Monica Gupta

Writer, Author, Cartoonist, Social Worker, Blogger and a renowned YouTuber

  • About Me
  • Blog
  • Contact
  • Home
  • Blog
  • Articles
    • Poems
    • Stories
  • Blogging
    • Blogging Tips
  • Cartoons
  • Audios
  • Videos
  • Kids n Teens
  • Contact
You are here: Home / Archives for Articles

July 29, 2015 By Monica Gupta

Facebook Friend

facebook photo

Facebook Friend

एक अच्छी पुस्तक हजार दोस्तों के बराबर होती है और एक अच्छा दोस्त पूरी की पूरी लाईब्रेरी होता है. हम खोजते रहते हैं ऐसे दोस्त को जो हमारे दुख, दर्द समझे  और हमारी बाते सुने और हमारा साथ दे…

फेसबुक मित्र अलग किस्म के होते है पहली बात तो लडकी मे छिपे लडके या लडके मे छिपी लडकी.. वो नही होते जो दिखाई देते हैं यानि असल फोटो से शायद बहुत अलग… वैसे एक बात मैं पहले ही साफ कर दूं कि अपवाद हर क्षेत्र में होते हैं अगर आपके फेसबुक पर अच्छे अनुभव रहे हैं तो जानकर बहुत खुशी हुई …

 

facebook photo

 

हां तो मैं बात कर रही हू फेसबुक मित्र की… एक फेसबुक सहेली ने मुझसे किसी के बारे मे पूछा तो मैने अनभिज्ञता जाहिर की क्योकि शायद वो मेरी मित्र लिस्ट मे नही था. फेसबुक सहेली ने बताया कि वो पिछ्ले एक साल से फेसबुक मित्र सबसे अच्छा था वो इसलिए कि जब भी वो कुछ पोस्ट करती है वो सबसे पहले लाईक करता था और कमेंट तो करता ही करता था. जन्मदिन आने से महीना पहले विश करना शुरु कर देता था. वाल पर कम ही लिखता था जो करता था मैसेज मे ही करता था. अपने बारे मे कभी नही बताया और न ही अपनी कभी फोटू दिखाई ये भी नही पता की वो देश के किस कोने मे रहता था पर था वो सबसे अलग और सबसे अच्छा हमेशा गुड मार्निग और गुड नाईट करके ही जाता था.

मेरी सहेली अभी तक परेशान है क्योकि अब उसका प्रोफाईल भी नही दिख रहा शायद डिएक्टिवेट कर दिया है … पर उसे अभी भी इंतजार है पहली लाईक और पहला कमेंट का … फिलहाल उसका मन रखने के लिए अब ये काम मैं कर रही हूं … क्योकि आखिर वो भी तो मेरी फेसबुक मित्र है 🙂

 

July 29, 2015 By Monica Gupta

हाल-ए-बीमार

 

lady photo

हाल-ए-बीमार

कुछ देर पहले मेरी सहेली  मणि घर के सामने से जा रही थी. मैने उसे बुलाया तो वो बोली कि अभी किसी रिश्तेदार की तबियत ठीक नही थी उसे मिलकर वापिस आती हूं तब तक चाय बना कर रखना. आधा धंटा बीता फिर एक फिर दो … पर मणि नही आई … मैने उसे फोन किया तो वो घर थी और उसका मूड बहुत खराब था. मैं तुरंत उसके घर गई कि क्या बात हुई.

वो चुपचाप टीवी देख रही थी. मेरे पूछ्ने पर वो बोली कि रिश्तेदार की तबियत ठीक नही थी. मिलने गई तो पहले तो उलहाना देने लगी कि अब आई है हाल पूछ्ने .. खैर ये भी कोई बात नही फिर  मेरा हाल चाल पूछ्ने लगी और बोली बहुत मोटी हो गई है तेरे को  थाईराईड ही निकलेगा फिर बोली शूगर भी टेस्ट करवा लियो… पता नही शायद वो भी न हो .. और वो जब खडी होने लगी तो बोली तेरे घुटने का भी आपरेशन करवा ले … जबकि उसे तो कोई तकलीफ ही नही थी…

मैने हैरानी से पूछा कि क्या ये वो पूछ रही थी जिसका हाल चाल जानने तुम गई थी या कोई अन्य .. वो बोली कि वही पूछ रही थी जिसका हाल चाल जानने वो गई थी. अब वो काफी ठीक थी शायद मैने मुस्कुरा कर कहा …

मणि बोली कि हां वो तो ठीक हो गई पर उसने उसे बीमार जरुर कर दिया. पता नही पर उसकी बातों से ऐसा लग रहा था कि वो चाहती है कि मैं बीमार पड जाऊं …

मैने मणि को थोडा नार्मल किया और समझाया कि जब कोई लम्बी बीमारी से ठीक होता है तो उसका चिडचिडा होना स्वाभाविक होता है इसलिए ज्यादा महसूस नही करके बात मुस्कुरा कर टाल देनी चाहिए. जब लगा कि मणि अब नार्मल हो गई है तो मैं वापिस घर लौट आई पर  ये जरुर सोच रही थी कि ऐसे लोगो को भी अपना स्वभाव बदलना चाहिए. अगर कोई आपकी बीमारी का हाल पूछ्ने आया है तो उससे बात करो उसकी राजी खुशी पूछो….  ना कि उसे ही बीमार करके भेज दो… हर व्यक्ति अपना भाग्य लेकर आता है इसलिए किसी से कुढने या जलन वाली कोई बात नही करनी चाहिए कि बुरा लगे …

वैसे भी बात कहने से पहले खुद पर सोचो कि अगर ये बात कोई हमे कहे तो कैसी लगेगी … आपको जवाब मिल जाएगा …

वैसे आप तो ऐसे नही होंगें … है ना … अगर हैं तो जरा नही बहुत सोचने की दरकार है …

July 29, 2015 By Monica Gupta

कलाम को सलाम

कलाम को सलाम – बात परसों रात की है जब मैं ट्विटर पर कुछ पोस्ट कर रही थी. अचानक मेरे देखते ही देखते ट्वीट्स पर ट्वीट्स  होने लगे कलाम साहब की तबियत को लेकर…

 कलाम को सलाम –

मैनें उस पर ध्यान इसलिए नही दिया कि कुछ दिनों पहले भी ऐसी अफवाह थी और छतीसगढ की एक 22 july की ये खबर

Jharkhand education minister pays floral tribute to APJ Abdul Kalam, pictures go viral | The Indian Express

http://indianexpress.com/article/trending/jharkhand-education-minister-pays-floral-tribute-to-apj-abdul-kalam-pictures-go-viral/Jharkhand Education Minister Neera Yadav has landed into a controversy after she reportedly paid floral tributes to former President APJ Abdul Kalam at an event. The pictures which appeared on a local daily have gone viral on social networking sites.

The pictures, shot during a school event, show the minister offering a garland on a photograph of the former president.

After the pictures went viral, twitterati slammed the minister for the blooper. Here are some of the tweets:

Our beloved, and breathing, Dr Kalam just after a tilak was applied on him by the BJP minister in fond remembrance. pic.twitter.com/70fy9WV9pk               See more…

इस खबर ने बहुत धक्का पहुंचाया. इसके इलावा पहले भी बहुत बार टवीटर पर उनके शीध्र स्वस्थ होने की कामना की गई और ये कहा गया कि वो अस्तपाल मे भर्ती हैं जबकि वो भले चंगे थे…!!

ApJ by Monica gupta

खैर, इसके बाद टीवी चलाया तो स्क्रोल पर चल रहा था कि वो कलाम साहब गम्भीर … शिलांग की खबर थी और सुनते ही सुनते … बस एक ऐसी खबर आ ही गई किसकी भरपाई कभी नही हो सकेगी… खबर थी उनकी मौत की..

फिर खबरों में सुना उनके अंतिम शब्द … धरती को रहने लायक कैसे बनाया जाए … संसद का डेडलाक कैसे खत्म किया जा सकता है वो परेशान थे कि जिस तरह से संसद ठप्प हो जाती है… उनकी मंशा ये थी कि वो आईआईटी  शिलांग के बच्चों से ही इस बारे में विचार लेंगें कि उनकी इस बारे में क्या सोच है…

अब मैं अपनी असली बात पर आती हूं …इन दो दिनों में इतना सब कुछ होने के बाद भी ससंद वासी हंगामा ही करते रहे. बात उस दिन सुबह  की है जिस दिन पंजाब मे आतंकी हमला हुआ था मैने सोचा शायद हमले से कुछ सीख कर चुपचाप सत्र चलने देंगें पर बडे शर्म की बात है कि एक तरफ हमारे जवान पंजाब में आतंकियों का सामना कर रहे थे और  उसी  दिन संसद में हमेशा की तरह तू तू मैं मैं और हो हल्ला होता रहा.  सोचा तो था कि जिस तरह से आतंकवादी हमला पंजाब में हुआ है उसे मद्देनजर रखते हुए शायद मानसून सत्र में कोई हंगामा नही होगा और सत्र चल जाएगा पर खबरों में फिर, एक तरफ सत्र का हंगामा दिखा रहे थे तो दूसरी तरफ आतंकवादी हमले ही तस्वीरे… मन बेहद खिन्न हो गया और कलाम साहब की मानसिक परेशानी जो सत्र के न चलने को लेकर थी काश सांसद उन्हे सच्ची श्रधांजलि यही दें कि सत्र आराम से चलने दे …

एक अन्य बात की धरती को रहने लायक कैसे बनाए…  आज मैं इस बारे में बाहर  बैठ कर सोच रही थी. तभी माली आ गया क्योकि घास बहुत बढ गई थी तो वो उसे काटने लगा. अचानक मैने देखा सामने सडक पर गाय आ रही है मैने सोचा अरे वाह…. आज तो गाय को ताजी ताजी घास खिला देती हूं पुण्य का काम हो जाएगा… इसलिए खूब सारी घास उठाई और गेट के बाहर सडक पर डाल  दी. पहले तो गाय ने  लेफ्ट राईट देखा …फिर अपनी गर्दन झटकते हुए भवें हिलाई  शायद हैरान हो रही होगी क्योकि मैंने कभी उसे घास नही डाली … हा हा यानि कभी कुछ खाने को नही दिया और वैसे भी  सडक पर कुछ भी डालने के हमेशा से ही खिलाफ रही हूं पर उस दिन शायद  मेरा कोई पुण्य जाग उठा था.  उसने घास खाना  शुरु ही किया था कि उसकी चार पांच सहेलियां भी आ गई जिसमें भारी भरकम बैल भी थे. मैने मन ही मन सोचा रे वाह … आज तो सारी घास इन सभी को ही खिला दूगी तो देवी देवता सब प्रसन्न हो जाएगें… माली घास काटता रहा और मैं बाहर डालती रही. कुछ ही पल में बाहर देखा तो मेरी वजह से सारी सडक घास युक्त हो चुकी थी और तो और गाय अपनी सहेलियों समेत सडक के बीचोबीच आसन जमा चुकी थी और  बैल  महाराज जी  तो वहां मजे से  गोबर भी कर रहे थे….  जिस वजह से , शायद नही, यकीनन ही  आने जाने वालो को परेशानी भी हो रही होगी…  एक मोटर साईकिल वाले ने वहां से जाते हुए मुझे ऐसे गुस्से से  देखा मानो कह रहा हो ये क्या हाल बना रखा है … अरे बाप रे ..!!!

मैं टेंशन में आ गई पर भगवान का शुक्र है कि उसी समय  सडक साफ करने वाली जमादारनी आ गई और उसने बची घास  एक किनारे पर रख कर सडक साफ कर दी  तब तक घास भी खत्म हो गई थी और उसने और माली ने मिलकर जानवरों को भगा दिया … उस समय मेरे मन में फिर आया कि धरती रहने लायक तभी बनाई जा सकती है जब हम उसे साफ सुथरा रखेंगें और ऐसे गंदा नही करेंगें भले ही पुण्य का कार्य हो जैसाकि हम हरिद्वार या गंगाजी जा कर करते हैं… वहां अस्थियां बहाते हैं लिफाफे बहाते हैं जिसकी वजह से गंगा व अन्य पावन नदियां प्रदूषित हो रही है…

पुण्य के चक्कर में सडक पर भी बचा खाना फेंक देते हैं जिससे जानवर टूट कर पडते हैं और कई बार हिंसक भी हो जाते हैं और  हमें और सडक पर आने जाने वालो को  नुकसान भी पहंचा सकते हैं

पता नही मेरे यह लिखने की क्या वजह है… है भी या नही पर इतना जरुर है कि धरती रहने लायक तभी बन सकती  है जब वो स्वच्छ हो, साफ हो और  गंदगी से कोसो दूर हो…

– BBC

भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम ने एयरोनॉटिकल इंजीनियर के रूप में अपने करियर की शुरुआत की थी.

वो हिन्दुस्तान की दो बड़ी एजेंसियों डिफ़ेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइज़ेशन (डीआरडीओ) और इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइज़ेशन (इसरो) के प्रमुख रहे थे.

दोनों एजेंसियों में उन्होंने बहुत उम्दा काम किया.

हिन्दुस्तान के पहले रॉकेट एसएलवी-3 को बनाने में उन्होंने अहम भूमिका निभाई. पोलर सैटेलाइट लॉन्च वेहिकल (पीएसएलवी) बनाने में भी उनकी प्रमुख भूमिका थी.

हिन्दुस्तान के पहले मिसाइल पृथ्वी मिसाइल और फिर उसके बाद अग्नि मिसाइल को बनाने में भी डॉक्टर कलाम का अहम योगदान रहा है.

हमें ये भी नहीं भूलना चाहिए कि भारत ने 1998 में जो परमाणु परीक्षण किया था उसमें भी डॉ कलाम की विशिष्ट भूमिका थी. उस समय वो डीआरडीओ के प्रमुख थे. – BBC

कलाम जी के विचार अगर हम सभी( हम सभी यानि की हम सभी… जिसमे नेता भी हों आम आदमी भी हों पुलिस भी हो  और प्रशासन भी हो) अपनी जिंदगी में अपना लेंगें तो शायद इससे अच्छी और सच्ची श्रधांजलि और कोई हो ही नही सकती…

कलाम को सलाम

 

July 26, 2015 By Monica Gupta

Listen Please

cartoon -monica-car

 

Listen Please

आज “मन की बात” में सडक दुर्घटना का मुद्दा भी था. मोदी जी ने बताया कि कि किस तरह से एक व्यक्ति सडक पर घायल पडा रहा पर कोई मदद के लिए नही आया. इसके लिए रोड सेफ्टी बिल लाएंगे और पहले 50 घंटे में घायलों के कैशलेस ट्रीटमेंट की कोशिश करेंगे’.. बेशक, जो सही लगे वो कदम जरुर उठाए जाने चाहिए पर एक जरुरी कदम ये भी होना चाहिए अगर कोई सडक पर किसी घायल को देखे और वो उसे अस्तपाल ले कर जाए तो ज्यादा पूछ्ताछ न हो … क्योकि हम लोग मदद करने में पीछे नही हटते पर पीछे हटते हैं तो वो सिर्फ एक ही वजह से.. वो है पुलिस पूछ्ताछ करेगी सौ सवाल करेगी. समय वेस्ट होगा कौन इस पचडे मे पडे.

Media मे जब इस दुर्घटना की खबर दिखा रहे थे तो यही बोल रहे थे लोग सवेंदनहीन हो गए है… निर्भया के मामले मे भी यही बोला गया कि वो सडक पर पडी रही और कोई आगे नही आया मदद के लिए

सोचने वाली बात ये है कि कोई आगे क्यों नही आया.? क्या वाकई लोग संवेदनहीन हो गए हैं? शायद नही हमारे देश के लोगों मे अभी मानवता मरी नही  है पर हमारे देश के कानून ने हमे मार रखा है…

मुझे याद है हमारे सिरसा में कुछ साल पहले एसपी ने यह घोषणा की थी कि जो व्यक्ति सडक पर पडे घायल को अस्पताल लेकर जाएगा उससे ज्यादा पूछ्ताछ नही होगी और उसे ईनाम मिलेगा और इस वजह से घायल को तुरंत मदद मिलने लगी और तनाव खत्म ही हो गया था ( हैरानी की बात ये भी हुई कि तब मेरी कोशिशों के बाद भी इस सकारात्मक खबर को न्यूज चैनल ने नही लिया स्टोरी को होल्ड पर रख दिया ). खैर फिर एसपी का तबादला हो गया और नियम फिर बदल गए. सबसे पहले जिला स्तर पर अगर प्रशासन सकारात्मक कदम उठाए तो बहुत अच्छा उदाहरण पेश किया जा सकता है. 

आज प्रधान मंत्री जी की मन की बात सुन कर बीती बात याद आ गई. अगर छोटे छोटे स्तर पर प्रशासन और पुलिस सचेत हो जाए तो बहुत बदलाव लाया जा सकता है…

 

http://www.khabarmantra.com/news/own-thing-in-the-pm-narendra-modi-said-government-will-bring-the-bill-on-road-safety-26072015.html

 

July 22, 2015 By Monica Gupta

अपनी सोच

अपनी सोच

मेरी सहेली मणि  की थोडी तबियत खराब थी. मैं उससे मिलने गई तो बजाय आराम करने के वो  कुछ काम कर रही थी. मैने कहा कि जब से सुना है कि तुझे चोट लगी है दर्द मुझे हो रहा है और तू है कि काम कर रही है… आखिर इतना दर्द कैसे सहन कर लेती है. वो बोली इसके पीछे एक सीक्रेट है… मैने भी धीरे से कहा कि अच्छा … मुझे भी बता दो वो सीक्रेट…

उसने मुस्कुराते हुए बताया जब भी मुझे चोट लगती है मैं सोच लेती हूं कोई बला मेरे परिवार, मेरे बच्चों पर आनी थी जो मुझ पर आ गई है .. बस फिर दर्द की खुद ब खुद सहने की शक्ति आ जाती है… ये सोच कर अपने परिवार का दर्द हम उठा ही रहें हैं तो खुशी खुशी क्यों न उठाए …

मैं सोच रही थी कि कितनी आसानी से वो ये बात कह गई… शायद इसीलिए महिला को दयालुता और सहनशीलता की मूरत कहा जाता है … शायद  ही मैं कभी ऐसा  सोच पाऊं 🙂

 modren art photo

Photo by archangel_raphael

July 22, 2015 By Monica Gupta

Oh My God

 

girl talking on mobile photo

Photo by Daniel E Lee

Oh My God

आज मुझे शायद पहली बार किसी को गिरता देख कर दुख नही हुआ …. अरे !!! हैरान होने की जरुरत नही… मैं निष्ठुर या निर्दयी हूं ये आप पूरी पोस्ट पढने के बाद फैसला लें…

कुछ देर पहले मैं मार्किट से पैदल आ रही थी. मेरे सामने एक लडकी जोकि करीबन बीस बाईस साल की होगी, आ रही थी. हाव भाव से लग रहा था कि मोबाईल पर शायद कोई मैसेज टाईप करे जा रही है और अचानक सडक पर कोई पडा पत्थर शायद वो देख नही पाई और बुरी तरह लडखडा कर गिरी.

वैसे तो वो गिरते ही उठ गई और मोबाईल पर लगी मिट्टी को पोछने लगी पर मुझे उससे कोई हमदर्दी नही हुई. बल्कि मैं मन ही मन कह रही थी और देख मोबाईल और खा ठोकर … शायद अक्ल ठिकाने आ जाए और मैसेज एक जगह खडी होकर करना सीख जाए ना कि चलते चलते…!!! पता नही लोग कब सुधरेंगें

Oh My God !!! पता नही हम ठोकर खाकर भी सुधरेंगें या नही

  • « Previous Page
  • 1
  • …
  • 204
  • 205
  • 206
  • 207
  • 208
  • …
  • 252
  • Next Page »

Stay Connected

  • Facebook
  • Instagram
  • Pinterest
  • Twitter
  • YouTube

Categories

छोटे बच्चों की सारी जिद मान लेना सही नही

Blogging Tips in Hindi

Blogging Tips in Hindi Blogging यानि आज के समय में अपनी feeling अपने experience, अपने thoughts को शेयर करने के साथ साथ Source of Income का सबसे सशक्त माध्यम है  जिसे आज लोग अपना करियर बनाने में गर्व का अनुभव करने लगे हैं कि मैं हूं ब्लागर. बहुत लोग ऐसे हैं जो लम्बें समय से […]

GST बोले तो

GST बोले तो

GST बोले तो –  चाहे मीडिया हो या समाचार पत्र जीएसटी की खबरे ही खबरें सुनाई देती हैं पर हर कोई कंफ्यूज है कि आखिर होगा क्या  ?  क्या ये सही कदम है या  देशवासी दुखी ही रहें …  GST बोले तो Goods and Service Tax.  The full form of GST is Goods and Services Tax. […]

डर के आगे ही जीत है - डर दूर करने के तरीका ये भी

सोशल नेटवर्किंग साइट्स और ब्लॉग लेखन

सोशल नेटवर्किंग साइट्स और ब्लॉग लेखन – Social Networking Sites aur Blog Writing –  Blog kya hai .कहां लिखें और अपना लिखा publish कैसे करे ? आप जानना चाहते हैं कि लिखने का शौक है लिखतें हैं पर पता नही उसे कहां पब्लिश करें … तो जहां तक पब्लिश करने की बात है तो सोशल मीडिया जिंदाबाद […]

  • Home
  • Blog
  • Articles
  • Cartoons
  • Audios
  • Videos
  • Poems
  • Stories
  • Kids n Teens
  • Contact
  • Privacy Policy
  • Terms of Use
  • Disclaimer
  • Anti Spam Policy
  • Copyright Act Notice

© Copyright 2024-25 · Monica gupta · All Rights Reserved