Monica Gupta

Writer, Author, Cartoonist, Social Worker, Blogger and a renowned YouTuber

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February 17, 2018 By Monica Gupta Leave a Comment

Help Your Child to be Confident – Make Your Child Independent – बच्चों को आत्मनिर्भर बनाएं – Raise Successful Kids

Help Your Child to be Confident

Help Your Child to be Confident – Make Your Child Independent – बच्चों को आत्मनिर्भर बनाएं – Raise Successful Kids – Independent बनाए बच्चों को –  बच्चों को आत्मनिर्भर कैसे बनाएं – पेरेंटिंग टिप्स – हम मदर्स बहुत केयरिंग होती है और बहुत ख्याल रखती हैं बच्चों का… पर क्या आप जानती हैं कि कई बार हमारा बहुत ज्यादा ख्याल रखना भी नेगेटिव हो जाता है…

Help Your Child to be Confident – Make Your Child Independent – बच्चों को आत्मनिर्भर बनाएं – Raise Successful Kids

जैसे मान लीजिए बेटा वीडियो गेम खेल रहा है और आवाज दिए जा रहा है कि पानी दे दो .. और मम्मी भी हां बेटा अभी लाई !!

बच्चा बोल रहा है मैं खेलने जा रहा हूं जरा मेरा स्कूल बैग लगा देना… ओके बेटा…

सुबह का समय है.. बच्चा लेट हो रहा है और यही उसकी रुटीन है… तो उसकी साईकिल साफ कर रही है…

 

कमरा फैला हुआ है कोई बात नही… मैं कर दूंगी ठीक बेचारे के सिर पर कितने काम है कितनी पढाई है और अपना कमरा भी साफ करना पडे तो…

अरे नही… ये जो आपकी मदद करना है ना कि मैं ही कर लूंगी पर कहीं न कही हम गलत कर रही है… इन कामों को करके हमें बच्चों को Independent आत्मनिर्भर बनाना है..

बच्चे में अपना काम खुद करने की स्किल का होना बहुत जरुरी है…

शुरु शुरु में अजीब लगेगा और महसूस भी होगा कि देखो हम अपने बच्चे से काम करवा रहे हैं पर यकीन मानिए उनकी बेहतर जिंदगी के लिए ये बहुत जरुरी है…

तो कैसे करें शुरुआत !!

शुरु में छोटा काम ऐसे ऐसे काम दीजिए कि उन्हें लगे कि अरे ये क्या काम है.. जैसाकि दांत साफ करने के बाद ब्रुश अपनी जगह पर रखना. खाना खाने के बाद अपनी प्लेट किचन में रखना.

फिर धीरे धीरे कुछ कामों में involve कर लीजिए जैसा कि आप बेटे कमरे से वो मैगजीन दे देना… या फिर जो आप काम कर रही हैं उसमे  involve कर लीजिए.  मेरी मदद करवा दो आप किचन मे है तो प्लीज बेटा ये चपाती सर्व कर दो.. जरा देखना बाहर कौन है !! ऐसे छोटे छोटे काम !! शुरुआत ऐसे कीजिए…

कई बच्चे स्कूल से आकर यूनिफार्म इसलिए नही बदलते कि मम्मी ने अलमारी से पलंग पर निकाल कर नही रखी…

शू लेस बंद करना नही आता क्योकि मम्मी ने कभी सीखाया ही नही

पजामे का नाडा नही बांध सकते…

ये बहुत छोटी छोटी बातें होती है बच्चों को आत्मनिर्भर बनाना चाहिए !! आप अपने निकालो  कि क्या पहनोगे कपडे !!

बच्चों को आत्मनिर्भर उनकी उम्र ही हिसाब से बनाना चाहिए.. मान लीजिए अभी बहुत छोटा है तो आप बोल रहे है कि जा कर सडक पर अपनी ट्राई साईकिल चला लो… सडक के नियम पता नही है उसे… या साथ वाली दुकान से सामान ले आओ… ये देख कर कि वो इतना समझदार हो गया है कि वो जा सकता है या नही… बस stop है अभी अकेला वहां खडा हो सकता है या नही..

कई बार बच्चों का मन होता है बाहर का खाना खाने का. जैसे पिज्जा या होटल का खाना तो फिर फोन करके ही आर्डर देना होता है.. वो भी नही करते… आप करो आप करो… तो उन्हे बोलिए कि आप करिए तभी खाना आएगा नही तो नही आएगा !! बाते बहुत छोटी छोटी होती है पर जिंदगी में लॉग रन में बहुत काम आती हैं..

ज्यादा उम्मीद नही रखनी

हमें reasonable expectations यानि उम्मीद उचित रखनी हैं बहुत ज्यादा उम्मीद नही रखनी कि सारा ही काम करे… बच्चा अपनी अलमारी ठीक रखे. स्टडी टेबल सही रखे, बाथरुम साफ रखे. धीरे धीरे करके काम देना है और फिर उसे बेशक बढाते चाहिए पर बच्चे को बोझ न लगे इस बात का ख्याल रखना है…

परफेक्शन को भूल जाईए …

कई बार हमें हर चीज परफेक्ट भी चाहिए होती है कि बच्चे ने अगर कमरा साफ किया तो वो परफेक्ट हो… इतना ही बहुत है किया है उसने साफ… criticism नही करना बल्कि उसे एनकरेज करना है… अब ये आदत धीरे धीरे डालिए … कि साफ भी लगना चाहिए !! पर परफेक्ट ही हो.. ये सोच भी  सही नही

उन्हें अपनी प्रोब्लम खुद सॉल्व करने दीजिए

मान लीजिए बच्चा अपने दोस्त के घर गया और अपनी कॉपी भूल आया पार्क मे खेल रहा है तो पानी की बोतल भूल आया.. तो हम फोन करके पूछ रहे है दोस्त के घर… ये काम बच्चे को ही करने दीजिए.. उसे फोन करके पूछने दीजिए… इससे आत्मनिर्भरता तो आती ही है साथ ही साथ आत्मविश्वास भी बढता है… !! फिर बजाय उनकी हैल्प करने के उन्हें याद करा दीजिए कि याद है ना आज शनिवार है आपका टेस्ट होता है कौन सी कॉपी लेकर जानी है…

टाईमटेबल बनाना बहुत सही रहता है..

और टाईम को मैंनेज करना सीखाना बहुत सही रहता है अगर उन्हें हम पहले ही बता देंगें कि सारी चीजे सही से रखई होगी तो आप कभी कुछ मिस ही नही करोगें उन्हे उदाहरण देकर या कहानी के माध्यम से भी बात समझाई जा सकती है.. अगर 7 बजे का अलार्म है तो अगर पौने 7 का लगा देंगें तो वो और सारा काम आराम से कर लेगा और हबडा तबडी भी नही होगी

Praise भी करनी है अगर अच्छा काम किया है अरे वाह !! आपने तो बहुत अच्छा काम किया… उससे उसने एक positive फीलिंग आएगी जैसाकि आज शू लैस ऐसा बाधां कि सारा दिन खुला नही … तो शाबाशी दीजिए !! Encourage कीजिए

बच्चों को आत्मनिर्भर रहने की वेल्यू समझाई जाएगी तो वो जरुर समझ जाएगे!

एक तरह से देखा जाए तो बच्चे को आत्मनिर्भर बनाना एक सबसे अच्छा उपहार है जो पेरेंटस बच्चों को देते हैं…

बच्चे एक्टिव भी रहते है

रिस्पोंसिबल रहते हैं

और आत्मविश्वास भी आता है…

ये आदत बचपन से ही डालनी जरुरी है क्योकि अगर एक बार आदत नही आई खुद काम करने की फिर बडे होकर भी नही करेंगें !!

Help Your Child to be Confident – Make Your Child Independent

February 16, 2018 By Monica Gupta Leave a Comment

कर्मों का फल – एक प्रेरक कहानी – कर्मों का फल – अच्छे कर्म का फल मिलता है – Inspirational Story

कर्मों का फल

 कर्मों का फल –  एक प्रेरक कहानी – अच्छे कर्म का फल मिलता है – Inspirational Story  –  अच्छे और बुरे कर्म  की असर कल मैं मार्किट से लौट रही थी तभी देखा सामने एक एक्सीडेंट होते होते बचा…वहां खडे कुछ लोग कह रहे थे कि अच्छे कर्म किए होंगे वर्ना कुछ हो ही ना ऐसा तो होता ही नही… तब मैं भी सोचने लगी कि हां.. अच्छे कर्म का फल तो जरुर ही मिलता है…  मुझे एक कहानी भी याद आई

जो मैंनें नेट पर पढी थी.

कर्मों का फल – एक प्रेरक कहानी – कर्मों का फल – अच्छे कर्म का फल मिलता है – Inspirational Story

कहानी एक हिरण की है

हम जैसे कर्म करते हैं हमें फल भी वैसा ही मिलता है… अच्छा करेंगे…  तो अच्छा कुछ बुरा करेंगें तो बुरा…

कई बार कहानी बहुत अच्छा माध्यम बनती है अपनी बात कहने के लिए इस कहानी को  नेट पर पढा था.. … कहानी एक हिरण की है

एक जंगल में बहुत सारे जानवर रहते थे. हिरण भी रहता था वो बहुत ही अच्छा और सभी की मदद करता था.. एक शाम जब वो अपने घर लौट रहा था तो

एक शिकारी ने एक हिरण को बड़ी तरकीब से चारों तरफ के घेर लिया था ।

उसने एक तरकीब अपनाई, जिससे वह हिरण किसी भी सूरत मे बच न सके।

और उसका शिकार निश्चित रूप से किया जा सके ।

उस शिकारी ने हिरण के एक तरफ जाल लगा दिया ।

पीछे की तरफ जंगल मे आग लगा दी ।

एक तरफ अपने शिकारी कुत्ते को खड़ा कर दिया ।

दूसरी तरफ तीर कमान ले कर खुद खड़ा हो गया ।

इतना इंतजाम करके उसने उस हिरण को सब तरफ से घेर लिया ।

यह सब करने के बाद शिकारी ने अपना कुत्ता उस हिरण की तरफ छोड़ दिया और खुद तीर चलाने लगा ।

बेचारा हिरण किसी भी तरफ से निकाल नहीं सकता था ।

एक तरफ तो शिकारी कुत्ता का उसकी ओर लपका हुआ आ रहा था ।

दूसरी तरफ शिकारी तीर चलाने को तैयार था ।

ऐसा लग रहा था की अब इस हिरण की मौत निश्चित हैं ।

इसे कोई भी नहीं बचा सकता । उसने बस मन ही मन ईश्वर को याद किया…

तो क्या हुआ… कोई चांस ही नही था .. बचने का …

पर समय को कुछ और भी मंजूर था …

तभी अचानक एक साँप वहाँ से निकला ।

उस शिकारी का पैर उस साँप पर गलती से पड़ गया ।

साँप ने शिकारी को काट लिया ।

उसी समय शिकारी तीर छोड़ने वाला था लेकिन साँप के काटने के कारण शिकारी का निशाना गलत हो गया ।

जो तीर हिरण को लगना था वह तीर शिकारी कुत्ते को जा लगा ।

कुत्ते की वहीं पर मौत हो गई ।

कुत्ता तीर लगने के कारण और शिकारी साँप के काटने के कारण, दोनों ही मारे जा चुके थे ।

तथा हिरण साफ – साफ बच कर निकाल गया उसने ईश्वर का धन्यवाद किया और और दुबारा जुट गया अपने दोस्तों की मदद करने में.. !!

इसीलिए तो कहा गया है   अच्छे कर्म करते रहना चाहिए…

वैसे एक बात और मैंनें नेट पर पढी थी कि

जब जिन्दगी हँसाए, तब समझना कि अच्छे कर्मों का फल मिल रहा है। जब जिन्दगी रुलाये, तब समझना कि अब अच्छे कर्म करने का समय आ गया है रे बाबा !!

कर्मों का फल – एक प्रेरक कहानी – कर्मों का फल – अच्छे कर्म का फल मिलता है – Inspirational Story

February 15, 2018 By Monica Gupta Leave a Comment

Things Men Like in Women more than Good Looks – मजबूत रिश्ता – Things Women can do that Men Love – Monica Gupta

Things Men Like in Women more than Good Looks

Things Men Like in Women more than Good Looks – मजबूत रिश्ता – Things Women can do that Men Love  – What Men really want in a Relationship – Tips for Women – Good looks यानि खूबसूरत नैननक्श ही सब कुछ होते है ?? आमतौर पर हम यही सोचते हैं कि looks ही सब कुछ होती हैं खासतौर पर  अगर लडकी देखने में अच्छे नही है तो लडका भी अच्छा नही मिलेगा..इसमे कोई शक नही सुन्दरता एक दम ध्यान आकर्षित कर लेती है पर जब बात आती है लम्बे , मजबूत रिलेश्नशिप की, शादी की तो भले ही लडकी बहुत सुंदर क्यों न हो लडका एक बार लडकी से बात जरुर करना चाहता है, जानना चाहता है क्योकि ये रिश्ता एक दो दिन का तो होता नही..

Things Men Like in Women more than Good Looks – Things Women can do that Men Love

पूरी जिंदगी चलता है सुंदरता के इलावा और भी कुछ बातें बहुत मायने रखती हैं तो क्या है वो बातें जो एक male female  में खोजता है…

पर looks  के इलावा भी बहुत कुछ हम मे ऐसा होता है जो मैटर करता है आकर्षित करता है…

जिससे इनका रिश्ता मजबूत हो. हैल्दी और जबरदस्त बोंडिंग हो…

 

 

Understanding  नेचर आकर्षित करती है.. ….. समझदार, सुलझी हो हर सिच्यूशेन को समझने वाली हो और हर हाल में साथ निभाए…

 loving and affectionate… सिर्फ अपने आप से ही प्यार करने वाली हो या अपनी खूबसूरती से ही प्यार न करे बल्कि परिवार में सभी की केयर करे.. चाहे घर मे कोई छोटा सदस्य हो बडा हो या बुजुर्ग हो… सभी की केयर करने वाली हो.. एक दूसरे की भावना का आदर करने वाली हो…

ईमानदार और विश्वास करने वाली… अगर लडकी ईमानदार ओनेस्ट है तो वो दिल जीत लेगी… सच रहे और अपना रिश्ता उसी सच्चाई से निभाए…

इसी के साथ साथ विश्वास का भी बहुत अहम रोल होता है…. कहा गए थे, फोन किसलिए नही उठाया, किससे इतनी देर बात हो रही थी… फेसबुक पर उसे लाईक किसलिए किया… बात बात पर शक करने वाली या झगडालू को कोई पसंद नही करता..

Sense of humor  का होना भी बहुत मायने रखता है.. कोई तनाव वाली भी बात हो तो उस समय कुछ बात करके तनाव कम कर दे… अपनी बातों से माहौल हलका बना दें… वहीं अगर मुंह फुला रखा होगा तो अच्छा खासा मूड भी चौपट हो जाता है.. जिनकी sense of humor  होती है वो स्माईलिंग होते हैं और पॉजीटिव सोच वाले भी होते है… और हंसता मुस्कुराता चेहरा हमेशा ही आकर्षित करता है…

Compromising nature हो… बात की अहमियत या रिश्ते की अहमियत समझते हुए nature compromising हो… समझौता करने वाली नेचर हो… घमण्डी हो कि किसी की नही सुनना… जिंदगी हमेशा एक सी नही रहती अप या डाऊन आते रहते हैं तो जब लाईफ में कुछ अच्छा न हो तो वो ताना न दे या छोड कर न चली जाए…

listening skills  आराम से बात सुनने वाली हो.. कई बार बोलने का मौका नही मिलता और झगडा बढ जाता रिश्ते में बहुत जल्द कडवाहट आ जाएगी…

तो देखिए ये है कुछ ऐसी बातें जो Good looks  को भी overpower कर देती हैं तो मन से कॉम्पलेक्स हटा कर अच्छा बनिए और दिल जीत लीजिए..

एक  शादी को बेहतर बनाए रखने के लिए या सफल शादी के लिए ये खूबियां होनी बहुत जरुरी हैं…  इन बातों पर ध्यान देना चाहिए !!

Things Men Like in Women more than Good Looks – मजबूत रिश्ता – Things Women can do that Men Love – Monica Gupta

February 14, 2018 By Monica Gupta Leave a Comment

Helping Hands are Better than Praying Lips – एक प्रेरक कहानी – सच्ची पूजा – Inspirational Story –

Helping Hands are Better than Praying Lips

Helping Hands are Better than Praying Lips – एक प्रेरक कहानी – सच्ची पूजा – Inspirational Story – Monica Gupta – भगवान  की भक्ति  पर एक खूबसूरत सी कहानी – ईश्वर की पूजा – कल मेरी एक सहेली  घर आई हुई थी और बहुत जल्दी में थी …  पूछ्ने पर कि हुआ क्या कि क्या हुआ.. बोली क्या बताऊं !!. हर रोज सुबह जाती हूं पर तीन चार दिन हो गए… मंदिर ही नही गई… मैंनें जब पूछा कि क्या हुआ था तो वो बोली कि उनके पडोस की आंटी बीमार हो गई थी. बेटा बाहर रहता है तो मैं उनके लिए सुबह शाम रात कभी खाना कभी चाय बना कर देती रही बस उसी में व्यस्त थी. नही तो हर रोज जाती हूं पर जा ही नही पाई… आज उनका बेटा आ गया है तो मैं फ्री हुई हूं !!

Helping Hands are Better than Praying Lips – एक प्रेरक कहानी – सच्ची पूजा – Inspirational Story –

तो मैंने उसे कहा कि वो किसी की सच्चे मन से सेवा कर रही है वो भी ईश्वर की पूजा ही है… उसने बोला नही ऐसा नही होता… तब मैंनें उसे एक कहानी सुनाई जो मैंने नेट पर पढी थी… वो ही मैं आपसे भी शेयर कर रही हूं..

एक गांव में एक मंदिर था… वहां जो  पुजारी थे.. रोज मंदिर में पूजा पाठ करते… बहुत लोग आते थे वहां सुबह शाम, मंदिर में सामूहिक प्रार्थना के लिए बहुत लोग आते थे दूर दूर से…

 

जब प्रार्थना पूजा हो जाती, तब पुजारी लोगों को अपना उपदेश देते। उसी नगर में एक टैक्सी वाला था। वह सुबह से शाम तक अपने काम में लगा रहता। इसी से उसकी रोजी-रोटी चलती..

एक बार वो बहुत उदास हो गया और सोचने लगा कि मैं हमेशा अपना पेट पालने के लिए काम-धंधे में लगा रहता हूं, जबकि लोग मंदिर में जाते हैं और प्रार्थना करते हैं। मुझ जैसा पापी शायद ही कोई इस संसार में हो। मैं तो मंदिर आता ही नही…

जब इस बात का बोझ उसके मन में बहुत अधिक बढ़ गया, तब उसने एक दिन पुजारी के पास जाकर अपने मन की बात कहने का सोचा..

उन्होने प्रणाम किया पुजारी को और बोला पुजारी जी, मैं सुबह से लेकर शाम तक एक गांव से दूसरे गांव टैक्सी चलाकर अपने परिवार का पेट पालने में व्यस्त रहता हूं। मुझे इतना भी समय नहीं मिलता कि मैं ईश्वर के बारे में सोच सकूं। ऐसी स्थिति में मंदिर में आकर प्रार्थना करना तो बहुत दूर की बात है। ‘पुजारी ने देखा कि गाड़ीवान की आंखों में एक भय और असहाय होने की भावना झांक रही है। उसकी बात सुनकर पुजारी ने कहा-‘ तो इसमें दुखी होने की क्या बात है?’

उसने कहा कि मैं ! मैं इस बात से दुखी हूं कि कहीं मृत्यु के बाद ईश्वर मुझे गंम्भीर दंड ने दे। स्वामी, मैं न तो कभी मंदिर आ पाया हूं और लगता भी नहीं कि कभी आ पाऊंगा।’

टैक्सी चालक ने दुखी मन से कहा- ‘पुजारी जी! मैं आपसे यह पूछने आया हूं कि क्या मैं अपना यह पेशा काम छोड़कर नियमित मंदिर में प्रार्थना के लिए आना आरंभ कर दूं।’ पुजारी ने गाड़ीवान की बात गंभीरता से सुनी। उन्होंने गाड़ीवान से पूछा- ‘अच्छा, तुम यह बताओ कि तुम गाड़ी में सुबह से शाम तक लोगों को एक गांव से दूसरे गांव तक पहुंचाते हो।

क्या कभी ऐसे अवसर आए हैं कि तुम अपनी गाड़ी में बूढ़े, अपाहिजों और बच्चों को मुफ्त में एक गांव से दूसरे गांव तक ले गए हो?’ गाड़ीवान ने तुरंत ही उत्तर दिया- ‘हां पुजारी जी  ऐसे अनेक अवसर आते हैं। यहां तक कि जब मुझे यह लगता है कि राहगीर पैदल चल पाने में असमर्थ है, तब मैं उसे अपनी गाड़ी में बिठा लेता हूं।’

पुजारी गाड़ीवान की यह बात सुनकर अत्यंत उत्साहित हुए। उन्होंने गाड़ीवान से कहा- ‘तब तुम अपना पेशा बिलकुल मत छोड़ो। थके हुए बूढ़ों, अपाहिजों, रोगियों और बच्चों को कष्ट से राहत देना ही ईश्वर की सच्ची प्रार्थना है। जिनके मन में करुणा और सेवा की यह भावना रहती है, उनके लिए पृथ्वी का प्रत्येक कण मंदिर के समान होता है और उनके जीवन की प्रत्येक सांस में ईश्वर की प्रार्थना बसी रहती है।

मंदिर में तो वे लोग आते हैं, जो अपने कर्मों द्वारा ईश्वर की प्रार्थना नहीं कर पाते। तुम्हें मंदिर आने की बिलकुल जरूरत नहीं है। सच तो यह है कि सच्ची प्रार्थना तो तुम ही कर रहे हो।’ यह सुनकर गाड़ीवान अभिभूत हो उठा और काम पर लौट गया।

भक्ति का अर्थ मंदिर जा कर राम-राम कहना नहीं है। वो इन्सान जो अपने एकमात्र लक्ष्य के प्रति एकाग्रचित है, वह जो भी काम कर रहा है उसमें वह पूरी तरह से समर्पित है, वही सच्चा भक्त है। उसे भक्ति के लिए किसी देवता की आवश्यकता नहीं होती और वहां ईश्वर मौजूद रहेंगे। भक्ति इसलिए नहीं आई, क्योंकि भगवान हैं। चूंकि भक्ति है इसीलिए भगवान हैं।

Helping Hands are Better than Praying Lips – एक प्रेरक कहानी – सच्ची पूजा – Inspirational Story –

February 13, 2018 By Monica Gupta Leave a Comment

How to Improve Yourself – खुद को बेहतर कैसे बनाएं – Make Yourself a Better Person

How to Improve Yourself

How to Improve Yourself – खुद को बेहतर कैसे बनाएं – Make Yourself a Better Person – Monica Gupta – Personality development पर हम  बहुत बार बात करते हैं.. बहुत बातों की तो जानकारी हमें होती है जैसे कि दूसरे के कैसे बात करें , अपनी बॉडी लेग्वेज क्या हो.. दूसरों की सुननी चाहिए. आई कोंटेक्ट बना कर रखना चाहिए  पर क्या कभी हमने personal growth  कैसे हो इस बारे में विचार किया है… ये भी एक तरह से personal development की एक स्टेज है कि हमारी ग्रोथ कैसे हो… किन बातों का ख्याल रखें

Know yourself

हम अपने बारे में कितना जानते हैं ??  अपने बारे में क्या ?? तो सबसे पहले बात आती है हमें अपने बारे में जानकारी होना…’’क्या जानकारी कि हमारी कमजोरी क्या है हमारी ताकत क्या है… जो कमी है उसे दूर करना और जो ताकत है उसे हथियार बनाना.. सबसे पहले अपने बारे में जानिए … मुश्किल है पर एक बार आपने अपनी ताकत अपनी कमजोरी को जान लिया तो आप मे बहुत जबरदस्त पॉजिटिव बदलाव आ जाएगा…

Goal Setting

एक goal तो होता ही है हम सभी की जिंदगी में.. अगर नही है तो बनाईए.. जैसा कि मान लीजिए मेरा ये goal है इस महीने मैंनें किसी से झगडा नही करना… goal बनाना है और उस पर अडिग भी रहना है… Baby Steps लीजिए.. दो दिन करके देखिए

Planning और Organizing

पर कैसे… किस समय गुस्सा आता है… उस पर काम करना है कि कैसे और बेहतर करु.. यानि गुस्सा न आए… खुश कैसे रहू इस पर काम करना है… यानि प्लान भी बनाना है और उसे सही रुप भी देना है

Get better every day

हर रोज इस पर काम करना है कैसे… अच्छी किताबे पढनी है अच्छी संगत में रहना है.. किसी की बुराई नही करनी..

Get out of your comfort zone

थोडा सा कम्फर्ट जोन से बाहर आ जाईए.. हमे आसान लगता है कि बच्चे की पिटाई करो पर जब बात आती है कि गुस्सा मत करो सब्र करो तो मुश्किल लगता है कि कैसे करेंगें… जबकि एक बार हम अपने कम्फर्ट जोन से बाहर आ गए और हमने खुद पर कंट्रोल कर लिया तो सब अच्छा लगने लगेगा… घर में शांति भी रहेगी और प्यार भी रहेगा..

हम अपनी क्षमता पहचान लेंगें

थोडी ही हिम्मत करेंगें और थोडी सी मेहनत करेंगें तो हम अपनी अपनी क्षमता potential को पहचान लेंगें.. और फिर देखिए कितना अच्छा अहसास होगा.. एक बच्चा है वो कई बार हकलाता है तो उसकी मम्मी क्या करती है कि उसे बार बार बुलवाती है.. अखबार पढवाती है उसकी आवाज रिकार्ड करवाती है और फिर वो बिल्कुल ठीक हो गया..  कैसे किया बच्चा इस डर से बाहर निकला कि नही हो सकता.. मम्मी ने मेहनत करवाई और आज वो दूसरे बच्चों की तरह है… और एक उदाहरण है… तो अपनी क्षमता पहचानी .. कब जब डर का सामना किया…

Self-Growth

और जब ये सब हो रहा है… आप ने जो सोचा आप उसमे स्फलता पा रहे हो उसका रिजल्ट अच्छा मिल रहा है तो आपकी सेल्फ ग्रोथ हो रही है.. personal growth हो रही है फिर वो कहते हैं ना , the sky is the limit.. आप और कुछ करिए और आगे उसे भी एचिव कीजिए !! अच्छे इंसान बन जाएगें और प्रेरणा भी

बस जरुरत इस बात की है कि हार नही माननी.. खुश रहिए और बैलेंस बना कर चलिए लगे रहिए एक न एक दिन जरुर सफलता हासिल होगी.. अपने माईंस पोईट पता होना ही सबसे बडा प्लस पोईंट होता है…

How to Improve Yourself – खुद को बेहतर कैसे बनाएं – Make Yourself a Better Person – Monica Gupta

February 12, 2018 By Monica Gupta Leave a Comment

Raising a Son and a Daughter – Differences between Raising a Son and a Daughter – Gender Inequality in India – Monica Gupta – 

Raising a Son and a Daughter

Raising a Son and a Daughter – Differences between Raising a Son and a Daughter – Gender Inequality in India – Monica Gupta – Differences between Raising a Son and a Daughter – A lot of writers are writing more about something we have noticed in raising a son and a daughter… sexism hurts everyone. कल एक जानकार के घर गई हुई थी. उनकी बेटी 5 क्लास में है वो वही बैठी होमवर्क कर रही थी.. और बेटा 8 क्लास में है वो वही बैठा हमारी बातें सुन रहा था…

Raising a Son and a Daughter – Differences between Raising a Son and a Daughter – Gender Inequality in India

उसने अपनी बेटी को दो बार आवाज देकर बोला मीनू पानी ले आओ आंटी के लिए… उसी बीच में उनका बेटा भी बोला हां , मेरे लिए भी पानी ले आना… मेरी जानकार भी हंसने लगी कि अपने पापा जैसा हुक्म चलाता है… वो पढाई में जुटी हुई थी.. वो जैसे ही उठने को हुई  मैंने मना किया कि नही चाहिए आप पढो, पर मेरा ध्यान इस बात पर था कि बजाय अपने बेटे को पानी लाने के लिए कहने के वो उसे स्पोर्ट कर रही हैं…

हम अकसर कहते तो हैं कि दूसरे बच्चों से तुलना नही करनी चाहिए पर ये अंतर या भेदभाव जो हम कर रहे हैं उसका क्या…

बच्चों की परवरिश में बचपन से ही माता पिता को इस बात का ख्याल रखना बहुत जरुरी होना चाहिए… वैसे कई बार अगर पिता अपनी बेटी को बोल्ड बनाने की कोशिश करते हैं मम्मी ही टोक देती हैं कि क्या कर रहे हो लडकी है… तो इस चीज से बाहर निकल ही होगा.. या फिर अगर मम्मी पापा दोनों बेटा बेटी में फर्क नही करते तो कई बार घर के बडे बुजुर्ग लडकी का वास्ता देकर चुप करवा देते हैं.. सोच बदलनी होगी..  male dominate सोसाईटी की सोच से बाहर निकलना होगा…

बचपन से ही अगर ये भेद भाव हम उनके मन में डाल देंगें तो बडे होते होते तो उनकी सोच वैसी ही हो जाएगी. बडे होकर एक बहुत बडी दीवार बन जाएगी..

मैं कुछ उदाहरण बताती हूं जो आमतौर पर देखने में आते हैं..

एक तो यही कि घर के काम बेटे से करवाने में शर्म लगती है… जबकि ये सोच सही नही है

बेटी होने पर नजरें झुक जाती है.. और जहां दो या तीन बेटिया हो जाएं तो खुद को ही कोसने लगती हैं.. ये तभी हुआ है जब हम भेदभाव करते है.. अभी दो दिन पहले ही खबर देखी कि 6 महीने की बच्ची सडक पर पडी मिली. और ये भेदभाव ही वजह है.. और ये खबरें आम है..

बेटे को स्कूटर , कार सीखा देंगे बेटी को नही सीखाएंगे कि इसने कौन सा बाहर जाना है..

अकसर बेटे के लिए बोलेंगें ये है मेरा शेर बेटा… और बेटी ने कितना भी बहादुरी का काम क्यो न किया हो उसे शेर बच्चा नही बोलेगें… वो गुडिया ही है… और फिर बेटा बहुत चुटकी लेता है कि दीदी तो छुई मुई है… दीदी से कुछ नही हो सकता…

स्कूल की पिकनिक होगी तो भी बेटे को तुरंत पैसे निकाल कर दे देंगें और बेटी को साफ मना कर देंगें कि नही जाना…

बेटा किसी बात पर रोएगा तो झट से बोल देंगें क्या लडकी ही तरह रो रहे हो… जब हम खुद ही कमजोर बना कर रखेंगें तो लडकी को बोल्ड कैसे बनाएंगें..

बेटी को पढाई तो करवा देंगें पर जब नौकरी की बात आएगी तो नही … नौकरी नही करनी बस घर के काम सीख…

20 22 की होते ही बोझ समझने लगते हैं… बस कैसे भी करके विदा करो लोग क्या कहेंगें… पता नही क्या कमी है कि शादी नही हो रही…

अगर घर में बेटा एक बेटी है या बेटियां ही हैं उन्हें बचपन से ही बोल्ड बनाना चाहिए… लिंग भेद नही करना चाहिए.. दोनो को समान रुप से प्यार और समान अधिकार देने चाहिए ये तभी होगा जब माता पिता अंतर नही करना सीखाएगें.. समान समझेंगें … !! तभी हमारा समाज एक अच्छा समाज बनेगा… शुरुआत अपने घर से करनी होगी…

Raising a Son and a Daughter – Differences between Raising a Son and a Daughter – Gender Inequality in India – Monica Gupta –

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