Monica Gupta

Writer, Author, Cartoonist, Social Worker, Blogger and a renowned YouTuber

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October 26, 2015 By Monica Gupta

भारत की गीता

geeta

(फोटो साभार बीबीसी )

भारत की गीता

भर दो झोली मेरी या मुहम्मद लौट कर मैं ना जाऊंगा खाली… आज सुबह से गीता के पाकिस्तान से भारत वापसी को लेकर मन खुश भी है और इमोश्नल भी….. इसलिए गुनगुना रहा है…खुश इसलिए है कि बजरंगी भाईजान फिल्म हाल ही मे देखी थी और वतन लौटना क्या होता है उन भावनाओ को महसूस कर पा रही हूं और इमोशनल इसलिए है कि यहां आकर भी मुश्किल बरकरार रहेंगीं क्योकि तीन तीन परिवार दावा कर रहे है उसे अपनी बेटी बताने का और इतना ही नही उसको एक बच्चे की मम्मी तक बताया जा रहा है जोकि डीएनए के बाद ही पता चलेगा… और मीडिया जिस तरह से घेर कर रखेगा दिन भर उसका तो कहना ही क्या होगा …. !!!

खैर, जो भी हो सारे देश की शुभकामनाए आपके साथ हैं हीरा उर्फ गीता ..

तेरे दरबार में दिल थाम के वो आता है
जिसको तू चाहे, हे नबी तू बुलाता है

भर दो झोली मेरी या मुहम्मद
लौट कर मैं ना जाऊंगा खाली
भर दो झोली मेरी या मुहम्मद
लौट कर मैं ना जाऊंगा खाली

बांध दीदों में भर डाले आंसू

 

 

 BBC

भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप का कहना है कि 26 तारीख को गीता को भारत लाया जाएगा और उसे उसके परिवार को सौप दिया जाएगा.

हालांकि गीता की परिवार वापसी का सारा दारोमदार डीएनए परीक्षण पर टिका है क्योंकि बिहार समेत तीन और प्रदेशों से पकिस्तान में मिली गीता पर दावेदारी की जा रही है.

इसमें उत्तर प्रदेश और झारखंड के भी परिवार हैं जिन्होंने गीता को अपनी बेटी बताया है.

हालांकि गीता की परिवार वापसी का सारा दारोमदार डीएनए परीक्षण पर टिका है क्योंकि बिहार समेत तीन और प्रदेशों से पकिस्तान में मिली गीता पर दावेदारी की जा रही है.

इसमें उत्तर प्रदेश और झारखंड के भी परिवार हैं जिन्होंने गीता को अपनी बेटी बताया है.

सबसे पुख्ता दावेदारी बिहार के सहरसा जिले के कबीरा धाप गाँव के जनार्दन महतो की है जिनकी तस्वीर गीता ने भी पकिस्तान में पहचान ली है.

लेकिन इस दावे में भी एक बड़ा पेंच है और वह ये कि जनार्दन महतो जिस गीता को अपनी बेटी कह रहे हैं, वह शादी शुदा है और उसके पति और बेटा पंजाब के लुधियाना में रह रहे हैं.

पर गीता की देख रेख कर रही पाकिस्तान की संस्था ईधी फांउडेशन के मुताबिक गीता की शादी नहीं हुई है. Read more…

 दम दम अली अली दम अली अली दम अली अली दम अली अली …. !! आपका अपने ही देश में स्वागत है गीता….

भारत की गीता

October 24, 2015 By Monica Gupta

तंत्र मंत्र की राजनीति

तंत्र मंत्र की राजनीति मोनिका गुप्ता

तंत्र मंत्र की राजनीति
मोनिका गुप्ता

 

तंत्र मंत्र की राजनीति

तंत्र मंत्र बहुत मजेदार विषय है और जब पता लगा कि तंत्र मंत्र का ये विषय राजनीति से जुडा है तो स्वाभाविक है रोचक लगना था. जैसे ही टवीटर और न्यूज चैनलों पर वीडियों देखी और सुनी कि नीतीश कुमार जी किसी बाबा से मिल रहे हैं और वो उनके कान मे कुछ कह रहे हैं और लालू जी इस बात पर कह रहे हैं कि सबसे बडे तांत्रिक तो वो खुद है … मैं जुट गई कि इस सोच में कि इस विषय पर कोई कार्टून होना ही चाहिए … सोचते सोचते न्यूज चैनल भी बदल बदल कर देखने लगी… बहस भी हो रही थी अलग अलग चैनलो पर उसी विषय को लेकर … इस सोच मे बाबा का स्कैच बना चुकी थी … और ज्यादा डिटेल में जब खबर सुनी तो बस मन से यही निकला हे भगवान !!


असल में, ये वीडियों एक साल पहले की थी जब नीतीश बाबू चुनाव हार गए थे और जिस मित्र के घर गए वहां से बाबा आए हुए थे जो लालू मुर्दाबाद और नीतीश जिंदाबाद बोल रहे थे… पर ये न्यूज चैनल वाले इस तरह से दिखा रहे थे कि मानों आज की ही खबर हो और हैरानी इस बात की भी थी कि बहस का मुद्दा भी बनाया हुआ था. दिमाग खराब हो गया ये सोच कर कि आखिर चैनल वालो को हो क्या गया है … बाबा बनाए भी परेशान है और कह रहे है कि जंत्र मंत्र तो इन चैनल वालो की करना पडेगा ताकि कुछ अक्ल तो आए !!!

तंत्र मंत्र की राजनीति

October 24, 2015 By Monica Gupta

हिंदी साहित्य और साहित्यकार

सिरसा जनपद

सिरसा जनपद

हिंदी साहित्य और साहित्यकार

हिंदी साहित्य , साहित्यकार और हरियाणा

आज के समय में जहां न्यूज चैनलों ने साहित्यकारों का साहित्य  सम्मान लौटाना सुर्खियों बनाया हुआ हैं वही हरियाणा के सिरसा के साहित्यकार इन सब बातों से दूर  कुछ हट कर दिखाने में जुटे हैं. जिसका ताजा उदाहरण है “सिरसा जनपद की काव्य सम्पदा” नामक किताब .

इस किताब में सिरसा जनपद के 115 लेखकों का परिचय है और दो उनकी दो दो रचनाए. इस किताब के बारे में मैने प्रोफेसर रुप देवगुण जी से बात की तो उन्होने बताया कि कुछ समय पहले राज्य कवि उदय भानु हंस सिरसा आए हुए थे. उन्होने कहा कि हरियाणा के सिरसा में इतने लेखक है ऐसा लगता है मानो सिरसा हरियाणा की साहित्यिक राजधानी है… बस ये बात उनके दिल के कोने मे कही घर कर गई. रुप जी ने सोचा कि “हंस” जी ने बहुत सही कहा बेशक, साहित्यिक राजधानी है सिरसा पर इसे सिद्द कैसे किया जाए और इसी बात को और पुख्ता करने के लिए उन्होनें योजना बनाई कि एक किताब बनाई जाए जिसमें लेखकों का परिचय और उनकी दो दो रचनाओं को सम्मलित किया जाए.
आज उनकी वही सोच पुस्तक रुप मे हमारे सामने हैं. इस पुस्तक को तीन खंडों में बांटा गया है. पहले खंड “स्मृति” में सिरसा के दिवंगत कवि , दूसरे खंड में समकालीन कवि व लेखक तथा तीसरे खंड में “नई कलम“हैं जिन्होनें हाल ही में लेखन आरम्भ किया है.
115 लेखकों की रचनाए और उनका परिचय सिलसिलेवार लिखने में लगभग एक साल का समय लगा. पुस्तक के सम्पादक मंडल में तीन लेखकों ने अपनी भूमिका बहुत अच्छी तरह निभाई.

उनका इस तरह का काम देख कर बेहद खुशी हुई और मैने सोचा कि क्यों ना इसे” लिम्का बुक आफ रिकार्डस” के लिए भेजा जाए. पूरे विश्वास के साथ, मैनें इस किताब के बारे में लिम्का बुक आफ रिकार्डस में विस्तार से जानकारी भेज दी है. रुप जी से पूछ्ने पर कि किताब छपने पर कैसा महसूस हो रहा है उनका कहना था कि टीम ने मिलकर मेहनत की और वो किताब रुप में छ्प कर मेहनत सफल हुई. जिसकी खुशी शब्दों में बयान नही की जा सकती. इस किताब का विमोचन पहली नवम्बर को होगा.

 

हिंदी साहित्य और साहित्यकार

October 21, 2015 By Monica Gupta

कन्या भ्रूण

जय माता की ( मोनिका गुप्ता)

जय माता की ( मोनिका गुप्ता)

कन्या भ्रूण

कन्या भ्रूण, अष्टमी और कंजके…

मेरी नजर से

वैसे इस बार अष्टमी पर कंजके करते हुए एक बात जरुर महसूस हुई कि अब की बार लडकियों के लिए ज्यादा मेहनत नही करनी पडी. असल में, नवरात्र की अष्टमी पर कन्या को भोजन करवाया जाता है और उनसे आशीर्वाद लिया जाता है.पिछ्ले काफी बार से अष्टमी पर कन्याए बहुत कम मिलती थी और बहुत भागमभाग रहती थी कि किसी तरफ आठ कन्या मिल जाए पर इस बार सब बहुत आराम से हो गया.बहुत कन्याए आई और बाद में भी आती रहीं.

पहले तो अष्टमी आने से पहले टेंशन सी हो जाती थी कि कहां कहां से लडकी को इकठ्ठा करें या फिर मंदिर में ही हलवा पूरी दे आएं … पिछ्ले काफी समय से, हमारे हरियाणा में जो लिंग अनुपात कम हो रहा था कन्या भ्रूण हत्या बेहिसाब हो रही थी. सरकार द्वारा उठाए गए कठोर कदम और जनता में जागरुकता भी  इसका एक कारण हो सकता है…. शायद  ये एक शुभ संकेत हो … शायद जल्द ही अनुपात बराबर हो जाए … !!! जय माता की !!!

मैं हमेशा कहती हू कि गर्ल है तो कल है … !!! जय माता की !!!

 

October 20, 2015 By Monica Gupta

हे न्यूज चैनल्स

कार्टून ( मोनिका गुप्ता )

कार्टून ( मोनिका गुप्ता )

  हे न्यूज चैनल्स

 

बचपन में हम एक खेल खेलते थे. गाय उड, चिडिया उड, फल उड, आज शायद यही खेल न्यूज चैनल खेल रहा है. एक खबर बनती है और दूसरी फुर्र करके उड जाती है… किसान आत्महत्या की खबर उड. इंद्राणी उड, रेप उड, विवादित बयान उड, अकादमी सम्मान उड…

कल मणि से बात होते होते बहस में तबदील हो गई. असल में, बात हो रही थी न्यूज चैनल की. जिस तरह से खबरें परोसी जा रही हैं… अंतहीन बहस हो रही है उस का क्या प्रभाव हो रहा है समाज पर. मेरी राय यह थी कि  न्यूज चैनल आतंक फैला रहे है जहां उनकी भूमिका निष्पक्ष होनी चाहिए पर उससे उलट वो टीआरपी बढाने के चक्कर मे कुछ भी परोसे जा रहे हैं जबकि उनके उपर बहुत बडा दायित्व है समाज के प्रति. उसके क्या पूछ्ने पर मैने बताया चाहे हिंदू मुस्लमान के झगडे हो या बडबोले नेताओ के विवादित बयान… अरे !!! जो जरुरी ही नही है वो किसलिए दिखाए जाएं… ना दिखाने की बात तो दूर वो तो तोड मरोड के पेश किए जा रहे हैं फिर उस पर लोगो के टवीट दिखाते हैं और एक घंटा बहस करवाते हैं और नतीजा … गई भैंस पानी में …यानि शून्य…

इस पर उसका कहना था कि कई खबरे जरुरी होती है दिखाना चाहिए कि समाज में क्या क्या हो रहा है  !!! और हिंदू मुस्लमान के झगडे ??? मैने बीच मे ही बात काटी… ये क्या है इससे क्या भला होगा समाज में बल्कि बार बार दिखा कर आपसी नकारात्मकता और हिंसा को ही बढावा मिलेगा… बिल्कुल गलत ट्रैक पर चले गए हैं न्यूज चैनल..बस अपने 24 घंटे पूरे करने हैं जिसमें मार काट, दंगे, विवादित बयान और विज्ञापन ही मकसद रह गया है. एक तरफ कैंसर की बात करेंगें दूसरी तरफ पान मसाला उस  कार्यक्रम को प्रायोजित करता है !!  बहुत उलझा हुआ मसला है ये !!

ऐसा नही था हमारा देश.. !! अचानक मैं इमोशनल हो गई. हिंदू ,मुस्लमान को हमने कभी नही अलग समझा. बचपन मे भी यही पढा था कि भारत में भिन्नता होते हुए भी एकता का देश है और वाकई था … पर जिस तरह से घर वापिसी और बीफ, मार काट के मुद्दे उठे मानों खबरों का पूरा संसार ही बदल गया. बीफ गौ वध सुन सुन कर कान ही पक गए. मेरे एक मित्र बता रहे थे कि आजकल न्यूज चैनल लगाने मे एक डर सा लगने लगा है..पता नही क्या झेलना पड जाए. और तो और साहित्य अकादमी को लेकर सम्मान लौटाने के मुद्दे को भी इन्होने बेवजह बहुत तूल दे दिया और भिडा दिया साहित्यकारों को …!!! राजनीति डाल दी उनके लेखन में !!! बेशक, जिस तरह से साहित्यकारों में अपवाद हैं ठीक वैसे ही न्यूज चैनल्स में भी अपवाद हैं …

पर फिर भी समझ नही आता कि बेसिर पैर की खबरे दिखा कर क्या मकसद पूरा करना चाह्ते हैं.

अरे भई !!!दिखाओ पर दोनो पहलू तो दिखाओ … सकारात्मक दिखाते नही बस नकारात्मकता के पीछे ही पडे हुए हैं. मैं खुद भी दस साल ज़ी न्यूज से जुडी रही हूं पर यकीनन तब इतना बुरा हाल नही था खबरों का…!!! शायद इसलिए कि तब टवीटर और सोशल मीडिया इतना तेज नही था..

आज इंसानियत उड, संवेदनशीलता उड…. गम्भीरता उडन छू हो चली है और बिना किसी निष्कर्ष के हमारी भी बह्स गर्म चाय पर समाप्त हो गई.

ऐसा प्रतीत हो रहा है कि मानों ये न्यूज चैनल रावणी हंसी हंस रहे हों और हम दर्शक सीता के समान हाय राम हाय राम चिल्ला रहे हो … कि आओ हमे इससे बचाओ …!!!( राम लीला का मौसम  है न इसलिए ये डायलाग लिखना जरुरी है)

हे न्यूज चैनल्स जरा रहम करो !!! ईश्वर आपको सदबुधि प्रदान करे!!!

 

 

 

 

October 18, 2015 By Monica Gupta

Facebook – फेसबुक और हमारी सोच

Facebook - फेसबुक और हमारी सोच

 Facebook – फेसबुक और हमारी सोच – Are You Ready !! फेसबुक  हमारी जिंदगी का अभिन्न अंग बन चुका है सुबह शाम रात और देर रात बस अब यही है  इस से जुडे रहना अच्छा भी लगता है. कल नव भारत टाइम्स में एक लेख पढा कि किन लोगो को फेसबुक पर करें नमस्कार … यकीनन उत्सुकता हुई और उसे पढने बैठ गई.

Facebook – फेसबुक और हमारी सोच

उसमे कुछ इस प्रकार  लिखा था कि जो बेसिर पैर के स्टेटस अपडेट करे और नकारात्मक टाईप स्टेट्स लिखे उसे दूर से ही नमस्कार करें.

कुछ लोग बात बात पर पैसे की शेखी दिखाते हैं और कुछ लोग जो हर छोटी से छोटी बात भी फेसबुक पर डालते हैं इतना ही नही बे फिजूल बातों लिख कर ढेर सारे लोगों को टैग भी करतें हैं ऐसे महानुभावों को भी नमस्कार करें एक और बहुत सही बात लिखी थी और वो ये कि कुछ लोग फ्रैंड रिक्वेस्ट भेजते हैं और लिखते हैं कि स्कूल टाईम या कालिज में आपकी/ आपका जूनियर थी/ था.जिसे पढ कर हम सोच मे पड जाते है और मित्रता स्वीकार कर लेते हैं.

facebook photo

Photo by stoneysteiner

 इस बात ने इसलिए प्रभावित किया कि बहुत दिनों से एक लडकी का मैसेज आ रहा है कि वो मेरी कालिज टाईम में जूनियर थी. मैने पूछा कब तो जो उसने बताया वो मैं नही थी. मेरे मना करने के बाद भी  वो बार बार मुझे मैसेज कर रही है.जानबूझ कर कभी हैलो, कभी हाय तो कभी अपनी फोटो भेजती है. मैं, अब समझी कि इस तरह की हरकतें होती रहती हैं इसलिए मैनें उस लडकी को पूरी तरह से इग्नोर कर रखा है.

फेसबुक पर इन 7 तरह के दोस्तों को कहें ‘नमस्ते’ – टेकराडार से लिए गए निम्न विचार- Navbharattimes Photogallery

फेसबुक पर इन 7 तरह के दोस्तों को कहें ‘नमस्ते’ – टेकराडार से लिए गए निम्न विचार- Navbharattimes Photogallery

 

बताईए कैसे कैसे लोग है फेसबुक पर. वैसे फेसबुक पर एक ही गलती हुई अभी तक … एक लडकी से दोस्ती हुई. कुछ समय बाद पता चला कि वो लडकी नही लडका था. मैने तुरंत उसे गुस्सा करके अनफ्रैंड और ब्लाक कर दिया पर उसके बाद बहुत सोच समझ कर मित्रता की. चाहे लडका हो या लडकी सभी को बहुत सोच समझ कर मित्रता करनी चाहिए अन्यथा फेसबुक को दूर से ही नमस्कार करने मे भलाई है !!!

फेसबुक कही फेकबुक न बन जाए. वैसे आपके क्या विचार है या अनुभव है जरुर बताईएगा !!

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