमान से निकला तीर वापस आ सकता है क्या ?? नहीं आता बस उसी तरह हमारी बात है बाद में पछताते रहने से अच्छा है कि पहले ही सोच समझ कर बोला जाए..
चलिए मैं अपनी बात को और क्लीयर करने के लिए एक प्रसंग सुनाती हूं… एक बहुत खूबसूरत लेडी प्लेन के अंदर एंटर हुई और एयर होस्टेस से सीट की लोकेशन पूछने लगी…
प्लेन में बहुत सारे लोग थे और सबका ध्यान उसी की तरफ चला गया… वाह कि कितनी खूबसूरत है… पता नहीं इसका क्या सीट नम्बर होगा.. काश हमारे पास वाला हो… तभी एयर होस्टेस ने इशारा किया और वो अपनी सीट की और चल दी…
जब अपनी सीट पर पहुंची तो देखा कि उसके साथ वाली सीट पर एक नौजवान बैठा था। अपनी सीट पर बैठते हुए लेडी ने देखा कि उस नौजवान के दोनों हाथ नहीं है। ये देखकर उसे को अच्छा नहीं लगा… गंदा सा मुंह बनाया… उस नौजवान ने उसे स्माईल दी पर उसने कोई जवाब नहीं दिया…
मन ही मन सोचने लगी कि मैं ऐसे किसी व्यक्ति के साथ कैसे बैठ सकती हूं, जिसके दोनों हाथ न हो। ये सोचकर वो दुबारा एयर होस्टेस के पास गई और बोली कि- क्या मुझे कोई दूसरी सीट मिल सकती है? एयर होस्टेस ने पूछा कि क्या हुआ मेम ?? सब ठीक तो है ना… तब उस लेडी ने बताया कि उसके साथ वाली सीट पर जो बैठा है उसके हाथ ही नहीं है..
मैं नहीं बैठ सकती उसके साथ… ये सुनकर एयर होस्टेस को समझ आ गया कि इस महिला की सोच बहुत ही छोटी है। उसने बहुत अदब से कहा कि मैं देखती हूं मेम आप प्लीज एक बार अपनी सीट पर बैठ जाईए..
थोड़ी देर बाद जब एयर होस्टेस आई तो उसने महिला से कहा कि- मैडम सॉरी ई कोनोमी economy क्लास में कोई भी सीट खाली नहीं है, पर मैं एक बार अपने क्रू मेंबर्स से बात करके देखती हूं और वो चली गई… थोडी देर बाद जब एयर होस्टेस आई तो इस लेडी से बोली कि – मैम, क्रू मेंबर्स ने मिलकर आज एक डिसीजन लिया है और ये डिसीजन आजतक कभी नहीं लिया गया.. पहली बार हो रहा है…
आज हम अपने पैसेंजर को यहां से बिजनेस क्लास की सीट पर शिफ्ट करने वाले हैं। ये सुनकर वो लेडी खुश हो गई और जैसे ही उठने को हुई । एयर होस्टेस ने उन नौजवान की तरफ देखते हुए कहा सर, हम आपकी सीट यहां से बिजनेस क्लास में शिफ्ट कर रहे हैं, क्योंकि हम नहीं चाहते कि आप एक संकीर्ण सोच narrow minded lady के साथ बैठकर यात्रा करें। वो नौजवान अपनी सीट से खडे हो गए…और उस लेडी की तरफ देखते हुए बोले… मैं पहले फौज में था, एक लड़ाई के दौरान मुझे मेरे दोनो हाथ गवाने पडे।
जब आपने एयर होस्टेस से कहा कि मेरे दोनो हाथ नहीं है इसलिए आप यहां बैठना नहीं चहती तो मुझे बहुत दुख हुआ लेकिन आपके क्रू मेंबर्स के विचार जानकर मुझे अच्छा लगा कि चलो कोई तो वेल्यू करता है/
प्लेन में बैठे अन्य पैसेंजर्स जो अब तक पूरी बात समझ झुके थे। उन्होने खडे होकर सेल्यूट करके फैजी क स्वागत किया और फौजी नौजवान और क्रू मेंबर्स के लिए तालियां बजाईं। और अब सबकी उस खूबसूरत लेडी के बारे में राय बदल चुकी थी… और वो पछ्ता रही थी कि मैंने ऐसा क्यू बोला… काश चुप रह जाती…
अब वो ये सोच रही थी कि काश ये सपना हो.. पर ये नहीं था… पर अब कुछ नई हो सकता था क्योंकि तीर कमान से निकल चुका था… और अब वो किसी को सुंदर नहीं लग रही थी… वो सुंदर महिला बहुत शर्मिंदा हुई और चुपचाप जाकर अपनी सीट पर बैठ गई।तो हमें सारी बात आंकलन करके बहुत सोच समझ कर ही बोलना चाहिए… मौन रहना एक साधना है और सोच समझ कर बोलना एक कला…
मनोज यादव says
बहुत बढ़िया मेम आपकी सोच से लिखी गई आर्टिकल पढ़ कर बहुत ही अच्छा लगा मै तो मंत्रमुग्ध हो गया ।