Monica Gupta

Writer, Author, Cartoonist, Social Worker, Blogger and a renowned YouTuber

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December 15, 2017 By Monica Gupta Leave a Comment

How to Deal with Disrespectful Teenagers – क्या करें जब बच्चे respect ना करें – Monica Gupta

How to Deal with Disrespectful Teenagers

How to Deal with Disrespectful Teenagers – क्या करें जब बच्चे respect ना करें – Monica Gupta… आप मे जरा भी समझ नही है.. आप तो कुछ भी नही समझते ?? अरे ये मैं नही बोल रही … ये बात सुनने में आती है जब बच्चे थोडे बडे हो जाते हैं यानि टीन एज में आ जाते हैं और पेरेंट्स की टेंशन बहुत ज्यादा बढ जाती है कि इतना ख्याल रखते हैं इतना प्यार देते हैं और फिर भी … बच्चे अपने मम्मी  papa से ऐसा ट्रीट करते हैं ऐसा तो कोई अपने नौकर से भी नही करता…

How to Deal with Disrespectful Teenagers – क्या करें जब बच्चे respect ना करें

कल ही एक मैसेज आया उसमे एक मम्मी ने लिखा कि मुझे बताईए कि क्या करना चाहिए मेरी बेटी 14 साल की है ज्यादातर अपने कमरे में ही रहना पसंद करती है.. हमसे ज्यादा बात नही करती पर जब उसके दोस्त आ जाते हैं तो खूब अच्छे से हंस बोल कर बात  करती है… पर हमसे ना ज्यादा बात करती है और अगर बात करनी भी हो तो मुंह बन जाता है…

हम बहुत अच्छे पेरेट्स हैं और हर बात का ख्याल रखते हैं फिर बच्चे ऐसा किसलिए बिहेव करते हैं… इसका असर उसके छोटे भाई पर भी हो रहा है वो देख कर बिगड न जाए यही डर लगता है तो क्या करें…

ये प्रोब्लम तो घर घर की है… बच्चे बडे होने लगते हैं तो इस तरह की बात बहुत बार देखने सुनने में आती है तो क्या करना चाहिए ?? चलिए आज इसी बारे में बात करते हैं कि पैरेंटस कैसे डील करें जब बच्चे उनसे Disrespect या rude behave करते हैं…

शांत रहिए…पेरेंट्स हैं तो पैशेंस रखिए… Calmly Handle the situation

जब पेरेंट्स की बात नही मानी जाती तो उन्हें बहुत गुस्सा आ जाता है पर एक बात नही भूलनी चाहिए कि बच्चे ऐसा जानबूझ कर नही करते ये उनमें जो biological और  psychological changes हो रहे हैं उसकी वजह से ये सब हो रहा है.. इसलिए जब बच्चा सामने बोले पलट कर बोले  बहुत harsh और rude भी हो ऐसे शांत रहिए… क्योकि हमारा बोलना  ही friction यानि मन मुटाव की वजह बनता है…

 Ignore and Wait

बहुत बातें Ignore भी करनी चाहिए… मान लीजिए हम आवाज लगाए जा रहे हैं और वो आराम से मोबाईल पर कुछ किए जा रहा है तो हमें बहुत गुस्सा आता है या कभी आखे दिखाना कभी कंधे हिलाना … कहना न मानना… तो हमें इग्नोर कर देना है… हां अगर ये बात बहुत बड रही है फिर तो हमें कुछ कदम उठाने पडेगें पर रोजमर्रा में इस तरह की छोटी छोटी बातें इग्नोर कर देनी चाहिए…

अपने नियम बना लेने चाहिए

कि घर में सभी ने, सभी से आराम से बात आदर से बात करनी है… जब भी बच्चा rude होता है तो हम उससे दुगुना rude हो जाते हैं तो हमें नियम बना लेने चाहिए…  क्योकि वो भी अच्छे से बात नही करेगा और  पेरेंट्स भी अच्छे से बात नही करेगें तो नही तो तनाव ही होगा … इसलिए अपने नियम बना लेने चाहिए…

 हम पेरेंट्स लेकचर देने लगते हैं… पेरेंटस को जब गुस्सा आता है वो बहुत कुछ बोल जाते हैं… जैसे बहुत बत्तमीज हो गए हो तुम अक्ल नही है बोलने की…

ये बोलने की बजाय पेरेंट्स बोले कि आप जिस तरह से बोले मुझे अच्छा नही लगा.. मुझे दुख हुआ.. आपको ऐसे बात नही करनी चाहिए थी…

Appreciate कीजिए

जब भी पेरेंट्स को लगे कि आज तो बच्चे ने बहुत अच्छी से बात की.. मन खुश हो गया..चेहरे पर स्माईल आ गई तो उसकी प्रशंसा कीजिए.. कि आज आपसे बात करके बहुत अच्छा लगा… इस बात का भी ध्यान रखना है कि वो प्रशंसा झूठी न हो… अगर वो अपनी उपलब्धि दिखाता है कि देखो मुझे ये मिला तो सिर्फ बधाई नही देनी विस्तार से पूछना है कि ये कैसे मिला और फिर प्रशंसा करनी है…

माहौल हलका बना लीजिए

कई बार जब नाराजगी बहुत बढ जाती है तो हल्के गुदगुदाते शब्दों से माहौल को हलका कर दीजिए… देखिए गुस्सा तो हर कोई करता है पर आप उसी माहौल को हलका कर दीजिए argument को हटाने का अच्छा तरीका है कि माहौल को हल्का बना लिया जाए…

रोल मॉडल बनिए…

एक दूसरे से बुराई भी करते हैं लडते झग़ते तो सारे हैं पर आप एक रोल मॉडल बनिए… बच्चे की भावनाएं समझिए और उन्हें प्यार दीजिए..

खुद ही सोचिए कि मैं इस तरह बच्चे से बात करती हूं तो क्या हो सकता है परिणाम.. यकीन अगर अच्छा नही है तो अपना रवैया बदल दीजिए.. room बंद कर लेता है .. कही  गया है और फोन स्वीच ऑफ कर लेता है .. तो क्या होगा…

अपने प्यार से दिल जीतिए.. अगर फिर भी लगता है कि बात नही बन रही मिल बैठ कर बात करने पर भी बच्चा समझ ही नही रहा तो तो counselors से या टीचर से या बच्चे के दोस्त के पेरेंटस से बात की जा सकती है..

How to Deal with Disrespectful Teenagers – क्या करें जब बच्चे respect ना करें

December 14, 2017 By Monica Gupta Leave a Comment

Benefits of Doing Homework – होमवर्क करने के फायदे – बच्चों का होमवर्क

Benefits of Doing Homework

Benefits of Doing Homework – होमवर्क करने के फायदे – बच्चों का होमवर्क –  बच्चे और होमवर्क कितना जरुरी… कल एक जानकार अपने बेटे के साथ आई हुई थीं और उनका बेटा जाने की जल्दी कर रहा था क्योकि उसने होमवर्क करना था… और मेरी जानकार मुझे इसी बारे में कहने लगी कि पूरा समय वेस्ट करना है जब स्कूल में पढा देते ही हैं तो होमवर्क किसलिए.. !! स्ट्रेस हो जाता है घर पर भी सारा समय पढाई ही लेकर बैठा रहता है और बातों के लिए समय ही नही मिलता…

Benefits of Doing Homework – होमवर्क करने के फायदे – बच्चों का होमवर्क –

मेरी सोच अलग थी मुझे लगता है बच्चे के लिए होमवर्क जरुरी होता है.. हां, वो अलग बात है कि बच्चे को ज्यादा न दिया जाए… इतना ही दिया जाए जितना और आराम से सोच समझ कर कर ले…

 

बहुत ज्यादा जब काम करने को मिलता है तो बच्चा आनाकानी करता है और कई बार अपने दूसरे भाई बहन से करवा लेता है.. या मम्मी पापा कई बार लिख कर दे देते हैं कि बच्चे की तबियत ठीक नही थी… इसलिए वो होमवर्क नही कर पाया … एक लिमिट में देखा जाए तो होमवर्क मिलना अच्छा है…

और होमवर्क जरुरी होता है कुछ बातें कि जरुरी किसलिए …

  1. हमें आगे रखता है.. पहली बात तो ये कि स्कूल में punishment  नही मिलती… बहुत शर्म आती है कि जब हाथ ऊपर खडा करके या नोट मिल जाता है और मम्मी पापा के साईन करवाने पडते हैं…
  2. टीचर पर इम्प्रेशन अच्छा पडता है अच्छे बच्चे की उपाधि मिल जाती है टीचर क्लास में बच्चों की कॉपी इकठ्ठी करनी है या कुछ और काम उसी बच्चे की डयूटी लगती है…

      3.  बच्चे को revise करने का मौका मिलता है.. कैसे ?? जो क्लास रुम में पढाया है कई बार वो ध्यान से सुनता है कई बार ध्यान नही भी              होता … ऐसे में होमवर्क मदद करता है कि उसका रिविजन हो जाता है..

4.   Homework से practice यानि अभ्यास हो जाता है.. मान लीजिए कोई maths  की problem समझाई अगर दुबारा घर पर करके देखते हैं तो learn  हो जाती है…

5.  बच्चे को responsible बनाता है procrastination से बचते हैंं…  उसे अपनी जिम्मेदारी का अहसास होता है कि मैंनें करना है… और अगर वो समय निकाल कर मन से दिल से होमवर्क करता है तो होशियार भी बनता है..

  1. लेखन कला निखर कर आती है…

7.    बच्चे का sprak सामने आता है.. नए स्किल उभर कर आते हैं नए ideas उभर कर आते हैं .. मान लीजिए एक essay ही learn करके लिखने को दिया और बच्चा उसे अपनी तरह से लिखेगा और उसके बारे में बहुत सर्च भी करेगा तो नए नए आईडियाज भी आते रहेंगें

8. यादाश्त बढती है… याद करते है कि स्कूल में क्या पढाया था तो बच्चे की memory बढती है

9. क्लास के touch में रहते हैं

पता चलता रहता है कि क्लास में क्या हो रहा है teacher से Communicate हो सकता है…होमवर्क होगा तो पता चलता रहेगा कि क्लास           में क्या क्या हुआ क्या पढाई हुई.. नही तो पता ही नही चलता…

Benefits of Doing Homework – होमवर्क करने के फायदे – बच्चों का होमवर्क

December 13, 2017 By Monica Gupta Leave a Comment

How to Keep Kids Happy – बच्चों को खुश कैसे रखें – बच्चों की परवरिश कैसे करें

I am Proud to be an Indian

How to Keep Kids Happy – बच्चों को खुश कैसे रखें – बच्चों की परवरिश कैसे करें –  हम सभी parents चाहते हैं बच्चे खुश रहें… पर कैसे कितना भी कर लो ना खुश रहते ही नहीं तो कैसे रखे खुश ?? चलिए आज यही बात करते हैं…

How to Keep Kids Happy – बच्चों को खुश कैसे रखें – बच्चों की परवरिश कैसे करें

  1. चलिए आप ही बताईए कि क्या हो सकती है… सबसे पहली तो ये है खुद खुश रहिए .. अगर आप खुश हैं तो बच्चे तो खुश रहेंगे ही रहेगें… लालन पालन या पालन पोषण खुश होकर कीजिए…

2.  बच्चों को समय दीजिए..

चलिए मैं बताती हूं कि बाहर डिनर पर गए जिस होटेल में गए वहां पर मेरे सामने की टेबल पर एक कपल आ कर बैठा और उनका 7 – 8 साल का बच्चा था.. पापा तो मोबाइल पर शुरु से ही लगे हुए थे और मम्मी अपना अलग अलग एंगल में सेल्फी लेने और अपलोड करने में व्यस्त थी… बच्चे कभी मम्मी को तो कभी पापा को देख रहा था और मैं बच्चे को देख रही थी.. जब खाना आया और बच्चे ने उत्साह नही दिखाया तो पापा अपनी वाईफ को गुसा करने लगे कि एक तो समय निकाल कर बाहर आओ और फिर भी मुंह बना रहता है .. नही लेकर आऊंगा कभी तुझे .. और बस चुपचाप खाना खा कर चले गए… अब बताईए .. सिर्फ बाहर खाना खिलाना ही काफी नही समय भी दीजिए…

3.  जब बच्चा मेहनत करें तो उसकी सराहना कीजिए…

बच्चा क्लास में फर्स्ट आया तो बच्चा किसका है अपने अपने पर बात ले जाते हैं पर जब कम नम्बर आए तो गुस्सा हो जाना जबकि उसने जो एफर्ट किया है उसकी एनकरेज करना चाहिए.. बच्चे ने अपना कमरा साफ किया… बहुत अच्छा तो नही किया पर फिर भी अच्छा तो किया तो ऐसे में उसे एनकरेज कीजिए… ताकि आगे से और अच्छा और साफ रखने का प्रयास करें पर उसे जताना कि तुम तो रहने ही दो तुमसे नही हो पाएगा… ये सही नही.

4 बच्चों को सीखाना की अच्छे रिलेशन बनाएं..

अच्छे रिलेशन तभी बनते हैं जब हम किसी की मदद करते हैं किसी के लिए कुछ करते हैं… बच्चों को kind होने के लिए प्रोत्साहित करें… देखिए फिर कितनी खुशी मिलेगी…

5 बच्चों पर प्रेशर मत बनाईए

एंजाय करने दीजिए.. बच्चों का खेलने का other extracurricular activities खूब समय दीजिए… उन पर अगर हर समय पढाई का दबाव बनाएगें तो सब कुछ आधे मन से करेगा .. इसलिए उसे खेलने का एंजाय करने का पूरा समय दीजिए.. खेलने से बहुत बातें सीखते हैं लडाई करना, शेयर करना, बात को पैच अप करना या बात को बढावा देना… उनकी ग्रोथ के लिए ये बहुत जरुरी है… खेल में हार भी रहे हैं जीत भी रहे हैं.. उसे किस तरह से लेते हैं इसलिए खेलने दीजिए…

6 तुलना नही.. बच्चों को खुश रखना है तो तुलना नही कि मैं तो जब तुम्हारे जितना था ऐसा करता था या तुम्हारी बहन तो इतनी समझदार है या तुम्हारा वो दोस्त तो बहुत ही प्यारा बच्चा है.. इससे गुस्सा या नाराजगी ही होती है खुशी नही मिलती..

  1. बच्चों के सामने पेरेंटस को बहस भी नही करनी… यानि लडना नही है.. कितनी बाते होती है कि बाहर धूमने नही जाते .. आज सास ने ये कहा आज ननद से तू तू मैं मैं हो गई… छोटी छोटी बातों का बहुत बडा ईशू नही बनाना चाहिए … बच्चे पर बुरा असर पडता है…

8. बच्चों को सीखाईए कि नेगेटिव इमोशन गलत नही होते…

बच्चे को गुस्सा आ रहा है, रो रहा है या डर लग रहा है.. ये हमारे इमोशन हैं और सभी के साथ होते है… हम इंसान हैं और ये भावनाएं आती ही हैं हां,  उसे डील कैसे करना है वो अलग बात है पर गुसा भी आता है कई बार मम्मी को भी गुस्सा आता है कई बार पापा का मूड भी खराब हो जाता है… ये गलत नही है..

How to Keep Kids Happy – बच्चों को खुश कैसे रखें – बच्चों की परवरिश कैसे करें

December 9, 2017 By Monica Gupta Leave a Comment

Let Your Kids be Bored – क्यों अच्छा है बच्चों का बोर होना – बच्चों को बोर होने दें

Let Your Kids be Bored

Let Your Kids be Bored – क्यों अच्छा है बच्चों का बोर होना – बच्चों को बोर होने दें – बच्चों के बोर होने के फायदे …क्या करुं … बोर हो रहा हूं क्या करु क्या करुं… जब बच्चे ये बोलते हैं तो पेरेंटस सिर पकड लेते हैं कि सब कुछ तो दिया हुआ है बच्चों को… टीवी है , मोबाइल है, किताबें हैं खिलौने हैं … फिर भी ये बोलना कि बोर हो रहा हूं .. तो आप चिंता मत कीजिए क्योकि बोर होना अच्छा है बल्कि बहुत अच्छा है बोर होना अच्छा है… बोर होना तो यकीन मानिए  key to growth है… !!

Let Your Kids be Bored – क्यों अच्छा है बच्चों का बोर होना – बच्चों को बोर होने दें

अब बात आती है कि कैसे… ?? देखिए पहले मैं आपकी बात पर आती हूं कि आप कहते हैं कि आपने बच्चे को सभी कुछ तो दिया हुआ है…

मान लीजिए बच्चा टीवी देख रहा है तो imagination तो होगी नही… न दिमाग लग रहा है न कुछ बस बैठ कर देख रहे हैं वही जब बोर हो रहा होगा तो उसकी कल्पना शक्ति चलेगी…

चलिए मैं अपनी बात आराम से समझाती हूं इसमें बस आपका सहयोग चाहिए बच्चों को …

जब बच्चे कहें कि बोर हो रहा हूं तो आपने बच्चे के साथ बैठना है और पूछ्ना है कि बताओ क्या करें… बच्चों की क्रिएटिविटी चलाने दीजिए कि वो क्या करना चाहते हैं बताओ क्या करना चाहते हो पर प्लीज अपना ready made solution नही देना कि टीवी देख लो… या मोबाईल पर खेल लो..

सबसे पहले बच्चे को अपने बारे में जानने का मौका मिलता है… SELF AWEWRNESS आती है… वो ये सोचता है कि वो क्या क्या काम कर सकता है…

Imagination बढने लगती है… यानि कल्पना करने लगता है मन .. मन में नए नए विचार आते हैं जोकि टीवी देखने से नही आ सकते…

Boost होती है Creativity आईडिया आने लगते हैं कि क्या करना सही है इस वजह से नई नई Hobbies और  Interests पैदा होते हैं जिस वजह से  Creativity बढने लगती है… कम से कम दस चीजे देखेगा और फिर एक चीज को सेलेक्ट करेगा…

एक बात और है कि boredom से एनर्जी भी आती है.. मन रिलेक्स होता है

एनर्जी आती है… वो ऐसे कि मान लीजिए बच्चा है बोर हो रहा है समझ नही आ रहा कि क्या करे… मान लीजिए कुछ समझ नही आ रहा कि क्या करुं और वो लेट गया… तो दिमाग को आराम मिला… कितना स्ट्रेस होता है बच्चे की लाईफ में. कितने काम का प्रेशर होता है और अब देखिए.. अगर वो सो भी जाता है तो बहुत अच्छा है मन और दिमाग शांत हो जाता है भले ही कुछ देर के लिए ही सही वो बच्चे के लिए अच्छा है उसमे एनर्जी का संचार होगा.. जब उठेगा तो एकदम फ्रेश मन से उठेगा…

अच्छी बात ये भी होती है कि खुद को कम्फर्ट जोन से बाहर ले आते हैं

क्योकि कुछ न कुछ ऐसा देखते हैं जिसमे नार्मल से हट कर कुछ अलग मेहनत लगती है… मान लीजिए अपनी अलमारी ही ठीक करते हैं.. जहां इतनी फैली हुई थी और अब सामान जचा कर रख रहे हैं.. या अपने रुम को सजा रहे हैं स्टीकर्स लगा रहे हैं.. तो कुछ एक्स्ट्रा मेहनत की ना…

जो काम करना शुरु करते हैं उसे पूरा भी करते हैं क्योकि अपने मन से शुरु किया होता है…

Decision making ability आती है.. क्योकि बोर समय को कैसे यूटीलाईज करना है  वो खुद सोचते हैं.. इससे दिमाग खूब चलता है

Self dependent हो जाते हैं यानि अपना समय कैसे यूटीलाईज करना है वो जान जाते हैं…

ये सब एक दिन में नही होगा … समय जरुर लगता है पर बच्चों पर boredom का पॉजिटिव असर पडता है…

 

 

December 8, 2017 By Monica Gupta Leave a Comment

How to Talk to Make People Like You – कैसे बनें सबकी पसंद – बातचीत का तरीका क्या हो

How to Talk to Make People Like You

How to Talk to Make People Like You – कैसे बनें सबकी पसंद – बातचीत का तरीका क्या हो – Better Communication – How to Talk to Attract People Instantly – जब बात आती है कि हम किसी से बातचीत करें तो किन बातों का ख्याल रखना चाहिए तो कुछ बातें आती हैं कि स्माईल, सुनना, आई कोंटेक्ट, बॉडी लेग्वेज…

How to Talk to Make People Like You – कैसे बनें सबकी पसंद – बातचीत का तरीका क्या हो

इन बातों पर हम अक्सर ध्यान देते हैं पर कुछ ऐसी बातें भी हैं जिन पर ध्यान देना चाहिए… जिसमे है सबसे पहली

बातचीत करते समय respect…

हम जिससे भी बात करें उसे आदर से बात करे… अगर मान सम्मान देकर बात करेंगें तो बहुत फर्क पडेगा… बात ये नही है सामने ही… कि कोई मेरे सामने है मैं उससे अच्छे से बात करु.. पर तब भी करुं जब वो मेरे सामने न हो.. यानि किसी से उसके बारे में कुछ भी गलत या बुराई… चलिए मैं एक example बताती हूं

एक family है उनके घर एक फैमली फ्रैंड अंकल बहुत बार आते हैं… और बहुत देर देर बैठ कर जाते हैं.  घर पर अक्सर बात यही होती है कि वो अंकल बहुत चिपकू हैं उनकी पीठ पीछे यानि जब वो नही होते तो उनको चिपकू  कह कर बुलाते हैं और खूब हंसते मजाक बनाते हैं… कभी दरवाजे पर घंटी बजती तो उस परिवार की मम्मी बोलती अगर चिपकू हो तो अंदर मन आने देना… मना कर देना… एक दिन वो घर आते हैं दरवाजा छोटा बच्चा खोलता है और जब वो पूछ्ते हैं कि बेटा पापा घर पर हैं तो वो हां बोल कर पापा को बुलाने भागता है और भागता भागता बोल रहा है पापा चिपकू अकल आए हैं चिपकू अंकल आए हैं और बाहर खेलने भाग गया

अब क्या !! जरा सोचिए कि कितना अजीब लगेगा… ये बात बच्चे ने इसलिए बोली कि उससे घर पर रिस्पेक्ट से बोलना है ये नही सीखाया गया … तो ये भी एक तरह से बातचीत के तरीके मे आता है कि कोई सामने है या पीठ पीछे रिस्पेक्ट से बात करनी है…

सिर्फ इतना ही नही भले ही वो काम करने वाला चपडासी या काम वाली बाई ही भी क्यो न हो…

एक बार की बात है एक जानकार अपने बेटे के लिए अच्छी लडकी खोज रहे थे.. एक पसंद भी आ गई.. एक दिन वो जिस दोस्त के पास गए हुए थे वहां पता चला कि उनके घर काम वाली बाई थी वो उस लडकी के घर मे भी काम करती है तो उन्होने वैसे ही पूछ लिया कि कैसा परिवार है… इस पर बाई बोली कि परिवार तो बहुत अच्छा है पर उनकी लडकी बहुत नकचढी है… बात करने की जरा भी तमीज नही… तो हमें सभी के साथ आदर से बोलना चाहिए..

अच्छा बातचीत में एक बात और भी ध्यान रखनी चाहिए कि हम सकारात्मक रहें…

मान लीजिए किसी बीमार से मिलने जा रहे हैं तो उसके आगे ज्यादा बीमारी की बात न करें… उसे मोटिवेट करें कि कोई नही कई बार ऐसा हो जाता है आप जल्दी ठीक हो जाओगें… जबकि हम कह रहे हैं कि हां पता नही आजकल बीमारी जल्दी से ठीक कहां होती है… मेरी एक जानकार को भी ऐसा ही हुआ था वो दो महीने बाद ही… ऊपर चले गए थे … अब बताईए.. ऐसे लोगो को कौन पसंद करेगा… ??

बातें बहुत है… पर कम बोलना भी इसी श्रेणी में आता है.. इसलिए अभी के लिए बस इतना ही… वैसे आप बताईए…

How to Talk to Make People Like You – कैसे बनें सबकी पसंद – बातचीत का तरीका क्या हो

December 7, 2017 By Monica Gupta 2 Comments

Doubts in Relationships – Husband Wife Relationship Tips in Hindi – शक कैसे दूर करें

Doubts in Relationships

Doubts in Relationships – Husband Wife Relationship Tips in Hindi – शक कैसे दूर करें – How to Deal with Doubts in a Relationship – Dealing with Doubts in Relationships – आप सभी के बहुत सारे comments और मैसेज आते हैं… कुछ बातें वीडियो के बारे में होती हैं तो कुछ उनकी पर्सनल प्रोब्लम.. और एक प्रोब्लम जो बहुत देखने में आ रही है वो है पति पत्नी के आपसी सम्बंध में तनाव… कारण बहुत से हैं पर एक है doubt शक… बहुत सारी वजह हैं इसकी…

Doubts in Relationships – Husband Wife Relationship Tips in Hindi – शक कैसे दूर करें

खुशियां चली जाती हैं, कडवाहट  आ जाती है, बुरी लत भी लग आती हैतनाव हो जाता है इतने नुकसान हैं तो क्या करें कि कभी एक दूसरे के मन में कोई doubts आ जाए तो

एक दूसरे पर शक करने की तो मैं यही बात कहना चाहूंगी कि सिर्फ आपको शक है इस बात पर ही रिश्ता मत खराब कीजिए…

क्योकि एक बार सम्बन्ध खराब हो गए तो एक हंसता खेलता परिवार हमेशा के लिए टूट जाएगा… तो कभी एक दूसरे के मन में कोई doubts आ जाए तो

1.  बात कीजिए

कुछ दिन देखिए observe कीजिए  और अगर लगता है कि कुछ गलत है तो जरुर बात कीजिए… बजाय उधर उधर बात करने के सीधा बात कीजिए… और आराम से एक दम तुनक के भी नही…

2. Doubts को Clarify कीजिए

अगर कुछ बात मन में चल रही है तो पूछ लेना सही रहता है… अगर आप गलत नही है तो  doubts क्लीयर कर दीजिए और अगर कुछ गलत हो गया है तो माफी मांग लीजिए कि मैं गलत रास्ते पर चला गया था मुझे माफ कर दीजिए… ये बात किसी के साथ भी हो सकती है…

3 . पसंद ना पसंद का ख्याल रखिए…

मान लीजिए पति आफिस से आए हैं और पत्नी मैसेज कर रही हैं.. या किसी से फोन पर बात कर रही हैं और अचानक फोन कट दिया… एक दूसरे की पसंद न पसंद का ख्याल रखना बहुत जरुरी है… आफिस से आते ही शापिंग जा रही हूं किटी है…

4.  कल्पना करना बंद कीजिए..

assume करना बंद कीजिए जो प्रोब्लम है ही नही उसके बारे में सोचना बंद कीजिए…जो बात है ही नही उसका सोचना  किसलिए आप घर मे बैठी हुई सोच रही है कि फोन नही उठा रहे पता नही कहा होंगे किसके साथ होंगें या फोन उठा भी लिया और जल्दी से बात करके फोन रख दिया तो दिमाग चलने लगेगा… जबकि वो आफिस में बैठे काम कर रहे हैं..

5.  तुलना भी नही करनी चाहिए..

कोई भी परफेक्ट नही होता…  कि मेरे फलां दोस्त की लाईफ तो बहुत अच्छी है वो कितना खुश है हमारा तो बुरा हाल है… जब तुलना होती है तो मन मे खटास आ जाती है… उसकी पत्नी कितनी अच्छी है या उनका घर कितना सलीके से रखा है… Stop looking for perfect relationships. हर चीज एकदम perfect हो ऐसा सोचना भी बंद कर दीजिए…

6.  सम्बन्ध में पारदर्शिता रखें..

छिपाईए नही क्योकि शक तभी होता है..  फोन आया तो मैं बाद में बात करता हू या बाहर चले जाना… ऐसे सम्बंध खराब करता है… जब पूछो तो ऐसे ही किसी कुलीग का था या मेरी सहेली का था… शक पैदा करता है…   एक दुसरे से सच बोलना, और उस व्यक्ति को बताएं की आपको उसपर किस बार पर शक होता है।  क्या आपको यह शक है की  वह कहाँ जा रहा है या रही है, किस्से मिल रहा है या रही है, आप साफ साफ़ पूछ लें और अपने मन के शक को दूर करें।

7 . गलती को दोहराए नही

मान लीजिए एक बार कुछ गलत हो गया … माफी भी मांग ली पर अगर आप उस गलती को दुबारा करेंगें तो ये सही नही है… इसलिए अगर रिश्ता निभाना है तो विश्वास जीतना होगा और इसके लिए

8 . लोगो के कहने में न आएं …

लोग तो हमेशा मजा ही लेते हैं खासतौर पर रिश्तेदार… एक दूसरे पर विश्वास रखें ताकि किसी को बोलने का मौका ही न मिले

9.  Negatives से ध्यान हटाईए और खुद को व्यस्त रखें…

अपने बच्चों में घर परिवार में… फालतू के विचार तभी आते हैं जब हमारे पास कुछ करने को नही होता… खुद की कल्पना करने लगते हैं उधेडबुन में लगे रहते हैं इससे बचे… ना ही तनाव होगा और न ही तबियत खराब होगी.. कभी कभी झुकना भी पडता है…  रिश्तों को सहेजना भी पडता है…!!!!!!

Doubts in Relationships – Husband Wife Relationship Tips in Hindi – शक कैसे दूर करें

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