Monica Gupta

Writer, Author, Cartoonist, Social Worker, Blogger and a renowned YouTuber

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August 22, 2018 By Monica Gupta Leave a Comment

How to Not Raise Spoiled Kids – बच्चों को बिगड़ने से कैसे बचाएं – Monica Gupta

How to Not Raise Spoiled Kids

How to Not Raise Spoiled Kids – बच्चों को बिगड़ने से कैसे बचाएं – Monica Gupta – सभी parents चाहते है कि बच्चे कहना मानें, बात बात पर जिद नही करें… पर ऐसा बहुत कम होता है बहुत बार देखा जाता है बच्चे बिगड जाते हैं  तो कैसे रोके बच्चों को कि बिगडने की situation आए ही ना… पेरेट्स को किन बातों का ख्याल रखना चाहिए इस बारें में मैं बता रही हूं 9 जरुरी बातें..

How to Not Raise Spoiled Kids – बच्चों को बिगड़ने से कैसे बचाएं

 

 

1 घर का माहौल शांत रखें

सबसे ज्यादा जरुरी है कि हम घर का माहौल शांत रखें. लडाई झगडा , चिल्लम चिल्ली देख कर बच्चे भी वैसी ही करने लगते हैं तो सबसे ज्यादा जरुरी है कि माहौल बहुत अच्छा बनाएं रखें

2 कुछ जिम्मेदारी सौपिए

बच्चों को घर के काम की कुछ जिम्मेदारी उनकी उम्र के हिसाब से देनी चाहिए.. अपना कमरा ठीक रखें या पौधे को पानी दें या घर पर कोई पालतू है तो उसे खाने को दे… ऐसे काम से बच्चे में अपनेपन की भावना आती है बच्चा सीखता भी है आत्मविश्वास भी आता है

3 बच्चों को अनुशासन में रखने की आदत डालें

बच्चों को अनुशासन मे रखना बहुत जरुरी है.. एकदम से कोई चीज मांगी और उसे दे दी… ऐसा नही होना चाहिए.. या फिर माता पिता के सामने एक ही रास्ता होता है मार पीट या डांट डपट. जबकि सजा देने से या तुरंत वो चीज दिलवा देने से प्रोब्लम और ज्यादा बढ जाती है कम नही होती… ऐसे में बेस्ट यही होता है कि अनुशासन में रखा जाए.. अपने घर के नियम कायदे बना कर उन्हें उस पर चलाया जाए.

4 बच्चों के लिए   limit set  हो / न का मतलब न

कई बार बच्चे अपनी बात मनवा ही लेते हैं जैसे की घर में बहुत सारी चॉकलेट आई हुई हैं और एक बच्चा अपनी को क्या बोल रहा है मम्मी आप बहुत प्यारी हो आई लव यू मम्मी क्या मैं एक चॉकलेट ले लूं.. अब ऐसे मे मम्मी मना भी कैसे करें पर  न मतलब न… बिल्कुल नही… जो चीज नुकसान करती है वो करती है…

5 बच्चों को manners शिष्टाचार सीखाएं

बच्चों को अच्छे manners सीखाने बहुत जरुरी होते हैं बात बात पर सॉरी, थैंक्स, प्लीज जैसे शब्दों का इस्तेमाल बच्चों के सामने पेरेंटस भी करें और बच्चे भी करे.. आज मेरे सिर में दर्द है प्लीज मेरी हैल्प करवा दो.. या आपका कमरा फैल अहुआ है.. चलो ठीक करो कहने की बजाय प्लीज कमरा साफ कर दो और जब सब ठीक हो जाए तो थैंक्स कहना नही भूलना चाहिए

6 बच्चों को generous उदार बनाएं /

जैसे मान लीजिए कोई खिलौना लेने की जिद बच्चा कर रहा है तो आप बोलिए कि ठीक है हम ले लेंगे पर ये पहले किसी को दे दो.. या कोई ड्रेस है तो नई तभी आएगी जब ये किसी को दोगे… इस तरह देने की आदत बच्चों को अच्छा इंसान बनाती हैं gratitude and generous

7  कुछ अच्छा करने के लिए प्रलोभन नही प्रोत्साहन दीजिए

अगर बच्चे ने कहना माना अच्छा  काम किया तो उसकी पीठ थपथपाईए उसे शाबाशी दीजिए… हम आमतौर पर उसकी पसंद की कोई चीज ला कर देते हैं.. बेशक कोई उपहार देना गलत नही पर प्रोत्साहन देना उसे आगे बढने की प्रेरणा देता है

8 अच्छे बुरे में फर्क बताईए

बच्चे के अच्छे भविष्य के लिए बचपन से ही उन्हें अच्छे और बुरे में अंतर करना सिखाना चाहिए.  जैसे मान लीजिए एक बच्चे का एक दोस्त है और वो हमेशा स्कूल बैग से समान चोरी करता रहता है तो बच्चे को बताईए कि ये  बात किसलिए गलत है एक बच्चा झूठ बोलता है या एक बच्चा है उसने अपना टाईम टेबल बना रखा है और उसी हिसाब से चलता है तो ये कितना सही है…

9 बच्चे के साथ समय बिताईए

सबसे ज्यादा जरुरी बात कि बच्चे को समय दीजिए.. उसके साथ बैठिए बात कीजिए… ताकि वो अपने स्कूल या दोस्तों की सारी बातें शेयर कर सके… बढ़िया रोल मॉडल बनिए। वैसा ही व्यवहार करिए जैसा आप अपने बच्चे से चाहते हैं

How to Not Raise Spoiled Kids – बच्चों को बिगड़ने से कैसे बचाएं

August 20, 2018 By Monica Gupta Leave a Comment

Unhealthy Habits – आदतें जो आपको अस्वस्थ बनाती हैं – Habits that Make You Unhealthy – Monica Gupta

Unhealthy Habits

Unhealthy Habits – आदतें जो आपको अस्वस्थ बनाती हैं – Habits that Make You Unhealthy – Monica Guptaआदतें जो हमें हैल्दी होने से रोकती हैं… हमें अनहैल्दी बनाती हैं. हम सभी चाहते हैं healthy रहना.. पर बहुत बार हम खुद अपने ही दुश्मन बन जाते हैं… कुछ ऐसी आदतें अपना लेते हैं और जाने अंजाने Unhealthy बनते चले जाते हैं.. तो क्या हैं ऐसी आदतें.. वैसे तो हैं बहुत सारी आदतें पर जो बहुत ज्यादा देखने में आती हैं. मैं बता रही हूं 7 आदतें.

Unhealthy Habits – आदतें जो आपको अस्वस्थ बनाती हैं – Habits that Make You Unhealthy –

हम Hygiene का ख्याल नही रखते.. खुद को साफ सुथरा नही रखते.. जैसे मान लीजिए दांत साफ करने की ही बात है… बहुत लोग करते ही नही यानि स्किप कर जाते हैं.. नहाते ही नही.. हैल्दी रहने के लिए स्वच्छता का ख्याल रखना  बहुत जरुरी है.. ये बात बच्चों के लिए नही बडो के लिए भी लागू होती हैं.. इसका ध्यान न रखने पर बहुत सारी बीमारियां हमें घेर लेती हैं.. बहुत सारे मैसेज भी आते हैं इस बारे में…

 

 

अपने खान पान पर Concentrate ही नही करते

खाना पीने को कभी महत्ता नही देते… चार चार घंटे भूखे भी रह लेते हैं और कितनी बार होता है कि ब्रेक फास्ट स्किप कर देते हैं… लेते ही नही और जो मिला खा लिया.. एक बात एक दो दिन की नही बल्कि उनकी हैबिट ही ऐसी होती है.. जल्दी जल्दी खाना या बहुत बार ओवर ईटिंग कर लेना.. हमारी ये आदत या ये बात हमें फिट बनने से रोकती है

नींद –  नींद की पॉवर को अंडर एसटीमेट नही करना चाहिए

कभी भी नींद की पॉवर को अंडर एसटीमेट नही करना चाहिए. बहुत सारी वजह हो सकती हैं कि हम नींद प्रोपर नही लेते जबकि नींद पूरी लेनी चाहिए.. नींद पूरी लेने से शरीर में एक्टिवनेस सी बनी रहती है…नही तो सारा शरीर एकदम गिरा गिरा सा लगता रहता है… किसी काम को करने का मन नही करता

फिर बात आती है बहुत ज्यादा बैठना –

बैठना यानि फिजिकल मूवमैंट कम करना सारा दिन बैठे रहना.. जैसे हाऊस वाईफ हैं जब भी खाली हुई टीवी चला लिया और बस दो दो तीन तीन घंटे बैठे हुए है तो बहुत ज्यादा बैठे रहने की आदत भी हमें फिट बनने से रोकती है.. इससे हमारे शरीर में लथारजिक, एक आलसपन सा आ जाता है..

पांचवी आदत है बहाने बनाना –

ये बहुत लोगो की फेवरेट आदत होती है. बहाने किस तरह के मान लीजिए किसी का वजन बढ रहा है और कोई उसे समझा रहा है कि डाईटिंग करो.. तो वो बहाने बना रहा है कि अरे काम बहुत है फुर्सत ही नही .. अगले महीने से देखता हूं या कोई उसे सैर करने के लिए कह रहा है तो अरे मरने तक की तो फुर्सत है नही और तुम बात कर रहे हो…सैर शुरु कर दो.. यानि बहाने तैयार हैं ऐसे लोग फिट रह सकते हैं क्या.. ?

फिर बात आती है हमारा Behavior  –

बात बात पर बहुत तनाव लेते हैं सोचते रहेंगें past का सोचना कि क्या हो गया.. आने वाले समय की चिंता करना कि क्या होगा… आज में नही जीते.. आज को अच्छा बनाने की कोशिश नही करते.. ये बात भी हमें अनहैल्दी बनाती है..

बहुत ज्यादा समय screen देखने में लगाना..

चाहे वो मोबाईल हो कम्प्यूटर हो… इससे न सिर्फ हमारी सेहत पर असर पडता है बल्कि हमारे आपस के रिश्ते भी खराब होते हैं.. सारा समय जब इसी में लगे रहेंगें आसपास बात नही करेंगें फिर दूसरा भी हमसे नाराज रहने लगेगा तो हम भी नेगेटिव होते चले जाएगें तो उसका सीधा असर हमारी सेहत पर ही पडेगा.. तो देखिए ये हैं सात बातें..

बाहर निकलना चाहिए ताजी हवा का आनंद लेना चाहिए.. खुश रहना चाहिए..

 जिसके पास सेहत है उसके पास उम्मीद है
और जिसके पास उम्मीद है उसके पास सब कुछ है

August 18, 2018 By Monica Gupta Leave a Comment

Parents Interference after Marriage – ससुराल में मायके की दखलांंदाजी – Parents Interference

Parents Interference after Marriage

Parents Interference after Marriage – ससुराल में मायके की दखलांंदाजी –  शादी जैसा पवित्र रिश्ता जिसे सात जन्मों का भी कहा जाता है पर कई बार कुछ बातें ऐसी हो जाती हैं कि इसमें दरारे पडनी शुरु हो जाती हैं और एक दिन रिश्ता ढह जाता है… कारण बहुत से होते हैं जिसमें एक कारण है कि शादी के बाद उसके मायके की तरफ से ससुराल में हद से ज्यादा दखलअंदाजी… आज मैं बताती हूं 9 बातेंं कि किस तरह की interference  होती है..

Parents Interference after Marriage – ससुराल में मायके की दखलांंदाजी –

 

Insecure Feel करते हैं

पहली बात तो ये कि बेटी की शादी के बाद मायके वाले Insecure Feel करते हैं कि बेटी का प्यार अब कम हो जाएगा… पहले जो सिर्फ उन्ही का था अब उतना नही रहेगा.. इसलिए वो बहुत बार जरुरत से ज्यादा केयर करने लगते हैं..

इमोशनल डिस्ट्रब करना..

फोन करके बार बार जताते है कि कि तेरे पापा सारा दिन उदास रहते हैं.. खाना भी नही खाते.. मेरा भी मन नही लगता किसी काम में..

उसे adjust होने का समय नही देते

उसे बार बार फोन करना बार बार उसके ससुराल मिलने आना. दूर दराज की रिश्तेदारी में कोई छोटा सा फक्शन भी होगा तो उसे आने के लिए फोर्स करना.. कही न कही दखलांदाजी होती है.

जल्दी जल्दी मायके आने का न्योता देना..

मायके पक्ष को सोचना चाहिए कि उसे सेट होने दो अपने नए माहौल में पर फोन करके कि बहुत याद आ रही है. मन उदास हो रहा है… आजाओ और वो भी एक दो दिन नही हफ्ते भर के लिए मन नही भरता.. बिना ये सोचे कि उनके पीछे घर पर भी यानि पति को और दूसरे सदस्यों को दिक्कत हो सकती है… ये दखलांदाजी नही तो क्या है?

बार बार बात पूछ्ना

ससुराल के बारे में छोटी से छोटी पूछ्ना. दिन में चलिए एक बार बात कर ली और हाल चाल पूछ लिया पर दिन में आठ आठ बार दस बार फोन करना और सारी बात पूछ्ना कि नहा ली क्या? नाश्ता कर लिया क्या? लंच क्या बनाना है ?? एक एक बात छोटी से छोटी बात की जानकारी रखना दखलांदाजी नही तो क्या है?

गिल्टी फील करवाना

बहुत बार लडकी शादी के बाद अपनी ससुराल में adjust हो गई और वो घर पर फोन कम करती है या आना जाना कम है तो भी उसे जताना कि तू तो हमे भूल गई.. हमारी याद भी नही आती… ऐसा क्या जादू कर दिया ससुराल वालो ने.. यानि उसे महसूस करवाते हैं ये भी कहीं न कहीं एक तरह की दखलांदाजी ही होती है..

Transparency नही रखते

जब कभी ससुराल आते हैं तो इच्छुक रहते हैं कि अलग बैठ कर बात करें.. इससे मन में शका हो जाती है कि ऐसी क्या बात है ?? उससे और लोगो में दूरिया बढती हैं. जबकि आए तो सभी के साथ मिल बैठ कर बात करनी चाहिए बेशक, बात कर सकते हैं पर कुछ दो धंटे के लिए आए हैं और घंटे से ज्यादा अकेले ही लगा रहे हैं तो..  तो दखलांदाजी हो ही गई..

उकसाना

ससुराल में किसी बात को लेकर बेटी को उकसाना. जैसे मान लीजिए ननद हैं और उसकी शादी नही हो रही… तो कहना कि कब तक रहेगी ये इस घर में. जब तक रहेगी तेरी नही चलेगी या पति अगर अपने परिवार की केयर करता है उन का ध्यान रखता है तो अपने मां की हाथ की कठपुली हैं इस तरह की बातें करना ये दखलांदाजी नही तो क्या है?

लेना देना ससुराल के स्टेटस के हिसाब से ज्यादा करना

बहुत बार ये भी देखने में आता है मायके वाले ससुराल पर हावी होने की कोशिश करते हैं ज्यादा लेन देन करके..  इससे ससुराल वालो में कॉम्प्लेक्स सा मन में आ जाता है कि खुद को ज्यादा दिखाने का प्रयास कर रहे हैं.. ऐसे उपहार देना जो बहुत ज्यादा लगे.. कही न कही रिश्ते में दरार या दूरिया कडवाहट आ जाती है

अब आप ही बताईए ये दखंलादाजी नही तो क्या है?? ऐसे मे मायके वालो को बहुत समझदारी से काम लेना चाहिए.. और कोशिश यही करनी चाहिए कि कम से कम दखल दें और समय समय पर बेटी को भी समझाएं… क्या भूमिका होनी चाहिए किस तरह से समझान चाहिए  ताकि उनके आपसी सम्बंध मजबूत बने इस बारे में मैं जल्द ही बताऊंगी…

जाते जाते एक बात जरुर कहना चाहूंगी कि जो रिश्ते गहरे होते हैं  वो अपनेपन का शोर नहीं मचाते…

Parents Interference after Marriage

August 16, 2018 By Monica Gupta Leave a Comment

Breaking Bad Habits in Children – बच्चों की बुरी आदतों को कैसे दूर करें

Breaking Bad Habits in Children

Breaking Bad Habits in Children – बच्चों की बुरी आदतों को कैसे दूर करें – How to Change Bad Habits in Children बिगड़े हुए बच्चे को कैसे सुधारें – बच्चों की बुरी आदतों को कैसे खत्म करें –

Breaking Bad Habits in Children – बच्चों की बुरी आदतों को कैसे दूर करें –

बच्चों की बुरी आदतों को कैसे सुधारें… घर पर या बाहर कोई न कोई आदत बच्चों को देखा देखी पड ही जाती है तो क्या करें पेरेंटस?  उसे कैसे Correct करें क्योकि उसे सुधारना जरुरी इसलिए होता है एक तो कई बार सेहत पर असर डालती है तो कई बार बच्चे के व्यक्तित्व पर…
तो मैं एक एक करके बताती हूं…

Be patient
पहले तो एक Patience से कम ले.. एक दम गुस्सा या overreact करने की जरुरत नही.. बच्चे को मारना या चिल्लाना शुरु कर दिया.. तो इस पर कंट्रोल करके..

कई बार हमें ignore कर देना चाहिए…
बहुत बार हम बहुत ज्यादा ध्यान attention देते रहते हैं तो बच्चा अगर वो काम नही कर रहा तो भी थोडा सा conscious हो जाता है.. जैसे एक बच्चा बार बार चप्पल मुंह में डालता है… आप मना करते हो गुस्सा होते है.. एक बार या दो बार उसकी तरफ ध्यान ही मत दीजिए.. वो डाल रहा है डालने दीजिए… उसे लगेगा कि कोई ध्यान ही नही दे रहा यानि ये कोई जरुरी बात नही.. फिर वो किसी दूसरे काम में लग जाएगा… ये बच्चे की साईकोलोजी होती है… तो बहुत ज्यादा ध्यान देने की जरुरत नही पर लगे कि फिर भी सही नही हो रहा तो सचेत होने की जरुरत है…

अब जरुरत है ये जानने की कि इस आदत की जड क्या है.. यानि Root Cause क्या है..
बच्चा ऐसा behaveकिसलिए कर रहा है .. जैसे मान लीजिए एक बच्चा पैसे चोरी करता है… उसका कारण क्या है… क्या उसके दोस्त ऐसे है या उसे पकेट मनी नही मिलती.. या वो सिर्फ ध्यान बढाने के लिए ऐसा करता है… वजह बहुत सारी हो सकती है और हमें बच्चे से बात करके observe करके इस बात की जड तक जाना चाहिए और उसे दूर करने की कोशिश करनी चाहिए…

सब कुछ जानकर इसकी better option चुननी चाहिए..
Educate करना चाहिए..
अलग अलग तरीको से बच्चे को समझनाना चाहिए या कोई कहानी सुना कर .. कोई उदाहरण देकर. कोई वीडियो दिखा कर जिसमे बच्चा वैसा ही करता हो फिर उसके परिणाम बता कर.. नियम बनाकर
अलग अलग तरीके से बच्चों को समझाया जा सकता है पर दूसरे के सामने बच्चे की पिटाई करके या गुस्सा नही होना चाहिए.. बच्चों का भी आत्मसम्मान होता है तो उन्हें अकेले में समझाएं.. और ये भी बताए कि ये बात मैं किसी से नही कहूंगी पर आज इसे दुबारा नही करेंगें.. कुछ चाहिए तो आप मुझसे बात करेंगें..

बहुत ज्यादा सख्ती नही दिखानी… विश्वास रखिए
बहुत बार पेरेंटस बहुत ज्यादा सख्त हो जाते हैं तो बजाय सख्ती दिखाने के थोडा संयम रखिए मान कर चलिए एक दिन में बच्चा ठीक नही हो जाएगा.. उसे समय दीजिए और इस बीच में आप gentle reminders देते रहिए अगर बच्चा उसे दोहरा रहा है तो..

मनोबल Boost करना है
मनोबल बढाना है कि आप इस आदत को छोड सकते हो.. एक तो है कि तुम तो इस आदत को कभी नही छोड सकते.. एक है कि मुझे यकीन है आप इसे छोड दोगें.. आपको पता है कि इसके परिणाम अच्छी नही है… सही गलत की जानकारी हमने दे ही दी है.. उसे बूस्ट करना है

Boost करने के लिए हम Praise भी कर सकते हैं और Reward भी दे सकते हैं अगर इस हफ्ते झूठ नही बोला अगर इस हफ्ते अंगूठा मुंह में नही डाला तो.. आपके लिए ये ईनाम है.. ताकि वो भी उस आदत से दूर रहना चाहें

कुल मिलाकर ये पेरेंटस का कर्त्वय है.. बच्चों को सुधारना.. इसके लिए बच्चे को समय देना होगा…  बच्चे के साथ समय बिताना होगा ताकि आप भी बच्चे को समझ पाएं और बच्चा आपसे बातें शेयर कर पाए..और कोशिश यही करनी चाहिए कि ये आदते बचपन मे ही सुधार दी जाएं क्योकि अगर ध्यान नही दिया तो बडे होने पर इन्हें हटाना मुश्किल हो जाता है..

बिगड़े हुए बच्चे को कैसे सुधारें

August 14, 2018 By Monica Gupta Leave a Comment

Benefits of Simple living – सादा जीवन – Benefits of simplicity –

Benefits of Simple living – सादा जीवन – Benefits of simplicity – Life is really simple, but we insist on making it complicated – The Power of Simplicity – कई बार चीजे बहुत सिम्पल होती हैं पर हम उन्हें complicated बना लेते हैं अब अगर मैं बात करुं सिम्पल रहने की ही… कितना अच्छा है सिम्पल रहना.. पर हम रहते ही नही.. हमे ये भी चाहिए वो भी चाहिए और फिर इसी में उलझते चले जाते हैं… चलिए आज मैं आपको बताती हों simple रहने के 11 फायदे…

Benefits of Simple living – सादा जीवन – Benefits of simplicity –

  1. पहली बात तो ये कि सिम्पल लोग present में रहते हैं.. जो लोग बिल्कुल सिम्पल रहते हैं उनकी लाईफ में Complication आती ही नही… Complication कब आती हैं ? ये तब आती हैं जब हमें ये भी चाहिए वो भी चाहिए ऐसा होना चाहिए वैसा होना चाहिए. आज का नही सोचते कल का अगले साल का सोचते रह जाते हैं… आज के समय को enjoy नही कर पाते .. जो सिम्पल लोग होते हैं वो आज में जीते हैं आज पर ही फोकस रखते हैं..
  2. जो लोग सिम्पल रहते हैं उनकी सेहत अच्छी रहती है.. हमारी सेहत खराब कब होती है जब हमे बहुत stress टेंशन में रहते है और stress तभी होता है जब हमारी बहुत ज्यादा commitment या obligation हो.. जो लोग सिम्पल रहते हैं वो इन चीजो से खुद ब खुद दूर हो जाते हैं और फिर क्या होगा.. जब तनाव रहित रहेंगें blood pressure नही होगा तो फिर उस मन में बहुत काम अपने लिए जो खुद को अच्छे लगते हैं वो करते हैं.. जैसे धूमना, सोना, नहाना, मसाज, लिखना, meditation बहुत तरह की चीजें करते हैं यानि अपना ख्याल रखना शुरु कर देते हैं..
  3. इससे मन शांत रहेगा… मन का शांत रहना बहुत जरुरी होता है.. मैं किसी मंदिर में चली जाऊ पर मन ही अशांत है तो मुझे मंदिर में भी शांति नही मिलेगी.. तो जो लोग सिम्पल होते हैं उनका मन एक दम शांत होता है.. किसी तरह की य्थल पुथल नही होती.
  4. मन शांत रहेगा तो खुशी मिलेगी .. जब मन शांत होगा तो खुशी खुद ब खुद आ जाएगी हमारी जिंदगी में दो तरह की tragedies है पहला तो वो नही मिलना जिसकी इच्छा थी और दूसरा उसका मिल जाना.. जब मिल जाता है तो उसकी वेल्यू नही करते… ये हमारी नेचर होती है.. “There are two tragedies in life. One is not to get your heart’s desire; the other is to get it.”

हमारा स्वभाव ही होता है कि हमें और चाहिए मान लीजिए मान लीजिए एक आदमी के पास पहले कार नही थी.. अब कार ले ली कुछ समय बाद उसका मन करेगा कि और महंगी लूं .. उसमे ये ये चीजे भी होनी चाहिए.. जहां वो खुश है कि चलो कार है और बहुत अच्छी चल रही है उसी में खुश है…

5. कुछ भी काम करने के लिए किसी बंधन में नही रहेंगें..  जब हम उलझे ही नही रहेंगें जैसाकि नौकरी भी करनी है और फिर ओवर टाईम भी करना है क्योकि बीबी को अच्छे महंगें होटल में ले कर जा सकूं या दिन रात ओवर टाईम करके बच्चे के लिए कमा रहे हैं और उसे ही समय नही दे पा रहे…  ये सब होगा ही नही दिखावा नही होगा संतुष्ट जीवन सिम्पल जीवन होगा तो कितना समय होगा..  तो समय निकाल पाएगें.. अच्छे decisions ले पाएगें किसी को दिखाने के लिए हमें अपना standard बनाए रखना है या हम जो हैं वो हैं

6. आमतौर पर हम किसी भी बात पर ओवर रिएक्ट करते हैं चिल्ला कर पडते हैं, गुस्सा हो जाते हैं जबकि सिम्पल लोग बातों को ओवर नही अंडर रिएक्ट करते हैं fight or flight mentality नही रखते…किसी भी बात का जल्दबाजी मे नही बल्कि आराम से जबाब देते हैं

7. सिम्पल रहने का एक फायदा ये भी है कि फालतू की Planning या उधेड बुन चलती रहती है.. सोचना बंद हो जाता है… आमतौर पर हम कल के या भविष्य के बारे में सोच सोच कर अपना आज भी खराब कर लेते हैं पर उन्हें ये पता है कि इस तरह की सोच baseless निराधार है

8. अब जब इतनी सारी बातें हो जाती हैं तो हमारा जो गोल है लक्ष्य है उसे हासिल कर सकते हैं.. हमारी concentration एक ही जगह रहती है.. जैसे मान लीजिए एक व्यक्ति ने अपना चैनल शुरु किया है उसका फोकस ये हैं कि वो काम की बातें बता पाए पर उसका ध्यान होता है कि मैं महंगी शर्ट पहनू या सोने की तीन चार चैन पहनूं, अंगूठियां पहनूं  हर रोज मेरे आस पास महंगी चीजे रखी हो जिससे लोगो पर इम्प्रेशन अच्छा पडे तो.. उनका फोकस हट गया.. फोकस यही है कि जो काम की बात बोल रहा हूं उसका ज्यादा से ज्यादा लोग फायदा उठा पाएं..  तो वो एक ही बैक ग्राऊंड रखता है तो वो जो चीज चाह रहा है जल्दी से हासिल भी कर लेगा… कर लेगा.. ये गारंटी है… जहां दिखावा शुरु किया वही से मान लीजिए वो भटक गया.. “The simpler we can become, the sooner we shall reach our destination. A life of simplicity is a life of constant progress. It is in simplicity that we can make the fastest progress, progress which is everlasting.”

9.रिश्तों relationship में ज्यादा engaged रहते हैं..

सिम्पल लोग मोबाइल या सोशल मीडिया से engaged रहने की बजाय relationship में खुद को ज्यादा engaged रखते हैं. सोशल मीडिया एक लिमिट में ही करते हैं जिसकी वजह से आसपास के रिश्तों में engaged रहते हैं.. चाहे दोस्त हो या परिवार !! Unplug कर देते हैं और उनकी सारी बातें calm होकर सुनते हैं..

10.  दूसरो को बात बात पर criticize नही करते न ही दूसरो लोगो को Judge करते हैं कि वो ऐसा.. वो ऐसा.. जो लोग सिम्पल तरीके से रहते हैं बजाय दूसरो को जज करने के दूसरे की कमी निकालने के खुद को देखते हैं बजाय दूसरो को बदल जाना चाहिए ऐसा कहने की बजाय खुद पर फोकस रखते हैं कि मेरे लिए क्या सही है क्या गलत है..  खुद के माईंस पोईंटस देख कर खुद को खुद को सही करते हैं..

11. केयरिंग नेचर बन जाती है… अब  जब हमें न तनाव रहा न चिंता रही… न दूसरो की कमी निकाल रहे हैं तो हम दूसरो की केयर करने वाले ख्याल रखने वाले बन जाते हैं

तो देखिए कितनी सिम्पल सी बातें हैं

The most complicated skill is to be simple.

Benefits of Simple living – सादा जीवन – Benefits of simplicity –

August 12, 2018 By Monica Gupta Leave a Comment

Saas Bahu Problems – क्यों होते हैं सास बहू के झगड़े – सास बहू में क्यों नहीं बनती – Monica Gupta

Saas Bahu Problems

Saas Bahu Problems – क्यों होते हैं सास बहू के झगड़े – सास बहू में क्यों नहीं बनती – Monica Gupta –    #GoodRelationshipTipsInHindi – Saas Bahu Problems – सास बहू में क्यों नहीं बनती Saas Bahu Relationship – सास बहू का रिश्ता  – सास बहू की लड़ाई – किन बातों में होते हैं सास बहू के लड़ाई झगड़े .. सास बहु का नाम जहन में आते ही बस एक ही बात आती है वो है लड़ाई झगड़े.. अब सोचने वाली बात ये है कि आखिर होते क्यो हैं झग़डे .. वजह देखा जाए तो बहुत सी होती हैं पर जो बहुत मेंन मेंन वजह हैं 7 वो मैं आपसे शेयर कर रही हूं..

Saas Bahu Problems – क्यों होते हैं सास बहू के झगड़े – सास बहू में क्यों नहीं बनती

1 जनरेशन  generation गैप

एक सास इतने सालों से एक सास अपने घर को सम्भाल रही थी वहीं अब बहु आ गई है घर सम्भालने.. यकीनन बहुत बदलाव भी आया है समय में… पहले समय में जो कह दिया आखं मूंद कर बहु को करना ही पडता था. लेकिन अब बदलाव आया है लडकिया पढी लिखी भी हैं और नौकरी भी करती हैं तो सोच में बहुत बदलाव आया है वो थोडी खुले विचारों की है जबकि सास बहुत ज्यादा आजाद ख्यालात नही है… तो ऐसे में 50/ 50 दोनो को झुकना चाहिए… बहु को भी अपनी मर्यादा में रहना चाहिए क्योकि अब वो शादी होकर अपने ससुराल आ गई है… कुछ दायरा बना कर रखना चाहिए… थोडा सा बदलते समय के साथ बदल जाना चाहिए…

2. रीति रिवाज – ट्रेडिशन

हर घर के कुछ रीति रिवाज होते हैं. सास तो इतने सालों से उसे मानती आ रही है वो चाहती है कि बहु भी मानें.. उन के बारे अगर समझाए अगर वो अपनाती हैं तो बहुत अच्छी बात है और अगर नही तो इसे मुद्दा नही बनाना चाहिए… बहुत बार व्रत रखने होते हैं और बहु जाती हैं ऑफिस… सम्भव नही तो जबरदस्ती न करें पर बहु को भी चाहिए बजाय इन रीति रिवाजो को  Criticize न करे.. बेशक माने नही पर Criticize करना भी सही नही.. इससे भावनाओं को चोट पहुंचती है..

3. रहनसहन –  कल्चर

हर परिवार का अपना रहन सहन अपना क्ल्चर होता है चाहे खाने पीने की बात तो या पहनावे की.. कई बार बाते भी दूरिया पैदा कर देती हैं..  खान पान भी बहुत बार मुद्दा बन जाता है… बेटा अपनी पत्नी को बोलता है कि मां के हाथ के खाने का जवाब नही तुम्हारे खाने में वैसा स्वाद नही.. वही बहु भी बोलती है कि हमारे यहां तो इस तरह का खाना नही खाते… यहां तो उबला खाना खाया जाता है हमारे यहा तो खूब मसालेदार खाना खाते हैं.. तो तो समय लगता है… बजाय टोका नई जगह नए तौर तरीके सीखने में समय लगता है.. तो जैसा बन रहा है उसे एप्रीशिएट करना चाहिए और सीखते रहना चाहिए और सीखते रहना चाहिए… बात को कई बार सम्भाल भी लेना चाहिए जैसा कि डायनिंग टेबल पर ससुर भी बात कुछ ऐसे सम्भाल सकते हैं कि कि आज जैसा बहु ने खाना बनाया ऐसा मेरी मां बनाती थी… बेटे को भी टोका टाकी नही करनी चाहिए.. वैसे बात आगे बढानी हो यानि झडा ही करना हो तो राई का पहाड बनाते देर नही लगती… पर समझदारी से काम लेना चाहिए.. या बात वही खत्म करनी हो ये हमारे हाथ मे ही होता है…

और जैसे मान लीजिए साडी की ही बात लें कि हमारे परिवार में किसी ने सलवार सूट नही पहना.. साडी ही पहननी होगी और घूंधट भी करना होगा… अब ऐसे में बहु नही मानेगी तो झग़डा होगा तो ऐसे में थोडा सास को भी बदलना होगा कि कोई बात नही घर का काम करते हुए सूट पहन सकती हो पर बाहर किसी शादी या किसी समारोह में जाए तो साडी पहनना.. एक दूसरे के sentiment की कदर करनी होगी..

4. मायका

बहुत घरों में मायका भी बहुत बडा मुद्दा बनता है.. बहु बहुत ज्यादा समय फोन पर ही लगी रहती है अपनी मम्मी या भाभी से ही बात करती रहती है.. या बहु की मां बहुत ज्यादा दखलंदाजी करती है.. वही सास भी हर बात अपनी बेटी को फोन करके बताती रहती है… आज बहु ने ये किया आज ऐसा हुआ वैसा हुआ.. तो सास बहु दोनो को चाहिए कि अपनी अपनी सीमा में रहें  और बात बात फोन करके बताने की आदत से भी दूरी बनाए रखें.. जब पति शाम को घर आए तब भी फोन पर लगे रहना.. बात करते रहना एक गुस्सा भर देता है तो बात जरुर कीजिए पर समय देख कर…

5. बेटा

अक्सर सास बोलती है कि मेरा बेटा मेरे हाथ से निकल गया सुनता ही नही वहीं बहु बोलती है कि सारा समय अपनी मम्मी की ही सुनते हैं मेरी सुनते ही नही… दोनो अपना अधिकार जताती हैं… बचपन से मां ने बेटे की देखभाल की.. सारे काम मां से पूछ कर करता था और आज.. वही बहु को लगता है कि मेरे पति है उन्हें मेरी सुननी चाहिए… जबकी कोई भी बात हो बजाय तेरा मेरा करने के उन्हें आदर दें और एक बेटा एक पति होने के नाते उनकी भावनाओं को भी समझें.. मां को भी चाहिए कि बेटे बहु की बात में बार बार इंटर फियर न करे.. बेटा और बहु को सारी जिंदगी एक साथ बितानी है तो उनके सम्बंध मजबूत बननए की कोशिश करनी चाहिए

6. तुलना

बात बात पर तुलना करना भी रिश्ते में कडवाहट भर देता है. सास अपनी बेटी या दूसरी बहू से तुलना करेगी… Criticizingवही बहु हमारे मायके में तो ये है वो है… जब एक घर मे रह रहे हैं तो फिर इस घर को बेहतर कैसे बनाना है इस पर काम किया जाना चाहिए ना कि तुलना करके एक दूसरे को नीचा दिखाने का प्रयास करना चाहिए.. अगर सास बुराई करती है बहु की तो एक तरह से वो अपनी बुराई कर रही है क्योकि अब वो दो नही एक परिवार हैं… उसकी बुराई यानि खुद की बुराई..

7. अपनेपन की फीलिंग का अभाव DIL- MIL कर ही नही रहते.. मैनें अपनी एक पहली वीडियो में भी बताया था कि अंग्रेजी ने तो दोल मिला दिए पर हम नही मिला पाए.. अंग्रेजी में Daughter in law – Mother in law बोलते हैं ना यानि DIL- MIL.. पर वो हैं कि मैं क्यों झुकू मैं क्यो झुकू बात ले कर बैठ जाती है..

प्यार, अपनेपन की फीलिंग डेवलेप नही करती जबकि करनी चाहिए.. मैंने शुरु में कहा कि सास बहु का नाम लेते ही जहन में आता है लडाई झगडा. क्यो नही हमारे मन में प्यार और विश्वास आता… वो शायद इसलिए कि एक बहु जब शादी होकर ससुराल जाती है तो नेगेटिविटी भी साथ लेकर जाती है कि ना जाने कैसी सास मिलेगी.. वही सास की भी यही सोच होती है कि मार्डन बहू है बहुत नखरे होंगें.. तो इसे बदलना होगा.. एक बहू को उनमे मां और सास को उसमें बेटी खोजनी होगी… छोटी छोटी बातो को तूल न देकर अपने घर संसार को सहेजना होगा… वैसे सास बहु का रिश्ता मां बेटी जैसा क्यो जरुरी है और इसे कैसे बनाएं ये मैं अगली वीडियो में जरुर बताऊंगी पर फिलहाल ये जो छोटे मोटे झगडे होते हैं इन को अपने प्यार  affection   और कुशल व्यवहार से आसानी से दूर किया जा सकता है..

बहुत तनाव वाला विषय था तो कुछ हल्का सा माहौल हो जाए .. एक बार घर पर मेहमान आए तो सास बोली बहु मेहमान आए हैं कुछ बना लो.. तो बहु ने तुरंत बना लिया.. फटाफट जी मांजी करते हुए.. और वो पता है क्या था.. वो था मुंह बना लिया…

बस खुश रहिए.. देखिए रहना तो है ही सारी जिंदगी एक साथ… खुश होकर मिलकर रहेगें तो समय अच्छा बीत जाएगा नही तो …

 Saas Bahu Problems

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