Monica Gupta

Writer, Author, Cartoonist, Social Worker, Blogger and a renowned YouTuber

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April 5, 2016 By Monica Gupta Leave a Comment

शिमला और खूंखार बंदर

Monkey

शिमला और खूंखार बंदर

जो भी शिमला जाता है उसका सामना बंदरों से तो होता ही होता है… पहाड और बंदर यकीनन पर्याय ही तो है… जहां शहरी लोगों के लिए ये बंदर  आकर्षण का केंद्र बनते हैं वही कुछ देख कर डर के मारे चिल्लाने भी लगते है… और कुछ लोग  इनके कोप के भागी भी बन जाते हैं ये मेरा अपने परिवार के साथ का पर्सनल अनुभव है. जब शिमला में बंदर ने काट लिया था.. यकीनन गुस्सा आया था  कि मारो इनको पर आज जब इनको मारने की खबर हकीकत में पढी तोयकीन मानिए  मैं सकते में आ गई…

Monkey

असल में आज मित्र की फेसबुक वॉल पर खबर पढी कि केन्द्र सरकार ने शिमला शहर में उत्पाती बंदरों को मारने की अनुमति दे दी है. अगले छह माह के लिए यह मंजूरी केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने जारी की है. इसके तहत नगर निगम शिमला के दायरे में लोग उत्पाती वानरों को मारने में सक्षम होंगे. खबर के अनुसार प्रदेश में सवा तीन लाख से भी ज्यादा बंदर हैं और हर साल 180 करोड़ का नुकसान कृषि व बागबानी को पहुंचाते हैं।

बेशक, जो भी शिमला या आसपास गए होंगें… बंदरों का निशाना जरुर बने होंगें…. हम भी निशाना बने हैं पर क्या यह सही कदम है खूंखार की उपाधि देकर इन्हें मारना कहा तक उचित है…!! 

 

Marauding monkeys to now face bullets in Shimla

Declared vermin, the marauding monkeys will be shot down in areas outside forests to check their menace.

The Ministry of Environment, Forests and Climate Change, in a communication to the Himachal Pradesh government on March 14, declared the rhesus monkey as vermin within Shimla’s municipal limits, which legally allows their elimination. read more at eenaduindia.com

हरियाणा मे भी कुछ जगह जैसाकि जींद के आसपास भी बहुत बंदर है पर कोई न कोई रास्ता इन्हें भगाने का सोचना चाहिए ..मारने का क्या मतलब . ???
पूरी तरह से असमहत…..

 

April 5, 2016 By Monica Gupta Leave a Comment

सोशल मीडिया, वायरल होती पोस्ट और लाईक, कमेंटस का बाजार

like cartoon by monica gupta

ट्रैफिक, लाईक, कमेंटस का ट्रैफिक और वायरल होता सोशल मीडिया का बाजार

E Media और मन की बात

सोशल मीडिया,वायरल होती पोस्ट और लाईक, कमेंटस का बाजार

Like  के लिए कुछ भी करेंगें.. हर रोज खबरे पढने या सुनने को मिलती रहती हैं कि सैल्फी छ्त से लेते हुए या समुंद्र के किनारे लेते या  बस की छत पर लेते हुए दुर्धटना धटी … ये किसलिए होता है अरे भई एक कमेंट एक लाईक के लिए ही ना… तो है ना E Media सोशल मीडिया का बाजार

 

 

like cartoon by monica gupta

सोशल मीडिया,वायरल होती पोस्ट और लाईक, कमेंटस का बाजार

मन की बात

Social Media की दुनिया में हमेशा वायरल होने का इंतजार रहता है मन करता है कि खूब ट्रैफिक हो … चाहे दिन हो या रात हो …  और बस लाईक और कमेंटस मिलते ही रहें मिलते ही रहें … !!  क्योकि खुदा न खस्ता अगर ये नही है  तो व्यक्ति डिपरेशन में चला जाता है और  उसका ठीक होना बहुत मुश्किल हो जाता है..

अब देखिए इस बात की खबर सभी को है तभी तो भिखारी बाबा भी

चंद पैसे के बदले ढेरों कमेंटस का, लाईक का और वायरल होने का आशीर्वाद दे रहे हैं … !!  

आज बदल गया है आशीर्वाद देने का अंदाज !!

 

April 4, 2016 By Monica Gupta Leave a Comment

स्वच्छता अभियान और शौचालयों की भूमिका

स्वच्छता अभियान और शौचालयों की भूमिका

स्वच्छता अभियान और शौचालयों की भूमिका

ग्रामीण ही नही शहरों में भी स्वच्छता की दरकार !! जरुरत है मानसिकता बदलने की !! स्वच्छता की अलख जगाने की… !! अपने देश को साफ स्वच्छ रखने की… !!

मैं और मेरी सहेली मणि बात कर ही रहे थे तभी मणि की पडोसन वहां से जा रही थी. मणि ने मुझे बताया हुआ था कि उसके पडोस में कल रिश्ते वाले बात पक्की करने आ रहे हैं. ये लोग बहुत पैसे वाले हैं बात तो पक्की समझो … जब लाखों रुपये एक फ्लैट और बडी सी कार मिल रही हो तो… मणि को देख कर उसकी पडोसन खुद आ गई.

देखने पर खुश नही लग रही थी. मणि के पूछ्ने पर उसने बताया कि अच्छा हुआ रिश्ता नही हुआ बहुत ही अकडू टाईप लोग निकले. लडके वालो के आवभगत में दस तरह की नमकीन, द्स तरह की मिठाई और सूखा मेवा की तो कोई गिनती ही नही…शानदार लंच भी दिया पर आज सुबह मना कर दिया बोले रिश्ता मंजूर नही क्योकि आपके टॉयलेट साफ नही थे..उन्हें क्या पता  80 लाख का बाथरुम बनवाया है हमने .. महंगी टाईल , शीशा, सीट और वाश बेसन और अलमारी..!!

कभी देखा ही नही होगा उन्होनें इतना महंगा बाथरुम और बात करते हैं कि साफ नही था…अजी एक क्या …!! सौ अच्छे लडके मिलेगें मेरी बिटिया को कहती हुई चली गई… मैं और मणि एक दूसरे का मुंह देखने लगे… वैसे बात सही है

स्वच्छता अभियान और शौचालयों की भूमिका

 

बेशक, घर पर एक से बढ कर एक महंगा सामान हो और बाथरुम भी लाखों का बनवाया हो पर सफाई भी रखनी बहुत जरुरी होती है. आमतौर पर जब हमारे यहां कोई मेहमान आता है तो हम बैठक, किचन, बैडरुम व अन्य कमरों की सफाई में तो जुट जाते हैं पर बाथरुम wash room पर ध्यान नही देते जबकि घर का वो भी बराबर का महत्वपूर्ण हिस्सा है और उसे भी उतनी सफाई की दरकार होती है जितनी अन्य कमरों को… क्या आप मेरी सोच से सहमत हैं या नही ???

बाथरुम  की शौचालय की  सफाई भी उतनी ही जरुरी है…..

शौचालयो को लेकर अनेक बातें, बहुत खबरे अक्सर सुर्खियों में रहती हैं.  स्वच्छता अभियान के दौरान  ये भी बात बहुत बार उठी थी कि मोबाईल से ज्यादा जरुरी है शौचालय … !!!

एक खबर के अनुसार  सरकार ने आज बताया कि वर्ष 2019 तक देश में सभी परिवारों के पास शौचालय होंगे। पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री बीरेंद्र सिंह ने बिमला कश्यप सूद के सवाल के जवाब में राज्यसभा को बताया कि दो अक्तूबर 2019 तक हिमाचल प्रदेश की सभी ग्राम पंचायतों सहित सभी राज्यों में सभी परिवारों के पास शौचालय होंगे।

इतना ही नही एक खबर के अनुसार तेलंगाना के नालगोंडा जिले में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. यहां एक 17 साल की लड़की ने आत्महत्या कर ली. कहा यह जा रहा है है कि लड़की ने इसलिए आत्महत्या कर ली, क्योंकि घर में शौचालय बनवाने के लिए वह अपने माता-पिता को तैयार नहीं कर पाई….

खबर मे बताया गया कि जूनियर कॉलेज छात्रा कदापार्थी रेखा ने सोमवार रात कथित रूप से खुद पर मिट्टी का तेल डालकर आग लगा ली। मामले की जांच कर रहे के. राजू ने बताया कि किशोरी घर में शौचालय न होने की वजह से खुले में शौच करने को विवश थी, जिससे उसे शर्मिन्दगी महसूस होती थी, और उसे नहाने के लिए भी टेंट से बने अस्थायी स्नानघर में जाना पड़ता था। रेखा के माता-पिता नागम्मा तथा सतिया खेत मजदूर हैं, और घर में शौचालय बनवाने का खर्च वहन करने की स्थिति में नहीं हैं।

कार्टून ( मोनिका ग़ुप्ता)

कार्टून ( मोनिका ग़ुप्ता)

एक अन्य खबर के म्ताबिक राष्ट्रीय स्वच्छता अभियान में हर वर्ग से जुड़े लोग अपनी हिस्सेदारी निभाने को आतुर हैं. मध्य प्रदेश के नीमच जिले की पुलिस ने तय किया है कि बंदूक के लाइसेंस और पासपोर्ट उन्हीं लोगों के बनाए जाएंगे, जिनके घरों में शौचालय होंगे.

बहुत खुशी होती है  यह सुन कर कि घर घर मे शौचालय होंगें पर उसे कितना सहेज पाएगें यह हमारी ऊपर है … इसलिए जागो जनता जागो …

वैसे स्वच्छता को लेकर आपकी क्या सोच है जरुर बताईएगा !!

जय स्वच्छता अभियान !!

April 3, 2016 By Monica Gupta Leave a Comment

May I Come In Madam?

May I Come In Madam?

 May I Come In Madam? 

आज मिर्चा सोमा राठौड   हास्य धारावाहिकों की दुनिया में अपने  अलग अंदाज और वजनदार भूमिका लिए  अपनी  अलग पहचान बना चुकी है . लापता गंज, भाभी घर पर है या May I Come In Madam ? मे अपने अभिनय से सभी को गुदगुदा रही है.

mircha2

आमतौर पर महिलाएं अपना वजन बढने से घबरा जाती है और तनाव में आ जाती है लेकिन मैं आपको एक ऐसी महिला से मिलवाती हूं जोकि अपने मोटापे को लेकर बहुत उत्साहित हैं और अपना काम भी बहुत खुशी खुशी कर रहीं हैं. अरे आप क्या सोचने लगे … चलिए मैं आपको एक हिंट देती हूं …

ए ब्लॉग जरा बता दे इनको कि मेरा नाम क्या है …. !!!

ह हा हा !! अरे वाह !! आपने तो एक दम से पहचान लिया … ये हैं प्यारी सी गोल मटोल सी अपनी बातों से अपनी अदा से सभी को रिझाती मिर्चा सोमा राठौड्… !!

सोमा जी अपने अभिनय से और खासतौर पर हाल ही मे चल रहे हास्य धारावाहिक May I Come in Madam ? में कश्मीरा की मां का किरदार बखूबी निभा रहीं है और अपने डॉयलाग … ए बाल्टी जरा पूछिए तो इनसे … जैसे डॉयलाग से दर्शकों के दिलों मे खास जगह बनाती जा रही है… !!  मिर्चा जी के पास शूटिंग से पहले थोडा समय था तो मैने फटाफट समय लिया और लगा दी झडी प्रश्नों की….

मिर्चा सोमा राठौड  सारे प्रश्नों का जवाब मुस्कुरा कर देती रहीं. उन्होने बताया कि उन के पापा इंजीनियर थे इसलिए देश के कभी किसी कोने मे तो कभी किसी ने तबादला होता रहा. पापा गुजराती मां बंगाली और दादा धनबाद से थे और उनका जन्म रायपुर में हुआ. वो दो बहने और एक भाई हैं. बचपन में भी ये बेहद शरारती और चुलबुली हुआ करती थी. स्कूल के सांस्कृतिक कार्यक्रमों मे खूब हिस्सा लिया करती थी और हीरोईन बनने का सपना लिया करती थी.

समय बीता और जब मिर्चा राठौड का परिवार मुम्बई शिफ्ट हो गया तो उन्होनें ऑडिशन देने शुरु किए.

ऑडिशन के दिनों को याद करती हुई उन्होने बताया कि वो भी एक मजेदार अनुभव था… कैदी के जैसे खडा करके नाम, उम्र, पता पूछा जाता फोटो होती. तब बहुत हंसी आती थी.

समय ने करवट ली और उन्हें अलग अलग रोल मिलने शुरु हो गए. पवित्र रिश्ता, सोनपरी, चाचा चौधरी जैसे ढेरो सीरियल है जिसमे काम किया पर असली पहचान धारावाहिक लापता गंज ने दी. लापतागंज को याद करते हुए वो हंस दी और बोली कि उसमे खूब खाने का मौका मिला क्योकि वो हलवाई की पत्नी बनी थी और खूब खाती थीं. इसके साथ साथ उन्होने बताया कि उनकी टीम बहुत अच्छी थी. उस धारावाहिक से बहुत कुछ सीखने को भी मिला, शूर्टिंग के दौरान उनके पावं मे फ्रैक्चर भी हो गया था जिसके कारण डेढ महीने बैड रेस्ट करना पडा.

Mircha Soma

आजकल दो धारावाहिक “भाभी जी घर पर हैं” और “ MaY I come in Madam?” बहुत पसंद किया जा रहा है खासकर उनका जरा पूछियों का अंदाज बहुत सराहा जा रहा है..!!!

इतने मे रिकार्डिंग का समय हो गया और वो जाने के लिए तैयार थी.

गोल मटोल, भोली भाली, प्यारी सी, मीठी सी आवाज वाली और हमेशा मुस्कुराने वाली मिर्चा सोमा को ढेर सारी शुभकामनाएं … !!!

April 3, 2016 By Monica Gupta Leave a Comment

Global Talent Search- Hidden Talent- Explore Talent

सोनिका

Global Talent Search- Hidden Talent- Explore Talent

एक पहल

कुछ देर पहले सडक पर एक बच्चा बांसुरी बजाता जा रहा था… इतनी मधुर ध्वनि थी उसकी और धुन भी बहुत अच्छी थी. बाहर निकल कर देखा तो वो गुब्बारे वाला था… कहने का मतलब यही है कि प्रतिभा हर किसी में छिपी होती है बस उसे बाहर निकालना चाहिए यानि उत्साहित करना चाहिए उसे मंच देना  ताकि उसे भी एक मौका मिल सके और उसकी प्रतिभा कही दम न तोड दे.

“दोस्त´ इसी बारे में बहुत अच्छा काम कर रही है और छिपी प्रतिभा को सामने लाने का पूरा प्रयास कर रही है

समय समय पर वो ऐसे ही प्रतिभावान बच्चों से रुबरु करवा रही है ताकि उन बच्चों को देख कर दूसरे भी सीखे और अपने भीतर छिपी खूबिया पहचाने

sonika

– DOST

फेसबुक पर मैं न्यूज फीड देख ही रही थी तभी मेरा ध्यान एक artwork की ओर आकर्षित हुआ. वो इतना खूबसूरत था कि मैं सर्च करते करते सोनिका अत्री तक पहुंच गई क्योकि इन चित्रों को सोनिका ने बनाया है. बेशक, सोनिका की मम्मी पुष्प अत्री ने उसके बनाए चित्र अपनी  फेसबुक  प्रोफाईल पर डाले हुए थे पर सोनिका ने इंस्टाग्राम पर अपना  ढेर सारा artwork डाला हुआ है…

सोनिका से मेरी बात फोन पर ही हुई. मुझे बात करके सबसे ज्यादा खुशी इस बात की भी हुई कि सोनिका बहुत अच्छी हिंदी बोल रही थी. उसने बताया कि उसके मम्मी पापा की यही कोशिश रहती है कि घर पर हिंदी ही बोली जाए ताकि हम हिंदी के बहाने ही सही पर अपने देश की संस्कृति से जुडे रहे. उसने बताया कि अक्सर घर पर पापा अक्सर हिंदी न्यूज चैनल देखतें हैं. मैं तो पहले ही उसके बनाए चित्रों से इतना प्रभावित थी अब उसकी बातों से भी होने लगी थी.

सोनिका

मेरे पूछने पर कि कितना समय लग जाता है एक painting में तो सोनिका ने बताया कि वो अब क्लास 11 में है और United States में 11th grade बहुत मुश्किल होता है because colleges are looking at how you are doing academically, outside of school, and how you score in your SAT and ACT college entrance examinations इसलिए have to focus so much on everything at once… बस weekdays पर ही ज्यादा समय इसमे लगा पाती है..!!

सोनिका ने बताया कि  लगभग 2 ½ weeks तक लग जाते हैं एक painting को पूरा करने में और अगर कोई छोटी painting हो तो एक week या उससे भी कम समय लगता है… read more at dost.org.in

अगर आप भी किसी प्रतिभावन बच्चे को देखे तो उसे प्रतोत्साहित जरुर करिए

 

April 2, 2016 By Monica Gupta Leave a Comment

आत्महत्या, कारण और हमारा समाज

suicide cartoon by monica gupta

आत्महत्या, कारण और हमारा समाज

कल्पना कीजिए कि आपको एक व्यक्ति का पता है कि वो बार बार आत्महत्या की बात कर रहा है उसे कैसे समझाएगें आप ?? असल में, हम टोकने में या बुराई करने में तो जुटे रहते हैं पर समाधान नही निकालते कि कैसे उसे समझाए कि वो अपना इरादा बदल दे…  अगर आप के पास कोई टिप्स हो तो जरा बताईए हो सकता है कि आपकी दी गई टिप्स किसी की जिंदगी बदल दे…

सोशल मीडिया हो या समाचार पत्र हर रोज कभी किसान तो कभी कोई स्कूली, कॉलिज या विश्वविधालय मे पढने वाला छात्र, बहू, कोई मॉडल या अभिनेत्री की आत्महत्या से जुडी खबरे पढने सुनने को मिलती ही रहती हैं जिससे एक रोष एक दुख सा मन में भर जाता है और जिसका असर लम्बे समय तक समाज में देखा जा सकता है.

suicide cartoon by monica gupta

आज एक मशहूर टीवी अदाकारा प्रत्यूषा जोकि ना सिर्फ बालिका वधू में आनन्दी के किरदार में बल्कि, झलक दिखला जा और बिग बॉस जैसे शो में भी काम कर चुकी है बल्कि सावधान इंडिया जैसे क्राईम से जुडे कार्यक्रम में एंकरिंग भी कर चुकी है उसका पंखें से लटक कर अपनी जान दे देना बेहद दुखद है … यकीनन उसकी मृत्यु ने बहुत सारे प्रश्नवाचक चिन्ह खडे कर दिए.

आत्महत्या की बात हो तो दिव्या भारती, परवीन बॉबी, जिया खान और सिल्क स्मिता आदि के नाम जहन में चले आते हैं उन्हें आजतक  कोई नही भूला. सिल्क  स्मिता की असल कहानी पर तो   डर्टी पिक्चर नामक  फिल्म भी बनी थी जिसे विधा बालन ने बखूबी निभाया था.

 

मेरी एक जानकार जोकि मुम्बई में टीवी धारावाहिको की दुनिया में अपनी जगह बनाने में जुटी हुई है जब उससे इस बारे में बात की तो उसने कहा कि ऐसी खबरें बहुत दुख देती है उसने बताया कि इस खबर के बाद से दस बार उसके माता पिता का फोन आ गया है कि वापिस आ जाओ यही कोई छोटी मोटी नौकरी कर लो .. कुछ नही रखा वहां … !!!

बात महज फिल्म इंडस्ट्री की ही नही बल्कि छात्रों की, दहेज के कारण महिला की, खेतों में काम करने वाले किसानों की भी है जोकि बेहद बेहद दुखद है.

यकीनन हल हालात से, परेशानी से भागने में नही बल्कि सामना करने में हैं.

मुझे एक घटना याद आ रही है जब हम कॉलिज में पढते थे. कॉलिज के ही एक लडका, लडकी शादी करना चाह्ते थे पर घर से मंजूरी नही मिली और दोनों रेल की पटरी पर चले गए. बाद में ये पता चला कि रेल के आते ही लडका पटरी से अचानक हट गया और लडकी हट नही पाई उसे अपने दोनो पैर कटवाने पडे. सारी उम्र के लिए एक दाग लग गया कैसे जीया होगा उसने कोई नही जानता … ऐसे एक नही हजारो उदाहरण हैं …

जरुरत खुद को मजबूत करने की है और परिवार का साथ मिलने की भी है. आमतौर पर व्यस्त जिंदगी में अपनो से बात करने का समय ही नही मिलता किसी दूसरे से दिल की बात कह नही सकते या फिर अगर किसी हम उम्र से बात करें भी तो इस बात की कोई गारंटी नही कि सलाह सही ही मिलेगी या भडकाने वाली… !! इस लिए ऐसे विचार आने पर खुद बेहद संयम से काम लेने की दरकार है…

Suicide of a News  जरुर पढे

आमतौर पर जब जब ऐसे धटना सामने आती हैं हमारा मीडिया एक्टिव हो जाता है. हम बडी बडी बाते करने लगते हैं एक दूसरे पर आरोप लगाते हैं और अगले ही दिन फिर कोई नया मुद्दा किसी दूसरे विषय पर लेकर झगड रहे होते हैं.. और समय गुजर जाता है..

खुद के भीतर को जागना जरुरी है

बेशक आत्महत्या करने की वजह सभी की अलग अलग हो सकती है पर जब मन में इस तरह के विचार चल रहे हों तो समझाना हमारा परम कर्तव्य है  ताकि नकारात्मक चल रहे विचारों पर रोक लगाई जाए… जिंदगी परीक्षा लेती है तो उसे लेने दीजिए, यकीन मानिए हम हौसलों से हर बाजी जीतने का दम रखते हैं. बस यही विश्वास हर मन में हमेशा रहना चाहिए.

कैसा लगा आपको ये लेख … जरुर बताईएगा !!

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