Monica Gupta

Writer, Author, Cartoonist, Social Worker, Blogger and a renowned YouTuber

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May 24, 2019 By Monica Gupta 1 Comment

Think Before You Speak – सोच समझ के बोलना चाहिए –

Think Before You Speak

अगर मौन रहना एक साधना है तो सोच समझ कर बोलना एक कला… इसलिए जब भी बोलिए वक़्त पर बोलिए, मुद्दतों सोचिए, मुक्तसर बोलिए –

हमें हमेशा सोच समझकर बोलना चाहिए। बिना सोचे समझे बोली गई बात ना सिर्फ सामने वाले को बुरी लग सकती है बल्कि हमारी भी इमेज खराब हो सकती है… बहुत बार होता है कि हम अपने अहम में ego में होते हैं और बिना सोचे समझे कुछ भी बोल जाते हैं पर इस बात का ध्यान रखना चाहिए…

देखिए आखों से निकले आंसू वापिस जा सकते हैं क्या ?? या कमान से निकला तीर वापस आ सकता है क्या ?? नहीं आता बस उसी तरह हमारी बात है बाद में पछताते रहने से अच्छा है कि पहले ही सोच समझ कर बोला जाए..

चलिए मैं अपनी बात को और क्लीयर करने के लिए एक प्रसंग सुनाती हूं… एक बहुत खूबसूरत लेडी प्लेन के अंदर एंटर हुई और एयर होस्टेस से सीट की लोकेशन पूछने लगी…

प्लेन में बहुत सारे लोग थे और सबका ध्यान उसी की तरफ चला गया… वाह कि कितनी खूबसूरत है… पता नहीं इसका क्या सीट नम्बर होगा.. काश हमारे पास वाला हो… तभी एयर होस्टेस ने इशारा किया और वो अपनी सीट की और चल दी…

जब अपनी सीट पर पहुंची तो देखा कि उसके साथ वाली सीट पर एक नौजवान बैठा था। अपनी सीट पर बैठते हुए लेडी ने देखा कि उस नौजवान के दोनों हाथ नहीं है। ये देखकर उसे को अच्छा नहीं लगा… गंदा सा मुंह बनाया… उस नौजवान ने उसे स्माईल दी पर उसने कोई जवाब नहीं दिया…

मन ही मन सोचने लगी कि मैं ऐसे किसी व्यक्ति के साथ कैसे बैठ सकती हूं, जिसके दोनों हाथ न हो। ये सोचकर वो दुबारा एयर होस्टेस के पास गई और बोली कि- क्या मुझे कोई दूसरी सीट मिल सकती है? एयर होस्टेस ने पूछा कि क्या हुआ मेम ?? सब ठीक तो है ना… तब उस लेडी ने बताया कि उसके साथ वाली सीट पर जो बैठा है उसके हाथ ही नहीं है..

मैं नहीं बैठ सकती उसके साथ… ये सुनकर एयर होस्टेस को समझ आ गया कि इस महिला की सोच बहुत ही छोटी है। उसने बहुत अदब से कहा कि मैं देखती हूं मेम आप प्लीज एक बार अपनी सीट पर बैठ जाईए..

थोड़ी देर बाद जब एयर होस्टेस आई तो उसने महिला से कहा कि- मैडम सॉरी ई कोनोमी economy क्लास में कोई भी सीट खाली नहीं है, पर मैं एक बार अपने क्रू मेंबर्स से बात करके देखती हूं और वो चली गई… थोडी देर बाद जब एयर होस्टेस आई तो इस लेडी से बोली कि – मैम, क्रू मेंबर्स ने मिलकर आज एक डिसीजन लिया है और ये डिसीजन आजतक कभी नहीं लिया गया.. पहली बार हो रहा है…

आज हम अपने पैसेंजर को यहां से बिजनेस क्लास की सीट पर शिफ्ट करने वाले हैं। ये सुनकर वो लेडी खुश हो गई और जैसे ही उठने को हुई । एयर होस्टेस ने उन नौजवान की तरफ देखते हुए कहा सर, हम आपकी सीट यहां से बिजनेस क्लास में शिफ्ट कर रहे हैं, क्योंकि हम नहीं चाहते कि आप एक संकीर्ण सोच narrow minded lady के साथ बैठकर यात्रा करें। वो नौजवान अपनी सीट से खडे हो गए…और उस लेडी की तरफ देखते हुए बोले… मैं पहले फौज में था, एक लड़ाई के दौरान मुझे मेरे दोनो हाथ गवाने पडे।

जब आपने एयर होस्टेस से कहा कि मेरे दोनो हाथ नहीं है इसलिए आप यहां बैठना नहीं चहती तो मुझे बहुत दुख हुआ लेकिन आपके क्रू मेंबर्स के विचार जानकर मुझे अच्छा लगा कि चलो कोई तो वेल्यू करता है/

प्लेन में बैठे अन्य पैसेंजर्स जो अब तक पूरी बात समझ झुके थे। उन्होने खडे होकर सेल्यूट करके फैजी क स्वागत किया और फौजी नौजवान और क्रू मेंबर्स के लिए तालियां बजाईं। और अब सबकी उस खूबसूरत लेडी के बारे में राय बदल चुकी थी… और वो पछ्ता रही थी कि मैंने ऐसा क्यू बोला… काश चुप रह जाती…

अब वो ये सोच रही थी कि काश ये सपना हो.. पर ये नहीं था… पर अब कुछ नई हो सकता था क्योंकि तीर कमान से निकल चुका था… और अब वो किसी को सुंदर नहीं लग रही थी… वो सुंदर महिला बहुत शर्मिंदा हुई और चुपचाप जाकर अपनी सीट पर बैठ गई।तो हमें सारी बात आंकलन करके बहुत सोच समझ कर ही बोलना चाहिए… मौन रहना एक साधना है और सोच समझ कर बोलना एक कला…

https://www.youtube.com/watch?v=8Lflt6P84B4

May 21, 2019 By Monica Gupta 5 Comments

How to Become a Good Person – अच्छा इंसान कैसे बने – How to Be a Good Person –

How to Become a Good Person

अच्छा इंसान कैसे बने

कैसे बनें अच्छा इंसान… आप सोच रहे होंगे कि ये क्या टॉपिक हुआ?? ये तो सभी को पता है… कैसे बनें अच्छा इंसान… जब मैंने कुछ लोगो से बात की कि आप बताएं तो लगभग सभी ने बोला कि अच्छा इंसान kind, caring होता है, दूसरे का ख्याल रखने वाला होता है… और क्या!! बेशक, पर सिर्फ इतना ही नहीं…. दूसरे के साथ साथ वो अपनी भी केयर करता है अपना भी ख्याल रखता है… जिस हम ज्यादातर ध्यान नहीं देते… कुछ बातें ऐसी हैं जिस पर हम ध्यान नही देते और शायद इसलिए अच्छे इंसान बनने से रह जाते हैं तो आज मैं आपको बता रही हूं 7 बातें..

चलिए अब शुरु करते हैं कि कैसे बनें अच्छा इंसान…

1.सबसे पहले तो ये सोचना है कि आपके विचार से अच्छे इंसान की क्या परिभाषा है ?? अच्छा कौन है ये discover करना है… जैसे मैं किसे पसंद करता हूं, मेरे आईडियल, मेरे रोल मॉडल कौन हैं… उनकी क्या ऐसी बात है जो मुझे अच्छी लगती है…

2. फिर खुद को improve करना है… रिश्ते बनाते में हमें honest और loyal रहना है.

घमंड नहीं करना.. देखिए अगर कोई ये कहे कि मैं श्रेष्ठ हूं तो कोई दिक्कत नहीं पर पर कोई ये कहे कि सिर्फ मैं भी श्रेष्ठ हूं… ये सही नहीं… ये घंमड है… इसी के साथ साथ दिखावा करने की कोई जरुरत नहीं.. जरुरत इस बात की है कि हम जो कहे उस बात पर स्टिक्ट भी रहें…  

जब हम खुद को improve करने की बात करते हैं तो इसका मतलब है हम इस ओर प्रयास कर रहे हैं एक दिन में ही बदलाव नहीं आएगा.. समय लगेगा पर बदलाव आएगा जरुर.. छोटे छोटे कदमों से शुरुआत कीजिए… फिर ये हमारी आदत ही बन जाएगी… एक एक करके सुधार करते जाईए..

3. अपने अंदर अच्छी क्वालिटी devlope करनी हैं कुछ magic words  का खुल कर इस्तेमाल करना है जैसा कि thanks, sorry, please, बडो का आदर करना है छोटों से प्यार से बात करनी है और जो disable हैं proper attention देनी है… जिससे भी बात करे….. बोलने से पहले सोच लें कि क्या बात करनी है…

4.Bad Qualities खत्म करनी हैं… अक्सर हम किसी भी बात को पर्सनली ले लेते हैं तो इसे तो बिल्कुल ही नहीं लेना चाहिए.. जो सामने वाला बोल रहा है ये उसकी अपनी सोच है…

फिर जलन, ईर्ष्या, नफरत, तुलना, भूल कर भी नहीं करनी. मन में भी कोई ग्रजिस नहीं रखनी क्योंकि अगर हम ये बातें मन में रखेंगें तो प्रोब्लम भी हमे ही होगी… सामने वाले को तो कोई फर्क नहीं पडेगा..

कोई गलती करता है तो माफ कर देना चाहिए हमसे गलती हो तो सॉरी बोल देना चाहिए. कोई गलती हुई तो सारा ब्लेम खुद पर नहीं लेना चाहिए और अगर कोई काम अच्छा हुआ तो ये भी नहीं हो कि सारा क्रेडिट खुद ले लिया…

आराम से कूल होकर,  संयम से काम करना है

5. हमेशा हमेशा दूसरे की मदद के लिए आगे आना है… देने की भावना रखनी है.. एक गरीब मंदिर गया और भगवान जी के सामने खड़ा होकर जोर जोर से रोने लगा कि आपने मुझे इतना गरीब किसलिए बनाया…

भगवान जी बोले कि तूने देना नहीं सीखा इसलिए.. वो हैरान.. अरे मैं तो खुद गरीब हू मैं क्या दूंगा… तो वो बोले… तेरे पास दो हाथ हैं तू दूसरों की मदद कर सकता है.. तेरे पास जुबान है दो मीठे बोल बोल सकता है, अपनी स्माईल से दूसरे के दुख दर्द कम कर सकता है…  तो हमें मन में दया भाव और समान अनुभूति रखनी है…

6. और इसके लिए सबसे जरुरी है हमारी पॉजिटिव सोच… नेगेटिव सोच रखेंगे तो कही न कही दूसरे के साथ साथ हम खुद को भी हर्ट कर रहे होते हैं और हमें तो रखना है अपना भी ख्याल… जो अच्छे इंसान होते हैं वो जितना ख्याल दूसरे का रखते हैं उतना ही खुद का भी रखते हैं… इसलिए..

7. हमारा जो भी काम हो एक्शन हो वो समाज और देश की बेहतरी की लिए हो.. बैटरमैंट के लिए हो… जैसा कि मैं ने पौधा लगाया  तो ये अच्छा है ना .. मैं सड़क पर कूडा नहीं फेंकती तो ये भी एक कदम बेहतरी पर है और अगर मैं फालतू की बिजली नहीं जलने देती तो ये भी सार्थक कदम है… बस ऐसी ही पहल होनी चाहिए..

तो देखिए ये हैं कुछ बातें… अब बताईए क्या ये मुश्किल है.. ? कितना आसान है… बस जरुरत है commitment और determination की.. मन में ठान लें कि बस बनना ही है अच्छा इंसान… वो कहते भी है ना

कैसे बनें अच्छा इंसान… माना बुरी है दुनिया हर तरफ धोखा है…

हम तो अच्छे बनें.. हमें किसने रोका है…

अच्छे इंसान सिर्फ और सिर्फ अपने कर्म से पहचाने जाते हैं; क्योंकि अच्छी बातें तो बुरे लोग भी कर लेते हैं।

May 13, 2019 By Monica Gupta 2 Comments

When People Make Fun of You – कोई मजाक उड़ाए तो क्या करे –

When People Make Fun of You

कोई मजाक उड़ाए तो क्या करे – जो लोग हमारा मजाक उड़ाते हैं क्या हमें भी उनकी ही तरह उनका दुगुना मजाक बनाना चाहिए या क्या मजाक और पैसा सोच समझ कर उड़ाना चाहिए…
“उन्हें लगता है कि उनकी चालाकियां मुझे समझ नहीं आती
और मैं बड़ी ख़ामोशी से देखता हूँ उनको अपनी नजरों से गिरते हुए… “


https://www.youtube.com/watch?v=LoYojkYHEak

May 6, 2019 By Monica Gupta 2 Comments

Difficult Spouse – जब पति और पत्नी में न बने – How to Deal with a Difficult Spouse – Monica Gupta

Difficult Spouse

Difficult Spouse से कैसे deal करें… इतना आसान नहीं है जिंदगी का हर किरदार निभाना… इंसान को बिखरना पड़ता है कुछ रिश्ते समेटने के लिए… बहुत सारे कमेंट्स और मैसेज इसी बारे में आते हैं कि क्या करें कई बहुत helpless feel करते हैं हम दोनों ना एक छ्त के नीचे रह सकते हैं ना ही छोड़ सकते है क्या करें… ??

जैसे वाईफ लिखती हैं कि घर की मेरी या बच्चों की तरफ ज़रा भी ध्यान नहीं देते, टीवी या दोस्त ही प्रिय हैं कुछ बोलू तो गुस्सा करते हैं चिल्लाने लगते हैं बात बात पर ताना देते हैं.. कुछ का कहना है कि गाली गलौच या हाथ तक भी उठा देते हैं.वही पति बोलते हैं कभी घर में रहती ही नहीं.. सारा दिन शॉपिंग या किट्टी पार्टी या पडोसन के साथ बैठे रहना.. घर की तरफ कोई ध्यान नहीं… मेरे माता पिता को अपना कभी नहीं समझती हमेशा अपने कमरे में ही बैठी रहती है…

अब ऐसे में क्या करें बहुत helpless feel करते हैं ना एक छ्त के नीचे रह सकते हैं ना ही छोड सकते है क्या करें… ??

तो मैं उनसे कुछ बातें शेयर कर रही हूं… आप चाहे पति हैं या पत्नी.. ये बातें आप दोनो पर लागू होती हैं…क्या सबसे पहले शांत रहें.. दिमाग को रिलेक्स करें.. शांत पानी में ठहरे हुए पानी में ही हम अपनी रिफ्लेशन देख पाते हैं.. वही अगर पानी उबल रहा हो तो हम उसमे अपना रिफ्लेशन नहीं देख पाएगें.. इसलिए सबसे जरुरी हैं एक बार शांत रह्ना और शांत होकर सोचना.. बेशक एक दिन एक्ट्रा लग जाए पर खुद को शांत रखना ही होगा..

सोचना ये हैं कि इस तरह से जो ये हो रहा है पति कर रहे हैं या पत्नी कर रही हैं कारण है क्या… जड तक जाना है.. जैसे पति बात बात पर चिडते हैं पहले तो ऐसा नहीं था क्या कोई ऑफिस की दिक्कत है या फाईनेंशली प्रोब्लम है या किसी से कोई बात हुई है… वाईफ को बात बात पर गुस्सा आता है तो हुआ क्या ऐसा पहले तो नहीं था तो… क्या सेहत ठीक है.. बीपी की दिक्कत तो नहीं या खून तो कम नहीं… लेडीज के साथ भी सौ तरह की परेशानी हो सकती हैं तो गहराई से सोचिए और स्पोर्ट बनिए.. उस प्रोब्लम को दूर करना है और उन्हें ये भी बताना है कि कोई बात नहीं ये तो लाईफ का एक हिस्सा है… This Too shall pass.. हम मिलकर सामना करेंगे…

यानि अब माईंड सेट पॉजिटिव रखना है अगर प्रोब्लम पता लग गई तो उसे दूर करने का प्रयास करना है नहीं पता लगी तो बातचीत से पता लगाना है पर माईड सेट पोजिटिव ही रखना है एक बार कोशिश करनी है कि सम्बंध बेहतर बन सकें… क्योंकि हम हमने सोच ही रखा होगा कि मुझे क्या ?? मुझे कोई फर्क नहीं पडता… होने दो जो हो रहा है अच्छा ही है फल मिलना ही चाहिए.. नहीं ये नहीं.. एक बार बेहतर बनाने का प्रयास करना चाहिए.. कहानी शुरु होते ही द एंड नहीं कीजिए…कर दिया… लडाई झगडे, टेंशन  तो हर परिवार में होते हैं कोई बात नहीं.. मैं एक ट्राई खुद को देते हैं… रिश्ते को track पर लाने का प्रयास करते हैं और करनी है बातचीत…

अच्छा जब बातचीत करें तो अपना होमवर्क कर ले कि क्या बात करनी है.. प्लान बना लें कि ये ये बातें हैं और मैंने करनी हैं.. कई बार बातचीत शुरु हो गई कि जो जरुरी बात करनी थी वो तो रह ही गई… इसलिए और जब बातचीत करें तो आराम से रिस्पेक्ट से कोई टोंट करके या व्यंग्य करके नहीं… संवाद ही विवाद मिटाने की शक्ति रखता है…

बातचीत तक करें जब पार्टनर भी मैंटली फ्री हों जैसे कि सुबह सुबह ऑफिस जाने की जल्दी है और तब बात शुरु कर दी या दो दिन से बच्चे को बुखार है वाईफ का पूरा ध्यान बच्चे की ओर है और पति ने उस समय बात करने शुरु कर दी.. वो बेचारी पहले ही बहुत परेशान है तो जब मैंटली फ्री हो तब बात कीजिए.. बेशक पहले ही पूछ लीजिए कि आपसे कुछ बात करनी है कब हो सकती है

जब बातचीत के लिए साथ बैठे तो संयम रखते हुए बात शुरु करनी हैं जैसा कि मैं कुछ दिन से देख रही हूं कि आप मुझ से गुस्सा हैं क्या कोई मेरी गलती हुई… किस बात से आप नाराज हैं… और जब लगे कि उधर से सही रिपॉसन मिल रहा है तो अपनी बातें क्लीयर करते जाईए…

एक ना कभी भी दूसरे से तुलना नहीं कीजिए.. मेरी एक जानकार थी वो जब भी घर आती हमेशा अपने पड़ोसी की तारीफ करती कि वो बहुत ही अच्छा कपल है बहुत प्यार से रहते हैं उनकी वाईफ को बच्चा होने वाला था तो 6 महीने पत्नी की छोटी बहन को बुला लिया और बहुत केयर करते.. जब बेबी हुआ और वो उनके घर गई तो क्या देखा पत्नी की जिस बहन को घर बुला लिया था उसी से कोर्ट मैरिज कर ली.. तब उसे लगा कि उसकी सोच बहुत गलत थी…

और अगर हमें लग रहा है कि ये सब कर के देख लिया और छोड तो सकते नहीं.. तो खुद को बिजी रखिए किसी ना क्रिएटिव काम में.. कई बार हम बहुत ज्यादा पोजेसिव हो जाते हैं तो ये बात भी कही न कही नुकसान करती है जैसे सारा समय बस उन्ही के बारे में ही सोचेग़ी… वो अपने मम्मी पाप से भी नहीं ज्यादा बात कर सकते बस सारा समय मेरे साथ ही रहे.. तो खुद को बिजी रखिए और ये सोचिए कि किसी के बेटे भी हैं वही पति भी पत्नी को जोब नहीं करने देना चहते तो वो ये सोचे की इसकी भी कोई फीलिंग हैं ये भी कुछ बनना चाहती हैं सपने हैं इसके भी…

तो ऐसे में अगर बाहर जाने की परमिशन नहीं है तो घर पर रह कर ही बहुत कुछ क्रिएटिव किया जा सकता है… खुद को बिजी रखा जा सकता है.मन बिजी रहेगा तो उस तरफ ध्यान कम जाएगा… काम कर लीजिए या बच्चों की देखभाल बहुत अच्छे से कीजिए ताकि जो प्रोब्लम आपने फेस की वो बच्चे न करें.. बच्चों को अच्छे संस्कार दीजिए

और अगर इन सबके बाद लगता है कि नहीं अब कुछ नहीं हो सकता अब साथ रहना सम्भव ही नहीं… फिर आपको आगे बढ जाना चाहिए पर ये भी सोचना चाहिए कि कैसे होगा.. कहां रहेगें, इंकम का क्या सोर्स होगा कहीं किसी पर बोझ तो नहीं बन जाएगें.. बहुत सोच समझ कर कदम उठाना है हो सके तो अपने बहुत अच्छे मित्र से, बडे बुजुर्ग से या काऊंसलर से सलाह लेकर ही कदम उठाए…

रिश्ते निभाना हर किसी के बस की बात नहीं

अपना दिल भी दुखाना पडता है किसी और की खुशी के लिए

इतना आसान नहीं है जिंदगी का हर किरदार निभाना…

इंसान को बिखरना पडता है कुछ रिश्ते समेटने के लिए…

रिश्ते निभना उतना ही आसान है जितना मिट्टे से मिट्टी पर मिट्टी लिखना और निभाना उतना ही मुश्किल है जितना पानी से पानी पर पानी लिखना

May 3, 2019 By Monica Gupta Leave a Comment

How to Raise Kids – बच्चों की परवरिश कैसे करें – Bacho Ki Parvarish Kaise Kare

बच्चों की परवरिश कैसे करें… बहुत सारे parents के comments आते हैं कि बच्चे कहना नहीं मानते, misbehave करते हैं, जिद्दी बहुत हैं, manners ही नहीं हैं… क्या करें, क्या ना करें तो आज इसी बारे में मैं बात कर रही हूं…

देखिए हम जिस समाज में रह रहे हैं यहां शादी के बाद सभी का यही सपना होता है कि जल्दी से जल्दी उनके घर आंगन में नन्हें मुन्ने की किलकारी गूंजे… और कुछ समय बाद सपना सच भी हो जाता है और एंट्री होती है नन्हे मेहमान की… उसके आने पर खूब पार्टी की जाती है.. खुशी भरा माहौल होता है पर जैसे जैसे समय बीतता है बच्चे बडे होने लगते हैं कुछ पेरेंटस के लिए वही बच्चे टेंशन का कारण बन जाते हैं और इस कारण वो अक्सर बच्चों को डांट भी पड जाती है और कई बार पिटाई तक भी हो जाती है…

पिटाई… आज के समय में मार पिटाई बच्चे tolreate नहीं करते.. वजह चाहे कोई भी हो पर इसके नुकसान बहुत है.. वैसे चाहे बच्चों की पिटाई पर हो या स्मार्टparenting पर अलग अलग topics पर बहुत सारी videos बनाई हुई हैं…आप नेट पर सर्च करेंगे तो आपको मिल जाएगी…

तो अब बात आती है कि फिर कैसे करें बच्चों की परवरिश

कैसे आए उन मे अच्छे संस्कार

कैसे डाले उनमे अच्छी आदतें

क्या करें कि वो बडे होकर अच्छे इंसान बनें..

देखिए… इसके लिए उनकी नींव को बचपन से ही मजबूत करना पडेगा और मार पिटाई या डांट के इलावा अलग ढंग से बातें समझानी पडेगी ताकि वो बातें न सिर्फ वो अपनाए बल्कि बल्कि उनके मन में भी घर कर जाए

तो क्या किया जाना चाहिए… यही सोच चल रही थी क्योंकि पेरेंटिंग पर वीडियो बना देना काफी नहीं लग रहा था… तब ये आईडिया आया कि क्यों ना बच्चों से ही डायरेक्ट बात की जाए और उन्ही की बातें उन्हीं के साथ की जाए….. और ये बाते कोई लेक्चर ना हो बल्कि खेल खेल में ही हों, अलग अलग टास्क दिए जाए और बच्चे इसमे पार्टिसेपेट करें इसके लिए उन्हें अलग अलग इनसेंटिव जैसा कि सर्टिफिकेट दिए जाए या जिन बच्चों की बहुत अच्छी परफोरमैंस हो उन्हें गिफ्ट या लाईव बात करने का मौका दिया जाए…

इसी बात को ध्यान में रखते हुए बच्चों के लिए अलग यूटयूब चैनल बनाया है इसमें बच्चों से बात होगी बच्चों के बारे में बात होगी.. घर पर कैसे रहें, स्कूल में कैसे रहें, टाईम कैसे ओर्गेनाईज करें, parents से कैसे behave करें, social skill,life skill से जुडी बातें ढेर सारी बातें होंगी, उन्हें अलग अलग तरीके से चाहे वो कहानी हो या क्विज हो या टास्क हो या अन्य तरीके से अच्छी positive बाते सीखाई जाएगी ताकि इन्हें अपनी daily life में अपनाकर वो बडे होकर अच्छे इंसान बनें…

तो ये है एक प्रयास… और मुझे पूरा विश्वास है कि जो बच्चे इसमे participate करेंगें उनमें जरुर फर्क आएगा…

तो अगर आप parents हैं तो बच्चों को आप जरुर
participate करवाईए अगर parents नहीं परfamily में या आस पड़ोस में हैं तो उनसे इस बारे में जरूर शेयर कीजिए ताकि ज्यादा से ज्यादा बच्चों को इसका फायदा हो…

क्योंकि ये concept नए तरीके का है तो अगर आपकी कोईidea भी हैं तो उसका भी स्वागत है… तो कल फिर मिलूंगी तब तक

April 30, 2019 By Monica Gupta Leave a Comment

Stop Feeling Worthless – खुद को बेकार ना समझें – How to Stop Feeling Worthless – Monica Gupta

Stop Feeling Worthless

Stop Feeling Worthless – खुद को बेकार ना समझें – How to Stop Feeling Worthless – Monica Gupta – खुद को बेकार समझना बंद करिए… अक्सर हमारे मन में ये feeling आ जाती है कि हम तो बेकार हैं बिल्कुल useless है worthless हैं.. क्या ये सही है ?? नहीं ना तो फिर किसलिए ऐसा सोचना… अब आप ये सोच रहे होंगे तो क्या करे ? आ ही जाते हैं ऐसे विचार मन में… किस तरह से इसे दूर करें?? कैसे करे कि ऐसी सोच न बनें… तो आज इसी बारें में आपको कुछ बातें बता रही हूं कि कैसे खुद को बेकार useless  worthless समझना बंद करें…??

1. जो आप हैं वहीं रहें… होता क्या है कि ये फीलिंग हम में कब आती है…जब हम एक दूसरे से तुलना करने लगते हैं वो देखो कैसा  कितना अच्छा और मैं एकदम यूजलेस.. और इस चक्कर में हम दिखावा करने लगते हैं रियल नहीं रह जाते.. बस यही बंद करना है.. यह सोच रखिए कि हर कोई परफेक्ट नहीं होता.. कोई न कोई कमी हर किसी में होती है एक हीरोईन बेशक मूवी में बहुत  खूबसूरत लग रही है पर ये वजह उसकी मेकअप भी हो सकती है…

हमे कोशिश ये करनी हैं कि हम genuine रहें कोई दिखावा न हो… क्योंकि उस चक्कर में हम अपना confidence loose कर जाएगें… तो जरुरी है कि अपने भीतर के प्लस पोंईट खोजिए और आगे लाई.. अपने माईंस पोईंट खोजना जिंदगी का सबसे बड़ा प्लस पोईंट है..

 2. कई बार हम अपनी ही पहचान खोना शुरु कर देते हैं जैसा कि एक लेडी है वो बेटी भी है पत्नी भी है और मां भी है वो क्या सोच रही है कि मैं बिल्कुल बेकार हूं किसलिए कि मैं बच्चों की सही से देखभाल नहीं कर पा रही.. बच्चे हाथ से निकल गए.. मैं फेल हो गई… अब इससे बाहर निकलने के लिए उसे क्या सोचना चाहिए कि मैं एक बेटी के रुप में बहुत अच्छी हूं एक पत्नी के रुप में बहुत केयरिंग हूं घर के सभी लोग खुश भी रहते हैं पर अच्छी मां नहीं हूं इसकी वजह कुछ और भी तो हो सकती है…जरुरी तो नहीं कि मेरी परवरिश खराब थी इसलिए बच्चे बिगड गए… कारण कुछ और भी हो सकते हैं जब और वजह से अच्छी हूं तो इसलिए सोचना बंद कर देना चाहिए..

3. जो लोग बात बात पर criticize करते हैं उनसे दूर रहें… कई बार हमारा सर्कल ऐसा होता है कि वो हर बात पर criticize  ही करते हैं तो उनसे दूरी बना लेनी चाहिए अच्छा कई बार परिवार में ही कुछ ऐसे difficult लोग होते हैं उनसे कैसे डील करें इस बारे में एक वीडियो बनाई हुई है उससे आपको आईडिया मिल जाएगा पर जरुरत इस बात की है कि ये सोचिए कि गलती तो हर किसी से हो सकती है और कभी भी हो सकती है… जो लोग criticize करते हैं या उनसे कभी कोई गलती हुई ही नहीं… तो किसी ने हमें criticize किया और हम भी सिर पकड कर बैठ गए.. ये नहीं करना

4.अपनी हैल्थ का ख्याल रखें… अक्सर ये विचार मन में तब भी आते हैं जब कोई हैल्थ इशू हो जाए कोई बॉडी की प्रोब्लम हो गई.. या फिर किसी का एक्सीडेंट हो गया बेड रेस्त बता दिया है कि तो मैं तो किसी काम का नहीं रहा… तो ऐसे में खुद को बिजी रखिए मान लीजिए आप बेड पर ही है तो बैठे बैठे कुछ क्रिएटिव काम किया जा सकता है… बजाय ये सोचने की मैं कुछ नहीं कर सकता ये सोच होनी चाहिए कि मैं क्या नहीं कर सकता… बजाय ये सोच सोच के डिप्रेशन में जाने के ये सोचिए कि मैं ऐसा क्या करु जो दूसरे के चेहरे पर स्माईल आए… निराशा से बाहर निकलने का बेस्ट तरीका ही यही है कि दूसरे की हैल्प करनी शुरु कर दीजिए… मैटली स्पोर्ट बन जाईए किसी की.. या as a violetear या social issues पर काम करना शुरु कर दीजिए देखिए कितना अच्छा लगेगा..

5. अपना माईड सेट चेंज कर लीजिए.. ये बातें कि मैं बेकार हूं किसी काम का नहीं.. कब आती है जब मन में बहुत ज्यादा नेगेटिविटी भर जाती है… और हम दिन रात नेगेटिव ही सोचने लगते हैं… जिंदगी को बेहतर बनाने की कोशिश की नहीं करते तो ऐसे में क्या सोचना चाहिए कि जिंदगी में उतार चढाव आते रहते हैं जिंदगी रोलर कोस्टर की तरह है जैसे वो उपर जाता है फिर नीचे जाता है तो ये हमारे हाथ में है कि हमें चीखना चिल्लाना है या उसे एंज्वाय करना है अगर हम चिल्लाते ही रह जाएगें और जब जिंदगी में पॉजिटिव हुआ तो उसे भी हम एंज्वाय नहीं कर पाएगें…

हम बेशकीमती है, वेल्यूबल हैं ईश्वर ने हमें भेजा है कुछ सोच कर ही भेजा है और हमें बेकार useless, worthless कह कर उनकी संचना का क्रिएशन का अपमान नहीं करना… मजबूत बनिए, खुद पर विश्वास रखिए.. आप कुछ भी कर सकते हैं अपनी वेल्यू बनाईएपर उसके लिए क्या जरुरी है

हर नजर में मुमकिन नहीं बेगुनाह रहना. चलो.. कोशिश करते हैं कि खुद की नज़रों में बेदाग रहें… अपनी वर्थ जानिए…

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